celebrating the centenary of Tagore's Historic trip to the China
गांधी ग्लोबल फैमिली के तत्वावधान में गांधी शांति प्रतिष्ठान, दिल्ली में गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की चीन यात्रा के शताब्दी वर्ष में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका सफ़ल संचालन Archishman Raju और नंदिता चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से किया. सभा में पूरे देश से विभिन्न संगठनों के अनेक प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुदेव की मानस पुत्री चमेली रामचंद्रन का सार्वजनिक अभिनन्दन किया गया. एक अभिनन्दन पत्र जिसमें उनके सम्पूर्ण जीवन, दर्शन और विचार की व्याख्या की गई थी को प्रस्तुत किया गया. जिसमें कहा गया था
"चमेली रामचंद्रन (जन्म नाम तन युआन चमेली) का जन्म 1940 में शांतिनिकेतन में तन युन शान और चेन नाई वेई के घर हुआ था। उनका नाम चमेली रवींद्रनाथ टैगोर ने दिया था। उनके पिता, तन युन शान, रवींद्रनाथ टैगोर के करीबी दोस्त और सहयोगी थे।
उन्होंने 1960 में ललित कला और शिल्प में डिप्लोमा और 1966 में विश्वभारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन से प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति में मास्टर डिग्री प्राप्त की। उन्होंने बिनोद बिहारी मुखर्जी और रामकिंकर बैज जैसे महान गुरुओं के अधीन अध्ययन किया।
चमेली ने अपने पति, दिवंगत ए. रामचंद्रन के साथ बच्चों की किताबें लिखने और चित्रित करने का काम किया। बाद के जीवन में, चमेली ने अपनी कला के लिए चीनी स्याही और ब्रश को माध्यम बनाया और पेंटिंग की एक अनूठी शैली विकसित की। उनकी पेंटिंग जीवन की लय, शांतिनिकेतन में बड़े होने के उनके अनुभव, प्रकृति के प्रति उनके प्रेम और उनकी चीनी और भारतीय पृष्ठभूमि को दर्शाती हैं। उनका दर्शन पूरी तरह से रवींद्रनाथ टैगोर के दर्शन से प्रभावित है। इस प्रकार उनकी कला ने भारत और चीन की दो महान सभ्यताओं के बीच समझ और शांति के उद्देश्य को आगे बढ़ाया है। उनका जीवन और कला पैन-एशियाई संश्लेषण की संभावनाओं को प्रतिबिंबित और मूर्त रूप देते हैं। उनके योगदान के लिए, हम उन्हें गांधी सेवा दूत पदक से सम्मानित करते हैं।
अभिनन्दन पत्र को संयुक्त रूप से गांधी ग्लोबल फैमिली की ओर से वरिष्ठ गांधी नेत्री वीणा बहन, राम मोहन राय तथा नंदिता चतुर्वेदी ने भेंट किया. तत्पश्चात गांधी ग्लोबल फाउंडेशन की ओर से हरदयाल कुशवाह, मेवात विकास सभा के संरक्षक सदिक अहमद मेव, एडवोकेट सलामुदिन, दीन मोहम्मद, सोशलिस्ट पार्टी, हरियाणा के अध्यक्ष दीपक कुमार, दीपक अहलूवालिया, पायल, रीमा बरूआ, सुरेश राठी, ऑल इंडिया पीस मिशन के अध्यक्ष सरदार दयासिंह ने गुलदस्ते, शॉल, चादर और पुष्प मालाओं द्वारा स्वागत किया. इस अवसर पर चमेली रामचंद्रन ने कहा कि कि वे यह सम्मान गुरुदेव के सभी शिष्यों, प्रशंसकों तथा पारिवारिक ज़न की ओर से स्वीकर करती है.
अभिनन्दन के पश्चात वैचारिक सत्र प्रारंभ हुआ जिसमें प्रसिद्ध पत्रकार सईद नकवी, राष्ट्रीय महिला आयोग /योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद, दिल्ली यूनिवर्सिटी में पूर्व प्रोफेसर डॉ मनोरंजन मोहंती और राम मोहन राय ने विचार प्रकट किए
सभी वक्ताओं ने अलग अलग शैली और विचार शृंखला में रबीन्द्रनाथ टैगोर के एशिया की एकता और सुदृढ़ होने को विश्व शांति की गारन्टी बताया. गुरुदेव ने आज से सौ साल पहले चीन जाकर जिन आध्यात्मिक, राजनीतिक और सामाजिक संबन्धों की नींव रखी थी आज उसे मजबूत करने की जरूरत है.
वक्ताओं ने विश्व शांति आन्दोलन और उनके निर्विवाद नेता रोमेश चन्द्र, इ ऐस रेड्डी की भूमिका की भी विस्तृत जानकारी दी. संत विनोबा भावे और उनकी मानस पुत्री निर्मला देशपांडे के एशिया एकीकरण के सूत्र तथा कार्यों की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत और चीन एशिया के दो बड़े देश है और उन्हें एक दूसरे के अनुभवों से बहुत कुछ सीखने की जरूरत कर है. गरीबी उन्मूलन कार्य जिसमें चीन ने निपुणता और आदर्श स्थापित किए है उन्हें जानने और समझने की जरूरत है. दोनों देशों के बेहतर संबंध रबीन्द्रनाथ टैगोर का सपन था जिसे अब पूरा करने का समय आ गया है. उनका कार्य एशिया में नव जागरण का समय था. यही कारण है कि उनकी रचनाओं का विश्व की लगभग हर भाषा में अनुवाद किया गया है और चीन की प्रायः हर यूनिवर्सिटी में उनका साहित्य पठन- पाठन का विषय है. वे नए जमाने के रचनाकार हैं और इसीलिए वे हर युग में प्रासंगिक है.
शताब्दी वर्ष को मनाने के लिए भारत और चीन के अनेक नगरों में रबीन्द्रनाथ टैगोर के एशिया सम्बन्धी विचारों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और दिल्ली में होने वाली यह सभा उसी की एक हिस्सा है.
सभा का समापन गांधी ग्लोबल फैमिली और support for Enlightment की साँस्कृतिक टीम के कलाकारों काबेरी, सुनंदा, राजोशी, लक्ष्मी, प्रीति गुप्ता, यवनिका रीना गुहा संघमित्रा अनुराधा शाह, ईशा शाह, राजेश्वरी तबला वादक आशीष दत्ता रबींद्रनाथ नृत्य नाटिका संघमित्रा नाग.द्वारा रबीन्द्रनाथ संगीत, गीत और नाट्य कला पर अनेक आकर्षक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए.
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Ram Mohan Rai, General Secy,
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