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Showing posts from August, 2020

आग़ाज़ ए दोस्ती अमन यात्रा

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 आगाज़- ए- दोस्ती की पहल पर देश भर के प्रमुख शांति संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में अमन- दोस्ती यात्रा विषय पर एक संगोष्ठी  का आयोजन जूम एप पर किया गया।स्मरण रहे कि गत वर्षों में 13- 15 अगस्त तक  ऐसा कार्यक्रम दिल्ली से अमृतसर वाघा सीमा पर जाकर भारत और पाकिस्तान की जनता के बीच शांति एवं मैत्री की कामना करते हुए मोमबत्तियां जलाकर किया जाता था। परंतु इस वर्ष कोरोना की वजह से यह संभव नहीं हुआ तो इस पद्धति का प्रयोग किया गया।                  कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए गांधी ग्लोबल फैमिली/ निर्मला देशपांडे संस्थान/ एसोसिएशन ऑफ एशिया के संयोजक श्री राम मोहन राय ने आग़ाज़- ए - दोस्ती के इस कार्यक्रम का परिचय दिया और बताया कि यह संगठन किस तरह दोनों देशों के युवाओं के बीच वार्षिक अमन कैलेंडर सांझा अमन चौपाल एवं संगोष्ठियों  के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान करता है। अमन दोस्ती यात्रा का शुभारंभ यद्यपि 1985 में  विख्यात पत्रकार एवं राजनीतिज्ञ श्री कुलदीप नैय्यर एवं उनके साथियों ने किया था, जो इसे 2015 तक यथावत चलाते रहे। अपनी मृत्यु वर्ष 2018 में उन्होंने ऐसी यात्रा चलाने का दायित्व अपने समवि

नित्यनूतन वार्ता आत्मकथन

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  *नित्यनूतन वार्ता आत्मकथन*             नित्यनूतन वार्ता का अद्भुत शुभारंभ देश मे लॉक डाउन लगते ही हो गया था । यह एक जरूरत भी था और विपरीत परिस्थितियों में सकारात्मक विचार ऊर्जा को प्रचार-प्रसार का माध्यम भी । हमे प्रसन्नता है कि इन लगभग चार माह में निरंतर यह प्रसारण कार्य करता रहा ।    चार महीने में कुल 231 सत्र पूरे करने के बाद 15 अगस्त ,2020 को इसके पहले पर्व का समापन हुआ । यह भी खुशी की बात है कि समापन सत्र में "आग़ाज़ ए दोस्ती के सहयोग से एक अर्द्ध रात्रि का कार्यक्रम रहा जिसमे दुनियाभर विशेषकर अपने देश भारत और पाकिस्तान से कुल 97 लोगों ने भाग लिया ।      दि0 23 मार्च से 15 अगस्त, 2020 तक 144 दिनों में  वार्ता के वक्ताओं में प्रत्येक विचारधाराओं ,आयुवर्ग तथा क्षेत्रों के लोग रहे जिन्होंने बहुत ही बेबाकी से अपनी बात अपनी-२ भाषाओं में रखी  ।  बेशक हमारा आग्रह गांधी-विनोबा विचार के प्रति रहा परन्तु वक्ताओं ने इन्ही में समाहित होकर विश्व शांति ,राष्ट्रीय एकता व सर्वधर्म सद्भावना, शिक्षा ,पर्यावरण ,स्त्री शक्ति जागरण, किसान-मजदूर-खेतिहर मजदूर व आदिवासियों की जल -जंगल-जमीन की समस्या