First Battle of Panipat -1526
21 अप्रैल -पानीपत में लड़ाई 1526 ------------------------------- अक्सर लोग पानीपत के बारे में वहाँ हुई लड़ाईयों को जोड़ कर जानते है जिससे मैं तो बतौर पानीपती बिल्कुल भी सहमत नही हूं । मेरा शहर तो शुरू से अमन और तालीम का शहर रहा है जहाँ दूर-२ से लोग शिक्षा व आध्यात्मिकता की खोज में आते थे । यहाँ सूफी संत थे , आलिम थे और ऐसे दानिशमंद जिनका शुमार अदब के क्षेत्र में बुलंदियों पर था । पर था यह दिल्ली के निकट ,और वह भी खुला स्थान । और दिल्ली ,हिंदुस्तान की राजधानी ,जहां देश के शासक बैठते थे अगर यदि किसी ने उन्हें चुनौती देनी होती तो यह ही वह खुली जगह थी जो यमुना के नजदीक भी थी जहां पानी की कोई कमी नही थी । जगह भी ऐसी जहाँ एक तरफ यमुना नदी थी और दूसरी तरफ ढाक के जंगल । इसीलिये जब -२ दिल्ली को चुनौती मिली तो उसका फैसला यही लड़ी गयी जंगो से हुआ । इतिहास गवाह है कि यहां सिर्फ यही तीन युद्ध न होकर भूगौलिक स्थितियों की वजह से इससे पहले भी अनेक लड़ाईयां लड़ी गयी । ********* पानीपत के नागरिकों की भूमिका किसी भी लड़ाइयों में पानीपत के लोगो की भी कोई भूमिका रही । इस पर पानीपत के एक बुजुर्ग व