kanchan Sagar Abhinandan Granth

 सखी कंचन जी, 

इस महत्वपूर्ण अवसर पर आपको हार्दिक बधाई! 
आपकी उपलब्धि वास्तव में उल्लेखनीय है और आपको सफल होते देखकर मेरा दिल खुशी से भर गया है। आपकी कड़ी मेहनत और अटूट दृढ़ संकल्प ने आपको उपलब्धि के इस शिखर पर पहुँचाया है।आपने अपने सपनों को हकीकत में बदला है।पूर्ण समर्पण और अद्भुत संघर्ष से आपने अपने लक्ष्य को पूरा किया है,बधाई हो ! आपकी इस अद्भुत सफलता से हम सभी को प्रेरित होना चाहिए। एक नए सफल चरण की ओर बढ़ने पर हार्दिक बधाई! 

ना सजदे से, ना दुआ से,

ना मंदिर-मस्जिद में माथा टेकने से,

ईश्वर अल्लाह खुश होते हैं,

समाज सेवा करने से।

71 वें जन्मदिन की आपको बहुत बहुत बधाई!

आपकी सखी, 

पी.डी.सी.,
काश्मीरा शाह 
डिस्ट्रिक्ट  306

+91 94267 79158
🙏🏻
सेवा का पर्याय : सुश्री कंचन सागरसमाज सुधार की पहल समाज में रह रहे व्यक्तियों से ही करनी चाहिये अगर हम चाहते है कि हम एक बेहतर समाज का निर्माण करना है तो सबसे पहले खुद में बदलाव करने की जरूरत है क्योंकि अच्छे लोगो से ही मिलकर एक अच्छा समाज बनता हैं और एक अच्छे समाज से मिलकर हमारा भारत देश बना हैं हम भारत जैसे महान देश मे रहते हैं ! वास्तव में एक समाज सुधारक एक आम इंसान होता है जो असाधारण तरीके से मानवता की सेवा करना चाहता है ऐसी ही एक शक्सियत है सुश्री कंचन सागर जी जो पिछले तीन दशकों से निरंतर निजी रूप से , विभिन्न मचों के द्वारा 24 x 7 सेवारत हैं ! हालांकि वो किसी पहचान की मोहताज़ नहीं और समाज सेवा के क्षेत्र में राजमाता के रूप में जानी जाती हैं और सभी के लिए सेवा की एक ऐसी जीवित मिसाल हैं जो कि किसी भी पुरस्कार सम्मान की परिकाष्ठा पूर्णता हैं ! वो एक ऐसी सामाजिक विभूति हैं जिन्होंने अपने जीवन, कार्यों एवं संदेश से समाज, राष्ट्र और महिलाओं के जीवन को एक परिवर्तनकारी संदेश देने का काम किया है। महिला स्वास्थ्य हो या अनाथ बच्चों की शिक्षा , असहाय परिवारों की मदद हो या पर्यावरण मुहीम , कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं कि जिसमे उन्होंने शिखर न छुआ हो ! मूल रूप से एक शिक्षिका होने के साथ साथ  एक साहित्यकार , कवयित्री तथा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने बहुआयामी कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वह स्वयं में ही एक संस्था है और इसके अतिरिक्त भी अनेक सामाजिक संगठनों का निर्माण कर उन्होंने समाज में एक अद्भुत ख्याति प्राप्त की है। उनका पूरा परिवार न केवल उनके कार्यों में सहयोगी है अपितु अपने कार्यों से उन्होंने एक व्यापक सामाजिक परिवार को निर्मित किया है। राष्ट्रीय, प्रांतीय तथा स्थानीय स्तर पर उन्हें अनगिनित सम्मानों , अवार्डस तथा पारितोषिकों से नवाजा गया है जो उनकी लोकप्रियता सर्वप्रियता को दर्शाता है। पानीपत जैसे शहर को इन्नर व्हील क्लब व नारी कल्याण समिति की देन उन्हीं की मेहनत व् दूरगामी द्रष्टि का प्रतीक है !

डॉ अनु कालड़ा
सचिव
इन्नर व्हील क्लब पानीपत मिडटाउन
8059200228
🙏🏻
 हमे चलना सिखाया आपने 
उड़ने को पंख दिए 
कदम कदम पर साथ रहीं 
होंसले बुलंद किये 
मैंने बहुत करीब से देखा है आपको 
या यूँ कहूँ 
सीखा है आपको 
32 बरस की दोस्ती हमारी है 
पुरानी शराब सी इसमें खुमारी है 
मैंने आपको बनते देखा है 
तो टूटते भी मैंने ही देखा है 
और फिर टूट टूट कर बनते देखा है 
सब्र कई बार टूटा 
पर जो नहीं टूटा 
वो था आपका विशवास 
और वही है आपमें ख़ास 
सेवा , लग्न और नेतृत्व गुण  
इसे तो सब जानते हैं 
बहुत कुछ ऐसा है 
जो सिर्फ हम पहचानते हैं 
ममता का अथाह सागर हैं आप 
साधना जो सिद्ध करे 
वो सिद्धार्थ हैं आप 
लोग तो केवल जीवन जीते हैं 
आपने संकल्प को जीया है 
पर परम् मित्र हूँ ना 
चुटकी ना लूँ 
तो कैसे चलेगा 
मैं ना छेड़ूँ तो कांची को कौन छेड़ेगा 
जब रिक्शा ले कर निकली थी पेड़ लगाने 
हरित नगर का अपना सपना सजाने 
काश कि रिक्शा पर ना बैठ पैदल चली होती 
तो सखी आज तक भी आप स्वस्थ कली होती

गीताप्रिय सीमा बब्बर
पूर्व प्रधान इनरव्हील पानीपत मिडटाउन
🙏🏻
राम राम जी
मोहन जी मैं इस काबिल तो नही कि मैं कचन सागर जी जो मेरे मासी जी है उन पर कुछ लिखूं
ये मेरा सौभाग्य है कि मैं उन से जुड़ी 
उनका जीवन इंसानियत को समर्पित हैं
उनको मैं जब भी देखती हू तो मन को असीम शांति का अहसास होता है


                                शीनू गर्ग
🙏🏻
समाज सुधार की पहल समाज में रह रहे व्यक्तियों से ही करनी चाहिये अगर हम चाहते है कि हम एक बेहतर समाज का निर्माण करना है तो सबसे पहले खुद में बदलाव करने की जरूरत है क्योंकि अच्छे लोगो से ही मिलकर एक अच्छा समाज बनता हैं और एक अच्छे समाज से मिलकर हमारा भारत देश बना हैं हम भारत जैसे महान देश मे रहते हैं ! वास्तव में एक समाज सुधारक एक आम इंसान होता है जो असाधारण तरीके से मानवता की सेवा करना चाहता है ऐसी ही एक शक्सियत है सुश्री कंचन सागर जी जो पिछले तीन दशकों से निरंतर निजी रूप से , विभिन्न मचों के द्वारा 24 x 7 सेवारत हैं ! हालांकि वो किसी पहचान की मोहताज़ नहीं और समाज सेवा के क्षेत्र में राजमाता के रूप में जानी जाती हैं और सभी के लिए सेवा की एक ऐसी जीवित मिसाल हैं जो कि किसी भी पुरस्कार सम्मान की परिकाष्ठा पूर्णता हैं ! वो एक ऐसी सामाजिक विभूति हैं जिन्होंने अपने जीवन, कार्यों एवं संदेश से समाज, राष्ट्र और महिलाओं के जीवन को एक परिवर्तनकारी संदेश देने का काम किया है। महिला स्वास्थ्य हो या अनाथ बच्चों की शिक्षा , असहाय परिवारों की मदद हो या पर्यावरण मुहीम , कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं कि जिसमे उन्होंने शिखर न छुआ हो ! मूल रूप से एक शिक्षिका होने के साथ साथ  एक साहित्यकार , कवयित्री तथा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने बहुआयामी कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वह स्वयं में ही एक संस्था है और इसके अतिरिक्त भी अनेक सामाजिक संगठनों का निर्माण कर उन्होंने समाज में एक अद्भुत ख्याति प्राप्त की है। उनका पूरा परिवार न केवल उनके कार्यों में सहयोगी है अपितु अपने कार्यों से उन्होंने एक व्यापक सामाजिक परिवार को निर्मित किया है। राष्ट्रीय, प्रांतीय तथा स्थानीय स्तर पर उन्हें अनगिनित सम्मानों , अवार्डस तथा पारितोषिकों से नवाजा गया है जो उनकी लोकप्रियता सर्वप्रियता को दर्शाता है। पानीपत जैसे शहर को इन्नर व्हील क्लब व नारी कल्याण समिति की देन उन्हीं की मेहनत व् दूरगामी द्रष्टि का प्रतीक है !

डॉ अनु कालड़ा
सचिव
इन्नर व्हील क्लब पानीपत मिडटाउन
8059200228
🙏🏻
   ईश्वर ने सभी को बहुत से गुणों से नवाजा है लेकिन अपने गुणों का निखार कोई कोई ही कर पाता है इसमें से एक है हमारे पानीपत की खास रौनक कंचन सागर जी।
जो आज पानीपत ही नहीं सभी के दिलों में छाईं हुईं हैं।
कंचन जी ने अपना सारा जीवन समाज सेवा में समर्पित कर दिया है। बचपन से ही मां और पिता द्वारा दिए संस्कारों को अपनाकर उसके छींटों की बौछार से सभी के तन मन को भिगो दिया है।
कंचन जी ने अपने जीवन का बहुत समय अपना विद्यालय खोल कर बच्चों को शिक्षित कर अपने संस्कारों से परिचय करा कर समाज का हीरा बनाया।
अपनी गृहस्थी में भी अपने  प्रेम और सेवा से अपना भरपूर दायित्व निभाते हुए समाज सेवा में अपना जीवन बिताया।
प्रत्येक क्षण, प्रत्येक परिस्थिति में  वह समाज सेवा में आगे आई।
इसी भावनाओं से ओत-प्रोत हो उन्होंने 1996  में नारी कल्याण समिति बनाई जिसमें पानीपत की महिलाएं समाज सेवा की भावनाओं को मन में लिए आगे आकर समाज का और अपना नाम रोशन किया।
सबसे प्रेम करना,सबका ख्याल रखना, सबकी सेवा में हर पल समर्पित हो जाना , महिलाओं में भी समाज सेवा का जज्बा जगाना कुछ ऐसा ही व्यक्तित्व है कंचन सागर जी में।
कई सालों से उनके सम्पर्क में रह कर उनकी समाज सेवा की भावनाओं को बहुत बारीकी और नजदीक से जाना है । उन्होंने अपने स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए केवल कर्म पर ध्यान दिया।
ईश्वर से हम सब यही दुआ करते हैं कंचन दी हमेशा खुश और स्वस्थ रहकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करतीं रहे। 
धन्यवाद
उप प्रधान ज्योत्स्ना गर्ग
नारी कल्याण समिति
पानीपत।
🙏🏻

मान्यवर, 
सादर जय हिंद- जय जगत!             
            श्रीमती कंचन सागर पानीपत नगर की एक ऐसी सामाजिक विभूति हैं जिन्होंने अपने जीवन, कार्यों एवं संदेश से समाज, राष्ट्र और महिलाओं के जीवन को एक परिवर्तनकारी संदेश देने का काम किया है। वस्तुतः वह एक शिक्षिका हैं परंतु एक साहित्यकार , कवयित्री तथा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने बहुआयामी कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वह स्वयं एक संस्था है और इसके अतिरिक्त भी अनेक सामाजिक संगठनों का निर्माण कर उन्होंने समाज में एक अद्भुत ख्याति प्राप्त की है। उनका पूरा परिवार न केवल उनके कार्यों में सहयोगी है अपितु अपने कार्यों से उन्होंने एक व्यापक सामाजिक परिवार को निर्मित किया है।
          राष्ट्रीय, प्रांतीय तथा स्थानीय स्तर पर उन्हें अनेक सम्मान, अवार्ड तथा पुरस्कारों से नवाजा गया है जो उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है। 
       आगामी 13 मई, 2024 को वे अपने जीवन के 71 वें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं।
              माता सीता रानी सेवा संस्था ने यह निश्चय किया है कि कार्यों, उपलब्धियों तथा कीर्तिमानों से भरे उनके यज्ञमय जीवन को प्रदर्शित करते हुए एक अभिनंदन ग्रंथ तैयार कर उन्हें उनके जन्मदिन पर अर्पित किया जाएँ।
        आपका, उनके जीवन और कार्यों से निकट संबंध रहा है। आपके पास अनेक ऐसे अनुभव होंगे जो उनके व्यक्तित्व को प्रस्तुत करते हैं। हम चाहते हैं आप उन अनुभवों को लेखनीबद्ध कर हमें भेजें ताकि उन्हें," कंचन सागर- अभिनंदन ग्रंथ" में शामिल किया जा सके।
       श्रीमती कंचन सागर का एक लघु परिचय संलग्न है।
सादर 
राममोहन राय
9354926281
🙏🏻 भगवान हर जगह नहीं होते इसलिए उन्होंने मॉं को बनाया होगा,
मॉं भी हर वक़्त साथ नहीं हो सकती
 इसलिए बड़ी बहन को बनाया होगा।
हम 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी कंचन दी हैं।मेरा और दी का केवल दो वर्ष का ही अंतर है।बचपन से ही बड़ी निपुण,शोख और सहज थी,पापा उस को यह मेरा बेटा है,कह कर सम्बोधित करते थे।जो भी कार्य हो,उस को बड़े दायित्व के साथ निभातीं थीं।अपने छोटे भाई-बहनों को स्नेह और अपने ममत्व के आँचल में सहेज कर सदैव सुरक्षित रखतीं,जो केवल एक मॉं ही कर सकती है।
जैसा कि मैंने पहले कहा है कि दी का और मेरा केवल दो वर्ष का ही अन्तर है,हमें एक-दूसरे के कपड़े पूरे आ जाते थे।मुझे आज भी कपड़ों के लिए झगड़ना याद है।पल भर में भूल कर फिर एक हो जाते थे।
बात को समझने का हुनर तो आज तक उन को आता है।वह बिना कहे हर बात जान लेतीं हैं और हमारी हर इच्छा को पूरा कर देतीं हैं। समय बीतता गया लेकिन उन स्मृतियों के हर पल को जीने का मन करता है।
वक्त के साथ ही हम सब भाई-बहन बड़े हो गए। सब की शादियॉं हो गईं।समय पंख उड़ा कर बीत गया।
हर ज़रूरत में हमें दी का सहयोग मिला। जब जब भी मैंने ख़ुद को उलझा पाया,हर बार दी ने ही मुझे सँभाला। 
वैसे तो ज़िंदगी में कई सुख-दुख,उतार-चढ़ाव आये,लेकिन 2 घटनाएँ ऐसी घटित हुईं कि जिनकी छाप आज भी मेरे अंतर्मन में छिपी हुई है।
पहली यह कि जब मेरा बेटा हुआ तो उसके कुछ समय पश्चात बच्चों से संबंधित एक संक्रमित रोग फैल गया,उसके इंजेक्शन लगते थे। दीदी भी अपने दोनों बेटों को  इंजेक्शन लगवाने आयी थीं।दुर्भाग्य से केवल दो बच्चों के लिए ही इंजेक्शन बच्चे थे बाक़ी ख़त्म हो गए थे जो कि पन्द्रह-बीस दिन बाद आने थे। स्थिति बड़ी विकट हो गई थी।दी मुझे कहने लगी कि तुम घबराओ नहीं।अपने बेटे को तुम लगवा लो,एक को मैं लगवा लेती हूँ।मेरे पास तो दो बेटे हैं तुम्हारे पास तो केवल एक है।आज भी जब मुझको यह घटना याद आती है तो आँखों से पानी झर-झर बहने लगता है।कितना विशाल ह्रदय है तुम्हारा मेरी बहना!
 शत्-शत् नमन, तुमको!
मेरे पास कोई शब्द नहीं नि:शब्द हूँ मैं !
दूसरी घटना माँ को कैंसर जैसी नामुराद बीमारी ने जब जकड़ ॉलिया तब दी तो बस मम्मी की ढाल बन गईं।अपना घर-बार छोड़कर उनकी सेवा में लग गईं।उनका हौंसला बन गईं। उनकी ताक़त बन गईं। यहाँ तक कि माँ की अंतिम साँस तक मौत से लड़ने की शक्ति बन गईं। माँ के जाने के बाद दी बिलकुल टूट गई।अब तो मानव सेवा को ही जीवन का लक्ष्य बना लिया था उन्होंने।गरीबों की,दीन-दुखियों की सेवा,किसी भी पीड़ित या असहाय को देखती तो विचलित हो जाती थी लेकिन ये सब करते करते ख़ुद को ही भूल गई अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाईं।
आज उनके लिए यह प्रार्थना करूँगी …..
हो अँधेरा तो जीवन में तेरे उजाला हो जाए,
भगवान करे तेरी झोली ख़ुशियों से भर जाए।
हर वक्त करतीं हूँ अरदास कि,
स्वस्थ रहे तूं……
खुदा करे मेरी उम्र ही तुझे लग जाए!


मंजु भसीन 
(छोटी बहन)
+91 98962 29601

🙏🏻
 Kanchan Sagar is a renowned personality,known for selfless service in the city of Panipat.
An empathetic person by nature,she stands for any cause that needs attention.
She has sown the seed of social service in many minds like mine to create a batallion of social workers who stand by underprivileged at any time and cost .Her ideas and solutions are appreciated by all who know her.
A fabulous hearted person will do so much for the needy,even at the cost of her own health.
She is the proprietor of immense wealth in terms of empathy and reliability.
Wish her a healthy life

PP Mukta Nagpal
Vice President
Innerwheel Midtown
    🙏🏻
भगवान हर जगह नहीं होते इसलिए उन्होंने मॉं को बनाया होगा,
मॉं भी हर वक़्त साथ नहीं हो सकती
 इसलिए बड़ी बहन को बनाया होगा।
हम 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी कंचन दी हैं।मेरा और दी का केवल दो वर्ष का ही अंतर है।बचपन से ही बड़ी निपुण,शोख और सहज थी,पापा उस को यह मेरा बेटा है,कह कर सम्बोधित करते थे।जो भी कार्य हो,उस को बड़े दायित्व के साथ निभातीं थीं।अपने छोटे भाई-बहनों को स्नेह और अपने ममत्व के आँचल में सहेज कर सदैव सुरक्षित रखतीं,जो केवल एक मॉं ही कर सकती है।
जैसा कि मैंने पहले कहा है कि दी का और मेरा केवल दो वर्ष का ही अन्तर है,हमें एक-दूसरे के कपड़े पूरे आ जाते थे।मुझे आज भी कपड़ों के लिए झगड़ना याद है।पल भर में भूल कर फिर एक हो जाते थे।
बात को समझने का हुनर तो आज तक उन को आता है।वह बिना कहे हर बात जान लेतीं हैं और हमारी हर इच्छा को पूरा कर देतीं हैं। समय बीतता गया लेकिन उन स्मृतियों के हर पल को जीने का मन करता है।
वक्त के साथ ही हम सब भाई-बहन बड़े हो गए। सब की शादियॉं हो गईं।समय पंख उड़ा कर बीत गया।
हर ज़रूरत में हमें दी का सहयोग मिला। जब जब भी मैंने ख़ुद को उलझा पाया,हर बार दी ने ही मुझे सँभाला। 
वैसे तो ज़िंदगी में कई सुख-दुख,उतार-चढ़ाव आये,लेकिन 2 घटनाएँ ऐसी घटित हुईं कि जिनकी छाप आज भी मेरे अंतर्मन में छिपी हुई है।
पहली यह कि जब मेरा बेटा हुआ तो उसके कुछ समय पश्चात बच्चों से संबंधित एक संक्रमित रोग फैल गया,उसके इंजेक्शन लगते थे। दीदी भी अपने दोनों बेटों को  इंजेक्शन लगवाने आयी थीं।दुर्भाग्य से केवल दो बच्चों के लिए ही इंजेक्शन बच्चे थे बाक़ी ख़त्म हो गए थे जो कि पन्द्रह-बीस दिन बाद आने थे। स्थिति बड़ी विकट हो गई थी।दी मुझे कहने लगी कि तुम घबराओ नहीं।अपने बेटे को तुम लगवा लो,एक को मैं लगवा लेती हूँ।मेरे पास तो दो बेटे हैं तुम्हारे पास तो केवल एक है।आज भी जब मुझको यह घटना याद आती है तो आँखों से पानी झर-झर बहने लगता है।कितना विशाल ह्रदय है तुम्हारा मेरी बहना!
 शत्-शत् नमन, तुमको!
मेरे पास कोई शब्द नहीं नि:शब्द हूँ मैं !
दूसरी घटना माँ को कैंसर जैसी नामुराद बीमारी ने जब जकड़ ॉलिया तब दी तो बस मम्मी की ढाल बन गईं।अपना घर-बार छोड़कर उनकी सेवा में लग गईं।उनका हौंसला बन गईं। उनकी ताक़त बन गईं। यहाँ तक कि माँ की अंतिम साँस तक मौत से लड़ने की शक्ति बन गईं। माँ के जाने के बाद दी बिलकुल टूट गई।अब तो मानव सेवा को ही जीवन का लक्ष्य बना लिया था उन्होंने।गरीबों की,दीन-दुखियों की सेवा,किसी भी पीड़ित या असहाय को देखती तो विचलित हो जाती थी लेकिन ये सब करते करते ख़ुद को ही भूल गई अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाईं।
आज उनके लिए यह प्रार्थना करूँगी …..
हो अँधेरा तो जीवन में तेरे उजाला हो जाए,
भगवान करे तेरी झोली ख़ुशियों से भर जाए।
हर वक्त करतीं हूँ अरदास कि,
स्वस्थ रहे तूं……
खुदा करे मेरी उम्र ही तुझे लग जाए!


मंजु भसीन 
(छोटी बहन)
+91 98962 29601
🙏🏻
 कंचन जी का जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।हर चीज़ में हाज़िर जवाब हैं।जब कभी भी इन्हें किसी छोटी से छोटी बात के लिए पूछा है,समय न होते हुए भी यह तुरन्त उस का जवाब दे देतीं हैं । ज़रूरत नंदों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहतीं हैं । काम करने का जुनून है । हमारी तो ईश्वर से यही प्रार्थना है कि इनकी दीर्घायु हों और सदैव स्वस्थ रहें।
किसी ने सत्य ही कहा है —
स्वंय का दर्द महसूस होना,
जीवित होने का प्रमाण है।
लेकिन औरों का दर्द महसूस करना,
इन्सान होने का प्रमाण है ।
इसी तरह कंचन जी अपने स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहतीं हैं । आप पर हमें गर्व है,आप की शक्ति को सलाम!


कँवल सोईं
+91 98968 97216
सदस्या
नारी कल्याण समिति 
रिटायर्ड प्रिंसिपल

🙏🏻
 Shrimati Kanchan ji has served society since long times almost  more than 40 years She has worked  for street  children  women  old nd sick people
Health check up camp  blood donation  camp from time to time
She is always  ready to help  every person who asks for help may be medicine  or school  fee or any poor girl marriage.
She does all this  not only herself  but inspires others also  I'm  associated with her   since 20 years.
    During  covid  when no one dared to go outside  she used to distribute  food and  other things to  needy people.


Krishna Arora
+91 97283 40859
Member 
Nari Kalyan Samiti
🙏🏻
 कंचन सागर...अपने नाम की ही तरह आप एक निर्मल और सोने की तरह चमकने वाली इंसान है जिसके हृदय में लोगों की सेवा भाव सागर जितनी ही विशाल है...आपकी इसी भावना कि वजह सॆ लोगो में आप सिर्फ प्रचिलित ही नहीं बाल्की उन के दिलो में आपके लिए एक स्नेह भावना देखी जा सकती है..आपका जीवन लोगो के लिए मार्ग दर्शक है, खास कर के महिलाओं के लिए..कि कैसे एक सक्ष्म ग्रहिणी, एक बड़ी बहन अपने परिवार के साथ-साथ अपने समाज का कल्याण भी कर सकती है अगर वे ठान ले...अपने निजी जीवन की समस्याएँ भी आपको समाज के हित में काम करने के लिए नहीं रोक पातीं और कैसे एक साधारण जीवन को मूल्यवान बनाया जा सकता है...समाज में और भी कंचन सागर जैसी महिलाएँ हो इसलिए आपके जीवन भर की मेहनत अब लोगो तक एक पुस्तक के रूप में पौहंच लोगो को प्रेरित कर रही है|
हम आपसे प्यार करते हैं दीदी और हमें आप जैसी बहन पाकर गर्व है। भगवान आपका सदैव भला करे |

आपकी बहन,
कामना नीना भटनागर
+917678324789

🙏🏻
श्रीमती कंचन सागर एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने अपने जीवन के ध्येय के साथ समाज को सेवा करने का संकल्प लिया है। उनके विशेष कर्तव्यविशिष्ट जीवन और सामाजिक कार्यों के माध्यम से वे एक प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप, उन्होंने समाज को एक नई दिशा दी है और महिलाओं को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

कंचन सागर एक प्रतिभाशाली शिक्षिका, साहित्यकार, कवयित्री और समाजसेवी हैं। उन्होंने अपने अनूठे योगदान के माध्यम से समाज में गहरा असर छोड़ा है। उनकी संस्था और सामाजिक संगठनों के माध्यम से, वे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 

उनके समर्पण और सेवा के प्रति सर्वोत्तम आदर्श के लिए, उन्हें अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। उनकी जन्मदिन के अवसर पर, माता सीता रानी सेवा संस्था एक अभिनंदन ग्रंथ तैयार कर रही है जो उनके योगदान को सलामी देने का एक श्रेष्ठ तरीका होगा। 

यह ग्रंथ उनके जीवन और कार्यों की महत्वपूर्ण यात्रा को उजागर करेगा और उनके उत्कृष्टता को सराहेगा।


नीरू खट्टर 
पूर्व ज़िला मण्डलाध्यक्षा (इन्नरव्हील क्लब)
पंचकुला 
फ़ोन न: 9814902336
🙏🏻
कंचन सागर दी एक आकर्षक व्यक्तित्व की स्वामिनी एवं विलक्षण प्रतिभाओं की धनी हैं।
मुझे ज़िंदगी के सफ़र में उन से जुड़े करीब नौ वर्ष हो गए पर समाज सेवा के प्रति उनका रुझान,निस्वार्थ हो कर सब की सहायता करना, अनायास ही किसी को भी उनकी तरफ आकर्षित कर  देता है।उनमें सब को माला के मोतियों की तरह जोड़ कर रखने की अद्भुत क्षमता है।उम्र के 72वें पड़ाव पर भी उनका जोश व सभी की निस्वार्थ सहायता का जज़्बा उन्हें सब के समक्ष एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करता है l
यही कारण है कि उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है और उनको बहुत से पुरस्कारों से नवाज़ा गया है परन्तु किसी भी इंसान में जो सबसे बड़ा गुण होता है वह होता है इंसानियत का जो उनमें कूट-कूट का भरा हुआ है।उसका इनाम आपके केवल आपके अपने कर्मो द्वारा ईश्वर से प्राप्त होता है l
जीवन में वही एक ऐसा मुकाम है जहाँ ईश्वर द्वारा आपको नवाज़ा जाता है।ईश्वर कहते हैं कि मेरी कृपा भी तब जुड़ती है जब पुरुषार्थ आपका होता है,आप पुरुषार्थ थोड़ा सा भी करो परन्तु उसमें मेरी असीम कृपा प्राप्त होगी  ।
अंत में दो पंक्तियाँ कहना चाहूंगी ……

*लोगों के दिलों में बना कर जगह* 
*आपने हासिल किया है वो मुकाम,* 
*स्वयं को पहुंचाया है आप ने उस जगह,* 
*जहाँ दुनिया याद रखेगी आपका नाम …॥*

सिमरन गिरधर
सक्रिय सदस्या (नारी कल्याण समिति)
सदस्या (इन्नरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन)
फ़ोन न: 9466772310
🙏🏻
कंचन सागर दी एक आकर्षक व्यक्तित्व की स्वामिनी एवं विलक्षण प्रतिभाओं की धनी हैं।
मुझे ज़िंदगी के सफ़र में उन से जुड़े करीब नौ वर्ष हो गए पर समाज सेवा के प्रति उनका रुझान,निस्वार्थ हो कर सब की सहायता करना, अनायास ही किसी को भी उनकी तरफ आकर्षित कर  देता है।उनमें सब को माला के मोतियों की तरह जोड़ कर रखने की अद्भुत क्षमता है।उम्र के 72वें पड़ाव पर भी उनका जोश व सभी की निस्वार्थ सहायता का जज़्बा उन्हें सब के समक्ष एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करता है l
यही कारण है कि उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है और उनको बहुत से पुरस्कारों से नवाज़ा गया है परन्तु किसी भी इंसान में जो सबसे बड़ा गुण होता है वह होता है इंसानियत का जो उनमें कूट-कूट का भरा हुआ है।उसका इनाम आपके केवल आपके अपने कर्मो द्वारा ईश्वर से प्राप्त होता है l
जीवन में वही एक ऐसा मुकाम है जहाँ ईश्वर द्वारा आपको नवाज़ा जाता है।ईश्वर कहते हैं कि मेरी कृपा भी तब जुड़ती है जब पुरुषार्थ आपका होता है,आप पुरुषार्थ थोड़ा सा भी करो परन्तु उसमें मेरी असीम कृपा प्राप्त होगी  ।
अंत में दो पंक्तियाँ कहना चाहूंगी ……

*लोगों के दिलों में बना कर जगह* 
*आपने हासिल किया है वो मुकाम,* 
*स्वयं को पहुंचाया है आप ने उस जगह,* 
*जहाँ दुनिया याद रखेगी आपका नाम …॥*

सिमरन गिरधर
सक्रिय सदस्या (नारी कल्याण समिति)
सदस्या (इन्नरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन)
फ़ोन न: 9466772310
🙏🏻
1997 में कंचन जी से कन्याओं के सामूहिक विवाह में मॉडल टाउन में मिलना हुआ था।तब मैं कंचन जी को पहली बार मिली थी।उनका सब की तरफ मदद के लिए बढ़ना मेरे दिल को छू गया।वैसे परेशानियाँ तो हर किसी की ज़िन्दगी में होती हैं।दिल से रोना और चेहरे से हंस कर किसी की मदद करना वह तो मैंने इनसे ही सीखा है। पैसे से तो हम सब मदद कर देगें पर शरीर से इतनी भाग-दौड़ नामुमकिन है।यह तो तन-मन-धन से सब की मदद करती हैं। वास्तव में वह तारीफ़ की हक़दार हैं।वैसे एक समय ऐसा था कि इन्होंने मेरी मदद कुछ इस तरह से की कि मुझे भी पता नहीं चला। मैं घर पर ही छोटा-सा काम करती थी जो कपड़े मेरे नहीं बिकते थे वह ये ख़रीद कर ले जातीं और जब मैं ये पूछती कि आपके ये क्या काम आयेंगे तो इनका एक ही जवाब होता मेरे घर हर साइज़ का बच्चा आता है, तूं चिन्ता मत कर।सच में अच्छाई की जीती-जागती मिसाल हैं। अब तो इनका अपना शरीर भी जवाब दे चुका है फिर भी किसी की मदद करने से पीछे नहीं हटती।किसी का भी दुख सुन कर दौड़ पड़ती हैं।भगवान इनकी यह हिम्मत बनाए रखें! फिर मैंने नारी कल्याण समिति बनाईं।कुछ साल सब की मदद से बहुत अच्छे प्रोजेक्ट किए।फिर अचानक मुझे भारत से बाहर जाना पड़ गया और मैं यह समिति कंचन जी को समर्पित कर चली गई।मुझे बड़ा नाज़ है इन पर। एक छोटा सा पौधा लगा कर गई थी और सच में इन्होंने इतनी अच्छे से सिंचाई की कि वह पेड़ बन कर पानीपत क्या आस पास के गाँव में  फ़ैल गया। मैं तो धन्य  हो गई समिति बना कर।सच में मेरी उम्मीद से कहीं ज़्यादा काम किया है। अब तो भगवान से एक  ही प्रार्थना है कि कभी इनको हारने मत देना।ढाल बन कर इनके साथ रहना।फिर जिनकी मदद करती हैं,उनकी तो दुआएँ इन के साथ हैं ।मेरी बहन सदा खुश और स्वस्थ रहे!
जय गुरुजी 🙏

कुसुम गुप्ता 
सिंगापुर
फ़ोन न: +919717043417
🙏🏻
 मैं कंचन सागर जी के संपर्क में विगत  बारह वर्षों से हूं।आज इनके बारे में कुछ कहने का अवसर प्राप्त हुआ तो समझ नहीं पा रही कि क्या लिखूं,क्या छोड़ूं। अद्भुत व्यक्तित्व है इनका। कभी बड़ी बहन तो कभी सच्ची सहेली और  मार्गदर्शक के रूप में पाया इन्हें। आज के  भौतिकवादी युग  में ऐसे व्यक्तित्व की मालकिन अगर किसी के साथ हों तो वो व्यक्ति भाग्यशाली है ।मुझे गर्व है कि मैं वो भाग्यशाली हूं। परिवार के प्रति  तो सभी समर्पित होते हैं,पर कंचन सागर जी ने परिवार के साथ-साथ समाज को अपना सर्वस्व समर्पित किया है। 
"मन समर्पित तन समर्पित 
जीवन का हर क्षण समर्पित "
अस्वस्थता के बावजूद आज भी ये सोच रखती हैं  कि समाज के लिए सब कुछ कर जाऊं।और-और करने की भूख खत्म ही नहीं होती।इन्होंने ज़िद ठानी है कि सब कुछ कर लूं ताकि जीवन में कोई काश.. न बचे । मुझे कंचन सागर जी से हमेशा  शिकायत रही है कि दूसरों का ध्यान रखने के क्रम में ख़ुद को भूली रहीं और अपने स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ किया ।ईश्वर ने समाज-कल्याण के लिए इन्हें पृथ्वी पर भेजा है ।ईश्वर से प्रार्थना है कि इन्हें हमेशा  स्वस्थ रहने का वरदान दें।अंत में यही कहूंगी कि कंचन सागर बनना आसान नहीं।पानीपत की धरती  धन्य है ऐसी बेटी पाकर।

रश्मि अखौरी,पानीपत
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 कंचन सागर जी इन्नरव्हील कल्ब पानीपत मिडटाऊन की चार्टर प्रेसिडेंट और नारी कल्याण समिति की प्रधान 71 वर्ष की उम्र में भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं।  हर संघर्ष और चुनौती का सामना करते हुए आज भी पानीपत की महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं।फेसबुक के माध्यम से उनके कार्यों की झलकियां देखती रहती हूं ।ज़रूरत मंद विधवाओं को राशन वितरण करने की बात हो या हॉली अपना स्कूल के बच्चों को गर्म जैकेट देना , किसी गरीब को  ई-रिक्शा देना,ज़रूरत मंद विद्यार्थियों को साइकिल देना,फ़ीस देना। गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए हर सुविधा देना । झोपड़ पट्टियों में जाकर औरतों की परेशानियों और दुखों को सुनना, चेतना पब्लिक स्कूल में बच्चों और माता को भेंट देना, घुमंतू बच्चों के साथ पिकनिक मनाना। महिलाओं और बेटियों को सैनिटरी पैड का वितरण करना जैसे कार्य वह पानीपत के लोगों के लिए करती रहती हैं। सबसे बड़ा कार्य है जब लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक नहीं थे तब भी पानीपत को ग्रीन पानीपत बनाने का सपना लेकर अकेले ही पौधे लगाने के लिए निकल पड़ती थी। प्लास्टिक की ख़ाली बोतलों से ईको ब्रिक्स बनाने के लिए लोगों को जागृत करना। 
समाज के प्रति उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए उन्हें समय-समय पर सम्मानित किया जाता रहा है ।प्रशंसा पत्र और कितने ही अनगिनत पुरस्कार दिए गए। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस पर भी कई बार सम्मानित किया। वॉइस ऑफ पानीपत की तरफ से महिला रत्न से नवाजा गया। ना जाने ऐसे कितने पुरस्कार हैं जिनको उंगलियों पर गिन पाना मुश्किल है। 2022 में इनर व्हील क्लब पानीपत टाउन ने उन्हें Lifetime Achievement अवार्ड से नवाजा। और उन्हें  राज माता की उपाधि दी। वह सच में हमारी राजमाता है ।और पानीपत की महिलाओं के लिए एक मिसाल है।
चार पंक्तियां उनकी शान में कहना चाहूंगी।

“करके कुर्बान अपनी खुशियों को दूसरों की खुशी में अपनी खुशी को देखा है। 
शुक्रगुज़ार हैं खुदा आपके जो आपने 
कंचन दीदी के रूप में साक्षात् देवी को भेजा है।”

अंजना मक्कड़ 
प्रिंसिपल 
जैन किड्स स्कूल 
8901124114
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 ख़ुशनसीब होते हैं वे घर,
जिसमें मिलती बड़ी बहन की ठंडी छत्रछाया,
छोटे भाई-बहन सदा रहते मस्त,
क्योंकि उनके ऊपर  रहता एक स्नेहिल मधुर् साया।।।
बहन कितना प्यारा शब्द है और अगर उस के पहले बड़ी लगा दिया जाए तो सोने पर सुहागा हो जायेगा।बड़ी बहन यानि  सम्पूर्ण परिवार।जिस में  माँ, बाप,भाई और् बहन सब ही आ जाते है।।बड़ी बहन माँ की भूमिका तो बखूबी निभाती ही है पर कब भाई और पापा बन जाती है Sadana
8954111155 नही चलता।।अपने आंचल् मे इतना प्यार समेटे रहती है कि कभी कभी उन से बात कर आँखे भर आती है।।माँ की कमी को कैसे पूरा कर् देती है पता ही नही चलता।।।

माँ की जब भी याद सताये
आँखे यूँ भर -भर आती हैं ,
बड़ी बहन लगा सीने से,
वही प्यारा एहसास कराती  है।।
ख़ुशनसीब होते हैं वे घर,
जिसमें मिलती बड़ी बहन की ठंडी छत्रछाया।।
छोटे भाई-बहन सदा रहते मस्त,
क्योंकि उनके ऊपर  रहता एक स्नेहिल मधुर साया।
माँ की जब भी याद सताए,
आँखें यूँ भर-भर आती हैं।
बड़ी बहन लगा सीने से,
वही प्यारा अहसास कराती हैं॥

ऐसी ही है मेरी प्यारी बहना कंचन सागर।।।मेरी प्यारी दी।।ममता का आँचल फैलाए, सब की मदद करने को तत्पर।।शायद् ये उन् के संस्कारो में ही था। जब से मैने होश संभाला मैने उन्हे हर एक की मदद करते पाया।।किसी का भी दुख उन से देखा नही जाता था।।मुझे बचपन का एक वाक्या याद आ गया।।तब मुझे काफी तेज बुखार था और घर पर कोई नही था।।मेरा बुखार तेज् होता जा रहा था।। उस समय मोबाइल वगैरह की सुविधा नही थी।।पता नही  अपने साईकिल पर मुझे कैसे बिठाया और कैसे मुझे डाक्टर के पास के गई।।वहां  उन के सब्र का बाँध टूट गया और उन का रोना ही बंद नही हो रहा था।।डॉक्टर ने उन के धैर्य की प्रशंसा की और कहा कि मुझे समय पर वो उन के पास ले कर आई।।अगले दिन जब आप कॉलेज गये तो अपने खाली पीरियड्स में अपनी सहेलियों को घर ले आई ताकि मम्मी को काम में मदद मिल सके।।सब काम निपटा कर और सहेलियों को खिला पिला कर वापिस चली गई।।आप को पता था कि मेरे बीमार होने के कारण मम्मी को बहुत मुश्किल हो रही होगी।।
कहते है ना पूत के पाँव पालने में दिख जाते हैं ।   अर्थात किसी व्यक्ति के भविष्य का अनुमान उसके वर्तमान लक्षणों से लगाया जा सकता है।यह हमारी दी पर सटीक बैठता है।।
मेरे कहने का मकसद यह भी है कि खुद तो वो सभी की परवाह करती थी पर यह भावना उन्होंने अपनी सहेलियों में भी डाली।।इसी भावना ने उन्हे आज इस मोड पर् खड़ा कर दिया है कि हम् गर्व से  कहते है कि आप तो बहुत बढ़े  हो गये हो दी।।बस मन में यही टीस उठती कि काश!मम्मी -पापा जो हमेशा यही कहते थे कि यह तो हमारा बड़ा बेटा है ,आज हमारे बीच होते तो देखते कि उन के बेटे ने कितने आयाम हासिल कर लिए है।।
स्मृतियों के पिटारे से एक और बात याद आई।।मै और मेरा बड़ा भाई स्कूल गये हुए थे।।तब बहुत तेज आँधी तूफान आया।।मम्मी तो परेशान हो गये कि बच्चे वापिस कैसे आएंगे।।तभी उन्हे अपने बड़े बेटे यानि कंचन दी की याद आई।।उन्होंने छाता दे कर दी को हमे लाने के लिए स्कूल भेजा ।। हम दोनो भाई बहन उन्हे रोते मिले।।उन्होंने हमे प्यार से सहलाया ।।आंधी बरसात इतनी तेज़ थे कि छाता तो हवा मे ही उड़ गया और दी हमे पता नही कैसे सँभालते हुए सुरक्षित घर ले आई।।
बचपन् की यादे भी बेमिसाल् होती है।।ऐसे ही एक और घटना याद आ गई।।स्कूल के दिनों मे एक लड़का बहुत परेशान करता था।।शर्म और  डर के कारण किसी को नही बता पा रही थी।।दी को पता नही मेरी मनोस्थिति का कैसे पता चल गया।।मुझे प्यार से बिठा कर समझा बुझा कर सब जानकारी हासिल की।।बस फिर क्या था।।दी का पारा सातवें आसमान पर।।कोई जाता कहाँ है उन की बहन को कुछ कह कर।।सीधा उस लड़के के घर पहुंच कर उस के माँ बाप के सामने अच्छी क्लास लगाई और माफी मंगवाई।।
ऐसी थी और ऐसी ही है हमारी प्यारी दी।।

मम्मी को जब कैंसर हुआ तो उन के साथ साए की तरह रही हमारी दी।।इतनी हिम्मत ,इतना धैर्य पता नही ये कहाँ से लाती है।।यह नही कि इंसान की ज़िंदगी में कभी उतार चढ़ाव नही आते पर हम ने कभी भी दीदी के चेहरे पर सिलवटें नही देखी।।हमेशा मुस्कुराता हुआ चेहरा मिलता है उन का।।पता ही नही चलता कि इस मुस्कुराते चेहरे के पीछे भी कुछ राज़ है।।।
दी के लिए मै यही प्रार्थना करूंगी कि परमात्मा उन को तंदरुस्ती और दीर्घायु प्रदान करे।।मेरी उम्र भी उन को लगे ताकि वो ज़्यादा से ज़्यादा निस्सहायों की सेवा कर् सके।।
अन्त में प्यारी दी के लिए कुछ पंक्तियां. ..
जब से तू आई है बहना...
मेरे जीवन में बहार छाई है।।
सिर्फ बहन नही तू ...
मेरे जीवन् की परछाई है।।
एक खूबसूरत नायब...
नज़राना हों तुम।।
मुझे ज़िंदगी जीने का मिला...
एक अर्थपूर्ण बहाना हो तुम।।
मेरे चेहरे पर जो खिले...
वो प्यारी मुस्कान हो तुम।।
सब का दर्द जो बांटे...
ऐसी एक मिसाल हो तुम।।
फलो-फूलो तुम ...
अमरबेल सी बढ़ती जाओ।।
चलो ऐसे ही नेक राह् पर...
लक्ष्य में बढ़ती जाओ।।
भगवान की मुझ पर...
असीम कृपा दृष्टि रही होगी।।
तभी तो उन्होंने तुम जैसी बहन. ..
भेंट स्वरूप दी होगी।।
दिल से निकले यही दुआ अब...
तुम हर जन्म मेरी बहन 
बन आओ बस।।

अनिता चावला (पैगी)
छोटी बहन 
अमृतसर
7986691413
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*अपनी मेहनत से रातों को जागती,
सपनों की उड़ान में खुद को भरती।
समर्पित है वह, काम में सदा,
नारी है वह, अद्भुत बनाये अपनी गाथा।
घर, समाज और देश में उसने अपनी जगह बनाई है।
ऊंचे ऊंचे पद पर बैठी, सम्मान की वो अधिकारी है।
नारी है वह महान ।
कंचन सागर है उनका नाम ।।*
💐
 It’s a blessing to have Kanchan Aunty ji as a mentor in our club as she always gives us inspiration and direction to move forward. We thank her for being such an inspiring and dedicated venerable member of our club and always being there to guide and support us.
Thank you 
Rupali Chopra 
Treasurer
Innerwheel Midtown Panipat 
8850321329
💐
कंचन सागर जी एक सुंदर, सुशिक्षित, सुसभ्य, संस्कारी, समाज में हर किसी से मिलनसार महिला हैं ! समाज में ग़रीब बच्चों को फ़्री शिक्षा हो उनके पालन पोषण की बात हो या अपनी सभी साथी बहनों के प्रति स्नेह भाव हो आप हमारी प्रेरणा और मार्गदर्शक हैं हम धन्य हैं कि हम इस धरा पर आप के समकालीन हैं !
Ashu Nanda
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 आदरणीय राम मोहन राय जी 
नमस्कार 
श्रीमती कंचन सागर जी से मैं 25 वर्षों से जुड़ी हुई हूं 
उन्होंने अपनी जिंदगी की यात्रा में बहुत ही उत्कृष्ट कार्य किए हैं 
वह एक उत्कृष्ट साहित्यकार , सामाजिक कार्यकर्ता एवं कवयित्री है 
नारी कल्याण समिति इनर व्हील क्लब में उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ या यूं कहें कि सर्वोच्च योगदान दिया है 
किसी भी पीड़ित व्यक्ति का दुख उन्हें व्यथित कर देता है 
किसी को इलाज करवाना हो या किसी बच्चे की फीस भरनी है वह कभी भी पीछे नहीं हटती हैं 
वह सभी सदस्यों को अपने साथ जोड़कर चलती है 
वह अपने से छोटे और बड़ों सभी का सम्मान करती हैं सभी से बहुत ही मीठा बोलती हैं
 उनकी तारीफ में कुछ भी लिखना सूरज को दिया दिखाने के बराबर है 
पानीपत में उनको कौन नहीं जानता किसी को अपनी पहचान बनाने में सालों लग जाते हैं लेकिन उन्होंने अपना उत्कृष्ट करते हुए अपने ही दम पर अपनी पहचान बनाई है क्या छोटे क्या बड़े सभी के दिल में उन्होंने अपनी जगह बनाई है 
हम भगवान से प्रार्थना करते हैं भगवान उन्हें अच्छा स्वास्थ्य  एवं लंबी उम्र प्रदान करें जिससे समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन वह इसी समर्पण के साथ करते रहे 
डॉक्टर अंजु गर्ग
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 कंचन जी के बारे मे कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है. कंचन सागर जी से मेरी पहली मुलाकात 1997 मे हुई थी जब हम सबने मिलकर नारी कल्याण समिति की स्थापना की थी. कंचन जी बहुयामी व्यक्तिव की धनी है.वह बीए बीएड हैं.वह सबसें पहले एक टीचर हैं.कंचन जी ने एम.ए.एस.डी पब्लिक स्कूल में टीचर के पद पर कई वर्षो तक काम किया.10वर्ष तक न्यू मधुबन पब्लिक स्कूल,मॉडल टाउन में स्कूल चालाया। नारी कल्याण समिति को एक नयी पहचान दिलायी। कंचन जी के बिना तो नारी कल्याण समिति की कल्पना भी नहीं की जा सकती।कंचन जी इनर व्हील क्लब पानीपत मिडटाऊन की भी फाउंडर प्रेसिडेंट रहीं हैं। हर फील्ड मे इन्होंने अपना परचम लहराया है।सामाजिक कार्यों में कंचन जी हमेशा सबसे आगे रहती हैं।निर्धन लोगों की जी जान से सेवा मे लगी रहती हैं। हम अगर कभी थक कर रुक जाते हैं तो हम सब में एक नये उत्साह का संचार कर देती हैं।कंचन जी हम सब के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं। इनके बारे मे कहा जा सकता है।           
  “मंज़िल उन्हीं को मिलती है।        
जिनके सपनों में जान होती है।                                    पंखों से कुछ नहीं होता होसलों से उद्यान होती है”।

ज्योतिका सक्सेना 
सचिव
नारी कल्याण समिति 
9991517751
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पिछले 40 वर्षो से, सागर परिवार के साथ, उठते बैठते, मैने कंचन सागर को बहुत नजदीकी से जाना है । 

उन के परिवार के हर सुख -दुख में शामिल हो कर,  उन के जीवन में अनेकों उतार- चढ़ाव को,  सच्चे मन से महसूस किया है ।

एक खानदानी, सुदृढ़, मल्होत्रा ​​परिवार में जन्मीं और पली-बढ़ीं,  कंचन सागर बड़ी होकर एक सामाजिक कार्यकर्ता बनीं। विभिन्न स्कूलों में , हजारों बच्चों को  पढ़ाते - पढ़ाते, प्रिंसिपल, व निदेशक  बन कर नामी  स्कूलों का प्रबंधन करने के अनुभव से समृद्ध, कंचन, आर्थिक रूप से  वंचित बच्चों और उनके परिवारों की दयनीय स्थिति को अंतरात्मा से महसूस करती रही ।

अमीर और गरीब के बीच की खाई को भरने की प्रबल  इच्छा के साथ उन्होंने इनर व्हील क्लब की एक जिम्मेदार सदस्य व अध्यक्ष बनकर,  गरीब से गरीब परिवारों की सेवा करते रहने का अभूतपूर्व श्रेय प्राप्त किया । तत्पश्चात,  उन्होंने नारी कल्याण समिति की स्थापना, सदस्यता व कई वर्षो से प्रधान बन, असहाय बच्चो व परिवारों के यथासंभव उत्थान के लिए, ताउम्र, प्रयासरत रही। 

हाल ही में उन्होंने जनता तक पहुंचने, लघु कथाएँ सुनाने और समाजिक समस्याओं  के कार्यान्वित हल आदि इत्यादि के बारे में अपनी लेखनी के माध्यम से,  अपने विचारों और विचारधारा को व्यक्त करने के और भी बेहतर तरीके ईजाद किए हैं।
 सामाजिक समस्याओं से निपटने का समृद्ध अनुभव , देश विदेश में जन जन से सांझा किया है 

उसके दिमाग में जो भी गतिविधि आती है, वह उसमें गहराई से शामिल हो जाती है ।  यहां तक ​​कि अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन की कीमत पर भी, कभी-कभी अपने स्वयं के स्वास्थ्य संबंधी मामलों को भी  नजरअंदाज कर देती है।

हाल ही में उन्हें एहसास हुआ है कि किसी न किसी रूप में समाज की सेवा करते रहने के लिए उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना होगा।

 सर्वशक्तिमान से प्रार्थना करें कि वह जरूरतमंद व्यक्तियों के उत्थान के लिए  अपना अमूल्य , अद्वित्य योगदान देती रहें और चारों ओर सामाजिक मूल्यों में एक स्पष्ट , उदाहरणीय बदलाव लाती रहें।

वीना भाटिया 
पानीपत 
9305511066
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दोस्ती एक नायाब रिश्ता है
इसमें कोई बड़ा छोटा नहीं होता।
दोस्ती तो दिल से होती है
इसमें नफ़ा या घटा नहीं होता।।

किसी ने क्या ख़ूब लिखा है! जिसने भी लिखा है बहुत सही लिखा है। यह सब मेरी प्यारी दोस्त कंचन सागर पर बिलकुल सटीक बैठता है। 
कंचन दी मुझ से कुछ वर्ष ही बड़ी हैं पर जितना उन को समझ पाईं हूँ,वह बहुत ही सरल और ख़ुशमिज़ाज स्वभाव की हैं।
मेरी और उन की मुलाक़ात आज से सत्ताइस वर्ष पहले दादा-पोता शनि मन्दिर में हुई थी।नारी कल्याण समिति तब नईं ही बनीं थी। काम करने का जुनून तब भी ऐसा ही था जैसे अब है।निर्धन कन्याओं के विवाह के सिलसिले में वहाँ बैठक की गई थी। उन्होंने पहले पूरी बात को ध्यान से सुना,कुछ कॉपी पर लिखा और हमें बताया । मैं तो इन की क़ाबिलियत की क़ायल ही हो गई थी। धीरे-धीरे उन को जानने-समझनें लगी। फिर मीटिंग के लिए हमें एक-दूसरे के घर भी आना पड़ा।हम कंचन दी की मम्मी से भी मिलते थे। वह बहुत ही नेक विचारों वाली सम्भ्रांत महिला थीं। हमें प्यार से बैठातीं,
बात करतीं और बिना कुछ खिलाए जाने नहीं देतीं थीं। अपनी मॉं से भी अधिक प्यार करतीं थीं। मुझे लगता है कंचन दी अपनी स्वर्गीय मॉं की ही परिछाई हैं। 
जब मेरी भाभी इस दुनिया में नहीं रहीं तब कंचन दी ने ही सब सखियों को लेकर मेरे घर आना शुरू कर दिया ताकि मैं उदास न रहूँ।
चाहे बच्चों के विवाह हों अथवा कोई दुख की घड़ी आई हो,हमारा साथ और मज़बूत होता गया।
धीरे-धीरे वह कब मेरे क़रीब आ गईं,मुझे ख़ुद भी खबर ही नहीं हुई।हम एक-दूसरे के साथ सभी बातें सॉंझा करते थे।समिति को उन्होंने एक बच्चे की तरह रखा।जब उन पर मुसीबत आई तब हम उन के साथ थे।
हर धूप-छाँव में हम साथ खड़े थे और खड़े हैं।चाहे फ़ोन पर बात न भी हो पर हमें यक़ीं है कि जब भी एक-दूसरे को हमारी ज़रूरत होगी,हम में से कोई भी पीछे नहीं हटेगा।
अब इतना ही कहना चाहूँगी……
“करनी है खुदा से 
गुज़ारिश,
तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले, 
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा, 
या फिर कभी ज़िंदगी न मिले।”

सुमन सिंगला 
नारी कल्याण समिति 
(उप-प्रधान)
+91816-8369742
🙏🏻
 कंचन सागर यह नाम मानस पटल पर आते ही एक कर्मठ समाजसेवी का चेहरा आँखों में उतर आता है 
जिन को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं , उनका नाम स्वयं ही करुणा का पर्याय है I
सदैव सब की सहायता को तत्पर , विशाल हृदय की स्वामिनी , संगठन को एक रखने का हुनर I
अपने तन की परवाह ना कर 37 वर्ष के सेवा कार्य को बिना रुके चलाने वाली आप हम सब के लिए एक मिसाल हैं l
जब मैं इन्नरव्हील कल्ब  पानीपत मिडटाऊन की प्रधान बनीं तब कुछ समय तो अच्छा निकला,फिर मुझे कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा। मैंने कंचन दीदी से सम्पर्क किया तो उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया। तब कोरोना भी बहुत फैला हुआ था। यह बिना डरे मेरे साथ प्रोजेक्ट करतीं रहीं। मैं उस वक्त के इन के साथ को,इन की लियाक़त,इन की हमदर्दी कभी भूल नहीं पाऊँगी।
मुझे हमेशा इन्होंने बड़ी बहन की तरह प्यार किया है।
“काश!ज़माने के रीति-रिवाज में,
हो कुछ बदलाव
बड़ी बहन का मिलता रहे,
ताउम्र प्यारा सा साथ|
 माँ की ममता जैसी दिखाती,
करुणा व दुलार
आप में ही है मिल रहा,
मुझे माँ जैसा ही प्यार।”
प्रभु आप को क्षमता दें और आप 100 बरस तक समाज पर अपना प्रेम लुटाते रहें!

अनीता बत्रा 
+91 92545 86286
🙏🏻
कंचन सागर एक ऐसी शख्सियत हैं  जिनसे कोई एक बार मिल लेता है उन्हें भुला नहीं पाता। मेरा  इनका साथ २०-२२ वर्ष से है। ये नारी कल्याण समिति चलाती है जिसकी वजह से मैं इनके सम्पर्क में आई वैसे मैं इनको जानती तो उससे भी क ई वर्ष पहले से हूं। मेरे पति और इनके पति बचपन के दोस्त है इनमें समाज सेवा करने का जनून है जो कि उम्र के साथ साथ बढ़ता चला गया। मैंने यह देखा कि जैसे जैसे उम्र बढ़ती गई इनमें शरीर में बहुत सी प्रोब्लम आने लगी लेकिन इन्होंने काम की लग्न में हैल्थ को इग्नोर कर दिया चाहे इनकी बाजू में प्लास्टर लगा हो ये फिर भी अपने काम में रुकावट नहीं आने देती । अपनी हिम्मत और लगन से सारे काम पूरे करती है इनकी लगन देखकर हम सब प्रेरित होते हैं और इनके जज्बे को सलाम करती हूं।
नीलम मेहता
[3/11, 8:37 AM] Ram Mohan Rai: मेरी छोटी मॉं यानि कंचन दीदी,

अनुराग निस्वार्थ प्यार की,
आप सुंदर मिसाल हो
वक़्त-बेवक्त बन रहगुज़र,
दिखती एक सिपहसलार हो
क्षितिज के उस पार दूर,
जब आसमां में मद्धिम रोशनी छा जाए
भोर की सुनहरी किरणों में,
बड़ी बहन दिखती आशा की आस पुकार हो।
भगवान भी बहुत समझदार है।
उसे पता है कि माँ के जाने के बाद बच्चों को उस की कमी बहुत खलेगी।तभी तो माँ वाले सारे गुण बड़ी बहन में डाल दिये।बड़ी बहन का प्यार भरा हाथ जब सिर पर होता है तो लगता है कि सब ठीक है।ऐसा लगता है कि बड़ी बहन कह रही हो “-घबरा क्यों रहा है पगले - मैं हूं ना।”

जब मैं मुड़ कर देखता हूँ तो याद आता है कि जब मैं छोटा था एक-दो वर्ष के करीब तो दीदी मुझे ऊपर उछाल रही थी।मैं भी खिल   खिला कर हंस रहा था।तभी अचानक से मैं धड़ाम नीचे गिर गया।मेरी तो सांस ही रुक गई थी।मम्मी भाग कर आई।उन के तो होश ही उड़ गये।दीदी को खूब डांट पड़ी।दीदी भी बहुत रोई।हम सब भाई-बहन दीदी को चुप कराने लग गये।दीदी दौड़ कर घर के मंदिर में गई और मेरी तंदरुस्ती की प्रार्थना करने लगी।इधर मम्मी भी मेरी पीठ पर ज़ोर से थपथपाने लगी।तब सब की सांस में सांस आई जब मैं रोने लगा।दीदी ने भी परमात्मा का शुक्रिया किया।ऐसा बड़े होने पर मम्मी ने मुझे बताया था।

बड़ी बहन को माँ का दर्जा ऐसे ही नहीं दिया जाता।माँ भी बड़ी बहन होने के कारण निश्चिंत हों जाती थी क्योंकि उन्हें पता होता था कि दीदी सब संभाल ही लेगी।
सब से छोटा होने के कारण दीदी ने मुझे बेटों जैसा प्यार दिया।
बचपन में खाने,पिलाने और पढ़ाने की ड्यूटी दीदी की होती थी।यह तो मुझे याद है कि मुझे खाना खिलाते समय चम्पक,चन्दामामा,पराग आदि से कहानियाँ ढूंढ-ढूंढ कर सुनातीं थीं ताकि मैं कुछ खा लूँ।
आज भी उम्र के इस पड़ाव में पहुंच कर भी मुझे उन की जादू की झप्पी बहुत सुकून देती है।
ऐसी बहुत सी घटनाएँ मेरे जीवन में घटीं थीं। कितनीं मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।पर दीदी हमेशा मेरे साथ रहीं। 
एक बार मेरी आँख में दाना निकल आया।जो धीरे-धीरे इतना बड़ा हो गया कि ऑंख ही बन्द हो गई थी। बहुत इलाज करवाने पर भी ऑंख नहीं खुल रही थी।उस की सूजन कम ही नहीं हो रही थी।मॉं ने वैष्णों देवी नंगे पॉंव दर्शन करने की मन्नत माँगी और वह थोड़ी-सी ही ऑंख ठीक होने पर वैष्णों देवी नंगे पॉंव गई।तब भी दीदी ने हम सब भाई-बहनों का और हमारे पापा का पूरा ध्यान रखा। 
मैं जब स्कूल जाता तो दीदी ही मुझे तैयार कर के स्कूल भेजती थी। रिक्शा वाले को चाय पिलाती,बिस्कुट खिलाती ताकि मैं यूनीफार्म पहन कर तैयार हो सकूँ।
एक रोचक वृतान्त अब याद आ रहा है।
जब दीदी की बारात आई तब मुझे इतनी समझ नहीं थी कि दीदी पराए घर जा रही थी,
मैं और मेरा कज़िन भाई,हम दोनों बारात के आगे बहुत नाचे और नाचते-नाचते घर तक आ गए।घर पहुँचने पर सब बहुत हंसे थे।ज़िद कर के मैं भी दीदी के ससुराल गया था।
एक बार बहुत मुश्किल में हमारा परिवार आ गया था।तब दीदी ही थी जो ढाल बनकर हमारे आगे खड़ी थी। दीदी और उन की सहेलियाँ मिलकर तब डी एस पी के ऑफिस गईं थीं और धरना कर के प्रदर्शन किया था।
बहुत कुछ है लिखने को…..
मैं निशब्द हूँ……
अपना सर झुकाता हूँ इस पुण्यात्मा पर…..!
एक बेटे की तरह उस ने घर को सम्भाला।
 हर पग पर आगे बढ़तीं रहीं……. मॉं-बाप की लाड़ली…..मेरी छोटी मॉं!
जुग जुग जियो मेरी प्यारी दीदी।
स्वस्थ रहो और समाज की सेवा यूँही करती रहो।
सोचता हूँ क्या सोच,
खुदा ने रिश्ते बनाए होंगे
किस को किस घर में,
भेजने की जुगत लगाई होगी
मुझे अच्छा है लगता मेरे घर पर,
उसकी मेहरबानी रही होगी
बड़ी बहन के रूप में उसने,
ममता की मूरत सजाईं होगी।

जतिन मल्होत्रा (बिट्टू)
पानीपत
+919930700077
🙏🏻
मेरी प्यारी सखी कंचन सागर जी,
हौंसले बुलन्द कर,
रास्ते पर चल दे,
तुझे तेरा मुक़ाम मिल जाएगा।
बढ़ कर अकेला ही तू पहल कर,
 देख कर तुझको तेरा काफ़िला ख़ुद बन जाएगा।
उपरोक्त पंक्तियाँ, मेरा विश्वास है कि ये कंचन सागर जी के लिए ही लिखी गई हैं।मन में दूसरों के लिए करूणा, दया-भावना और सदैव सहायता करने के लिए तैयार…इन्हीं गुणों से भरपूर यह महान व्यक्तित्व। 
मुझे कंचन सागर जी से मिलने का सौभाग्य वर्ष 1982 में केंद्रीय विद्यालय एन एफ एल, पानीपत में हुआ था जहाँ पर केंद्रीय विद्यालय में मेरी पहली ज्वाइनिंग थी।मुझे यह बहुत ही सहज,सौम्य और प्रसन्नचित लगीं जिससे मैं बहुत प्रभावित हुई।मैं एन एफ एल कैंपस में रहती थी और कंचन जी मॉडल टाउन में।उस समय जी.टी.रोड वनवे ट्रेफिक नहीं थी,केवल एक सिंगल रोड थी।आने जाने का साधन रिक्शा थी।इस रोड पर आए दिन दुर्घटनाएँ होती थी फिर भी हम स्कूल के अलावा घर पर अक्सर मिलते थे। वर्ष 1983 में मैंने सी  सेक्शन से नारायण दत्त हस्पताल में अपनी बेटी को जन्म दिया।मेरी वृद्धा माँ मेरे साथ थीं। मेरे पति को एक दो दिन बाद ही वापिस दिल्ली जाना पड़ा।वह एम टी एन एल में कार्यरत थे।हस्पताल में मेरी कोई कैंटीन अथवा खाने पीने की व्यवस्था न थी।मुझे अपने से ज़्यादा अपनी माँ की फिक्र थी।एन एफ एल कैंपस वहाँ से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी था।एक दिन मुझे हस्पताल में कंचन जी देखने आयी और उन्हों ने महसूस किया कि वहॉं खाने पीने का कोई प्रबंध नहीं था। तब से लेकर प्रतिदिन वह अपने नौकर के हाथ हमें खाना सूप इत्यादि लगभग 10 दिन तक लगातार भेजती रहीं।मैं बिस्तर पर लेटे लेटे यही सोचती कि यह देवदूत किस तरह निस्वार्थ सबकी सेवा करती है।मैं इन का उपकार कैसे चुका पाऊँगी।मन में हमेशा मैं इन्हें दुआएँ देती कि यह अपने परिवार के साथ हमेशा ख़ुश रहें।    काफ़ी समय के बाद मेरी ट्रांसफ़र देहली हो गई और कंचन जी जॉब से रिलीव हो गईं। फिर हमारा मिलना बन्द हो गया। 
कंचन जी ने समाज सेवा को अपना लक्ष्य बना लिया। हमारा फ़ोन से सम्पर्क भी छूट गया।
मेरे पति कोविड के कारण स्वर्ग सिधार चुके चुके थे।मैं बहुत दुखी और उदास रहती थी।
कोविड के दौरान ही एक दिन मुझे कंचन जी का फ़ोन आया। मुझे तो समझ ही नहीं आया कि यह कैसे सम्भव हो पाया। मुझे कंचन जी ने बताया कि उन्होंने कईं जगह और कितने ही केन्द्रीय विद्यालयों में सम्पर्क कर के मेरा नम्बर ढूँढा था। यह मेरे लिए आश्चर्य मिश्रित ख़ुशी थी।फिर इन के व्हसएप पर नित्य नए साहस वर्धक सुप्रभात कोट्स और मेरे बच्चों ने मुझ में जीवन के प्रति फिर से रूचि स्थापित की जिसे मैं अपने पति की मृत्यु के साथ खो चुकी थी।मुझे जब भी कंचन जी के बारे में और उनकी निस्वार्थ कामों के बारे में पता चलता है तो मन में गर्व की भावना आती है। डेटॉल पर इनका चित्र देखकर बहुत प्रसन्नता हुई थी।यूट्यूब पर उनकी कहानियाँ अत्यंत भावप्रद होती हैं जो समाज को सच का आइना दिखाती हैं।ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दीर्घायु हों और हमेशा स्वस्थ तथा प्रसन्न रहे! इसी तरह अच्छे कार्यों में लगी रहें! वह नित नईं ऊँचाइयों को छूएँ!
बहुत कुछ है मेरे दिल में,
शब्दों में उकेरना बहुत मुश्किल है।
  अंत में उन के सुखद भविष्य की कामना करते हुए निम्न पंक्तियाँ उन के लिए कहना चाहूँगी ……
बुलंद हैं तेरे इरादे हिम्मत भरी तेरी मुस्कान है 
तूं ही है कल का सूरज तुम ही जग की शान है॥
हौंसले बुलंद एक और       हिम्मत जुटाये रखना
ये सिर्फ़ तेरी मंज़िल नहीं 
बहुत से लोगों का अरमान हैं ॥

मैं माता सीता रानी सेवा संस्था का दिल की गहराइयों से धन्यवाद करतीं हूँ कि उन्होंने मेरी सखी कंचन सागर जी को इतना मान दिया।यह हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है।
आप को हार्दिक शुभकामनाएँ जी!

पामीला नागपाल गुरुग्राम
 फ़ोन नंबर:
9868176101
🙏🏻
Mrs Kanchan Sagar is the most prominent personality in Panipat. I know her from the very beginning almost of 1978. She has vision of education and as well as social worker. The goal of education is to be intelligence and character with value of life.
Education is the only golden key for the betterment of needy,upliftment and growth of society. 
Kanchan Sagar is always ready to help needy people,plantation of trees, distribution of books,notebooks,pencils, pens,
notebooks, clothes, woollens, sweaters, organising medical camps,blood donation camps etc.for the poor people.
May God bless her all happiness with and good health!
May God shower his choicest blessings for her bright future!

with regards, Veena Khanna.
Panipat 
+91 98968 86191
🙏🏻
 मैं सोनू और मेरी वाइफ स्मिता कंचन आंटी से हम लोग दुबई में मिले थे। जब वह दुबई घूमने आए थे । वह पूरी फैमिली के साथ आए थे तो तो उनसे हमारी मुलाकात हुई जब मेरी मुलाकात हुई उनसे बातचीत हुई तब उनसे एक अपनापन का एहसास हुआ और तब से ही हमारा एक रिलेशंस अच्छा सा बन गया। जो मां बेटे जैसा है तो जब भी हम इंडिया आते हैं, उनके घर पर जाते हैं। उनकी उपलब्धियां देखकर हमें बहुत गर्व महसूस होता है कि उन्होंने हर क्षेत्र में बहुत सारे अवार्ड लिए हैं।कंचन आंटी एक्चुअली मेरे लिए मेरी आदर्श है। उनको देखकर  एहसास होता है कि वह  शुरू से लेकर इस उम्र तक अभी तक वह पूरी समाज सेवा में लगी है। इतने अवार्ड जीत चुकी है, लेकिन उन्हें इस चीज का कभी भी गर्व नहीं रहा है और हर किसी के साथ में वह प्यार से ही मिलती है। प्यार से ही जवाब देती है और हर टाइम किसी भी गरीब की मदद करने के लिए हरदम तैयार रहती है।अभी भी जब हम दुबई से उनको कॉल करते हैं। तो उनकी आवाज सुनकर हमें इतनी मोटिवेशन मिलती है। एक्चुअली उनकी आवाज में इतना प्यार और रिफ्रेशमेंट होता है कि हम लोगों को वह सारे गम भुला देकर और उपलब्धियां हासिल करने के लिए हमें प्रोत्साहित करती हैं।अभी भी इस उम्र में आंटी जी ने अपनी उम्र को अपने काम पर हावी नहीं होने दिया है। अभी भी जब भी कोई प्रोग्राम होता है वह उसमें बढ़ चढ़ के हिस्सा लेती है और लोगों को प्रोत्साहित करती है और मोटिवेट करती है कि वह समाज सेवा में जुड़े अच्छे काम करें और अपना आगे होकर हंड्रेड परसेंट वह हर काम में देती है तो उसे हम लोगों को भी बहुत मोटिवेशन मिलता है।
सोनू ताक,
दुबई
🙏🏻
 सम्मानीय कंचन सागर जी,
आपसे अपना अनुभव साँझा करते हुए मुझे सच में गर्व की अनुभूति हो रही है ! आपको बताना चाहूँगी 2017  में जब मैंने इन्हें देखा तो इनकी प्रथम छवि में ही ममता के इतने भाव दिखे कि मैं अपने आप को रोक नहीं पायी और मैंने तुरंत इनके क़रीब जाकर बोला कि क्या मैं आपको माँ कह सकती हूँ ? यक़ीन मानिए वह दिन मेरी ज़िंदगी का सबसे ख़ास दिन था क्योंकि एक बिन माँ की बच्ची को माँ मिल गई और आज क़रीब 7 वर्षों बाद भी मैं अपनी माँ के आँचल में प्यार की अठखेलियों में झूल रही हूँ  ! इस प्यार की मूरत ने मुझे इतना अपनापन , दुलार और स्नेह दिया कि मैं अपनेआप को सौभायशाली समझती हूँ कि इस घोर कलयुग में भी मुझ बिन माँ की बच्ची को ममतामयी माँ मिली । लाड़ और प्यार के साथ साथ मैंने माँ से सीखा सेवा और समर्पण।जी, हाँ ,ज़रूरतमंद और असहाय व्यक्तियों की मदद करना ! इसी का एक उदाहरण देना चाहूँगी।कंचन माँ हमेशा अपने माता-पिता की पुण्यतिथि पर सरकारी स्कूलों में स्वेटर एवम् टाट-पट्टी वितरित करती हैं और इस पुण्यकर्म में मैं हमेशा अपनी माँ के साथ रहती हूँ और इसके साथ-साथ माँ एक बार हॉली अपना स्कूल के बच्चों को पिकनिक पर भी लेकर गयीं जिसमें सभी बच्चों ने भरपूर आनंद लिया।
पार्क में हॉली अपना स्कूल के विद्यार्थियों को जर्सी वितरण,
स्टेशनरी,फ़ीस आदि 
ऐसे सैकड़ों उदाहरण है जिनकी वजह से आज  माँ शब्द परिपूर्ण होता है।
आभार व्यक्त करना चाहूँगी माता सीता रानी सेवा संस्थान का जिन्होंने मुझे माँ के बारे में बताने का मौक़ा दिया !

रजनी बैनीवाल 
पानीपत 
8295617666
🙏🏻
I just want to thank you for doing what you do to enrich the lives of others, make others’ lives better, and going out of your way to help everyone. You are essential to our communities and our well-being. You have been breaking systemic boundaries for decades. You are amazing. 
Your tireless work and dedication to supporting those in need do not go unnoticed. Thank you for everything.
You are true inspiration for young ones..  
love 
Mini
🙏🏻
कंचन सागर….मेरी मौसी सास

शादी के बाद एक लड़की को एकदम नया वातावरण मिलता है।कितने नये नये रिश्ते बन जाते है्।एक बेटी के रिश्ते के बाद बहू, मामी,चाची,भाभी और भी क्या क्या बन जाती है।मन में बस यही होता है कि मैंने सारे रिश्ते बड़ी निष्ठा से निभाने हैं और सब को बहुत प्यार देना है और प्यार लेना भी है।

इस सम्बन्ध में मैं सच में बहुत ख़ुशक़िस्मत हूँ क्योंकि मुझे इतना प्यार करने वाला परिवार मिला।और तो और कई रिश्तों से मैं तो एक दो बार ही मिली हूँ पर ऐसा लगता है कि पता नहीं कितना पुराना हमारा रिश्ता है।जी हां,मै कंचन सागर जी की बात कर रही हूँ ।कहने को तो यह मेरी मौसी सास है और  अपनी शादी के पाँच साल में सिर्फ दो बार ही मिली हूँ इन से ।पर ऐसा लगता है कि हम दोनों का कोई पिछले जन्म का रिश्ता है।
इतना अपनापन मौसी माँ से मिला कि मैं बता नहीं सकती।इतना ना मिलने के बावज़ूद मैं घंटों उन से फोन पर बात कर सकती हूँ ।उन के अद्भुत हुनर को मेरा सलाम।सच में उन से बहुत कुछ सीखना  है मैंने।

मौसी माँ आप पर बहुत कुछ लिखने को मन करता है ।पर आप की शख्सियत पर लिखना तो ऐसे है जैसे सूरज को दीपक दिखाना।फिर भी मैं कोशिश करती हूँ।

आप एक साहसी, हंसमुख और संतुष्ट घर की मालकिन हैं, जो हमेशा हमारे दिलों में बसती हैं।

आप मेरी सहेली, माँ, और दोस्त हैं, आप सभी रिश्तों का खुशनुमा संयोग हैं।

आप एक चमकता हुआ सितारा हैं, जिसकी रोशनी मेरी जिंदगी को संवारती है।

आप एक दूरदर्शी व्यक्तित्व हो, जो हमेशा सब के अच्छे के लिए सोचती है।

आप मेरे लिए शिक्षक, मेंटर और गुरु हैं।

आप का एक महान व्यक्तित्व है जो सभी को सम्मान और स्नेह से प्रेरित करता है।

आप हमेशा मेरे जीवन में ऊर्जा और सकारात्मक सोच की बौछार करती रहती हो।

आप एक आदर्श माँ हैं, जो एक आदर्श परिवार बनाने में सफल हैं।

पहले मैं माँ के होने से सौभाग्यशाली थी और अब दुबारा सासू माँ और मौसी मां के मिलने से सौभाग्यशाली हुई हूँ ।

प्रभु से अब यही प्रार्थना है कि आप सेहतमंद रहें,हमेशा ज़रूरतमंदों की मसीहा बनीं रहें।

रोहिनी चावला
पुत्रवधु 
अमृतसर
9780730860
🙏🏻
🌷Kanchan Sagar ji 🌷

 I met Mrs.Kanchan Sagar in 2003 at a District Conference in Jagadhri . Her dynamic personality is very impressive. In the year 2013-14 , when I became the InnerWheel District Chairman, I made her the Zonal Club Councellor, She truly lived up to our expectations. She organised a huge successful Zonal Holi celebration in the same year.
She is a very hard-working and jovial personality who always lives by her own principles and achieves whatever stepping stones come her way . I would like to congratulate the  charter President of Inner Wheel club Panipat Midtown.You’re one of a kind and deserve everything that this special day brings! my heartiest wishes on her birthday and wish her a long and happy life. 

🌹🌹💕💕🌺🌺
फूल खिलते रहें ज़िंदगी की राह में,
हँसी चमकती रहे आपकी निगाह में,
कदम कदम पर मिले खुशी की बहार आपको,
दिल ❤️ देता है यही दुआ बार-बार आपको.
🎂🎂🎂🎂🎂🎂
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!
Regards
Shalini Chaudhry 
Past District Chairman 
InnerWheel District 308 💕💕
🙏🏻
मौसी यानि माँ जैसी।
सच में मौसी माँ जैसी ही होती है या यूँ कहिये कि  माँ से भी बड़ कर होती है।
जो बात आप माँ से नहीं कर पाते,कोई बात नहीं ,मौसी तो है ना।
बेहद अनमोल रिश्ता!जिस में बात करने से पहले सोचना नहीं पड़ता।
मैं इस मामले में खुद को बहुत किस्मत वाली समझती हूँ कि मुझे कंचन सागर मौसी के रूप में मिली।
प्यार की मूर्ति,निश्छल,
निष्कपट ।ना जाने अपने आँचल में कितने सर्वगुण सम्पन्नता के मोती लिए बैठी है।
मेरी प्रभु से यही विनती है कि मेरी मौसी को तंदरुस्ती और लम्बी उम्र दे!

कहने को तो मौसी है,
पर माँ जैसी होती है।।
माँ के जैसे ख्याल रखती,
माँ के जैसे प्यार लुटाती है।।
बिना कुछ कहे हर बात जानती,
अपनेपन का अहसास करवाती है।।
हर सुख दुख् को वह जानती,
आँसुओं में मुस्कान लाती है।
हर ज़िद को वो पूरा करती,
हर गलती को माफ़ कर देती है।।
कभी सहेली बन कर समझाती, 
कभी माँ बन कर डांटती है।।
प्यार वह माँ जितना करती,
दुआ भी माँ जैसे करती है।।
इसलिए तो कहते है कि, 
मौसी माँ का ही दूसरा रूप होती है।।

हम माता सीता रानी सेवा संस्था के आभारी हैं जिन्होंने हमारी कंचन सागर मौसी को एक और पहचान दी जो वर्षों तक याद रखी जाएगी।

जैस्मिन खुराना 
भांजी
फरीदाबाद
+91 98126 90400
🙏🏻
 कंचन दीदी जिनके दिल के करीब तो मैं बरसों से हूं, पर ऐसा लगता है कि इनमें कुछ अलग ही तरह की शक्ति भगवान ने दी है जिससे वह इतना सब कर पाती हैं वरना कोई एक इंसान समाज के लिए इतना सब कैसे कर सकते हैं, इस बात का विश्वास करना बहुत मुश्किल है।इतना समर्पित,इतना प्यार करनें वाला,इतना ध्यान रखनें वाला, कभी भी कोई अनुरोध करो उसी  समय तैयार। कुछ भी कमी नहीं , कभी भी नहीं रुकना, कभी तबीयत खराब हुई तब भी आगे बढ़ीं, कभी कुछ भी हुआ,
बारिश,आंधी, तूफ़ान,तब भी एक राही है हर किसी का ध्यान रखनें वाली —— वह है कंचन सागर।
कंचन सागर मात्र एक व्यक्तित्व ही नहीं,एक सोच है।कहते हैं सेवा का गुण व्यक्ति विशेष में जन्म से आता है , कुल  का असर होता है 
कंचन सागर जी ने यह गुण अपनी माँ से पाया है।
प्यारे से,मीठे से व्यक्तित्व वाली, उन बुज़ुर्ग महिला का स्नेह , उनके सेवाभाव से ही उत्पन्न हुई हैं हमारे क्लब की भीष्म
पितामह कंचन सागर।80 के दशक से ही रिक्शा पर पेड़-पौधे लाद कर जगह-जगह लगाती कंचन सागर, 90 के दशक से घुमन्तु बच्चों को पढ़ाती कंचन सागर , कन्या विवाह , गरीबों के इलाज के लिए घर-घर से सहायता लेने वाली कंचन सागर।
 संगठन बनाना बहुत आसान है परन्तु निर्विघ्न चलाना बहुत बड़ा काम है.
मुझे खुशी है कि मुझे इनका साथ मिला हम सब मिलकर इसी तरह काम करते रहे यही प्रभु से प्रार्थना है।
कंचन दीदी हम सब के लिए प्रेरणा ही नहीं बल्की मार्गदर्शक भी हैं। अपनों का साथ इसी तरह बना रहे और स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहे,हमारी इनके लिए यही शुभकामना है! इतनी ही शक्ति के साथ यह काम करतीं रहें!

योजना रोहिला 
नारी कल्याण समिति,
पानीपत 
8708779804
🙏🏻
 Dear Kanchan my childhood friend,
  I miss u so much. You are always in my heart though we did ‘n meet for the last so many years.In 1962,we were in class 6th ,you a little girl was very cute with two long plats controlling the boys with a stick in ur hand.You had the leadership qualities from the beginning. I feel proud that you are my friend, you were the monitor of our class .I did my 7th-8th class in Roper then 9th-10th in Nilokheri.Again we met in class 11th then after B.sc, we joined Hobby class mainly Doll Making at ur Home. Sudesh Ganotra,me and  you enjoyed a lot at that time. Memories are alive of that time….
I remember your sisters Manju and Peggy, we had great fun at that time and of course love of your dear mother when I used to come to your parental sweet home in Model Town. Her blessings are always with you.May her soul rest in peace!God is with you!
I remember ur sisters Manju and Peggi we had great fun at that time and of course love of ur mother when I used to come ur sweet home in Model Town Her blessings are always with you May her soul rest in peace God is with you My Best wishes are always with u I am proud of you.
Kanchan, after marriage,I gave birth to my daughter on 1 July 1976 
at Red Cross Bhawan and got relieved on 8 July 1976 and the same day you gave birth to a son. Do you remember that room was allotted to you and I was relieved from that room. I kissed you on your forehead. This was the only meeting after marriage. My bhabhi used to tell me that you always asked about my family. Then we started gossiping on phone and online. I always miss you and your love.Although we could not be able to meet eachother bt hope to meet soon physically. I see you on social media oftenly.We are so lucky to have each other.
With Love.

Sunila Sharma
(Childhood friend)
Kurukshetra 
9996127155
🙏🏻
 मैं वनिता राय माता रानी सेवा संस्था का दिल से आभार प्रकट करती हूं जिन्होंने श्रीमती कंचन सागर के जीवन को अभिनंदन ग्रंथ का रूप देने का बीड़ा उठाया है।श्रीमती कंचन सागर का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। अपना पूरा जीवन इन्होंने समाजिक कार्यों के नाम कर दिया है। विशेषकर महिलाओं के उत्थान के लिए तो ये सदा तत्पर रही हैं। पेशे से शिक्षिका होने के साथ साथ ये एक उच्च कोटि की कवयित्री भी हैं। जापान से प्रकाशित होने वाली पत्रिका गूंज की संपादक  नियुक्त की गई हैं।
          इनके दामन में कई राष्ट्रीय, प्रांतीय तथा स्थानीय पुरस्कार हैं। कई संस्थाओं से जुड़े होने के कारण समाज में एक विशेष स्थान रखती हैं। इनका पूरा परिवार भी इनके साथ सामाजिक उत्थान के कार्यों में संलिप्त है। 
          मेरा कंचन दीदी के साथ बहुत पुराना एवं मधुर संबंध है। ईश्वर से में यही प्रार्थना है कि वे हमेशा ऐसे ही दूसरों की भलाई करती रहें । भगवान से उनके शतायु होने की कामना करती हूं।
वनिता राय
अंबाला शहर
Ph 9467195540
🙏🏻
 प्रिय बड़ी दीदी के बारे कुछ लिखने का सुनहरा अवसर मिला।इन गुणों की खान के बारे मे लिखने के लिए तो लगता है कि स्याही ही कम पड़ जाएगी।

बड़ी दीदी यानि मेरी पत्नी की बड़ी बहन कंचन सागर। 
जिन में गुणों का सागर हिचकोले मारता रहता है।बड़ी होने के कारण यह दीदी कम माँ ज्यादा लगती हैं।कोई भी दिन त्यौहार हो,यह कभी हो सकता है कि दीदी की शुभकामनाएँ  ना आए।
हर सुख-दुख की प्यारी सी साथी हैं आप।आप से बहुत कुछ सीखा है और बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है।
हर काम को निपटाने का अनोखा हुनर है आप में दीदी माँ ।

आज आप ने जो मुकाम हासिल किया है 
वह हमें गर्वित महसूस  कराता है। आप वास्तव में मेहनती और दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत हो।

आप ने साबित कर दिया है कि सपनों को हक़ीक़त में बदलने के लिए सिर्फ सही मेहनत ही काफ़ी है।आप से यह सीखा है हम ने कि हमें संघर्ष में हार नहीं माननी चाहिए और आत्मविश्वास के साथ-साथ सफलता के लिए सच्ची प्रतिबद्धता होनी बहुत ज़रूरी है जोकि आप में कूट-कूट कर भरी है।

अंत में मैं यही कहूंगा कि तारीफ़ों की कमी नहीं है तभी तो शुक्रगुजार हूँ माता सीता रानी सेवा संस्था का 
जिन्होंने आप की प्रतिभा को पुस्तक का रूप दे कर अविस्मरणीय बना दिया है।मेरा सादर नमन उन को।

हरीश चावला,
जीजा श्री,
अमृतसर
9888115398
🙏🏻
 दादी,अभी मै सिर्फ दो साल की हूं।मुझे अभी इतनी समझ नही है।पर मुझे इतना पता है बड़े हों कर जब मै आप पर लिखी पुस्तक पढूंगी तो मम्मा को इतना ज़रूर कहूंगी कि मैने भी कंचन दादी जैसी समाज सेविका बनना है।
और उन जैसा ही जज्बा अपने अंदर लाना है।
मुझे अपना आशीर्वाद दोगी ना दादी।

एलसा चावला
पोती
अमृतसर
7986691413
🙏🏻
I know Mrs. Kanchan Sagar since her college days .Hers is a multifaceted  personality excelling in all walks of life .Besides discharging her responsibilities nicely ,she worked as a successful  teacher .She has wonderful  knack of connecting with people which made her prominent  social activist , helping the poor n the downtrodden.She is dynamic,vibrant,affable,gentle,compassionate and very respectful.Her efforts know no bounds. She seems to believe in the dictum "to seek ,to find and not to yield. She has a lovely family.
I wish her much more success and glory in life!

Avinash Sharma
Retd.Lecturer of English 
Panipat
9896775064
🙏🏻
 Ms.Kanchan Sagar

Since I have known Ms.Kanchan Sagar more than four decades.
Practically we started social journey and she proved herself a committed and dedicated social worker. She has been always ready to work for a cause which matters for the upliftment of underprivileged and downtrodden society. She is full of energy and always ready to work at any given time. 
I have enjoyed being a part of so many projects with her in the past which were fulfilling to the body,mind and soul.
I wish her a happy and blessed life ahead.

Dr.D.K.Arora 
Arora Psychiatric Nursing Home 
811 Model Town,
Panipat.
Contact No: 9812021177
🙏🏻
कंचन - मेरे बचपन की प्यारी सखी
जैसा नाम वैसा गुण।
सब को अति प्रिय ।
कुछ एक शब्दों में किसी के बारे में सब कुछ बताना बहुत कठिन होता है।फिर भी मैं आप के साथ कुछ एक बातें शेयर करना चाहूँगी।
कंचन में नेतृत्व के गुण शुरू से ही थे।जब हम चतुर्थ कक्षा में थे तब वह क्लास की मॉनीटर हुआ करती थीं। पूरी कक्षा को अनुशासन में रखती थी। दो चोटी में प्यारी सी कंचन मुझे याद है।हालाँकि आज भी वह वैसी ही है प्यारी-सी दोस्त और बच्चों की प्यारी भोली-भाली दादी मॉं।
इस की कुछ बातें अभी भी मेरे मानस पटल पर पूरी तरह से अंकित हैं।
 मेरे घर पर हर सप्ताह सत्संग होता था।कंचन अपनी मम्मी को लेकर हमारे घर अवश्य आती।हम फिर सारी संगत को प्रसाद बॉंटने लग जाते।बड़ा मज़ा आता था।
दूसरा इन्सीडैंट यह कि मेरा विवाह इस के विवाह से पहले हुआ था। जब हम इन के विवाह में शामिल होने आए तब बारात नहीं आई हुई थी। मैं कंचन को मिलने अन्दर गई तो देखा कि वह पुराने कपड़ों में ही बैठी थी। क्योंकि इस की ब्युटीशियन किसी कारण वश नहीं आ पाई थी। बस फिर क्या था? आंटी यानि कंचन की मम्मी ने मुझे तैयार करने को कहा।तब मैंने ही कंचन को तैयार किया,उसे दुल्हन बनाया।बहुत सुन्दर लग रही थी वह।
फिर एक बार विवाह के कुछ महीनों बाद मैं उन के घर गई। हम बचपन की बातें कर के हंस रहे थे तभी दरवाज़े की घन्टी बजी।मैंने देखा कि एक रिक्शा वाला आया था। कंचन ने उस को पैसे और खाने पीने का सामान दिया। सड़क पर चलते हुए जब भी उस को कोई ज़रूरतमंद नज़र आता,वह उस की मदद अवश्य करती। 
मुझे बहुत अच्छी तरह से याद है जब उस का पहला बेटा हुआ तब उस के छोटे भाई बिट्टू ने मुझे फ़ोन कर के कहा था कि सुदेश दीदी,मैं पापा बन गया। मैं बड़ी हैरान कि यह कैसे हुआ। बिट्टू तो बहुत छोटा था।फिर समझ आया कि कंचन के बेटा हुआ था। वह इतना उत्साहित था कि ख़ुशी से बोल गया।
कंचन… 
तुम जुग जुग जियो,
इसी तरह समाज की सेवा करो।
समाज को तुम्हारी अत्यन्त आवश्यकता है।
प्यार और शुभकामनाओं सहित,

तुम्हारी अभिन्न मित्र,
सुदेश आहुजा 
शिमला 
9805916129
🙏🏻
कंचन सागर एक दयालु व्यक्ति, एक शिक्षक, एक मार्गदर्शक, एक कवि, दार्शनिक और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं.
उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी यात्रा तब शुरू की थी जब वह बहुत छोटी थीं. पिछले 30 वर्षों से वह निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा कर रही हैं। उन्होंने सभी क्षेत्रों में कई पुरस्कार जीते हैं।

आज जब वह 70 वर्ष पूरे कर रही हैं, तो मुझे गर्व है कि मुझे आंटीजी के लिए लिखने का अवसर मिला। मैं उनके साथ काम करके हर दिन बहुत कुछ सीख रही हूँ ।

उन्होंने 26 साल पहले इनरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन की शुरुआत की थी और आज तक वह इसे उच्च मानकों पर लाने के लिए दिल और आत्मा से काम कर रही हैं।

इसके अलावा वह नारी कल्याण समिति जैसी कई अन्य समितियों की सक्रिय सदस्य हैं।

उनका शांत, हँसमुख स्वभाव हमेशा चारों ओर मुस्कुराहट लाता है।

भगवान उन्हें लंबी उम्र का आशीर्वाद दें और भविष्य में और भी अधिक ख्याति प्राप्त करें

स्वाति गोयल
🙏🏻
 मान्यवर वैसे तो आपने इस लघु परिचय में संक्षिप्त रूप से लगभग सबकुछ बता दिया है समाज सेविका के रूप मे मै उनको काफी समय से जानती हूं पर व्यक्तिगत रूप से मेरा उनसे परिचय क्रोना काल से हुआ जब उन्होंने विश्व कल्याण के लिए हमें श्री हनुमान चालीसा पाठ से जूम के माध्यम से जोड़ा तबसे प्रतिदिन इतनी व्यस्त दिनचर्या के बाबजूद यह पाठ अब तक उनकी प्रेरणा से चल रहा है और इस तरह वह धार्मिक गतिविधियों में भी सक्रिय हैं सप्ताह में एक बार सुर संगम समूह का भी नेतृत्व करती है वह एक अच्छी गायिका हैं शारिरिक रूप से अस्वस्थ होते हुए भी वह घर के साथ साथ इन सब कार्यो में भी सक्रिय हैं वह एक बहुआयामी प्रतिभा से सम्पन्न है उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत है इन सबसे ऊपर वह एक अच्छी इंसान है अपने. परिवार के लिए तो सब करते हैं लेकिन समाज के लिए सब नहीं कर पाते इश्वर उन्हें स्वस्थ व दीर्घ आयु दे.
नलिनी प्रभाकर
🙏🏻
 प्रिय कंचन जी🙏🏻

शख्सियत आपकी बेमिसाल है ,
चेहरे पर एक अलग सा जमाल है।
 अपने लिए ना जी कर, सदा दूसरों की सोचना ,,
आपका यह हुनर तो सबसे ही कमाल है ।।
ना थकना, न रुकना ,नहीं करना कभी आराम,
निस्वार्थ  सेवा कर रहे हो, बने हो निष्काम।।
 प्रेम हो ,आस्था हो ,विश्वास भी हो आप,,
 टूटी हुई उम्मीद की आस भी हो आप ।।
सभी के दिल में रहती हो और करती सभी से प्यार,
 कठिन से कठिन हो क्षन चाहे मानी ना कभी हार ।
महिला सशक्तिकरण में भी अलग किया काम,,
 सबको अपने से आगे रखा, अपना ना किया नाम ।।
आपकी यही अदा हमारे मन को भा गई ,,
यूं लगा  बचपन की सखी कोई आ गई ।।
ईश्वर से यही कामना यूं स्वस्थ रहे आप,,
 और नमन दिल से करते हैं ,,क्योंकि आप हैं बस आप।।
💐💐💐💐💐💐💐💐Neeru vij 
Panipat 
Phone num 9354900001
🙏🏻
 आदरणीय कंचन सागरजी पानीपत की जानी मानी हस्ती है जो हमेशा सबकी मदद क़रने के लिए तत्पर रहती है इतने सारे सोशल मीडिया पर छाई हुई है, वो एक ऐज़ी बेमिसाल हस्ती है जिनकी तारीफ मेँ शायद मेरे पास शब्द नहीँ है,.. मुझे ही उन्होंने  कहाँसे कहाँ पहुंचा दिया मैं उनको सादर नमन करती हूँ  🙏
     हमेशा, ज़रुरत मंदों की सहायता के लिए खड़े रहना सबके बस की बात नहीँ है ईश्वर उन्हें बहुत तरक्की दें और खूब नाम कमाएं, भगवान उन्हें अच्छी सेहत बख्शे, बहुत सारी शुभकामनाओं के साथ उनके उज्जवल भविष्य और ढेरों जन्मदिन की बधाइयाँ देते हुए अब फिर से प्रणाम करती हूं 🙏
   हमारी कंचन दी है बेमिसाल
  करती है बड़े बड़े कमाल 🙏🌹❤️🙏
Anshu Jain
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 दोस्ती एक नायाब रिश्ता है
इसमें कोई बड़ा छोटा नहीं होता।
दोस्ती तो दिल से होती है
इसमें नफ़ा या घटा नहीं होता।।

किसी ने क्या ख़ूब लिखा है! जिसने भी लिखा है बहुत सही लिखा है। यह सब मेरी प्यारी दोस्त कंचन सागर पर बिलकुल सटीक बैठता है। 
कंचन दी मुझ से कुछ वर्ष ही बड़ी हैं पर जितना उन को समझ पाईं हूँ,वह बहुत ही सरल और ख़ुशमिज़ाज स्वभाव की हैं।
मेरी और उन की मुलाक़ात आज से सत्ताइस वर्ष पहले दादा-पोता शनि मन्दिर में हुई थी।नारी कल्याण समिति तब नईं ही बनीं थी। काम करने का जुनून तब भी ऐसा ही था जैसे अब है।निर्धन कन्याओं के विवाह के सिलसिले में वहाँ बैठक की गई थी। उन्होंने पहले पूरी बात को ध्यान से सुना,कुछ कॉपी पर लिखा और हमें बताया । मैं तो इन की क़ाबिलियत की क़ायल ही हो गई थी। धीरे-धीरे उन को जानने-समझनें लगी। फिर मीटिंग के लिए हमें एक-दूसरे के घर भी आना पड़ा।हम कंचन दी की मम्मी से भी मिलते थे। वह बहुत ही नेक विचारों वाली सम्भ्रांत महिला थीं। हमें प्यार से बैठातीं,
बात करतीं और बिना कुछ खिलाए जाने नहीं देतीं थीं। अपनी मॉं से भी अधिक प्यार करतीं थीं। मुझे लगता है कंचन दी अपनी स्वर्गीय मॉं की ही परिछाई हैं। 
जब मेरी भाभी इस दुनिया में नहीं रहीं तब कंचन दी ने ही सब सखियों को लेकर मेरे घर आना शुरू कर दिया ताकि मैं उदास न रहूँ।
चाहे बच्चों के विवाह हों अथवा कोई दुख की घड़ी आई हो,हमारा साथ और मज़बूत होता गया।
धीरे-धीरे वह कब मेरे क़रीब आ गईं,मुझे ख़ुद भी खबर ही नहीं हुई।हम एक-दूसरे के साथ सभी बातें सॉंझा करते थे।समिति को उन्होंने एक बच्चे की तरह रखा।जब उन पर मुसीबत आई तब हम उन के साथ थे।
हर धूप-छाँव में हम साथ खड़े थे और खड़े हैं।चाहे फ़ोन पर बात न भी हो पर हमें यक़ीं है कि जब भी एक-दूसरे को हमारी ज़रूरत होगी,हम में से कोई भी पीछे नहीं हटेगा।
अब इतना ही कहना चाहूँगी……
“करनी है खुदा से 
गुज़ारिश,
तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले, 
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा, 
या फिर कभी ज़िंदगी न मिले।”

सुमन सिंगला 
नारी कल्याण समिति 
(उप-प्रधान)
+91816-8369742
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रिश्‍ते बनाना जितना आसान होता है, उसे बनाए रखना और जीवन भर निभाना उतना ही मुश्किल।ऐसा ही एक रिश्‍ता होता है सास और बहू का।वास्तव में बेटे की जब शादी होती है तो मॉं काफ़ी सारी उम्‍मीदें लिए नई बहू का स्‍वागत करती है।ऐसी ही उम्मीदें नईं बहू भी लेकर आती है और उस की भी कोशिश होती होती है कि सब ठीक रहे लेकिन कुछ न कुछ ऊपर-नीचे तो हो ही जाता है जो कि तकरार का कारण बनता है।परन्तु अगर तमाम चुनौतियों के बीच आप एक दूसरे की ज़रूरतों, उनकी भावनाओं और एक दूसरे की मनोदशा का ख्‍याल रखें तो यह रिश्‍ता जीवन भर मधुर बना रह सकता है और सहेलियों जैसा साथ बन जाता है।
मैं सांझी सागर कंचन सागर मम्मी की छोटी बहू हूँ ।
मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं मम्मी के लिए क्या लिखूँ ,उनके लिए मेरे मन में बहुत प्यार है, बहुत इज़्ज़त है।
मैं अपने दिल की गहराइयों से उनको प्यार करतीं हूँ।
मेरे विवाह को 20 वर्ष हो गए हैं और मैंने इस महिला को कभी भी किसी काम के लिए पीछे हटते हुए नहीं देखा। यह हमेशा तैयार मिलतीं हैं दूसरों की मदद करने को।बाहर दरवाज़े पर भी कोई अगर आ जाए और उनसे कुछ भी माँगे तो वह भरसक प्रयत्न करतीं हैं कि उसका काम हो जाए।मैंने इनको कभी भी अपने वायदे से पीछे हटते नहीं देखा।घर-परिवार तो यह संभाल ही रहीं हैं।मेरा बेटा अब 18 वर्ष का होने को आया है और मेरी बेटी नौ वर्ष की हो गयी है। मैं एक विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हूँ। ये सब सम्भव हो पाया है तो केवल अपनी  सासू मॉं के कारण।इनको मैं सासू मॉं नहीं कहना चाहती। यह मेरी मम्मी ही हैं।मायके को तो हम बहुत पीछे छोड़ ही आए और यहाँ आकर एक नए परिवार से जुड़े हैं ।यही हमारा घर है, यही हमारा परिवार है।
मॉं ने कोमल कली सा रखा
सासु माँ ने विशाल वृक्ष बनाया।
मॉं ने सुख में जीवन जीना सिखाया तो
सासु माँ ने दुख में भी जीना सिखाया।
जहॉं मॉं ईश्वर समान हैं 
वहीं सासु माँ गुरू समान॥
यह मेरी मम्मी से भी बढ़कर है।मैं कहीं भी जाऊँ, घर में रहूँ या बाहर जाऊँ मम्मी मुझे कभी कुछ नहीं कहती।कईं बार मेरी सखियाँ भी मुझ से ईर्ष्या करतीं हैं।
कभी अगर थोड़ा-सा भी परेशानी में होती हूँ तो मम्मी को मेरे चेहरे से पता लग जाता है और वह उसका कारण ढूंढने में लग जाती हैं।मैं तो चाहती हूँ कि हर बहू को मेरे जैसी मम्मी मिले।जब मैं समाज में उनकी इज़्ज़त,मान-सम्मान देखती हूँ,जब प्रशासन की ओर से उनको ऑनर किया जाता है तब सच मानिए मैं ख़ुद अपने आप को बहुत गौरवान्वित महसूस करतीं हूँ।
कभी-कभी मम्मी घर में भी प्रोजेक्ट कर लेतीं हैं तो इन के दोस्त स्वंय किचन में आकर हाथ बँटाने लग जाते हैं।मम्मी को सब बहुत प्यार करते हैं।यह पानीपत की फ़्लोरेंस नाइटिंग्गेल हैं।
अन्त में इतना ही कहना चाहती हूँ……
सास बहू के रिश्ते में कहीं दाग ना लगे,
जले दीपक प्यार का कहीं आग ना लगे।
प्यार की ख़ुशबू से महके इतना यह रिश्ता
कि इस रिश्ते से सुंदर फूलों का कोई बाग ना लगे॥
मम्मी,आप सदा स्वस्थ रहो और घर-समाज के लिए सदा आगे बढ़तीं रहो!

सांझी सागर 
शिक्षिका 
पानीपत 
9896877711
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"नज़र नज़र में उतरना आसान होता है,
 नफ़ज़ नफ़ज़ में बिखरना कमाल होता है,
 बुलंदियों में पहुँचना कोई आसान नहीं होता,
बुलंदियों पे उतरना कमाल होता है।"

"जब टूटेगा हौंसला तो बस यह याद रखना, बिन मेहनत के हासिल करना मोहताज नहीं होते, 
ढूँढ लेना अंधेरों में वह मंज़िल अपने दोस्त क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज़ नहीं होते ।”

तो आदरणीय कंचन दीदी, अपनी ज़िंदगी में एक जगमगाती हुई जुगनू की तरह है जो खुद अपने चारों और समाज में रोशनी फैला रही है।इनका व्यक्तित्व अपने आप में हम सब के लिए एक प्रेरणा है, इनसे हमें ज़िंदगी में बहुत कुछ सीखने को मिला है, इनकी ख़ूबियों का ज़िक्र जितना करें, उतना कम है, इन्हें समाज के लिए भगवान ने एक मसीहा बना कर धरती पर भेजा है।  चाहे इनरव्हील क्लब मिडटाऊन हो या नारी कल्याण समिति हो, दोनों संस्थाओं का पौधा तो कंचन दी ने ही लगाया जो आज हरा-भरा हो कर पेड़ बन गया है।यह चारों ओर  अपनी हरियाली बिखेर रहा है।यह हम सब पेड़ की छाया में तरों ताजा महसूस कर रहे हैं।

"कोई नामुमकिन-सी बात को मुमकिन करके दिखा,
ख़ुद पहचान लेगा ज़माना भीड़ से तू अलग चल कर दिखा, यहीं पंक्तियां कंचन दी पे लागू होती है।"

इनको सारी ज़िंदगी समाज में महत्वपूर्ण कार्य करके अपनी पहचान बनाई है। ना थके अभी पर, 
ना अभी हिम्मत हारी है, हौंसला ये ज़िंदगी में कुछ कर दिखाने का मतलब अभी भी इस नारी का सफ़र जारी है।
 "कौन कहता है कामयाबी हिम्मत तय करती है, 
इरादे में दम हो तो मंज़िलें भी झुकती हैं।"
सलामत रहे आपका उज्ज्वल व्यक्तित्व जो हमेशा हम सब के लिए मार्ग दर्शक साबित हो।

ज्योति रहेजा
पूर्व प्रधान इन्नरव्हील कल्ब पानीपत मिडटाऊन 
पानीपत 
7404105181
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 सहज,सरल, कर्मठ कंचन दीदी के बारे में क्या लिखूँ,क्या कहूँ?
उन की विशेषताओं के बारे में लिखनें लगें तो शब्द ही कम पड़ जाएँगें ।उन की एक जो ख़ास विशेषता जो मुझे उन की ओर हमेशा आकर्षित करती थी वह  है निःस्वार्थ सेवा।
जिस दिन से वह इस पथ पर चलीं,उन्होंने कभी मील का पत्थर नहीं देखा,बिना रुके,
बिना थके,बिना किसी की परवाह किए,न धूप देखा न छाँव, वह निरंतर आगे बढ़ती रहीं।आज भी वह अपनी उम्र के इस पड़ाव पर यह सोचती हैं कि मैं अपनी सेवाओं के माध्यम से किसी के काम आऊँ और उनके चेहरे पर मुस्कान ले ही पिता हूँ मुस्कान ला पाऊँ।
मुझे आज भी वे पल याद हैं जब वह यह  परवाह न करते हुए कि  कोई क्या कहेगा रिक्शा पर भी ज़रूरत के सामान लेकर ज़रूरतमंदों की सहायता के लिए अकेली ही निकल पड़ती थीं।
उनकी इस निस्वार्थ सेवा भावना दो कि उन में कूट कूट कर भरी हुई थी देखकर लोग उनके साथ जुड़ते गए और उन्होंने कई सामाजिक संस्थाओं को खोला जैसी नारी कल्याण समिति,इनरव्हील क्लब पानीपत मिडटाऊन।
आज भी उनके साथ जुड़ी हुई हैं।वह उनकी प्रेरणास्रोत भी हैं और उन्हें हमेशा आगे बढ़ने का होंसला प्रदान करती हैं।
उनकी कई प्रतिभाओं में एक और प्रतिभा जो कि उन में है वह है साहित्यकृति।आज उनकी कृतियाँ छप भी चुकी हैं। यूट्यूब चैनल पर उनकी कई कहॉंनियॉं भी आती हैं
जो की ज्ञान वर्धक होती हैं।
अंत में इतना कहना चाहूंगी कि वह आशाहीन ह्रदय में तरंग भर देती हैं।उनका मानना है कि यदि नीयत साफ़ और इरादे बुलंद रखें तो हम सब कुछ पा सकते हैं।अर्थात अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। “क़दम ऐसा चलो कि मिसाल बन जाए ,
काम ऐसा करो कि पहचान बन जाए।
यह ज़िंदगी तो सभी जी लेते हैं 
मगर ज़िंदगी जियो तो ऐसी कि सबके लिए मिसाल बन जाए॥शुभकामनाओं के साथ,

नीरू गुगलानी,
पूर्व डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन फ़ोन नंबर-
981800685
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 कंचन सागर      एक संस्था


मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली समझती हूं जो ' माता सीता रानी सेवा संस्था "ने मुझे मेरी आदरणीय बहन समान सहेली कंचन सागर से संबंधित कुछ संस्मरण सांझा करने को कहा। यह जानकर मन बहुत हर्षित हुआ कि संस्था कंचन जी पर एक अभिनंदन ग्रंथ तैयार करके उनके जन्मदिन पर भेंट करने जा रही है ।
     मैं पिछले 35 सालों से कंचन जी से जुड़ी हुई हूं और तब से निरंतर उनके कार्यों को देख रही हूं । वह बिना थके, बिना रुके मैं तो यह कहूंगी की और ज्यादा गति से बस लगातार समाज को खूबसूरत बनाने के प्रयासों में लगी रहती है। वह महिला सशक्तिकरण की जिंदा मिसाल है न जाने कितनी महिलाओं को उन्होंने आत्मनिर्भर बनाया है। बच्चों से तो उनको इतना लगाव है कि उनके लिए तो वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है। वह चाहे उनकी फीस भरनी हो, उनके लिए  मेडिकल कैंप लगाना हो , दवाई की व्यवस्था करनी हो या खाने की - - - - वह बस निकल पड़ती है। करोना काल में तो उन्होंने घर से खाना बनाकर बच्चों को, मजदूरों को पहुंचाया । मास्क, रजाई, कंबल और राशन तक भी वितरित किया।    

               कंचन जी इतनी ज्यादा संस्थाओं की सदस्य और पदाधिकारी है कि अगर मैं सबका यहां जिक्र करने लगू तो कई पन्ने भर जाएंगे। लेकिन यहां मैं एक घटना इनर व्हील क्लब से जुड़ी जरूर सांझा करना चाहती हूं । कंचन जी 1987 में इस क्लब की सदस्य बनी। इस क्लब के अध्यक्ष पद से लेकर लगभग सभी पदों पर सालों इन्होंने काम किया है और अब भी कर रही है । मैं  बताना यहां  यह चाहती हूं कि जब यह  क्लब में आई तो महिलाएं  तब केवल किटी पार्टी , ताश खेलने या डांस करने के लिए ही जानी और पहचानी जाती थी पर इन्होंने महिलाओं की इस इमेज को बदला और महिला समाज कल्याण में भी अहम भूमिका  निभा सकती है इस बात को स्थापित किया । 
        आपको जानकर हैरानी होगी कि कंचन जी जितनी उच्च कोटि की सामाजिक कार्यकर्ता है उतनी ही उच्चकोटि  की साहित्यकारा भी है। हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए दिन-रात प्रयास करती रहती है । टोक्यो से निकलने वाली एकमात्र हिंदी मैगजीन की पानीपत यूनिट की इंचार्ज है। कविताएं, कहानियां और लेख लगातार यूट्यूब पर डालती रहती है। दूसरे साहित्यकारों की रचनाएं भी हम सब इनकी मधुर आवाज में इनके यूट्यूब चैनल पर सुन सकते हैं । आठराह  साल तक अध्यापिका, मुख्य अध्यापिका और डायरेक्टर के रूप में कार्य किया पर मन कहीं पूरा वक्त समाज के लिए ही धड़कता रहता था। इसलिए सब छोड़-छाड़ कर समाज को ही जीवन समर्पित कर दिया । देश और विदेश   की विभिन्न संस्थाएं समय-समय पर इन्हें आनेको सम्मानों से सम्मानित करती रहती है पर कंचन जी इन सब से परे हमेशा समाज कल्याण के कार्यों में मशगूल रहती है। भगवान इनकी कार्य शक्ति और बढ़ाए और यह दीर्घायु हो यही कामना है।
               श्रीमती उषा गुप्ता 
                      पानीपत
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 मैं धानी गुप्ता मेरी उम्र 15 साल है मेरा पानीपत से भी ज्यादा लिंक नही है कंचन दादी से भी मैं 4 या 5 बार मिली हूं पर मैने अपनी दादी से कंचन दादी के बारे मे बहुत सुना है और ज्यादा तो मैं तब जान पाई जब जापान की हिंदी की गूंज पत्रिका में कवर पेज पर जब मेरी बनाई हुई पेंटिंग आई मैं तो एक दम हैरान हो गई मैंने झट कंचन दादी को फोन लगाया और बधाई दी पेंटिंग चाहे मेरी थी पर वहां तक पहुंचाने में तो कंचन दादी का ही हाथ था सच में दादी को स्लूट करती हूं मुझे ऐसा लगा काश दादी मेरे सामने आ जाए और मैं दौड़ कर हग कर लूं सच में जितना मैं दादी दे कंचन दादी के बारे में सुनती हूं अगर 10 पर्सन भी मैं उन जैसी बन पाऊं तो मैं अपने आप को खुश किस्मत समझूंगी अब तो मैं उस दिन का इंतजार कर रही हूं जब पत्रिका वाले रमा आंटी मुझे अवार्ड देने सिंगापुर आयेंगे दादी मैं नही जानती आगे क्या होगा अगर दोबारा जन्म मिला तो मैं आप को मां के रूप में मिलना चाहूंगी राधे राधे कंचन दादी धानी गुप्ता सिंगापुर
[3/21, 10:16 AM] Ram Mohan Rai: एक मिसाल : सशक्त, बहुत ही गतिशील और लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता कंचन सागर
फोटो : WA 0010,11- समाज सेविका कंचन सागर।
अनुरेखा लांबरा 
पानीपत। महिलाएं हर मिथक को तोड़ रही हैं,
नित नए सफलता के आयाम जोड़ रही हैं।।
भारतीय नारी अबला नहीं, बल्कि सशक्त है। अलबत्ता  हर परिस्थिति से लड़ना जानती है। समाज की पुरुष-प्रधान मान्यताओं को बीते कई दशकों से महिलाओं ने चुनौती देते हुए हर क्षेत्र में स्वयं को स्थापित किया है। कई उदाहरण ऐसे भी देखने को मिलते हैं, जहां पुरुषों ने भी महिला विरोधी रूढ़ियों का विरोध किया और उनके समान अधिकारों की बात की। आज पानीपत की एक ऐसी ही सशक्त, बहुत ही गतिशील और लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता का जिक्र कर रहे हैं, जो विशेष रूप से इनरव्हील क्लब के सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शहर में अपनी पहचान बनाए हुए है, जो हमेशा महिला सशक्तिकरण और सामाजिक उद्यमिता में विश्वास करती हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं इनरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन (डिस्ट्रिक्ट 308) की चार्टर प्रेसिडेंट और नारी कल्याण समिति की प्रधान कंचन सागर की। पानीपत की औद्योगिक एवं ऐतिहासिक धरती पर 13 मई 1953 को जन्मी कंचन आज 70 साल की उम्र में भी सामाजिक कार्यों में बेहद सक्रिय हैं।


शैक्षिक योग्यता एवं पेशेवर यात्रा
कंचन सागर ने बीए, गृह विज्ञान के साथ और बीएड की। वर्ष 1975 में विद्या सागर जी से शादी हुई, जो पेशे से एक प्रसिद्ध चार्टर एकाउंटेंट हैं और एक व्यवसायी भी हैं। कंचन सागर बताती हैं कि परोपकार अपने घर से ही प्रारंभ होता है। उन्होंने अपनी मां से सब कुछ सीखा है। वह हर ज़रूरतमंद की मदद करती थीं। मां के दिए संस्कार और दया भाव उनके अंदर आज भी कायम हैं। कंचन सागर ने डा. एमकेके मॉडल स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एनएफएल, एमएएसडी पब्लिक स्कूल में भी अपनी सेवाएं दी हैं। इसके अतिरिक्त न्यू मधुबन पब्लिक स्कूल को निर्देशक और प्रधानाचार्यों के तौर पर संभाला। उनके द्वारा लगभग 200 विद्यार्थियों को बिल्कुल निःशुल्क पढ़ाया गया।


समाज सेवा का 35 वर्षों का अनुभव
कंचन सागर ने बताया कि वह 1987 में इनरव्हील में शामिल हुई, जो कि पहला सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय महिला संगठन है। फिर उन्होंने 1997 में एक नया क्लब बनाया और इनरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन डिस्ट्रिक्ट 308 की चार्टर प्रेसिडेंट बनीं। उन्होंने चार बार अध्यक्ष पद पर, दो बार कोषाध्यक्षी के रूप में, तीन बार क्लब के सचिव, आईएसओ, संपादक के रूप में काम किया। छह बार जोनल क्लब समन्वयक का प्रभार संभाल चुकी हैं। वर्ष 2010 से नारी कल्याण समिति की संचालिका हैं, जो एक गैर सरकारी संगठन हैं। 
- सामुदायिक संपर्क समूह की वरिष्ठ सदस्या हैं।
- हार्ट टू हार्ट सोसाइटी चंडीगढ़ की आजीवन सदस्या।
- भारतीय महिला कल्याण समिति की पूर्व महा सचिव।
- हरियाणा वुशु कुंग फू एसोसिएशन पानीपत के पूर्व अध्यक्ष।
- हरियाणा क्रिकेट संघ की पूर्व अध्यक्ष।
- दैनिक भास्कर मधुरिमा क्लब भोपाल की सदस्य।
- दैनिक जागरण टीम, पानीपत के मेंटर।
- सबको रोशनी फाउंडेशन, पानीपत की गर्वित सदस्य।
इन सभी संगठनों व संस्थानों से जुड़ी कंचन सागर विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यों में अग्रणीय भूमिका निभा रही है। साथ ही कई बार रक्तदान भी कर चुकी हैं। उन्हें समाज सेवा में करीब 35 वर्ष का अनुभव है। जरूरतमंदों को राशन, स्वयं सिले मास्क, रजाई, कंबल आदि का वितरण करतीं हैं।रेलवे स्टेशन पर मजदूरों को पैक्ड खाना बांटना, लोगों को मुस्कुराने और उन्हें जीवन का पाठ पढ़ाने के लिए कोविड समय में ज़ूम पर पम्मी आंटी के रूप में सामने आई, जिसे सब ने सराहा।


उपलब्धियां और पुरस्कार
कंचन सागर के समाज के प्रति उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए प्रशासन और अन्य संगठनों ने उन्हें कई पुरस्कार और प्रशंसापत्र प्रदान कर सम्मानित किया। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी और स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को कई बार सम्मानित किया गया। इनरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन ने उन्हें अगस्त 2022 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। वाइस ऑफ पानीपत ने महिला रत्न अवार्ड से नवाजा। क्लब ने भीष्म पितामह, राज माता आदि की उपाधि से सम्मान दिया।


सेवा परियोजनाओं की मुख्य विशेषताएं:

परियोजना 1 : गोद लिए गए पार्क में 1100 पौधे रोपने का लक्ष्य पूरा कर अंतरराष्ट्रीय इनरव्हील दिवस मनाया गया।
परियोजना 2 : गत 6 फरवरी को मुखीजा कॉलोनी के एक मंदिर में वाटर कूलर लगाया, जिसमें पानीपत की मेयर सुश्री अवनीत कौर मुख्य अतिथि थीं।
परियोजना 3 : गत वर्ष 8 मार्च को मॉडल टाउन इलाके में जानवरों के पानी पीने के लिए जगह-जगह बड़े-बड़े मटके लगाए गए थे.
परियोजना 4 : अंसल सुशांत सिटी में युवतियों व महिलाओं को मास्क व सेनेटरी पैड का वितरण किया।
परियोजना 5 : जिस गरीब लड़की के पिता की 26 अप्रैल को कोरोना में मृत्यु हो गई थी उसकी शादी का आयोजन किया और 70000/- से अधिक खर्च किया।
परियोजना 6 : 22 जून को जूम पर योग दिवस मनाया गया, जहां दिल्ली के श्री मोंटी बस्सी ने खुद को फिट और कोरोना से मुक्त रखने के लिए बेहतरीन टिप्स दिए।
परियोजना 7 : नीरूमा फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर में 18 सितंबर को *किलकारी* नाम से निशुल्क परामर्श शिविर का आयोजन किया, जहां 89 जोड़ों को निशुल्क परामर्श व जांच की गई।
परियोजना 8 : सेक्टर 25 के स्लम एरिया में 5 क्विंटल एटीटीए का वितरण किया।
परियोजना 9 : बच्चों को प्लास्टिक रैपर का इस्तेमाल नहीं करने बल्कि प्लास्टिक से ईकोब्रिक बनाने के लिए जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई। इसलिए 121 ईको ब्रिक्स एकत्रित किए, जिनमें 36 किलो और 300 ग्राम प्लास्टिक का इस्तेमाल हुआ।
परियोजना 10 : 28 नवंबर को, मेयर अवनीत कौर ने मॉडल टाउन में ईको-ब्रिक्स पार्क का उद्घाटन किया, जहां कंचन सागर द्वारा एक बेंच और ट्री गार्ड बनाया गया है। कुल 80,000/- खर्च किए।
परियोजना 11 : विभिन्न विद्यालयों में जाकर वहां की आवश्यकताओं को पूछ कर पूरा करने की कोशिश।
परियोजना 12 : घुमन्तु बच्चों के साथ पिकनिक मनानीं और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना।
परियोजना 13 : वृक्षारोपण 
परियोजना 14 : सर्दी में झोपड़-पट्टी में जाकर जर्सी और राशन वितरण।
परियोजना 15 : अचानक कभी किसी ज़रूरतमंद को बीमारी, बच्चे की स्कूल फ़ीस आदि में पूरी मदद।
इन के अतिरिक्त समाज में बुराइयों का भी जड़ से नाश करना, विभिन्न त्योहार मनाना भी सम्मिलित हैं।


संघर्ष व चुनौती
कंचन सागर का कहना है कि बड़े से बड़ा संघर्ष तो अपने आप से था। बच्चे बहुत छोटे थे, जब समाज सेवा में आई थी, परन्तु मायके और ससुराल वालों ने उनका बहुत साथ दिया और राह आसान हो गई। दूसरा फंड्स की चुनौती जो अभी भी है। हम किसी की मदद करना चाहतें हैं और नहीं कर पाते, तब सभी सदस्याओं का सहयोग मिलता है। अपने आप से भी कितना खर्च कर देतें हैं आप को पता नहीं चलता। यहाँ यह बताना आवश्यक समझतीं हूँ कि हम ने प्रशासन से कभी हैल्प नहीं ली है। हम स्वयं ही सारा खर्च वहन करते हैं।

समाज को संदेश 
कंचन सागर समाज को यही संदेश देना चाहतीं हैं कि परिवार को हर पल साथ रखें। उन के सहयोग से ही आगे बढ़ना आसान हो जाता है। अपने बच्चों को धार्मिक ग्रंथों की जानकारी दें। उन का सही मार्गदर्शन करें। उन्हें गर्व है अपने परिवार, कल्ब और समिति की सदस्याओं पर जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया।
🙏🏻
Gud morning  🙏 
Kanchan ji is most ❤️ loving and wonderful lady. From her very young age she started social works, she roped hundreds of plants in city panipat and now those are converted into Big 🌳 Trees. She is wonderful social worker,  doing fantastic works for society. 
Beautiful heart and loving nature ❤️ 
Words are short to discribe for her personality indeed.

   Thanks
Usha Goyal
Kurukshetra (Haryana)
+91 94162 20241
🙏🏻
 जीवन तो सभी जिया करते हैं,

अपने लिए जिए तो क्या ख़ाक जिए…

इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं श्रीमती कंचन सागर जी|

कंचन जी से मेरा परिचय लगभग 50 वर्ष पूर्व हुआ जब इनकी बहन मंजू और मैं सहपाठी थे| हमारा एक दूसरे के घर आना-जाना लगा रहता था...और फिर ये दोस्ती पारिवारिक संबंधों में बदल गई| 

कंचन जी के माता- पिता जी की शख्सियत सादा जीवन उच्च विचारों की थी| अतः ये संस्कार कंचन जी को विरासत में मिले| जीवन तो सभी जीते हैं निज लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, मगर कंचन जी की सोच, जीवन जीने का नज़रिया और कुछ अलग करने की चाहत ने इन्हें समाज के प्रति एक अति विशिष्ट एवं ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में उभारा| 

बस फिर क्या था...शुरुआत हुई पर्यावरण की रक्षा और उसे हरा-भरा बनाने के प्रयास से - तप्ती गर्मी और लू के मौसम में भी निकल पड़ती थीं रिक्शा में पौधे लेकर - शहर के विभिन्न हिस्सों में वृक्षारोपण करने| यह अनथक प्रयास वर्षों तक चला और अभी भी जारी है| इस अत्यंत कठिन कार्य को अकेले शुरू किया, आलोचनाएं भी सहीं, मगर, प्रेरणा स्त्रोत भी बनीं| अपनी रुचियों अभिरुचियों के कारण समाज, नगर एवम प्रान्त में इनकी लोकप्रियता और प्रतिष्ठा बढ़ी, प्रत्येक वर्ग से लोग इनके संग जुड़े और अब ये एक संगठन के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं| शिक्षा, स्वास्थय, महिला सशक्तिकरण या जनकल्याण - आज हर क्षेत्र में कंचन जी की एक अमिट छाप स्थापित है|

मै इनके हर प्रयास की सराहना करते हुए ईश्वर से बस यही प्रार्थना करती हूँ कि ये सदैव स्वस्थ रहें और सामाजिक उत्थान के कार्यों में लगातार अपना विशेष योगदान देती रहें|

जय हिन्द - जय भारत

ऊषा ग्रोवर
रिटायर्ड शिक्षिका 
देहली
+91 88821 84542
🙏🏻
 Good Morning 
CA Mini Bhatia this side.
Daughter-in-law of Mrs. Kanchan Sagar.
This small paragraph is dedicated to her from me.

अलग अलग शहर में रहने की वजह से मुझे पर्सनली उनके साथ जायदा समय व्यतीत करने का मौक़ा नहीं मिला। लेकिन जब भी मैं उनसे मिली उन्होंने एक अलग छाप मुझ पे छोड़ी हैं। उनका बात करने का तरीक़ा, सब परिवार वालों का हाल चाल पूछना, बुजुर्गों को इज़्ज़त, बच्चो को प्यार। देखने पर लगता है क्या एक इंसान इतना संपूर्ण हो सकता है । 
और अगर बात करे समाज सेवा की तो वो तो जगज़ाहिर है किस तरह वो हमेशा तत्पर रहती है ज़रूरतमंदों की सेवा करने के लिए, चाहे किसी को अनाज की सेवा हो, कपड़ों की ज़रूरत हो , बच्चो को स्टेशनरी की ज़रूरत हो, सर्दियों में कंबल दान या कुछ भी। बस उनको पता चलने की देर है कि किसी को कुछ ज़रूरत है वो हमेशा तत्पर रहती है सेवा करने के लिए।
उनका पूरा जीवन ही प्रेरणादायक है और हमे बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है ।
[3/24, 4:53 PM] Ram Mohan Rai: श्रीमती कंचन सागर,पानीपत नगर के लिए एक उपहार के तौर में मौजूद हैं।
कंचन दीदी से हमारा रिश्ता आज से बीस वर्ष पहले जुड़ा था,जब मुझे उन के साथ नारी कल्याण समिति का हिस्सा बनने का मौक़ा मिला।
वर्ष बीतते गए और हम सब के जीवन में बदलाव आते रहे।परन्तु एक चीज़ जो नहीं बदली वह है कंचन दीदी का उत्साह,
परिश्रम और उपलब्धियाँ।
एक शिक्षिका,साहित्यकार,कवियित्री और समाजिक कार्यकर्ता,दीदी इन सब रूपों को बखूबी निभाती हैं।वह केवल अपने ही नहीं,इस समाज में न जाने कितनें लोगों के जीवन में ख़ुशी और प्रोत्साहन की लहर लाईं हैं।
कंचन दीदी इन सब भूमिकाओं को निभाते हुए हम सब को लेकर चलतीं हैं। वह हमेशा इस बात का ध्यान हैं कि उन के आसपास रहनें वालीं उन की सब सखियाँ भी बढ़-चढ़ कर समाज सेवा के कार्यों में उन का साथ दे।
कंचन दीदी का साथ पाकर हम सब बेहद भाग्यशाली महसूस करतें हैं।
भगवान दीदी को ऐसे ही हमेशा ख़ुश,स्वस्थ और मस्त रखें और ऐसे ही वह आगे बढ़तीं रहें और समाज की सेवा करतीं रहें।

नीलम नागपाल 
पानीपत 
9253377736
🙏🏻
सभी को नमस्कार 🙏🏻
    जय श्री राम जी 🚩

आज बहुत हर्ष का विषय है कि हमारे जैसे अनेकों युवाओं की प्रेरणा स्त्रोत, एक मां के रूप में हर कदम सामाजिक सेवा के लिए अपने बच्चों को प्रेरित करते रहना और मातृभूमि व समाज की सेवा में अपने सर्वस्व न्यौछावर करने वाली हरियाणा प्रांत के पानीपत शहर की महान सामाजिक विभूति जिन्होंने समाज को एक दिशा दी है। अपने युवाकाल से अभी तक समाजसेवा में हर समय तत्पर है। अपनी सेवा के कारण ही राष्ट्रीय, प्रदेश तथा जिला स्तर पर अनेकों अवार्ड, सम्मानित पत्र, प्रशस्ति पत्र तथा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है। जिससे कि आपकी लोकप्रियता प्रदर्शित होती है। आगामी 13 मई 2024 को 71वे वर्ष में प्रवेश करने पर समस्त पानीपत शहर के युवाओं और नई सोच सोशल एंड वेलफेयर सोसाइटी के सभी सदस्यों की ओर से मंगल कामनाएं शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं। प्रभु श्री राम जी से प्रार्थना करते हैं कि आप इसी प्रकार हमारा मार्गदर्शन करते रहे सामाजिक सेवाओं में निरंतर हमें प्रेरित करते रहे। 

मोहित शर्मा
महासचिव: नई सोच सोशल एंड वेलफेयर सोसायटी
9068449889
🙏🏻
कंचन सागर जी  को मैं पिछले 15-16 सालों से जानती हूँ। हम उनके संपर्क में हमारी संस्था इनरव्हील के द्वारा आये जो समय-समय पर समाज के ज़रूरतमंद लोगों के लिए काम करते हैं l 

कंचन दीदी एक ऐसी शख़्सियत हैं जो समाज के हर वर्ग के लिए तन-मन-धन से काम करती हैं l मैंने इतने सालों में देखा है कि उन्होंने ना सिर्फ पानीपत में झुग्गियों में रहने वाले महिलाओं और उनके बच्चों के लिए बहुत काम किए हैँ बल्कि हर ज़रूरतमंद महिलाओं और उनकी लड़कियों की मदद की है चाहे वो उनकी पढ़ाई हो चाहे शादी l इसकी मिसाल तब देखने को मिली जब कोविड आया सारे देश में उस pandemic ने एक खौफ पैदा कर लिया था।बहुत से लोगों के रोज़गार चले गए।बहुत लोगों ने आपने करीबी लोगों को भी खोया l परिवार के परिवार तबाह हुए थे और सबसे ज्यादा असर झुग्गियों  में रहने वाले उन लोगों को पड़ा जो रोज़ाना दिहाड़ी कमाकर अपने परिवार का पेट पालते थे l उस समय मैंने देखा है कंचन जी ने किस तरह अपने क्लब मेंबर्स के साथ जाकर उन ज़रूरतमंद लोगों को ना सिर्फ खाना-पीना बल्कि हर ज़रूरत की सामग्री मुहैया करवाई l उसके बाद जब मैं पानीपत अपने आधिकारिक दौरे पर गयी तो सब कुछ अपनी आँखों से भी देखा और क्लब की सदस्याओं से भी सुना कि किस तरह से ना सिर्फ़ क्लब के जरिये बल्कि इसके अलावा भी बहुत से सराहनीय कार्य वह शहर में करती हैँ l

इनरव्हील के अलावा भी मैंने उन्हें अन्य कई संस्थाओं के साथ जुड़े देखा हैँ जो हर समय समाज में नारी उत्थान और नारी सशक्तिकरण और उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए विभिन्न कार्य करती हैँ l 

कंचन दीदी एक शांत सौम्य और शालीनता की धनी हैँ और समाज में हर तरह के लोगों की मदद के लिए उनके जज्बे को मैं सलाम करती हूँ और यही प्रार्थना है परम पिता परमात्मा से कि उन्हें हमेशा अच्छी सेहत और तंदुरुस्ती बक्शे और वह जीवन में इसी तरह लोगों की मदद करतीं रहें l

आदर सहित 
कान्ता कपूर 
परवाणु 
पूर्व अध्यक्षा,
इनरव्हील जिला 308
🙏🏻
कंचन सागर …. 
मेरी भाभी,मेरी मॉं और सखी, तीनों का मिश्रण हैं।
बचपन में कंचन भाभी की छोटी बहन मंजु मेरी बहुत अच्छी दोस्त रहीं। बड़े होते ही हमारी दोस्ती रिश्तेदारी में बदल गई। मंजु की दीदी मेरी भाभी बनाकर हमारे घर आ गई। हमारे घर आकर यह बहुत अच्छे से एडजस्ट हो गई। इनका स्वभाव था ही इतना अच्छा। इन्होंने कुछ समय तक जॉब भी की। कुछ वर्ष बाद मेरी भी शादी हो गई, शादी के समय पर बोसा राम चौंक के पास एक मन्दिर है वहॉं के पंडित जी ने भैया और कंचन भाभी से  मेरा कन्यादान करवाया था ।उसके बाद हमारा एक नया रिश्ता मां-बेटी का बन गया। इन्होंने बड़े अच्छे से मां के रिश्ते को निभाया।माता-पिता जी के जाने के बाद भाभी ने उन की कमी बिलकुल भी महसूस नहीं होनें दी। भाभी ने यह रिश्ता बड़ी ख़ूबसूरती से निभाया है और अभी तक निभाती चलीं आ रही हैं। 
“भाई को सम्हाला है आपने 
और मेरी हर परेशानी दूर करते हो, 
भाभी, आप माँ तो नहीं लेकिन मेरी पूरी मेरी माँ लगते हो।” 
“मुश्किल वक़्त में मुझे एक ही आस होती है,
चाहे कोई मेरे साथ हो न हो
पर मेरी भाभी मेरे हमेशा साथ होती है।”
और यह बिलकुल सच ही है।
जब मेरी बेटी और बेटे का विवाह हुआ तो भाभी ने सबसे पहले आकर सारा काम सम्भाल लिया था।                     
इन्हें समाज सेवा का शुरू से ही बहुत शौक था।जब मैं इन के मायके जाती थी तो इन की मम्मी को देखती थी। वह घर में किसी भी मॉंगने वाले को ख़ाली नहीं जाने देतीं थीं। मुझे लगता है कि भाभी को यह संस्कार मायके से ही मिलें हैं जो भाभी अभी भी समाज सेवा के लिए तैयार रहतीं हैं।अपनी सेहत की परवाह किए बिना आज भी सब काम बढ़ चढ़ कर हर क्षेत्र में आगे होकर कर रही हैं। जिस तरह से यह समाज सेवा कर रही हैं, हमें इन पर बहुत गर्व है। 
“मेरी भाभी की एक सबसे बड़ी पहचान है,
उन के मस्तक की शोभा बढ़ाती बड़ी-सी लाल बिन्दी और उनके चेहरे पर हमेशा होती एक मुस्कान है।”
हमारी भगवान से प्रार्थना है कि यह अपना समाज सेवा का काम इसी तरह जारी रखें,अपनी सेहत का ध्यान रख कर नित नए आयाम स्थापित करें!


शशि भाटिया 
फ़रीदाबाद 
9560040071
🙏🏻
प्यारी स्नेहमयी बड़ी दीदी
 श्रीमती कंचन सागर जी
मैं जब पानीपत आई 2004 में तब से हर दिन पेपर में कंचन दीदी के बारे में और उनकी समिति के बारे में इतना कुछ अच्छे कार्यों के अनगिनत लेख आते थे।मैं दीदी की शख्सियत से बहुत प्रभावित थी।इतने अच्छे विचार समाज में एक नई विचारधारा को जन्म दे रहे थे कि गृहिणी होते हुए भी हम देश-समाज,व्यक्ति के लिए निःस्वार्थ कुछ कर सकते हैं।
कंचन दीदी द्वारा लगाए गए पौधे मॉडल टाऊन स्टेडियम रोड पर आज खूबसूरत दरख्त बनकर झूमते हैं तो लगता है गर्मी की चिलचिलाती धूप में पथिक को वहीं विश्राम मिलता है और कंचन दीदी को उनका आशीर्वाद। 
सन् 2016 में अपने पारिवारिक दायित्वों को निभाते हुए दीदी से जब मिली तो लगा कि लोगों ने जितना बताया उससे भी ज्यादा प्यारी और ममतामयी बड़ी बहन मिल गई। आज भी हम उनके साथ ह्रदयतल की गहराइयों से जुड़े हैं।उनका जज्बा आज भी हमें बहुत प्रेरित करता है कि हमें रुकना नहीं है।
बस देश और समाज के लिए अपना सबसे बेहतर समय,धन और गुण बांटना है।
बहुत प्यारी सी पंक्तियां अपनी दीदी के लिए-
जबसे मिली हूं आपसे
मुझे जीवन का मकसद मिल गया
कैसे लाते हैं किसीके गमगीन चेहरे पे
मुस्कुराहट ये तरीका मिल गया
आप पर हो रब हमेशा मेहरबान 
उसकी मिले आपको हमेशा दुआ
हम सबको मिले आपकी छाया
खिलती रहे हमारी समिति की बगिया।

आपकी छोटी बहन 
माधवी वर्मा
पानीपत 
9355281061
🙏🏻
 आसमां भी झुकेगा तेरे आगे,
यूँ ही जुनून की हद से गुज़रते रहो,
पूरा जीवन ही इक संघर्ष है,
लड़ते रहो और आगे बढ़ते रहो।।

यही है मेरी कंचन सागर दी… सच में उन को मैंने जुनून की हद तक संघर्ष करते देखा है। वह कितनीं बार गिरीं,फिर उठीं,फिर गिरीं और फिर उठीं। उन्होंने हारना नहीं सीखा।
कंचन सागर दी से मैं बीस-बाइस वर्ष पहले मिली थी जब मैं नारी कल्याण समिति में शामिल हुई थी।वह शुरू से ही पसन्द थीं पर मुझे उन के क़रीब आते थोड़ा समय लगा। जब जाना तो वह बड़ी सादा,सरल,
व्यवहारिक और ज़मीन से जुड़ी हुई नज़र आईं।
एक अद्भुत-अदृश्य आकर्षण शक्ति है उन में जो सब को बरबस ही अपनीं ओर खींच लेती है।
वह नारी कल्याण समिति में केवल मेरा ही नहीं अपितु सभी सदस्याओं का ध्यान रखतीं हैं।सभी सदस्याओं को जोड़ कर रखतीं हैं।सब का हाल-चाल जानना उन की विशेष खूबी है।उन में छोटे-बड़े का कोई भेदभाव नहीं है।सभी से एक समान रूप से प्यार करतीं हैं।
कंचन सागर दी से मैंने बहुत कुछ सीखा है।
मैंने सीखा कि इच्छाओं के अनुरूप जीने के लिए जुनून चाहिए,
वरना परिस्थितियाँ तो सदा विपरीत रहती हैं।
कंचन दी,
“जिस पर नाज़ हैं वो तहरीर तू
मुस्कुराती ज़िंदगी की हैं तसवीर तू
तेरी दोस्ती ने भरे रंग ज़िंदगी में
मेरे हसीन ख्वाबों की हैं ताबीर तू॥”
ज़िंदगी के हर मक़ाम में हर पल साथ देती है दोस्ती
और अगर तेरे जैसा दोस्त हो
तो नहीं चाहिए मुझे और हस्ती।

राज नन्दा 
नारी कल्याण समिति 
पानीपत।
7206051963
🙏🏻
 औरत मोहताज नहीं किसी गुलाब की,
वह ख़ुद बाग़बां है इस पूरे कायनात की।
     औरत की ख़ूबसूरती उस की सोच और परवाह से होती है न कि  उस के चेहरे की रंगत से।श्रीमती कंचन सागर एक ऐसी शख़्सियत हैं जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज की भलाई के लिए समर्पित किया है।
वह एक प्रेरणा दायीं महिला हैं जिन्होंने युवाओं को अपने सपने पूरे करनें के लिए आगे बढ़ने का मौक़ा दिया है।वह किसी की भी मदद करने से पीछे नहीं हटतीं। वह एक शिक्षिका,कवयित्री,
साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।उन का जन्म ही समाज की सेवा करनें के लिए हुआ है। 
किसी भी गरीब बच्ची का विवाह करवाना हो,किसी बच्चे के विद्यालय की फ़ीस भरनीं हो,किसी ज़रूरतमंद की मदद करनें को सदैव तत्पर रहतीं हैं। तन-मन-धन से समर्पित हैं कंचन सागर!
वह सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच भी एक प्रेरणा स्त्रोत हैं। वह मेरी भी प्रेरणा बनीं हैं।उन्होंने मुझे पंजाबी की गूँज पत्रिका के लिए लेख लिखने को प्रेरित किया।मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझतीं हूँ कि आज उन के लिए भी मुझे कुछ लिख पाईं हूँ।
 कंचन सागर जी हमेशा नित नईं ऊँचाइयों को छुएँ और हम जैसों का मार्गदर्शन करें!

राखी टुटेजा 
पानीपत 
97288 27441
🙏🏻
प्यारी स्नेहमयी बड़ी दीदी
 श्रीमती कंचन सागर जी
मैं जब पानीपत आई 2004 में तब से हर दिन पेपर में कंचन दीदी के बारे में और उनकी समिति के बारे में इतना कुछ अच्छे कार्यों के अनगिनत लेख आते थे।मैं दीदी की शख्सियत से बहुत प्रभावित थी।इतने अच्छे विचार समाज में एक नई विचारधारा को जन्म दे रहे थे कि गृहिणी होते हुए भी हम देश-समाज,व्यक्ति के लिए निःस्वार्थ कुछ कर सकते हैं।
कंचन दीदी द्वारा लगाए गए पौधे मॉडल टाऊन स्टेडियम रोड पर आज खूबसूरत दरख्त बनकर झूमते हैं तो लगता है गर्मी की चिलचिलाती धूप में पथिक को वहीं विश्राम मिलता है और कंचन दीदी को उनका आशीर्वाद। 
सन् 2016 में अपने पारिवारिक दायित्वों को निभाते हुए दीदी से जब मिली तो लगा कि लोगों ने जितना बताया उससे भी ज्यादा प्यारी और ममतामयी बड़ी बहन मिल गई। आज भी हम उनके साथ ह्रदयतल की गहराइयों से जुड़े हैं।उनका जज्बा आज भी हमें बहुत प्रेरित करता है कि हमें रुकना नहीं है।
 बस देश और समाज के लिए अपना सबसे बेहतर समय,धन और गुण बांटना है।
बहुत प्यारी सी पंक्तियां अपनी दीदी के लिए-
जबसे मिली हूं आपसे
मुझे जीवन का मकसद मिल गया
कैसे लाते हैं किसीके गमगीन चेहरे पे
मुस्कुराहट ये तरीका मिल गया
आप पर हो रब हमेशा मेहरबान 
उसकी मिले आपको हमेशा दुआ
हम सबको मिले आपकी छाया
खिलती रहे हमारी समिति की बगिया।

आपकी छोटी बहन 
माधवी वर्मा।
🙏🏻
 मैं उसे समय बहुत छोटी थी जब मामी जी अर्थात श्रीमती कंचन सागर जी का विवाह हुआ था । मुझे कुछ धुंधला सा याद है जब हम सभी बच्चे गर्मी की छुट्टियों में उनके घर रुकने जाया करते थे और खूब मस्ती किया करते थे। मामी जी हमें स्वादिष्ट भोजन करती थी और हम मजे से खाते थे। मामी जी एक ऐसी दरिया दिल महिला है जो दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हैं और सबको  सकारात्मकता के साथ जीने की प्रेरणा देती हैं। वह किसी को भी अपने दर्द का अहसास तक नहीं होने देती हैं वह एक ऐसी इंसान है जो किसी भी अवसर पर सभी को सबसे पहले विश करती हैं उनकी आंखों में एक चमक है जो सभी को अपनी तरफ आकर्षित करती है मेरी बस यही दुआ है कि भगवान उनको लंबी उम्र और बहुत सारी खुशियां दें और उनकी आंखों की चमक और हमारे सिर पर उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहे।
भारती भनोट
9999061400
इन्दिरापुरम
गाजियाबाद.
🙏🏻
 कंचन सागर मॉं

पानीपत में एक जाना पहचाना चेहरा है।
“बिना मांगे जहाँ पूरी हर मन्नत होती है,
वह तो केवल माँ है जिसके पैरों में जन्नत होती है !”
यह मेरी माँ जैसी ही हैं। मेरी माँ तो गॉंव में है।मेरी सारी इच्छाओं को यही पूरा करतीं हैं।
जी हाँ,मुझे बड़ी बड़ी बातें तो नहीं करनीं आतीं पर मैं इन के बारे में बहुत कुछ लिख सकता हूँ।
कंचन सागर जी को मैं भुआ कह कर बुलाता हूँ क्योंकि जब मैं गॉंव से शहर आया तो इन के मायके ही आया था। तब जब कुछ सीख गया तब मुझे इन के पास भेजा गया था।
मुझे अब अठारह वर्ष हो गए हैं इन के घर पर काम करते।
कंचन भुआ मेरी मॉं भी है।अपनी माँ तो गॉंव में रहती है जबकि यह मेरे पास। मेरे दिल की बात झट से जान जातीं हैं। जब भी किसी चीज़ की ज़रूरत होती है तो मुझे इन को बताने में कोई झिझक महसूस नहीं होती।
मुझे बड़ी पुरानी बात याद आ रही है। तब पैडल वाली रिक्शा बहुत चला करतीं थीं।
कंचन सागर भुआ एक रिक्शा लेतीं और चल पड़तीं थीं किसी का दुख दूर करने को।तब कोई मेहमान हमारे घर आया। हमने उससे पूछा कि घर तक आने में कोई तकलीफ़ तो नहीं हुई तो उस ने तपाक से जवाब दिया कि नहीं। हम ने एक रिक्शा वाले से पूछा कि हम ने कंचन जी के घर जाना है तो वह हमें यहीं ले आया। इस का मतलब कि सभी उन को जानते हैं।
और बताऊँ आप को।
मेरे पापा को टी बी हो गई थी तब कितनीं बार इन्होंने मेरी मदद की।
ऐसे ही एक थ्री व्हीलर चलाने वाले विजय के बेटे को खून की ज़रूरत थी।कहीं से उस को खून नहीं मिला तब इन्होंने ही अपना खून दिया था।
ऐसे ही कितनी बार ऐसा हुआ कि कोई रात को आया पर वह ख़ाली नहीं भेजा गया।
कितनी लड़कियों के विवाह में सामान दिया,बच्चों की फ़ीस दी। उन्हें आगे बढ़ने का हौंसला दिया।
अब तो भगवान से दुआ करता हूँ कि इन्हें जल्द ही स्वस्थ करे!

शेफ़ रमेश यादव
पानीपत 
+91 95180 93709
🙏🏻
 कंचन सागर दी
सच्ची!
हे भगवान!
मुझे दी के बारे में लिखना है। मैं तो इतनी अधिक उत्साहित हूँ कि बताने में भी असमर्थ हूँ।
मेरी प्यारी दी,जब इन से मेरा मिलना हुआ तब शायद 1980 की बात है। दी जहॉं किराए के घर में रहती थी तब हम वहीं उन के पड़ौस में रहने आए थे। उन का बड़ा बेटा चार वर्ष का था और छोटा होने वाला था।
मुझे बड़ी अच्छी तरह से याद है तब भी उन के दरवाज़े पर कोई माँगने आता था तो वह उसे ख़ाली हाथ नहीं जाने देती थी। जून 1980 में उन्होंने छोटे बेटे को जन्म दिया तब कईं बार बड़े बेटे को हमारे पास छोड़ दिया करतीं थीं।वह हमारे पास ही खेलता था। 
धीरे-धीरे बच्चे बड़े होने लगे। उन के साथ एक अलग ही तरह का लगाव था और अभी तक है। मेरे मम्मी-पापा उन को बहुत प्यार करते थे। हम दोनों के परिजनों से आपस में कोई बात छिपी नहीं होती थी। फिर कंचन दी ने केन्द्रीय विद्यालय 
में अस्थाई नौकरी की। मैंने भी एक प्राइवेट स्कूल में करनीं शुरू की। अब हम शाम को मिलते और पूरे दिन की बातें एक-दूसरे को बताते।
“ईमानदारी की इच्छाओं पर अडिग रहना तुम्हीं से सीखा है,
दी, तुम्हारे कदमों के निशान पर, 
मैंने मेरे वजूद को सींचा है।”
फिर मैंने दी के बच्चों को पढ़ाना आरम्भ किया। दी समाज के कामों को करने के लिए आज़ाद हो गई। कभी-कभी मैं भी उन के साथ जाने लगीं। मुझे दी के साथ रहना अच्छा लगता था। फिर मेरी बहन और भाई की शादी हो गई।मेरे लिए भी घर-परिवार ढ़ूंढा जाने लगा।दी मुझे ससुराल में सामंजस्य स्थापित करने की शिक्षा देती। मेरी मम्मी को बहुत अच्छा लगता था।
जब मेरे पापा का स्वर्गवास हुआ तब आप बहुत दिनों तक अपने आप को सम्भाल नहीं पाईं थी।
यादों के पिटारे खोलनें बैठुं तो कितनी बातें याद आ जातीं हैं।
फिर विवाह के बाद मैं अम्बाला चली गई और मेरे मायके वाले पालम के पास। उस के बाद हमारा मिलना नहीं हो पाया।दीदी मेरे बच्चों के विवाह पर भी नहीं आ पाईं।
कोरोनावायरस जब आया तब फिर दीदी ने मुझे सब को रोशनी फ़ाउंडेशन में जोड़ा,हम ज़ूम पर पाठ करने लगे। इस तरह मेरा उन से दुबारा जुड़ना हुआ जो आज तक जारी है।
कंचन दी,आप को 
दयालुता और करुणा का एक ज्वलंत उदाहरण बनने के लिए धन्यवाद। आपने मुझे सहानुभूति और उदारता का महत्व सिखाया है।

साधना 
अम्बाला
9255542827
💐
 Kanchan Sagar Didi—-A Living Legend

I’m immensely ecstatic to reminiscet my moments & experiences spent with Kanchan didi.Panipat is a town where my Parental Grand Parents resided since they migrated from Pakistan. My father retired from Defence had a deep desire to settle down at  Panipat and serve his parents.As luck would be,I got an appointment as a Primary Teacher in Kendriya Vidyaalaya,N.F.L.Township.At that time Kanchan didi was working as TGT English (contractual) in K.V.NFL Panipat.
On my first day of joining,I was introduced to Didi that she also resides in Model Town. Meeting her in an unknown environment was a breather.
Gradually we developed a strong bond.She was like an elder sister,a motherly figure and a protector. Not only with me,she was very popular among the students and parents.Any event celebration in the Vidyalaya,I would find her participating with full zeal and enthusiasm.Her ideas,guidance and execution was par excellence.I can never forget the drive to School when Mr.Vidya Sagar Bhatia Bhai Sahib took all the trouble to drop us. On our return after School,we enjoyed the Rickshaw and Tonga rides.
So mesmerising is the Charisma of Kanchan didi.I feel so proud reading her news of achievements with Innerwheel Club and Nari Kalyan Samiti. She puts her heart and soul while organising the projects for the weaker society.I have attended many such events with her.Her rapport with the other members of the Club and Samiti is amazing. Her family members participate with her wholeheartedly in various projects.
 Kanchan didi as “Sarla Bhenji”,doing the ramp walk so gracefully deserves,”Cheers”. Her eye catching big ‘Bindi’ and elegant sarees make her “The Queen of the Show.”
I pray to Almighty to bless her her with Good Health so that she keeps serving the society and the downtrodden.
Such personalities are rare to find on The Planet. I salute her for her AMAZING FEATS.
“KEEP ROCKING KANCHAN DI”


Neera Paruthi
Panipat 
9416019560
🙏🏻
 श्रीमती कंचन सागर 

इन की समाज सेवा देश प्रेम की उद्दत भावना को व्यक्त करती है।क्योंकि समाज देश सेवा की महत्वपूर्ण कड़ी है।राष्ट्र का निर्माण उस में रहने वाले व्यक्तियों से होता है। कंचन जी सुप्रसिद्ध समाज सेविका हैं।इन्होंने समाज सेविका होने के नाते अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए पथ प्रदर्शक बनीं हैं।इन का संघर्ष,समर्पण और सच्ची सेवा में उन की निष्ठा समाज को सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करती है।
आप एक सशक्त,बहुत ही गतिशील और लोकप्रिय कार्यकर्ता है।अगर हम उन की उपलब्धियों की ओर ध्यान लें जाएँ तो यह न जाने कितनी ही संस्थाओं से जुड़ीं हैं।
  मेरी और उन की जान पहचान बहुत पुरानी है।1996-97 में मेरी जेठानी नीलम के साथ उन का उठना-बैठना था। यह हमारे घर और हम उन के घर आया-जाया करते थे।बहुत गहरा लगाव रहा है। सभी मिलजुल कर हंसी-ठिठोली किया करते थे। कंचन जी में खूब हास्यवृति है। काम समय पर करना,किसी का दिल न दुखाना,सब की मदद करना अनेकों खूबियाँ हैं।
जब जब इन के बारे में समाचार पत्रों में पढ़ती हूँ ,तब तब ही सिर गर्व से ऊँचा हो जाता है।मुझे ख़ुशी होती है कि मैं इन को बहुत क़रीब से जानतीं हूँ।कंचन जी सब को साथ लेकर चलतीं हैं।यही खूबी उन को आगे बढ़ने में सहायक सिद्ध हुई है।
प्रभु से प्रार्थना है कि वह इन को हमेशा स्वस्थ रखे!

अंजु मेहता
अध्यापिका (वाणिज्य विभाग)
पानीपत 
9729677555
🙏🏻
माँ जैसी दीदी मिली और सखी जैसी बड़ी बहन मिली। जब सुना कि दीदी पर पुस्तक लिखी जा रही है तो ऐसा लगा मानो मुझे पन्ख लग गये हो।खुद पर गर्व महसूस् हो रहा था कि मै दीदी की ज़िन्दगी का एक अभिन्न हिस्सा हूँ।और मैं अपनी पुरानी यादों में खो गई।उन्हीं यादों के झरोखों से कुछ यादें संजो कर लाई हूँ।
जब मैं पहली बार माँ बनीं तो दीदी मेरे पास थीं।माँ से भी बढ़ कर उन्होंने मेरा ध्यान रखा।उन का प्यार भरा हाथ जब सिर पर होता था तो पूरे शरीर में एक हरकत-सी होती और ऐसा लगता था कि मैं बिल्कुल ठीक हूँ।बस तब दीदी-दीदी से दीदी माँ बन गई। मेरे हर सुख-दुख की साथी।।मेरी प्यारी-सी हमराज।कुछ ग़लत हो जाये तो प्यारी सी डांट मार देती थी।उन की डांट में भी प्यार छुपा होता है और प्यार में आशीर्वाद।मैंने बिटिया का नाम दीदी को रखने को कहा।उन्होंने स्निग्धा नाम सुझाया जिस का मतलब होता है स्निग्ध,कोमल,
मुलायम,नर्म।सब को नाम बहुत पसंद आया और उस का नाम यही चल रहा है।।
किसी भी रिश्ते में अगर कुछ नमकीन का तड़का ना लगे तो मज़ा नहीं आता।छोटी-सी नोकझोंक का चलना तो एक आम बात है।ऐसे ही एक बार दीदी किसी बात पर नाराज़ हो गई।ख़ुद को भी बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। काफी दिनों के बाद दीदी मायके आई।बस मैंने पीछे से उन को जादू की झप्पी डाल दी।बस फिर क्या था हम दोनों फिर एक जैसी हो गईं।वह दिन और आज का दिन है हम कभी एक दूसरे से नाराज़ नहीं हुए। बहुत प्यार मिला है दी माँ से।
जब हम नोएडा में शिफ्ट हुए तो ऐसा लगा कि पूरे का पूरा घर ही नए सिरे से बनाना पड़ रहा था।तब भी दीदी ने बहुत साथ दिया।पता नहीं कार की डिक्की में क्या-क्या सामान रख देती फिर फ़ोन कर के बताती कि डिक्की में से सामान निकलवा लेना।ऐसी है हमारी प्यारी दी।
जब हमारे अल्टीमेट ऑफिस में आग लगी तब दीदी के प्यार और सहानुभूति ने उन क्षणों को बहुत आसान बना दिया था।मेरे अभी भी रौंगटे खड़े हों जाते हैं उस पल को याद कर के जिस ने जिंदगी को ही बदल दिया।पर परमात्मा ने दीदी का साथ दिया और उस दौर से निकलने की हिम्मत भी।
क्या- क्या लिखूं दी माँ के लिए? मम्मी की बीमारी में एक डॉक्टर  की तरह उन की सेवा करती रहीं।सब कुछ उन्होंने भुला दिया था।अपना सुख दुख भी।राजीव गांधी कैंसर इंस्टि्च्यूट में मम्मी का इलाज चल रहा था।कभी जब कोई प्राइवेट कमरा नहीं मिलता था तो दीदी नीचे ही कम्बल बिछा कर पूरी रात बिताती थीं।सर्दी में तो बहुत परेशानी होती थी।मम्मी  की उन मुश्किल घड़ियों मे उन को बातों में लगाने और उन को हँसाने की कोशिश करती ताकि वो कुछ पल अपना दुख भूल जायें।वो समय् जब भी याद आता है आँखें भर आती हैं।बस दीदी से यही शिकायत है कि इतनी समाज सेवा की उन्होंने,हर ज़रूरतमंद के दिल में उन्होंने घर बनाया पर अपना ध्यान नहीं रख पाईं।प्रभु उन को लम्बी उम्र दे और तंदरुस्ती दे क्योंकि समाज को और हमें उन की बहुत ज़रूरत है।
मैं माता सीता रानी सेवा संस्था के इस प्रयास की सराहना करते हुए सभी पदाधिकारियों को नमन करतीं हूँ।


रोज़ी मल्होत्रा 
पानीपत 
9910300077
🙏🏻
 सर्वप्रथम माता सीता रानी सेवा संस्था,उन के पदाधिकारियों का आभार मानता हूँ कि उन्होंने कंचन दीदी की जीवनी,उपलब्धियों पर एक अभिनन्दन ग्रन्थ लिखने की ठानी है।
मैं और मेरा पूरा परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहें हैं।

“ख़ुशनसीब हैं वे भाई जिसके सर पे
बहनों का हाथ होता है,
चाहे कुछ भी
हालात हों,
यह रिश्ता हमेशा साथ होता है !”
सच ही कहा गया है कि भाई-बहन का प्यार अनमोल होता है। ऊपर से भले ही दोनों एक दूसरे से कितना ही क्यों लड़-झगड़ लें पर मन में कोई शिकायत नहीं होती। अगर कुछ होता है तो वह है सम्मान और भरपूर प्यार।
मैं अपनीं कंचन दीदी से बहुत प्यार करता हूँ। मैं इन का बहुत मान करता हूँ।कंचन दीदी हम पॉंच बहन-भाइयों में सब से बड़ी हैं।दीदी को मैंने हमेशा एक ज़िम्मेदार और हर काम में कुशल ही पाया है।
   मुझे बचपन की बातें बहुत याद आतीं हैं।मम्मी बताया करतीं थीं कि एक बार मैं बहुत बीमार पड़ गया था।
मम्मी भगवान के आगे मेरे शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करतीं रहतीं थीं। साथ में दूसरी छोटी बहन को भी बैठने को कहतीं थीं। उन के मन में यही था कि बच्चों की बात भगवान तक जल्दी पहुँच जाती है। और जिस किसी वस्तु,गेम की मैं फ़रमाइश करता, उसे लाने अथवा ख़रीदने को कंचन दीदी को भेजा जाता। उस वक्त हम आहुजा स्वीट्स के पास नज़दीक दयाल चौंक रहते थे। दीदी एक बार जाती और ख़रीद कर लातीं,मैं नापसन्द कर देता,दीदी को फिर भेजा जाता,
फिर नापसन्द कर देता। इस तरह न जाने कितनीं बार हुआ ,दीदी ने उफ़ तक नहीं कीं थीं।
ऐसी हैं मेरी कंचन दीदी।
भाई बहन का प्यार महसूस नहीं किया जा सकता।भाई और बहन का प्यार बचपन में जो होता है वही जीवन भर याद रहता है।बहन छोटी हो या बड़ी उसके मुंह से एक ही शब्द निकलता है “मेरा भाई”।वह हमेशा ख़ुश रहे।भाई भी अपनी बहन की हर इच्छा पूर्ण करने को तत्पर रहता है। बहन भाई के प्यार में गरीबी अमीरी की दीवार नहीं होती।
  क़िस्से तो बहुत हैं। साठ साल हो गए होंगे इस बात को।मुझे बिलकुल भी नहीं पसन्द था कि मेरी बहनें घर के मुख्य दरवाज़े पर आ कर भी खड़ी हों। सो मैं मना कर देता कि कोई बाहर नहीं खड़ा होगा। मंजु दीदी जो कंचन दीदी से केवल दो वर्ष ही छोटी हैं,वह तो मान जाती परन्तु कंचन दीदी नहीं मानतीं थीं। बल्कि साइकिल पर सवार होकर बाज़ार के सारे काम करतीं थीं।यहॉं तक कि वह साइकिल के कैरियर पर गैहूँ रख कर जातीं और आटा पिसवा कर लातीं थीं।बाहर के किसी काम को दीदी मना नहीं करतीं थीं। शायद यही कारण रहा होगा जो डैडी दीदी को अपना बड़ा बेटा मानतें थे।
  जब दीदी का विवाह हुआ तो जीजा जी के साथ दीदी देहली रहनें चलीं गईं। वहॉं दीदी के पास साइकिल नहीं थीं और उन को बड़ी ज़रूरत थी। डैडी को अच्छा नहीं लगा था कि दीदी बस पर जाकर सामान ले कर आए। तब वह स्वयं देहली जाकर दीदी को साइकिल दे कर आए थे।
“कोहेनूर तो देखा नहीं कभी मैंने 
मगर अनमोल होतीं हैं बहनें
खुद के ग़म को छुपा हँसना सिखातीं हैं॥”             
सच में, बहन पृथ्वी पर एक विशेष प्रकार की देवदूत होती हैं जो आपके सर्वोत्तम गुणों को सामने लाती हैं।
   कॉलेज के समय की एक बात बताना चाहूँगा। मेरी किसी लड़के के साथ लड़ाई हो गई।सब कुछ सुलझ भी गया था परन्तु एक रात उस ने मुझे अकेला पाकर लाठी मारी जो सिर में लगी और खून बहने लगा। तब दीदी पानीपत आ चुकीं थीं और किराए के घर में रहतीं थीं। मैं भागता हुआ उन के घर के आगे से निकल गया। तब फ़ोन नहीं होते थे। अगले दिन जब दीदी घर आई तो मुझे देख कर फूट फूट कर रोईं थीं। उन्हें इस बात का मलाल था कि उन के घर के इतने पास यह सब हुआ था। यदि तब मैं दीदी के घर चला जाता तो शायद इतना खून न बहता।
वर्ष 2006 में डैडी को अस्थमा हुआ,फिर उन को यह बीमारी लगातार ही होती रही। एक समय ऐसा आया कि डैडी को अपोलो अस्पताल,देहली में दाखिल करवाना पड़ा।
तब दीदी ने ही हर पल साथ दिया।
यह हमारे परिवार का ग़ुरूर हैं।
बहन होना हर भाई के  दिल के लिए एक तोहफा होता है, आत्मा के लिए दोस्त है और जीवन को मतलब देने वाला एक सुनहरा बंधन है। 
मुझे इतना पता है कि हमारे माता-पिता हमें जल्द छोड़ कर चले जातें हैं और हमारे जीवनसाथी एवं बच्चे देर से आते हैं, लेकिन हमारे भाई-बहन सबसे बुरे दौर में भी हमारे  साथ रहते हैं। 
कंचन दीदी ने समाज की सेवा में अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया है। उन्होंने अपने मायके और ससुराल दोनों का मान रखा है। प्रशासन और अनेक संस्थाओं की ओर से उन्हें अनगिनत बार पुरस्कृत किया गया है।
कंचन दीदी,हमें आप पर गर्व है। आपके लिए मैं इतना कहना चाहता हूँ कि 
“ऐ ख़ुदा मेरी दुआओं में इतना असर रहे,
फूलों से भरा सदा मेरी बहना का घर रहे !”


नवल किशोर मल्होत्रा 
पानीपत 
9896200078
🙏🏻कंचन सागर मॉं

पानीपत में एक जाना पहचाना चेहरा है।
“बिना मांगे जहाँ पूरी हर मन्नत होती है,
वह तो केवल माँ है जिसके पैरों में जन्नत होती है !”
यह मेरी माँ जैसी ही हैं। मेरी माँ तो गॉंव में है।मेरी सारी इच्छाओं को यही पूरा करतीं हैं।
जी हाँ,मुझे बड़ी बड़ी बातें तो नहीं करनीं आतीं पर मैं इन के बारे में बहुत कुछ लिख सकता हूँ।
कंचन सागर जी को मैं भुआ कह कर बुलाता हूँ क्योंकि जब मैं गॉंव से शहर आया तो इन के मायके ही आया था। तब जब कुछ सीख गया तब मुझे इन के पास भेजा गया था।
मुझे अब अठारह वर्ष हो गए हैं इन के घर पर काम करते।
कंचन भुआ मेरी मॉं भी है।अपनी माँ तो गॉंव में रहती है जबकि यह मेरे पास। मेरे दिल की बात झट से जान जातीं हैं। जब भी किसी चीज़ की ज़रूरत होती है तो मुझे इन को बताने में कोई झिझक महसूस नहीं होती।
मुझे बड़ी पुरानी बात याद आ रही है। तब पैडल वाली रिक्शा बहुत चला करतीं थीं।
कंचन सागर भुआ एक रिक्शा लेतीं और चल पड़तीं थीं किसी का दुख दूर करने को।तब कोई मेहमान हमारे घर आया। हमने उससे पूछा कि घर तक आने में कोई तकलीफ़ तो नहीं हुई तो उस ने तपाक से जवाब दिया कि नहीं। हम ने एक रिक्शा वाले से पूछा कि हम ने कंचन जी के घर जाना है तो वह हमें यहीं ले आया। इस का मतलब कि सभी उन को जानते हैं।
और बताऊँ आप को।
मेरे पापा को टी बी हो गई थी तब कितनीं बार इन्होंने मेरी मदद की।
ऐसे ही एक थ्री व्हीलर चलाने वाले विजय के बेटे को खून की ज़रूरत थी।कहीं से उस को खून नहीं मिला तब इन्होंने ही अपना खून दिया था।
ऐसे ही कितनी बार ऐसा हुआ कि कोई रात को आया पर वह ख़ाली नहीं भेजा गया।
कितनी लड़कियों के विवाह में सामान दिया,बच्चों की फ़ीस दी। उन्हें आगे बढ़ने का हौंसला दिया।
अब तो भगवान से दुआ करता हूँ कि इन्हें जल्द ही स्वस्थ करे!

शेफ़ रमेश यादव
पानीपत 
+91 95180 93709
🙏🏻
माँ जैसी मौसी होती है।सुना तो बहुत था।देखा और अनुभव भी किया। क्यों कि भगवान की कृपा से मुझे बहुत सारी मौसियाँ मिलीं।
शादी हुई तो दो और मौसियाँ मिल गईं।कहनें को तो मौसी सास हैं ….. पर दोनों इतनीं अच्छीं और मिलनसार कि मानों कभी एहसास ही नहीं हुआ कि वे मेरी सास हैं।छोटी मौसी तो अमृतसर में रहतीं हैं तो मिलना कम होता है परन्तु जब भी मिलतीं मानों मन मोह लेतीं।
बड़ी मौसी श्रीमती कंचन सागर बिलकुल मॉं जैसा ही प्यार,दुलार करतीं हैं….
कभी बेटी और बहू में ना फ़र्क़ करनें वालीं….
हमारे परिवार को एक बन्धन में जोड़ के रखनें वालीं…..
ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव बहुत ही हिम्मत और मुस्कुराहट के साथ निभाने वाली,बहुत ही सहनशील और प्रेरणा दायक इन्सान हैं…..
रब से दुआ है कि इन्हें स्वस्थ रखें और लम्बी आयु बख्शे!

जौंसी भसीन
पानीपत 
+91 8562-085720
🙏🏻
 हरे  कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे 
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 
जिन्दगी में जब हम जन्म लेते हैं तो हम सब चाहते हैं कि हम एक ऐसा जीवन जीएं जो सुख सुविधाओं से भरा हो । हम हमेशा खुश रहे, हमारा परिवार भी खुश रहे । कंचन सागर दीदी एक ऐसी अभिव्यक्ति हैं  जिन्होंने अपने नाम को चरितार्थ कर दिया । नाम के प्रतिरूप सागर जैसी विशालता उनके हृदय में हमेशा समाई रहती है । इन्होंने स्व  से पहले पर कल्याण की कल्पना की है । इन्होंने मानव सेवा में एक मिसाल कायम की है  जो वंदनीय है । यह वह शख्सियत है जिन्हें मैं  दिन में किसी भी समय कॉल करुं कि  मुझे आपकी यह मदद चाहिए तो  इनके ऊपर एक जुनून सवार हो जाता है कि मैं किस तरह यह हेल्प कर सकती हूं और जब तक वह इस मिशन में साथ नहीं दे देती तब तक वह जुटी  रहती हैं ।  ऐसे अद्भुत लोगों को मैंने अपने जीवन में बहुत कम देखा है । हर पल समाज के लिए स्वयं आगे बढ़कर कुछ करने को तैयार । एक शिकायत मुझे कंचन दीदी से रहेगी कि  समाज कल्याण के इस दौर में इन्होंने अपने आप को पूरी तरह झोंक दिया, स्वयं की देखभाल, परिवार इन सबसे प्रथम उनके लिए  समाज सेवा थी । इतने सालों तक लगातार एक काम करते हुए आदमी थक जाता है उसको लगता है कि चलो छोड़ो मैं बोर हो गया पर कंचन दीदी के चेहरे पर मैंने आज तक थकान नहीं देखी । आज तक यह नहीं देखा कि कोई बात नहीं कोई और कर लेगा । हमेशा उनके अंदर यही भावना रहती थी कि नहीं मुझे आगे बढ़कर करना है । मैं तहे दिल से , दिल की गहराइयों से मैं कंचन दीदी का अभिनंदन करती हूं और परमात्मा से यह दुआ करती हूं कि आप् हमेशा खुश रहे, स्वस्थ रहें और ऐसे ही लोगों की जिंदगी में खुशियां बांटने का काम निरंतर करती रहें । मैं अपने आप को सौभाग्य शाली समझती हूं कि  कंचन दीदी के दोस्तों की लिस्ट में मेरा नाम शामिल है और परमपिता परमात्मा से दुआ करती हूं उनके जीवन के आने वाले साल बहुत खूबसूरत हो ।
खुदा करे आप ऐसे ही बादस्तूर  नेकियां करते रहें 
और लोगों के जीवन में खुशियों के रंग भरते रहें
आपके चेहरे की मुस्कान हमेशा कायम रहे
और आप एक जगमगाते सूरज की तरह हमेशा उभरते रहें
बहुत-बहुत धन्यवाद बहुत-बहुत धन्यवाद 
अभिनंदन 
मोनिका सलूजा(नूर)
[🙏🏻
श्रीमती कंचन सागर जी अत्यन्त विदुषी,बहुमुखी प्रतिभा की धनी और जुझारू महिला हैं। मैं अन्तर्राष्ट्रीय इनरव्हील क्लब संस्था के माध्यम से उनके सम्पर्क में रही। असाधारण महिला के रूप में उन्हें पाया। जो संकल्प किया या उत्तरदायित्व लिया उसे पूरा करने में पूरी तन्मयता दिखाई। लेखन प्रतिभा को विकसित किया , यह अत्यन्त प्रशंसनीय है । अपने अनुभवों और उद्गारों को समाज तक पहुंचाने में जिन जिन नारियों ने लेखनी उठाई वे पथ प्रदर्शक बनीं। समाज सेवा का माध्यम शब्द भी हुआ करते हैं। कंचन जी दोनों ही क्षेत्रों में उत्तरोत्तर प्रगति करें यह मेरी शुभकामना है।



 शुभाकांक्षी- 
विजय गुप्ता
पूर्व मंडलाध्यक्षा
मण्डल 308
अम्बाला कैंट
9813711501
🙏🏻 कंचन सागर आंटी जी हमेशा से ही हम सब के लिए मार्गदर्शी रही हैं। वह हम सबके लिए रोल मॉडल जैसी हैं। उन्होंने हमेशा हमारी मां की तरह हमारा ध्यान रखा है और हमें हमेशा अपने साथ रखा है। आंटी के कार्य हम सभी को अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। जिस तरह वह सबसे बात करती हैं, सबसे मिलती हैं, उन्हें ऐसा देख कर ही बहुत अच्छा लगता है। वह हमेशा सबका भला ही चाहती हैं। 

*गुरु गोविंद दोनो खड़े , काके लागू पाए।
बलिहारी गुरु आपनो , गोविंद दियो बताए।।*

आंटी हमेशा से ही हमारे लिए एक गुरु के समान रही हैं। इनकी पूरी जिंदगी से ना जाने कितनी सीखें ले सकते हैं हम। मैं आंटी जी को बहुत समय से जानती हूं और मेरा ऐसा मान ना है की आज के समय में आंटी जैसे लोग बहुत ही मुश्किल से मिलते हैं। अंत में मैं यही चाहूंगी की आंटी का आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ रहे।

आपकी प्रिया
आरती शिंग्ला
🙏🏻
श्रीमती कंचन सागर एक संघर्षशील नारी हैं, जिन्होंने अपने जीवन को समाज के सुधार में समर्पित किया। उनके साहसिक कार्यों और समाज सेवा में उनका योगदान अद्वितीय है। उनकी नेतृत्व में समाज में महिलाओं के स्थान को मजबूत किया गया है। उनके जीवन की कहानी एक प्रेरणास्त्रोत है, जो हमें समाज के बदलाव की दिशा में मुखौटा प्रदान करती है।वह हमेशा हर किसी की मदद में सबसे आगे रहती है, उनकी सहायता करने का तरीका न केवल सामान्य है बल्कि अनोखा और नवाचारी है। मैं उन्हें करीबन 15 सालों से जानती हूँ, और उनकी यह सद्गुण और उनका समर्थन मेरे लिए एक महत्वपूर्ण आदर्श है।

उसकी मुस्कान से रौशनी आती है,
हर दुःख-सुख में साथ निभाती है।

करियर की ऊँचाइयों को छूते हुए,
दूसरों को भी ऊपर ले जाती है।

सहारे की तरह वह सभी के लिए है,
उनकी ममता, उनका स्नेह, कमाल है।

जीवन की राहों में अगर हो अंधेरा,
तो वह उसे रोशनी से भर देती है।

कंचन आंटी, तुम हो नयी आशा,
हमें तुम पर गर्व है, विश्वास है।
Thnx
Anju Gera 
Panipat 
 Ph no 9896548544
🙏🏻
It's grandma, of course! She is the one you can count on to always have your back with an overflowing amount of unconditional love. If you think you have faults, forget about them.
My grandmom name is Mrs Kanchan Sagar. She is 71 years old. She is an old woman but she do everything for me. Iam very fortunate to have her in my life. I have seen her helping poor and needy ones and Iam very proud of her. She tells me the diffrentiate between bad and good things. I think she is world most best grandmom. She is inspiration for all of us. I love her most and my grandmother is the most beautiful and elegant lady in the world. Her love is most purest form of love ... unconditional love, which is selfless and limitless, and not based on any conditions or expectations. Thanks for always loving us💞

Aaradhya Sagar
Granddaughter
🙏🏻
 हमारी कंचन दादी

मेरी दादी मंजु दादी,उन की बड़ी बहना कंचन दादी
हम सब की वह बड़ी दादी
घर में में भी सब की प्यारी कंचन दादी
बड़े दादू के चेहरे की मुस्कान है दादी
हम बच्चों की जान है दादी 
ईश्वर का सुन्दर सा उपहार है दादी।
जब भी हम कंचन दादी के घर जाते
हम सब खूब उद्दम मचाते
तब मम्मी की डॉंट से बचाती
मम्मी को ख़ुश करने के टिप्स बताती
हम बच्चों के बचपन में अपना बचपन देख ख़ुश हो जाती दादी
ऐसी है हमारी प्यारी कंचन दादी।
बार-बार पूछती रहती,क्या खाओगे,प्यारे बच्चो,
रमेश भैया से स्वादिष्ट पकवान बना-बना कर हमें खिलाती
ऐसी है हमारी प्यारी कंचन दादी
सब बच्चों को बिठा बिठा कर कविताएँ और कहानियाँ सुनाती 
सुन्दर-सुन्दर उपहार दे कर हम सब को ख़ुश कर देती
ऐसी है हमारी प्यारी कंचन दादी।
दीन-दुखी,असहाय,पीड़ित लोगों की सेवा करते
कभी न थकती कंचन दादी
अपना पूरा जीवन इन दीन-दुखियों की सेवा 
में समर्पित किया दादी ने 
ऐसी है मेरी कंचन दादी।
मन्दिर जैसे भगवान बिना
घर वैसे कंचन दादी बिना
जुग जुग जिये हमारी  कंचन दादी
सदा स्वस्थ और निरोग रहे हमारी कंचन दादी॥

लायशा भसीन
कक्षा-तृतीय 
पानीपत 
9896229601
🙏🏻*कंचन आंटी: एक प्रेरणा*
कंचन आंटी, पानीपत नगर की एक प्रसिद्ध सामाजिक विभूति हैं, जिन्होंने शिक्षिका, साहित्यकार, कवयित्री और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
*उनकी उपलब्धियां*:
शिक्षिका के रूप में छात्रों को शिक्षित और प्रेरित करना
साहित्यकार और कवयित्री के रूप में अपनी रचनाओं से समाज को संदेश देना
सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में महिलाओं और समाज के उत्थान के लिए कार्य करना
अनेक सामाजिक संगठनों की स्थापना और उनका नेतृत्व
राष्ट्रीय, प्रांतीय और स्थानीय स्तर पर सम्मान, अवार्ड और पुरस्कारों से सम्मानित
*उनका व्यक्तित्व*:
प्रेरणादायक और मार्गदर्शक
निडर और साहसी
समर्पित और परोपकारी
दयालु और सहानुभूतिपूर्ण
जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण
*उनकी प्रेरणा:*
कंचन आंटी के जीवन से मैंने बहुत कुछ सीखा है।
उनकी दृढ़ता और सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पण ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है।
उन्होंने मुझे सिखाया कि कैसे दूसरों की मदद कर खुशी ढूंढी जा सकती है।

दीवार सीमा न रिश्तों की, ये सीख दी कंचन आंटी ने,
पड़ोस में रहकर भी मां जैसा प्यार दिया उन्होंने।

बचपन की मीठी यादें, झांकती हैं खिड़की से,
उनकी कहानियां सुनते, कट जाते थे पल पल सारे हर्ष से।

त्योहारों पर साथ मिलकर, मिठाइयां बनाना याद है,
उनके हाथों का स्वाद, आज भी जुबान पर मधुर लगता है।

हर मुश्किल घड़ी में वो, रहीं मेरे साथ खड़ी,
उनकी नसीहत ने निकाली, हर परेशानी की जड़ी।

उनका जज़्बा , समाजसेवा का जुनून,
देता है मुझे हर पल, आगे बढ़ने का प्रेरणा स्रोत मधुर स्वरून।

पड़ोसी से बढ़कर रिश्ता, बनाया है कंचन आंटी ने,
उनके जैसा साथ पाकर, मैं खुद को धन्य मानती हूँ सदा सनेह से।
धन्यवाद
*मोना कालडा*
  *पानीपत*
  8950600016
🙏🏻
प्यार से कंचन को

कंचन है जिसका नाम
दमकतें हैं उस के काम
रुक जाना नहीं तूं कभी हार के
ये ही हैं उस के जीवन के सिद्धांत 
आगे बढ़ती जाती है 
धूप-छॉंव से न हारी है 
यह ऐसी गर्वित नारी है
मैं रुक जाऊँ हो सकता नहीं 
मैं थक जाऊँ हो सकता नहीं 
नए लक्ष्य हों,नए काम हों
सुन्दर इस का समाज में नाम हो
तुम बन जाओ एक  प्रेरणा
नारी जगत का कल्याण हो
अपनीं उमंग,अपनीं तरंग बिखराओ
कंचन सा यह रंग दमकाओ॥

अनुराधा कालड़ा
पास्ट एसोसिएशन प्रेसिडेंट 
पानीपत 
9813016555
🙏🏻
 प्यार से कंचन को

कंचन है जिसका नाम
दमकतें हैं उस के काम
रुक जाना नहीं तूं कभी हार के
ये ही हैं उस के जीवन के सिद्धांत 
आगे बढ़ती जाती है 
धूप-छॉंव से न हारी है 
यह ऐसी गर्वित नारी है
मैं रुक जाऊँ हो सकता नहीं 
मैं थक जाऊँ हो सकता नहीं 
नए लक्ष्य हों,नए काम हों
सुन्दर इस का समाज में नाम हो
तुम बन जाओ एक  प्रेरणा
नारी जगत का कल्याण हो
अपनीं उमंग,अपनीं तरंग बिखराओ
कंचन सा यह रंग दमकाओ॥

अनुराधा कालड़ा
पास्ट एसोसिएशन प्रेसिडेंट 
पानीपत 
9813016555
🙏🏻
श्रीमती कंचन सागर एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने अपने जीवन के ध्येय के साथ समाज को सेवा करने का संकल्प लिया है। उनके विशेष कर्तव्यविशिष्ट जीवन और सामाजिक कार्यों के माध्यम से वे एक प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप, उन्होंने समाज को एक नई दिशा दी है और महिलाओं को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 


कंचन सागर एक प्रतिभाशाली शिक्षिका, साहित्यकार, कवयित्री और समाजसेवी हैं। उन्होंने अपने अनूठे योगदान के माध्यम से समाज में गहरा असर छोड़ा है। उनकी संस्था और सामाजिक संगठनों के माध्यम से, वे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 

उनके समर्पण और सेवा के प्रति सर्वोत्तम आदर्श के लिए, उन्हें अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। उनकी जन्मदिन के अवसर पर, माता सीता रानी सेवा संस्था एक अभिनंदन ग्रंथ तैयार कर रही है जो उनके योगदान को सलामी देने का एक श्रेष्ठ तरीका होगा। 

यह ग्रंथ उनके जीवन और कार्यों की महत्वपूर्ण यात्रा को उजागर करेगा और उनके उत्कृष्टता को सराहेगा।
नीरू खट्टर , 
इनर व्हील पूर्व ज़िला चेयरमैन , 
ज़िला ३०८, 
१५६, सेक्टर ६, पंचकुला, 
फ़ोन न: + ९१ ९८१४९०२३३६
🙏🏻
 Kanchan Sagar ji as I know her...
shashi kir <shashikir28@gmail.com>
Wed, 27 Mar 2024 22:51:09

I have known Mrs Kanchan Sagar ji since  three decades.She is a  very warm and loving individual, having a great way with words. As I go down memory lane I am reminded of not one but many incidents that throw a light on her multi faceted personality.We were healthy competitors as Presidents of our respective Inner Wheel Clubs.Kanchan ji was very enthusiastic in every activity and I would provide her tough competition in many ways. This however did not come in way of our friendship and respect for each other. We would often exchange notes on  new ideas to serve the society in the best possible way. Her sweet and helpful nature got her many friends and admirers from all walks of society. Over the years I have seen her blossom into a great leader focusing on Inter personal relationships, empowering others and staying humble.She has a passion for service and is very innovative. Her most important traits are her reliability  and dependability. 
I very well remember the time when her club had to host a program during my tenure as the District Chairman of Inner Wheel District308 (2017-18).The Event Chairman could not oversee to the arrangements due to a misfortune at home, which had me worried but Kanchan ji ensured that everything was in perfect order and the club executed a flawless event much enjoyed and appreciated by all present. 
As Kanchan ji celebrates her 70th birthday I take this opportunity to wish her the best in all her endeavors for the benefit of the community. My prayers are for her good health and happiness. May her actions leave a legacy that inspires others to dream more, learn more, do more and become more.
Warm regards,
Shashi Kir
🙏🏻
Gud morning  🙏 
Kanchan ji is most ❤️ loving and wonderful lady. From her very young age she started social works, she roped hundreds of plants in city panipat and now those are converted into Big 🌳 Trees. She is wonderful social worker,  doing fantastic works for society. 
Beautiful heart and loving nature ❤️ 
Words are short to dicribe for her personality indeed.
   Thanks
Usha goyal
Kurukshetra (Haryana)
🙏🏻
सेवा का पर्याय : सुश्री कंचन सागर
Anu Gobind Kalra <aunkaranugovind@gmail.com>
Thu, 29 Feb 2024 14:45:21

समाज सुधार की पहल समाज में रह रहे व्यक्तियों से ही करनी चाहिये अगर हम चाहते है कि हम एक बेहतर समाज का निर्माण करना है तो सबसे पहले खुद में बदलाव करने की जरूरत है क्योंकि अच्छे लोगो से ही मिलकर एक अच्छा समाज बनता हैं और एक अच्छे समाज से मिलकर हमारा भारत देश बना हैं हम भारत जैसे महान देश मे रहते हैं ! वास्तव में एक समाज सुधारक एक आम इंसान होता है जो असाधारण तरीके से मानवता की सेवा करना चाहता है ऐसी ही एक शक्सियत है सुश्री कंचन सागर जी जो पिछले तीन दशकों से निरंतर निजी रूप से , विभिन्न मचों के द्वारा 24 x 7 सेवारत हैं ! हालांकि वो किसी पहचान की मोहताज़ नहीं और समाज सेवा के क्षेत्र में राजमाता के रूप में जानी जाती हैं और सभी के लिए सेवा की एक ऐसी जीवित मिसाल हैं जो कि किसी भी पुरस्कार सम्मान की परिकाष्ठा पूर्णता हैं ! वो एक ऐसी सामाजिक विभूति हैं जिन्होंने अपने जीवन, कार्यों एवं संदेश से समाज, राष्ट्र और महिलाओं के जीवन को एक परिवर्तनकारी संदेश देने का काम किया है। महिला स्वास्थ्य हो या अनाथ बच्चों की शिक्षा , असहाय परिवारों की मदद हो या पर्यावरण मुहीम , कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं कि जिसमे उन्होंने शिखर न छुआ हो ! मूल रूप से एक शिक्षिका होने के साथ साथ  एक साहित्यकार , कवयित्री तथा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने बहुआयामी कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वह स्वयं में ही एक संस्था है और इसके अतिरिक्त भी अनेक सामाजिक संगठनों का निर्माण कर उन्होंने समाज में एक अद्भुत ख्याति प्राप्त की है। उनका पूरा परिवार न केवल उनके कार्यों में सहयोगी है अपितु अपने कार्यों से उन्होंने एक व्यापक सामाजिक परिवार को निर्मित किया है। राष्ट्रीय, प्रांतीय तथा स्थानीय स्तर पर उन्हें अनगिनित सम्मानों , अवार्डस तथा पारितोषिकों से नवाजा गया है जो उनकी लोकप्रियता सर्वप्रियता को दर्शाता है। पानीपत जैसे शहर को इन्नर व्हील क्लब व नारी कल्याण समिति की देन उन्हीं की मेहनत व् दूरगामी द्रष्टि का प्रतीक है !

डॉ अनु कालड़ा
सचिव
इन्नर व्हील क्लब पानीपत मिडटाउन
8059200228
🙏🏻
पानीपत की सुप्रसिद्ध समाजसेविका श्रीमती कंचन सागर अपने आप में समाज सेवा का एक अद्वितीय उदाहरण है। पिछले लगभग 25 वर्षों से निरंतर मैंने इन्हें समाज के जरूरतमंदों और असहाय लोगों की सेवा करते हुए  देखा है। जब जब इन्होंने किसी असहाय और निर्धन परिवार को पीड़ा में देखा तब तब कंचन सागर जी उनकी मदद के लिए आगे आई। ऐसा मैंने एक बार नहीं सैकड़ो बार देखा। उनकी उदारता, शील स्वभाव, और ममतामयी स्पर्श मैंने कई बार महसूस किया। दूसरों को पीड़ा में देखकर खुद दुखी होने वाली ऐसी महान विभूति के जन्मदिवस पर माता सीता रानी सेवा संस्थान द्वारा अभिनंदन ग्रंथ तैयार करना निश्चित रूप से बेहद सराहनीय है। ममता के इस मूर्त रूप को मैं उनके जन्म दिवस पर हार्दिक और अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं। सच में मैंने उनके अंदर एक ममतामयी मां का रूप देखा है। ऐसी महान विभूति को श्री भगवान जी दीर्घायु प्रदान करें ताकि वह अधिक से अधिक समय तक समाज की सेवा कर सके। मैं उनके जन्मदिवस के अवसर पर उन्हें शत-शत वंदन करते हुए दोनों हाथ जोड़कर नमन करता हू।

           शुभेच्छु

          प्रवीन ठाकुर
                पत्रकार
  ‌‌
🙏🏻
माननीय श्रीमति कंचन सागर जी समाज सेवा की दुनिया में एक जाना - पहचाना नाम है । हालाँकि मैं उनसे कभी मिली नहीं , लेकिन हमारी दोस्ती (२०१०- २०१२ से) काफ़ी पुरानी है ।फ़ेसबुक पर बहुत सारे ऐसे भी फ़्रेंड्स होते हैं , जिनसे हमारा कभी इंट्रेक्शन नहीं होता , लेकिन वो फ्रेंड लिस्ट में होते हैं … शुरुआत में तक़रीबन दो - तीन साल हो गये  थे हमारी दोस्ती को ,लेकिन हमारी कभी बातचीत नहीं हुई थी , एक दिन मेरे किसी परिचित को दिल्ली में हॉस्पिटल में ब्लड की ज़रूरत थी और मैंने फ़ेसबुक पे पोस्ट डाला , कई जान - पहचान के दोस्तों को टैग भी किया था मैंने , आधे घंटे बाद ही मेरे पोस्ट पर कंचन जी का मैसेज था कि अपना नंबर शेयर कीजिए , ब्लड की व्यवस्था हो जाएगी । फिर फ़ोन नंबर हमने आपस में शेयर किया और तब से हम ह्वाट्सऐप पे जुड़ गये । फ़ेसबुक पर उनके नित नये कीर्तिमान , पुरस्कारों से अब रोज़ मैं वाक़िफ़ होने लगी । उनके शुरुआती संघर्ष और फिर भी कभी हार ना मानने की अदम्य हिम्मत से बहुत अचंभित हुई मैं। विपरीत परिस्थितियों में भी समाज की ज़िम्मेदारियों को तन- मन से निभाना और सबको एकजुट रखना कंचन जी की विशेषता है । ह्वाट्सऐप के कई ग्रुपों में ( बाग़वानी, हनुमान चालीसा ) इन्होंने मुझे जोड़ा और बड़े प्यार से अपनी सभी महिला - मित्रों से बिलकुल एक पारिवारिक की तरह परिचित करवाया , इनका सहृदय और प्यार भरा व्यवहार सचमुच काबिले तारीफ़ है । मेरा कंचन जी से दिल का एक अटूट रिश्ता है जो आगे भी मैं चाहती हूँ निभा पाऊँ और इनके पदचिन्हों पर चल पाऊँ।कंचन जी आप मेरी प्रेरणा स्त्रोत हैं और सदैव रहेंगी ।
🙏🏻🙏🏻
              प्रियंका सहाय 
            गाँधीनगर, गुजरात 
             9958344997
🙏🏻
Dear Mrs. Kanchan Sagar  Ji

As you approach the celebration of your 72 birthday, came to know that a book is going to be published on your life on your hard work, social work towards society. It is my privilege to pendown my wishes for you.
 I wanted to take a moment to extend my heartfelt wishes to you. It has been a privilege to know you since 2006 and witness firsthand the incredible dedication and hard work you have put into your role as a social worker and as the Charter President of Innerwheel Club Panipat Midtown.

Your commitment to making a difference in the lives of others has been truly inspiring. You have been a pillar of our club, embodying the values of service and compassion that Innerwheel stands for. Your tireless efforts have not only touched the hearts of those you have helped but have also served as a guiding light for all of us in the community.

On this special occasion, I want to express my deepest admiration and gratitude for your unwavering dedication to social work. Your passion, resilience, and kindness have made a lasting impact on so many lives, and I am honored to have had the opportunity to work alongside you.

May your birthday be filled with joy, laughter, and the warmth of the love and appreciation of those whose lives you have touched. Wishing you good health, happiness, and many more years of fulfilling service ahead.

With warm regards and best compliments,

Seema Chopra
Past Chairman
Innerwheel District 308, India
🙏🏻
कंचन सागर आंटी जी,
एक ऐसा व्यक्तित्व जो बरबस, अपनी ओर खींच ले,
एक प्रेरणा बन जाए,
जिनको देखकर उन से जुड़ने की इच्छा जागे,
समाज के लिए कुछ भी कर गुजरने का उनका जज़्बा सब को प्रभावित कर ही जाता है।

कभी नन्ही कलियां सहेजती हैं 
तो कभी सूखे दरख्तों को पानी देती हैं,
बच्चा हो या बुज़ुर्ग सब के होंठो की हंसी बन जाती हैं ।

दर्द का रिश्ता कैसे निभाते हैं कोई इनसे सीखे।

एक ही आशा है कि  "हम सब इनसे प्रेरणा ले कर अपने समाज की भलाई के कार्य बढ़चढ़ कर करें और कहें कंचन साग हमारी गुरु माँ हैं"।

ढेर सारे प्यार और आदर के साथ, आपकी

दीप्ति जैन, पानीपत
(9215175547)
🙏🏻
“रिश्तों में ननद का मान सबसे ऊँचा है,
घर की हर डाली को उसने प्यार से सींचा है,
जब भाभी बनकर आई घर का फूल,
सब कुछ उसे सौंप अपना हाथ खींचा है।”

जब कोई लड़की शादी करके ससुराल जाती है तो वहाँ सबसे पहले जो उसकी दोस्त बनती है, वह है ननद। ननद और भाभी का रिश्ता, पति-पत्नी के रिश्ते की तरह ही नाज़ुक और प्यार भरा होता है। ननद-भाभी चाहें, तो मिलकर घर में ख़ुशियाँ ला सकती हैं। नए परिवार में पति के बाद एक ननद ही होती है जिससे भाभी अपने दिल की बात कह सकती है। वहीं ननद भी एक दोस्त के नाते अपनी भाभी के साथ अपनी गोपनीयता  साँझा करती हैं। इसी तरह उनका रिश्ता मजबूत होता है।
हमारे इस प्यारे से रिश्ते को हम दोनों ने बड़े प्यार से सींचा है।दीदी घर में सब से बड़ी और मैं छोटी हो कर भी बड़ी भाभी बन गई।मम्मी के जाने के बाद तो सारे घर की ज़िम्मेदारी मुझ  पर आ गई।पर उस ज़िम्मेदारी को पूरा करने के लिए दीदी ने मेरा बहुत साथ दिया।जिस के लिए मैं उन की बहुत आभारी हूँ ।
स्नेही दीदी, मुझे अच्छी तरह से याद है जब मेरी बेटी को टॉयफॉयड हुआ था तब आप और मंजु दीदी प्रतिदिन हमारे घर पैदल चलकर आते थे और कनुप्रिया की देखभाल किया करते थे।
ऐसे ही एक और वाक़या याद आ रहा है।मेरा बेबी होने वाला था। मैं अस्पताल में भर्ती थी।जब कंचन दीदी को पता लगा तो वह मन्दिर-गुरुद्वारे जा कर प्रसाद लेकर आईं और आप्रेशन थिएटर में मुझे खिला कर ही दम लिया था।
मम्मी-डैडी हमेशा कंचन दीदी को अपना बड़ा बेटा मानते थे। कोई ऐसा काम नहीं होता था जो दीदी न कर सकती हो।
दीदी,आप की उपलब्धियों के लिए आप की प्रशंसा में मेरे पास सच में शब्दों की कमी हो रही है। एक ही इन्सान में इतने सारे गुणों का होना परमात्मा की एक नियामत ही हो सकती है।
कंचन दीदी,आप से हम ने बहुत कुछ सीखा है।
माना कि ननद-भाभी में कभी-कभी नोंक-झोंक 
हो जाती है। लेकिन मुश्किलों में हम एक-दूसरे के काम ज़रूर आतीं हैं। यही हम सब के लिए स्नेह प्रदर्शित करता है।
सच ही कहा गया है यह—-
“उलझनों के साथ साथ हमारे प्यार में कभी कोई कमी नहीं आई,
एक-दूसरे के सुख-दुख में सदा साथ रहें हैं हम।”
कंचन दीदी,आप के स्वास्थ्य को लेकर हम सभी चिन्तित हैं।बस प्रभु से यही दुआ है कि आप हमेशा स्वस्थ रहें!
आप की छत्र-छाया हम पर बनीं रहे!
“ननद हो आप जैसी तो भाभी को,
नहीं होती किसी बात की कमी,
ख़ुशियाँ रहें आपके जीवन में,
आंखों में न आए कभी नमी।”
अन्त में माता सीता रानी सेवा संस्था का दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त करती हूँ कि उन्होंने कंचन दीदी को उड़ने के लिए पंख दिए।
धन्यवाद जी।


संगीता मल्होत्रा 
(बड़ी भाभी)
पानीपत 
7999999619
🙏🏻
 Kanchan Sagar ( Bua )

In the tapestry of family, she shines bright,
Guiding with wisdom, her love a guiding light.
As the eldest, she carries a noble grace,
Her name, a reflection of love's embrace.

Famed and adored by all who know her well,
Her deeds for society, stories they tell.
Her contributions, like whispers in the wind,
Will echo through time, a legacy thinned.

Bhua, your presence is our pride,
In your caring embrace, we safely reside.
You gave me my name, as lovely as your love for me,
In our hearts, you'll always be.

With lot of love and affection:
Snigdha Malhotra
Mayur Vihar, New Delhi
Mobile -  9971155577
🙏🏻
🙏🏻
 Martin luther king jr.. once said ,
“Out of the mountain of despair, 
A stone of hope. 
Correctly fits a personality whom i call my role model, she is my role model not because she has achieved great things in life , she is my role model because she dedicated her entire life to the society and its people. 
Many things have been taught to me by my bhua smt. Kanchan sagar and i strive to be like her. She taught me not to cry when i make errors because mistakes are how we learn in life. I like her ability to look at life in a positive light. I strive to instill her principles in the rest of the world. 

Her door and hands are always open to help the needy, inspite of several health issues, i have always seen a magical smile on her face. 

Her importance in my life cannot be overstated. Our entire family equilibrium and calm are dependent on her presence. 

I love you the most bhua ji and i hope i can emulate your traits so that i can grow up to be like you. 

Your lovely child
Nidhi Malhotra
401, Model Town
Panipat
Mobile - 9859500077
🙏🏻
 कंचन सागर जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ 

मैं रमा शर्मा 35 वर्ष से जापान में रहती हूँ और जापान की पहली हिंदी पत्रिका हिंदी की गूंज की संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक हूँ । मैं कंचन जी को उनके 71 वें जन्मदिवस पर उनकी हर उपलब्धि पर हार्दिक शुभकामनाएँ देना चाहती हूँ ।उन्होंने अपनी समाज सेवा, लेखन और शिक्षिका के रूप में एक अनूठी मिसाल कायम की है। 
   मेरे विचार में नि:स्वार्थ भाव से किया जाने वाला हर कार्य होता है अनमोल। समाज सेवा हर काम सबसे बढ़कर है ।जो व्यक्ति समाज सेवा के कार्यों में भाग लेता है वह अच्छे कर्मो का भागी होता है। समाज सेवा एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें मान सम्मान की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि जो इंसान इसमें रम जाता है वो अपने आप में ही एक सम्मान बन जाता है और यह यह एक सर्वश्रेष्ठ तथा सराहनीय कार्य है। इसीलिए पानीपत निवासी कंचन सागर जी की हर बात अनमोल है । वे समाज सेवा के क्षेत्र में समर्पित भाव से कार्यरत है।अपनी लगन और मेहनत से सब को अपने रंग में रंगती जा रहीं हैं।
   घर , बच्चे सभी की ज़िम्मेदारी को निभाते हुए मानवता के लिये इतना समर्पण होना ही अपने आप में कामयाबी का प्रतीक है । उनका मन सब की सहायता के लिये सदा ललकता है और वो अपने इस अल्हड़ मन की सुनतीं भी हैं और बिना एक पल भी गँवाये बिना वो हर उस व्यक्ति की सहायता के लिये तैयार हो जाती हैं जो ज़रा से भी कष्ट में हो। कितने ही निःशुल्क कैंप आप समय समय पर आयोजित करती रहती हैं ।
     कंचन जी समाजिक कार्यों के साथ आपकी क़लम भी जादू से भरी हुई है । आपकी हर कहानी लाजवाब होती है ।आपकी कहानियाँ तो समसामयिक विषयों पर होतीं ही है और साथ ही साथ यथार्थ के धरातल पर आधारित होतीं हैं । आपकी कलम में बहुत ताक़त है।आपको आपकी साहित्यिक , समाजिक सभी उपलब्धियों पर मेरी ओर से बहुत बहुत बधाई ! मैं तो यह कहना चाहूँगी कि आपके शब्दों में, आपके अंदर की ताक़त की एक मनमोहक कशीदाकारी सी बुन जाती है, जो रचनात्मकता एक अमिट छाप छोड़ रही है दुनिया के हर कोने पर । 
आपको आपकी एक और उपलब्धि की की भी बहुत बहुत बधाई।आपको हिंदी की गूंज की पानीपत में शुरुआत करने की बहुत बहुत बधाई ।आपने हिंदी की गूंज की प्रभारी बन कर एक नई शुरुआत से अपनी मेहनत और लगन का नया बिगुल बजाया है। ईश्वर करे इस बिगुल की आवाज़ दुनिया के हर कोने में पहुँचे ।  
आपको आपके भविष्य के सभी प्रयासों के लिए शुभकामनाएँ । मेरी दिल से कामना है कि आपकी सामाजिक एकता की भावना का दिन दूना रात चौगुना विस्तार हो। 

रमा शर्मा, जापान 
संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक 
हिंदी की गूंज अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 
टोक्यो जापान 
+818070067270
+919289641577
hindikeegoonj@gmail.com
🙏🏻
 मेरा बाबा मिठ्ठा बाबा प्यारा बाबा

कंचन सागर दीदी से बीस वर्ष पहले मिली थी। उन से मुझे बहुत प्यार है। मैंने उन के लिये कुछ लिखा है….

दीदी आप सब की प्यारी हो 
प्यारी-न्यारी सब की दुलारी हो
दीदी, कभी सब की मॉं बन जाती
दीदी दोस्त बन सब का साथ निभाती
नदी को आप ने लक्ष्य है माना
निरन्तर आगे बढ़ती जाती हो
रुकना आप का काम नहीं दीदी
हर बार नईं राह दिखाती हो
सूर्य बन कर आप की किरणें फैलतीं
आप भी चमकतीं औरों को भी चमकाती हो
दीदी,होंठों पर हंसी के फूल खिलाए रखना
यादों को हमारे दिल में बसाए रखना
चाहे आप से मुलाक़ात हो न हो पर
हम से दोस्ती सदा बनाए रखना
हमसे दोस्ती सदा बनाए रखना॥
धन्यवाद जी ।

शोभा गोयल 
नारी कल्याण समिति 
पानीपत 
8950134009
🙏🏻
श्रीमती कंचन सागर जी

एक ममतामयी मूरत,
सच में! मेरी अपनी माँ तो दूर रहतीं हैं,उन से मिलना बहुत समय बाद ही होता है।
परन्तु जब मैंने इन्नरव्हील कल्ब पानीपत मिडटाऊन के प्रधान का पद सम्भाला तब कंचन आन्टी को बहुत नज़दीक से देखने का अवसर मिला।कोरोनावायरस ने अपने पाँव पसारे हुए थे।तब हम ने उन के निर्देशानुसार पूरे चालीस दिन चालीस प्रोजेक्ट किए जिन्हें बहुत सराहा गया।बस उस के बाद तो एक के बाद एक बड़े से बड़ा प्रोजेक्ट किया।
मैंने एक लेडीज़ ग्रुप बनाया,उस में एक दोस्त बनीं जो कंचन आन्टी की छोटी बहू की भी दोस्त थीं और उन के घर बहुत आती-जाती थीं। जब उस से मेरी कंचन आन्टी के बारे में बात हुई तब मालूम हुआ कि वह उन के कितने गुण गाती थी।    
मैंने उन के अन्दर मॉं की छवि देखी। बस तभी से वह मेरी धर्म मॉं ही बन गईं। उन्होंने पग-पग पर मेरा साथ दिया।
सच ही कहतें हैं कि 
माँ की ममता का कोई मोल नहीं, माँ का प्यार कभी खत्म नहीं होता।चाहे कितने ही उस के बच्चे हों।
एक माँ का प्यार ईंधन है जो एक सामान्य इंसान को असंभव काम करने में सक्षम बनाता है।
कंचन सागर आन्टी ने मुझे अच्छे-बुरे की पहचान कराई।मैंने उन के अन्दर हर काम को बड़ी लगन के साथ करनें की चाहत देखी।
उन्होंने हर ज़रूरतमंद की ज़रूरतें पूरा करनें का यत्न किया।मैंने उन को कभी अपने शब्दों से पीछे हटते नहीं देखा।
उनकी गोद सब के लिए एक शरणस्थान है, जहाँ हमें सुकून मिलता है और सभी दुखों का इलाज होता है। 

कंचन आन्टी ने अपना ध्यान नहीं रखा। बस ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह मेरी कंचन आन्टी को जल्द ही स्वस्थ करें! मुझे और समाज को उन की बड़ी ज़रूरत है।

मंजरी गोयल
पानीपत 
8168510382
🙏🏻
कंचन जी को मैं जानती तो पिछले कई सालों से हूं मगर मिलना हाल ही में हुआ । इनकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है । इन्होंने कई सारे महान कार्य किए हैं कभी किसी जरूरतमंद की मदद, किसी के घर को रोशन किया और किसी की आंखों को। ऐसे कई कार्य हैं जो उन्होंने किए हैं जिनका बयान करते करते शायद शब्द खत्म हो जाएंगे मगर मेरे भाव नहीं।

जिस निस्वार्थ भाव से कंचन जी लोगों की सेवा करती हैं, उनके बारे में सोचती हैं ऐसा आज के ज़माने में बहुत ही काम व्यक्तियों में होता है । लोग कहते हैं कि दुनिया से अच्छाई खतम हो गई लेकिन अगर कंचन जी जैसे लोग ऐसे ही निस्वार्थ भाव से सबकी सेवा करते रहेंगे तो ये संसार एक दिन फूलों के समान सुन्दर हो जाएगा ।

आज के ज़माने में कंचन जी जैसे लोग ही स्वयं के साथ साथ ना केवल महिलाएं और जरूरतमंद बल्कि पूरे संसार को रोशन करते हैं। मेरी भगवान से प्रार्थना है कि कंचन जी जैसे लोग दुनिया में बनाते जाएं ताकि मानव जाति सही प्रकार से कल्याण हो सके ।

सदैव आपकी चाहने वाली,
सुनीता गोयल
 सुनीता गोयल
उन्होंने समाज के लिए अद्वितीय कार्य किए हैं, जिन्हें सलामी और प्रशंसा के अधिकार है।

1. उन्होंने समाज में जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा दिया है।
2. उनका समर्थन और संघर्ष समाज के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण रहा है।
3. उन्होंने गरीबों और असहायों के लिए सेवाएं प्रदान की हैं।
4. उनके योगदान से समाज में समानता और न्याय की भावना बढ़ी है।
5. उन्होंने विभिन्न सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाई है।
6. उनके नेतृत्व में समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता है।
7. उन्होंने समाज में स्वतंत्रता और स्वाभिमान की भावना को मजबूत किया है।
8. उनका संघर्ष समाज में जातिवाद, असहिष्णुता, और भ्रष्टाचार के खिलाफ है।
9. उनके प्रयासों से समाज के अन्य लोगों में भी उत्साह और प्रेरणा बढ़ी है।
10. उनकी सेवाओं को समाज की ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि का मुख्य कारण माना जाता है।
Sunita Goyal
🙏🏻
 प्यारी प्यारी सखी
कंचन,
मैं आप की क्या तारीफ़ करूँ 
सब ने बहुत बहुत कुछ लिख दिया होगा
मैं बस यही प्रार्थना करती हूँ भगवान से कि आप हमेशा ख़ुश रहो,अच्छी अच्छी कहानी सुनाते रहो, हंसते रहो,मुस्कुराते रहो और यूँ ही समाज सेवा करते रहो।
Love you and bless you!

करुणा साही
बैंगलुरु 
+91 99804 84521
🙏🏻
 कचन सागर, नाम से ही इनकी आभा व्यक्त होती है। मै इनहै अपनी कालेज लाइफ से जानती हू शुरू से ही होनहार है यह। इनके बारे मै कुछ भी लिखू शब्दो की शैली से परे ह जैसै कि शब्द ही नही कुछ भी बया करने को। उनका व्यक्तित्व ऐसा है कि यह हर क्षेत्र मे अग्रणी है।सामाजिक,सांस्कृतिक कार्यो मे इनका योगदान इतना है कि कोई मुकाबला नही कर सकता। किसी से वास्तविक समाज सेविका के बारे मै पूछो तो ईनका नाम सबसे पहले आता है। त्याग की मूर्ति एक अच्छी पत्नी, एक ममता मयी मा एक अच्छी सहेली है यह। सब को सम भाव से देखने वाली है।
 नमन है इनके रुतबे को जो चाहू ओर से निपुण हे यह l भगवान से प्रार्थना है कि इनको और शक्ति प्रदान करे।इन जैसी महिलाओ की समाज को जरूरत है
Krishana Sadana
🙏🏻
 मान्यवर 
सादर जय हिंद जय भारत 
मैं कंचन सागर के विषय में अपनी कुछ भावनाएं व्यक्त करना चाह रही हूं। कंचन सागर मेरी मामी जी हैं। जब उनकी शादी हुई मैं 14 साल की थी। जब वह ब्याह कर आई तो हमारा संयुक्त परिवार था। हम सब लोगों को इनका भरपूर प्यार मिला। उनके आने से जैसे घर में खुशियों की बहार आ गई। जैसे-जैसे समय बितता गया इन्होंने सबके दिलों में जगह बनाने के साथ-साथ तरक्की के राह पर भी अपना कदम बढ़ाया। जीवन में बहुत संघर्ष भी किया। शारीरिक और मानसिक तौर पर सबके साथ होते हुए आर्थिक तौर पर भी सबका साथ दिया। समाज में अपना एक अलग रुतबा बनाया। गरीब लोगों की मदद करके सब की दुआएं बटोरी। भगवान से यही दुआ करते हैं कि इनको अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ लंबी आयु भी प्रदान करें।
 सादर
ऊषा गुप्ता (बेटी)
94172-28222
🙏🏻
 मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं
जिनके सपनों में जान होती है 
पंखों से कुछ नहीं होता 
हौंसलों से उड़ान होती है 

It is my immense pleasure to write about my most eldest bua Ms. Kanchan Sagar today.

She is the most eldest one in our family. Since my childhood I have seen her tremendously working for the betterment of the society by helping poor people , helpless ones and even for the under privileged children. 

She has always been an inspiration and will always be for all of us depicting a selfless soul by her endless deeds for others and setting an example for others in the society 

Just can’t thank you enough for making us learn that how important and valuable it is to love and live for others :

अपने लिये तो सब जीते हैं 
दूसरों के लिए जी कर देखो 
कितना सुकून मिलता है 

This is what I have learnt for you in so many years . 

Life must not have been easier for you , you must have also faced challenges and struggles in your life but your strong determination helped you overcome every challenge and you achieved a great recognition in the society. 

Not only for the society but also for our family she has always been a rock solid support to her parents , and to all the younger ones ! 

We are indeed so lucky 🍀 and blessed 😇 to have such a generous, lovable , strong and positive person in our family . 

My most cherished moments with her were when I was really young and I went with her to Mussoorie where she had to attend a meeting of Rotary Club there. I really had fun with her , she bought me nice colouring books 📚, beautiful colours and also a colourful hands free hat umbrella ☔️ as it was raining out there ! 

Those memories are just so fresh to me as it was just yesterday. 

Last but not the least 
My Grandpa ( Daddy ) told me one day holding my hand :- तू सब्दों वड्डी है सब्दा ध्यान रखीं 

To which my grand ma replied :- ए दूजी kanchan है वेखना ज़रूर रखेगी 

I will never forget this till my last breath. 

You have been always so special to Dadima Daddy and will always be ! 
Wherever they are , they are constantly watching you and showering their blessings on you. 

Always applauding for you at your each and every success !! 

Hugs and love ❤️ 
Your niece , 
Dr. Kanupriya Malhotra Dhawan ( PT ) 
8954111155
🙏🏻
 मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं
जिनके सपनों में जान होती है 
पंखों से कुछ नहीं होता 
हौंसलों से उड़ान होती है 


It is my immense pleasure to write about my most eldest bua Ms. Kanchan Sagar today.

She is the most eldest one in our family. Since my childhood I have seen her tremendously working for the betterment of the society by helping poor people , helpless ones and even for the under privileged children. 

She has always been an inspiration and will always be for all of us depicting a selfless soul by her endless deeds for others and setting an example for others in the society 

Just can’t thank you enough for making us learn that how important and valuable it is to love and live for others :

अपने लिये तो सब जीते हैं 
दूसरों के लिए जी कर देखो 
कितना सुकून मिलता है 

This is what I have learnt for you in so many years . 

Life must not have been easier for you , you must have also faced challenges and struggles in your life but your strong determination helped you overcome every challenge and you achieved a great recognition in the society. 

Not only for the society but also for our family she has always been a rock solid support to her parents , and to all the younger ones ! 

We are indeed so lucky 🍀 and blessed 😇 to have such a generous, lovable , strong and positive person in our family . 

My most cherished moments with her were when I was really young and I went with her to Mussoorie where she had to attend a meeting of Rotary Club there. I really had fun with her , she bought me nice colouring books 📚, beautiful colours and also a colourful hands free hat umbrella ☔️ as it was raining out there ! 

Those memories are just so fresh to me as it was just yesterday. 

Last but not the least 
My Grandpa ( Daddy ) told me one day holding my hand :- तू सब्दों वड्डी है सब्दा ध्यान रखीं 

To which my grand ma replied :- ए दूजी kanchan है वेखना ज़रूर रखेगी 

I will never forget this till my last breath. 

You have been always so special to Dadima Daddy and will always be ! 
Wherever they are , they are constantly watching you and showering their blessings on you. 

Always applauding for you at your each and every success !! 

Hugs and love ❤️ 
Your niece , 
Dr. Kanupriya Malhotra Dhawan ( PT ) 
 Kanchan Sagar
(Dadi)

🙏🏻
Your presence in my life, Dadi, is a treasure beyond measure. Like a beacon of unwavering warmth and kindness, your love guides me through life's troubles. Your hugs are akin to magic spells, casting away any worries and filling me with boundless joy. 
I still remember when you used to sing "Mera Naam Karega Roshan,
Jag mein mera Raj Dulara" to soothe me when I cried, and the never-ending lessons from your stories at bed time, which I still use in my life. Dadi, with each shared memory, my heart grows richer, knowing I am blessed with the most extraordinary grandmother a grandson could ever dream of.
Your never ending journey of getting awards, momentoes,your certificates in a showcase make me more proud of you.
I still remember those days when you had come to see me at St. George’s College, Mussoorie, your eyes were filled with tears. 
I love you dear Dadi.
I wish you the best of health!


Bhavya Sagar
(Grand son)
Huda 13-17 Sec, Panipat
Mobile - 8950400021
[4/9, 8:52 PM] Ram Mohan Rai: Mere Alfaz
Meri Ardhangni Kanchan Sagar ke liye…..

दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
सुख-दुःख के साथी हैं दोनों, गिरते और संभलते हैं।।

पति का नाम भरोसा है, पत्नी का नाम समर्पण
पति-पत्नी एक दूजे पर कर देते हैं सब अर्पण।।

पति के उदास होते ही पत्नी के आँसू निकलते हैं
सुख-दुःख के साथी हैं दोनों, गिरते और संभलते हैं।।

What to write about my beautiful wife…..Kanchan, umpteen memories are still fresh in my mind. 
Primo when we got married,she asked me to be named Kanchan Sagar instead of Kanchan Bhatia.I permitted her. As my name is Vidya Sagar Bhatia so she wanted the middle name and became Kanchan Sagar.
My father was a retired teacher.
He made blocks to teach children which Kanchan has a fondness for. My father usually helped her in every household work which was appreciated by her. 
When I started building our house, my father had given full time and energy.
Every member of the family loves her. My younger brother and sister were of marriageable age.She came forward and did KANYADAAN of my sister on Pandit Ji’s request. 
Kanchan took the impossible and made it simple which made me very happy and proud of her. 
She requested me that she wanted to join the School but I refused her. And then she selected the middle path. She started teaching on adhoc basis in once in a year in different Schools.
The world is a better place with you in it. I love you.
Kanchan,when you smile, the clouds go away, and the sky starts brimming with the brightest colors.You are the melody in the soundtrack of my life.
We gave the best education to our children and so to our grandchildren.
Our eldest granddaughter would be of 24 years on October 2024. We are proud grandparents of four. I built us a house, but you made it home. I bought groceries, but you made us a delicious meal. Being your husband is like a badge of honor which I’m proudly carrying around. There is no greater accomplishment than to be known as your husband. 
You have chosen the right path to serve humanity. When I see you touching the sky.I feel so proud when I see your momentoes, certificates and the admirers you have.
You are so smart, so beautiful,so energetic and creative. You’re a taskmaster and a gentle soul. You are my best friend and my greatest passion. My love for you can only be surpassed by the respect I have for you.
Thank you for being with me through the good and bad stuff. Thank you for being my pillar when everything was shaking. I promise I will be your pillar for as long as I live.
But I have one complaint that you won’t take care of yourself. You are suffering so much but even then having full passion for social work.
I thank Mata Sita Rani Sewa Sanstha and the entire energetic team from the core of my heart that they are going to honour Kanchan on her 71st birthday. 
My sincere gratitude towards Ram Mohan Rai ji for giving her this extraordinary opportunity.

Vidya Sagar Bhatia 
Panipat 
9416033311

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