Nivetha-Dhanavelan
लॉकडाउन के दौरान जब हम सब लोग निराशा व अवसाद में थे, तब इसी युवती ने सोशल मीडिया का उचित उपयोग करते हुए गांधी ग्लोबल फॅमिली के मंच से देशभर से हजारों छात्रों को 'भारत जोड़ों अभियान 'से जोड़ने का एक
ऐतिहासिक शुभ प्रयास किया था। इस कार्यक्रम में जहां पूरे देश के विभिन्न प्रांतों के स्कूल-कालेजों के प्रतिनिधि शामिल थे, वहीं जी. जी. एफ. के अध्यक्ष श्री गुलाम नबी आजाद एवं डॉ S P Varma जी तथा श्री अशोक कपूर , वीणा बहन, डॉ अनुराधा लाल सहित पूरा राष्ट्रीय नेतृत्व भी शामिल रहा। नित्यनूतन अलग संदेश रहता। सभी का मानना था कि इस तरह के संवाद ही भारतीय संस्कृति एवं उसकी लुप्त उदात्त भावनाओं को प्रदर्शित करते हैं।
निवेता, चेन्नई के एक सोफ्टवेयर इंजीनियर है। उनकी मेधा शक्ति इतनी प्रखर है कि वह उसके माध्यम से सबको जोड़ने का अद्भुत काम करती है। निवेता के पिता श्री पी.वी. के. देवेंद्रन जी पेशे से वकील है तथा जिला कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक वकालत का उन्हें लगभग 40 वर्षो का अनुभव है। वे तथा उनकी पत्नी सहित पूरा परिवार चेन्नई से 200 किलोमीटर पर एक कस्बे में रहता है।
निवेता के पति श्री धनवेलन जी डाटा साइंटिस्ट है। मूलतः वे कृषक है। उनके गांव में काफी जमीन और पशुशाला है। स्वभाव से विनम्र तथा मधुर वे अपनी पत्नी को प्राप्त प्रशंसा एवं प्रोत्साहन से बहुत प्रसन्न रहते हैं। घर मे आए मेहमान की सेवा करना उनका पसंदीदा शौक है।
निवेता की एक 12 वर्षीय पुत्री Ashwanthika है। उसने अपनी पढ़ाई के विषयों में हिंदी को भी रखा है। कितना अच्छा हो कि इनकी तरह ही हमारे यहां के बच्चे तमिल व अन्य भारतीय भाषाएँ सीखें । ऐसा तभी सम्भव हो पायेगा जब लिपि का दुराग्रह हम छोड़ें । यानी तमिल, देवनागरी में तथा हिंदी तमिल लिपि में सीखी जाए। कोई भी भाषा थोपी न जाए। उसे स्वेच्छा से सीखा जाए। लॉक डाउन के दौरान आपदा को अवसर मान कर गांव में रहते हुए पांच गायों का पोषण किया तथा उन्हें अपनी पड़ दादी-नानी के नाम देकर सेवा करती. इस तरह से जहां गौ सेवा होती वही पूर्वजो के नाम का भी पुण्य स्मरण होता.
एक माह पूर्व हमारे चेन्नई का कार्यक्रम बनने पर हमने इसकी सूचना निवेता को भी दी। हमे ऐसा मेहसूस हुआ कि उनका पूरा परिवार ही हमारी इस सूचना मात्र से आह्लादित हुआ। फिर तो कोई ऐसा दिन न रहा कि वे हमसे बात न करती हो। उनका व्यवहार ऐसा रहता जैसे उसके मायके के लोग एक अर्से के बाद घर आ रहे हो। बेशक हम तो सुधा-मारुति के मेहमान थे, पर वह इस अवसर को अपना बनाना चाहती थी। मुझे देश-देशांतर में घूमने का अवसर मिला है और हमने हर जगह पाया है कि हर तरफ लोगों में प्यार-मोहब्बतें, भाईचारा एवं आतिथ्य भाव है। संत मीराबाई ने सही फरमाया है जिन प्रेम किया , तिनहि प्रभु पायो।
गांधी ग्लोबल फॅमिली/निर्मला देशपांडे संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष शांति, सद्भावना एवं सामाजिक कार्यो के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले दुनिया भर के चयनित युवाओ को "निर्मला देशपांडे आगाज-ए -दोस्ती अवार्ड प्रदान करता है और अवार्ड चयन समिति ने इस बार का अवार्ड
निवेता को प्रदान करने की घोषणा की थी। एक भव्य कार्यक्रम जिसमें अवार्ड समारोह होना था, इसे दिल्ली में आयोजित करने की योजना विचाराधीन है। परंतु दूरी को देखते हुए निश्चय किया गया कि दक्षिण भारत में रहने वाले अवॉर्डीस निवेता और अर्चिष्मान राजू को इस मौके का लाभ उठा कर चेन्नई में ही सम्मानित किया जाए।
निवेता हमारे चेन्नई प्रवास के दौरान जिस तरह से एक संरक्षक की तरह ध्यान रख रहीं हैं, उससे एसा लगता है मानो तमिलनाडु की यह होनहार बेटी हमारी अपनी ही है।
हमारे वैदिक ऋषि द्वारा दी गई "वसुधैव कुटुम्बकम" की उद्घोषणा सर्वथा सत्य व व्यवहारिक है, इसके साक्षात दर्शन हमे प्राप्त हो रहे हैं।
निवेता तथा उनके पूरे परिवार को हार्दिक आभार व अभिनन्दन।
स्वास्तिक मंत्र :-
ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः। स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः॥ स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः। स्वस्ति नो ब्रिहस्पतिर्दधातु ॥
राम मोहन राय
Pondicherry/17.03.2023.
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