Dam Square - Amsterdam (Netherlands)
जय जगत विचार प्रबोध यात्रा - 4.
आज शाम के समय घूमने के लिए एम्सटर्डम के मुख्य केंद्रीय स्थल डैम स्क्वेयर जाने का मौका मिला. घर से नम्बर 13 ट्राम पकड़ी और 35 मिनट मे "Damsquare straat" ट्राम स्टेशन उतर गए जहा नजदीक ही यह मुख्य स्थल है.
डैम का अर्थ बाँध ही है जैसा की अंग्रेज़ी मे भी है. एम्सटर्डम शहर का नाम इसलिए यह है क्योंकि यह एम्सटल नदी पर बसा हुआ है. इसका निर्माण सन 1270 में पहले पानी को रोकने के लिए और बाद मे यातायात के लिए dammed रिवर से बंदरगाह से जोड़ने के लिए किया गया. अब यह शहर का सबसे अति महत्वपूर्ण केंद्र है जहां राज महल, राष्ट्रीय संग्रहालय और अन्य सरकारी कार्यालय है.
सन 1808 में यहां पर बने अमीर लोगों के घर तथा उनके साथ बनी पेंटिंग, शाही परिवार को ग्वारा नहीं थी, इसलिए उन्हें हटा दिया गया. यहीं स्टॉक एक्सचेंज का भी मार्केट है और अब आसपास बनी छोटी छोटी संकरी गलियों मे बड़े बड़े शो रूम है जहां एक से एक बेशकीमती सामान मिलता है. ये जगह हमेशा देश विदेश के पर्यटक ग्राहकों भरी रहती हैं और उन से निकल कर विविध प्रकार के व्यंजन की दुकानें हैं, जहां पर भी लम्बी लम्बी लाइन लगी पाएंगे.
सन 1856 मे यहां एक युद्ध स्मारक बनाया गया जिसे "The Liberty" नाम दिया गया. एक लम्बे सफेद रंग के गुम्बद के शीर्ष की तरफ एक महिला की मूर्ति अंकित है जो शौर्य एवं विश्वास का प्रतीक है.
7 मई, 1945 को जर्मनी की नाजी सेनाओं ने मात्र दो दिन मे ही नीदरलैंड्स पर कब्ज़ा कर लिया. परंतु यहां के निवासियों को यह विश्वास था कि कनाडा की फौज जल्द ही आयेंगी और उन्हें मुक्त करवाएगी. इसलिए वे इस ही स्क्वेयर के चारो ओर बने भवनों की खिड़कियों मे खड़े होकर नाजी फौजों के विरुद्ध नारे लगाते हुए प्रतिरोध करने लगे इसपर जर्मन सैनिकों ने नशे की हालत मे उन पर फायरिंग की और बाद मे स्थानीय नागरिक शांत हुए. इसके बाद भी कुछ नागरिक सामने मीनारों पर चढ़ कर जर्मन सैनिकों पर गोलीबारी करने लगे बाद मे जर्मन फौज ने उन पर अन्धाधुन्ध गोलीबारी की जिसमें 33 नीदरलैंड्स के नागरिक मारे गए और अनेक गम्भीर रूप से घायल हुए.
आखिरी बार सन 1980 मे यहां सरकार के खिलाफ नागरिक प्रतिरोध भी इसी स्थान पर हुआ. वास्तव मे यह पूरा मैदान जलसे, जलूस की जगह बन गई है. कल ही हमने देखा कि सैंकड़ों स्थानीय नागरिक फिलिस्तीन के समर्थन मे एक जनसभा कर रहे थे.
सामने ही मैडम तुसियाद म्युजियम है जहां देश विदेश के प्रमुख लोगों की मोम की मूर्तियां लगी है.
सामने की तरफ इसी प्रांगण मे सैंकड़ों कबूतर निर्भयता से अपना दाना चुगने मे मस्त है. उन्हें दाना देने पर वे आपके हाथ, कन्धे और सिर पर ऐसे बैठ जाते हैं मानो अर्से से आपके मित्र है.
आज हल्की बारिश थी. एक मन तो यह रहा कि घर पर ही रुका जाए पर मेरे बेटे उत्कर्ष का कहना था कि नीदरलैंड्स का मौसम हमेशा अस्थिर ही रहता है यानी कभी धूप, कभी छांव और कभी बारिश. इसलिए घुमक्कड़ी करने वालों को रुकना नहीं चाहिए.
Ram Mohan Rai.
Dam Square, Amsterdam, Netherlands.
Very interesting and informative update. Thank you.
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