Next issue of the Nityanootan ll be on peace in South Asia , specially on indo -Pak relations. Pl send a article English or urdu as per ur convenience .
Regards.
Gandhi Global Family गांधी ग्लोबल फैमिली के अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज पानीपत नागरिक मंच, गाँधी ग्लोबल फैमिली तथा गाँधी स्टडी सैंटर आर्य कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में महात्मा गाँधी के 77 वें शहीदी दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी न केवल 21वीं सदी तक अपितु आने वाली अनेक सहस्राब्दियों तक याद किए जाएंगे। वे एक ऐसे योग पुरुष थे जिन्होंने सत्य- अहिंसा और करुणा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। वे विश्व शांति , राष्ट्रीय एकता और सर्वधर्म समभाव की एक अद्भुत मिसाल हैं ।भारत में सभी धर्मो, जातियों और क्षेत्र के उत्थान के लिए उन्होंने अनेक प्रयत्न किए।यदि विश्व के स्तर पर देखें तो महात्मा गाँधी का नाम अहिंसा के एक देवता के रूप में जाना जाता है । उन्होंने कहा कि यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई कि महात्मा गाँधी स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ महीनों बाद ही दो बार पानीपत आए जबकि उन्होंने पूरे देश का भ्रमण करना था। इससे इस बात का भी पता चलता है कि महात्मा गाँधी पानीपत को किस तरह से प्यार क...
पानीपत की बहादुर बेटी सैयदा- जो ना थकी और ना झुकी : ●पानीपत, एक ऐतिहासिक भूमि, न केवल अपने युद्धक्षेत्र के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि उन महान व्यक्तित्वों के लिए भी जो इसकी मिट्टी से उपजे और समाज को नई दिशा दी। ऐसी ही एक शख्सियत हैं सैयदा हमीद, जिन्होंने इंसानियत और उत्पीड़ित महिलाओं के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया। उनकी कहानी साहस, समर्पण और देशभक्ति की मिसाल है। ●एक गौरवशाली विरासत: सैयदा का परिवार लगभग 800 वर्ष पहले पानीपत में आकर बसा था। उनके परदादा, ख्वाजा अल्ताफ हुसैन हाली, न केवल पानीपत के गौरव थे, बल्कि विश्व स्तर पर अपनी शायरी और समाज सुधार के कार्यों के लिए विख्यात थे। उनकी कालजयी रचनाएँ आज भी साहित्य प्रेमियों के दिलों में बसी हैं। सैयदा के मामा, ख्वाजा अहमद अब्बास, स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे। उन्होंने न केवल आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया, बल्कि प्रगतिशील लेखक संघ और भारतीय जन नाट्य संघ (IPTA) की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया। गुलाम भारत में जन्मे इस परिवार ने आजादी के बाद भी पाकिस्तान जाने के बजाय भारत को चुना और यहाँ साहित्य, पत्रकारिता और फिल्म उ...
ग्लोबल यूथ फेस्टिवल के तीसरे दिन: विविधता में एकता का अनोखा संगम, 400 युवाओं ने प्रस्तुत की भारत की सांस्कृतिक धरोहर भारत की सांस्कृतिक विविधता और युवा ऊर्जा का अनुपम मेल देखने को मिला ग्लोबल यूथ फेस्टिवल के तीसरे दिन। देश भर से आए लगभग 400 युवाओं ने अपने-अपने प्रदेशों, भाषाओं और क्षेत्रीय परंपराओं की छटा बिखेरी, तो वहीं सबने मिलकर 'भारत की संतान' नामक एक सामूहिक प्रस्तुति तैयार की, जो 18 भाषाओं में रंगीन हुई। यह प्रस्तुति न केवल भारत की बहुलता को दर्शाती है, बल्कि एकता का संदेश भी देती है—कि बेशक भारत में अनेक भाषाएं, रंग, जातियां और क्षेत्र हैं, लेकिन हम सब मिलकर एक सुंदर चित्र बनाते हैं। इस प्रस्तुति के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि भारत माता मात्र धरती, प्रकृति, जल, नदियां और पर्वतों तक सीमित नहीं है, अपितु यहां के वे तमाम लोग हैं जो जन्म लेकर पल-बढ़कर इस देश को समृद्ध बनाने में लगे रहते हैं। स्वर्गीय श्री सुब्बाराव जी द्वारा तैयार की गई यह प्रस्तुति आज मंच पर इतने अद्भुत ढंग से मंचित हुई कि सर्वत्र इसकी प्रशंसा हो रही है। दर्शकों ने इसे एक भ...
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