Chaudhary Birender Singh-a man of dedication and commitment

चौधरी बीरेन्द्र सिंह का जहां आज जन्मदिन है और वे 75 साल के होकर 76 वें में दाखिल हो गए हैं, वहीं उनके राजनीतिक जीवन की भी पारी भी 50 वर्ष पूरे कर चुकी है. हरियाणा के वे सबसे बेलाग, अनुभवी तथा ईमानदार राजनेताओं में शुमार है. इस रूप मे वे अपने नाना दीनबंधु सर छोटू राम के सही वारिस हैं. राजनीति में वे अपने पिता चौधरी नेकी राम के भी वंशज है जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन मे शुचिता, सद्भाव एवं परस्पर संबन्धों को नए मायने दिए. 
     वे एक एसे राजनेता हैं जिसने अपने जीवन मे विधानसभा, लोकसभा एवं राज्यसभा के कुल 14 चुनाव लड़े और एसे ही इन तमाम सदनों के सदस्य रहे. प्रदेश युवा कॉंग्रेस के अध्यक्ष पद से अपनी पारी शुरू की और फिर प्रदेश कॉंग्रेस महासचिव, अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय महासचिव पद पर कार्यरत रहे. उनके प्रबंधन में कॉंग्रेस ने अनेक प्रमुख राज्यों में चुनाव लड़ कर सफ़लता हासिल की. राज्य सरकारों में अनेक मर्तबा मंत्री रहे और फिर अंत मे बीजेपी की श्री नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री व बाद मे इस्पात मंत्री भी रहे. जहां-2 भी जिस-2 जिम्मेदारी उन्हें मिली उसका उन्होंने श्रेष्ठता से निर्वहन किया.  
      बीरेन्द्र सिंह को यदि इससे भी कोई अन्य जिम्मेदारी मिलती उसे भी वे अपनी आदत व क्षमता के अनुसार बेहतर निभाते. ABP न्यूज चैनल के एक वरिष्ठ पत्रकार संजय नंदन ने "प्रधानमंत्री" शीर्षक्रम से अनेक किश्तों में एक सीरिअल बनाया है. मेरा मानना है कि राजनीति के विद्यार्थियों के लिए वह एक अच्छा पाठ्यक्रम साबित होगा. वह न केवल राष्ट्रीय राजनीति का चरित्र चित्रण करता है वही प्रदेश स्तर पर हुई जोड़-घटा को प्रदर्शित करता है. उसी के एक भाग में हरियाणा के घटनाक्रम को भी बखूबी दर्शाया है कि किस तरह कॉंग्रेस हाई कमान में सहमति होने के बावजूद भी सियासी साजिशों के वे शिकार बने बावजूद इसके कि वे एक व्यापक जनाधार वाले एक प्रभावशाली नेता हैं जिसका कोई सानी नहीं है. मेरा उनसे कभी य़ह सरोकार नहीं रहा है कि किस प्रभावशाली पद पर हैं. किस पार्टी में है अथवा नहीं है. मैं तो अपने प्रिय बड़े भाई व दोस्त चौधरी बीरेन्द्र सिंह को ही जानता हूं जो व्यक्तिगत रूप से मुझे तथा मेरे द्वारा किए गए कार्यो के भरपूर प्रशंसक और स्नेही है. मैं उन्हें एक एसे व्यक्ति के रूप मे जानता हूं जो अत्यंत सरल स्वभाव, विनम्र व्यक्तित्व तथा मधुर व्यवहार का व्यक्ति हैं.
     मैं उनसे वर्ष 1974 में परिचित हुआ जब मैं ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन में सक्रिय था और वे एक व्यापक जनाधार वाले संगठन युवा कॉंग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष. इंदिरा गांधी शासन के विरुद्ध लोकनायक जय प्रकाश नारायण का सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन जोरों पर था. सीपीआई और कॉंग्रेस संयुक्त रूप से इस आंदोलन के विरोध में रक्षात्मक मुद्रा में थे. बीरेन्द्र सिंह हमारे अग्रणी दस्ते में थे. प्रो0 रतिराम अग्रणी कम्युनिस्ट नेता थे. इस गठबंधन ने अपनी रक्षात्मक स्थिति को आक्रमक रूप दे दिया. यह उन्हीं का नेतृत्व तथा पराक्रम था कि सरकार विरोधी य़ह आंदोलन हरियाणा में पांव न पसार सका. आपातकाल व उसके दौरान श्री संजय गांधी के काले कारनामों के कारण हमारा गठबंधन तो टूट गया परन्तु उनके साथ हमारा भावनात्मक समबन्ध कभी नहीं टूटा.
    आपातकाल के बाद कॉंग्रेस अपनी दुर्दिन दशा में थी इसके बावजूद भी विधानसभा में जो उसमे कुल तीन सीट जीती उसमे बड़े अन्तर वाली जीत बीरेन्द्र सिंह की ही थी.
    वे मुझे भी राजनीति में लाना चाहते थे पर मेरी आर्थिक विवशता से भी वाकिफ़ थे. इस सब के बावजूद भी वे मेरी क्षमता से वाकिफ़ थे. फिर चाहे इंडो- सोवियत मैत्री संघ का काम, अथवा विश्व शांति का कार्यक्रम, वे सदा मेरे सहयोगी रहे.
     मेरी गुरु माँ निर्मला देशपांडे जी से बहुत ही प्रशंसक व समर्थक थे. वास्तव मे वे हर उस रचनात्मक कार्यों के साथ रहे जो बिना किसी निहित स्वार्थ के राष्ट्रहित में हो. इसीलिए निर्मला देशपांडे, स्वामी अग्निवेश तथा इस तरह के अन्य लोगों के वे सदा मददगार रहे.
     चौधरी बीरेन्द्र सिंह की जो सबसे अनुकरणीय बात है वो है मुसीबत के दिनों में भी अपने दोस्तों , समर्थक एवं निकटस्थ लोगों के साथ खड़ा होना.
अपने लोगों के दुःख-सुख में खड़ा होना उनकी विशेषता है. उनकी यहि सब बाते हैं जो उन्हें एक अलग नेता बनाती है. 75 साल की आयु उन्हें और अधिक वृद्ध तो नहीं बना पायी पर और अधिक वैचारिक समृध्दि प्रदान करती है. उनकी बेबाक बाते उनके खुलेपन को ही प्रदर्शित करती है. 
    हाँ मैं उनका समर्थक हूं. उनके किसी पद प्रतिष्ठा की वज़ह से नहीं अपितु उनके संघर्षशील गुणों व गरीब-किसान मजदूरों की एक सशक्त आवाज़ के के कारण. 
    हम कामना करते है कि हमारे चौधरी बीरेन्द्र सिंह दीर्घजीवि हो न केवल आयु के रूप मे बल्कि विचारों एवं संघर्षों के संवाहक के रूप मे भी. 
Happy birthday Chaudhary sahab.
We love and admire you. 
राम मोहन राय
पानीपत/25.03.2023
[नित्यनूतन वार्ता]

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