हज़रत बू अली शाह कलंदर ,पानीपती की याद में


        नित्यनूतन वार्ता की ओर से हज़रत बू अली शाह कलंदर (पानीपत) के उर्स के अवसर पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्यातिथि दरगाह हज़रत कलंदर के वर्तमान सज्जादानशीन आबिद आरिफ नोमानी (लाहौर) रहे ।

     


इस अवसर पर अपना मुख्य वक्तव्य में प्रसिद्ध विद्वान लेखक प्रोफेसर राजेन्द्र रंजन चतुर्वेदी ने हज़रत कलंदर के जीवन ,विचार एवम सन्देश पर विचार रखे । उन्होंने कहा कि हज़रत कलंदर एक क्रांतिकारी विद्रोही विचारक थे । जिन्होंने आम जन में समता ,भाईचारे एवम प्रेम का संदेश दिया । वैदिक परिपेक्ष्य में वे  अद्वैतवाद के पर्याय है ।

       मुख्यातिथि आबिद आरिफ नोमानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हज़रत कलंदर ने धर्म, जाति एवम क्षेत्र से ऊपर उठ कर मानवता का संदेश दिया । इंसानियत ही उनके लिए सबसे बड़ी इबादत व सेवा थी ।

     उनके बुजुर्गों ने पानीपत में रह कर व भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान में आकर सत्य-प्रेम-करुणा के उन्ही संदेशों के प्रचार-प्रसार का काम जारी रखा है ।

     कार्यक्रम के प्रारंभ में राम मोहन राय ने हज़रत कलंदर तथा उनके शहर पानीपत के सम्बन्धो को रखा । स्व0 दीदी निर्मला देशपांडे ने नित्यनूतन पत्रिका की शुरूआत करने के साथ-२ ही भारत-पाकिस्तान की जनता के बीच मैत्री सम्बन्धो को बढ़ाने का काम किया ।

      वेबिनार के उद्देश्यों के बारे में अपना वक्तव्य देते हुए सुरेंद्रपाल सिंह ने कहा कि भक्तिमार्ग व सूफ़ीसन्तो ने अपने कार्यो से लोगों को जोड़ने का काम किया था । वर्तमान समय मे उसी भावना की जरूरत है । सीमाएं देश तो बांट सकती है परन्तु लोगो के जज़्बात नही बाट सकती ।

     


कार्यक्रम का संयोजन करते हुए असमारा नौमानी ने कहा कि पाकिस्तान में लाहौर सहित अनेक स्थानों पर हज़रत कलंदर की याद में उनका उर्स आयोजित किया जाता है । यह पहला प्रयास है कि दोनों देशों के लोग मिलकर यह वर्चुअल आयोजन कर रहे है परन्तु वह दिन भी आएगा जब दोनों देशों के लोग मिल कर ऐसे आयोजन करने में सफल होंगे ।

 हज़रत कलंदर के वंशज साज़िद  नोमानी ने कहा कि सूफी मत प्यार-मोहब्बत का सम्प्रदाय है जहां घृणा , वैमनस्य तथा दूरियां कहीं न है ।


वेबिनार में हज़रत कलंदर की शान में कव्वाली प्रस्तुत की गई तथा लाहौर में सम्पन्न हुए उर्स की झलकियां भी दिखाई गई ।

इस कार्यक्रम में भारत-पाकिस्तान सहित अन्य अनेक देशों से भी श्रद्धालुओं ने भाग लिया ।



Comments

Popular posts from this blog

Justice Vijender Jain, as I know

Aaghaz e Dosti yatra - 2024

मुजीब, गांधी और टैगोर पर हमले किस के निशाने पर