सुचेत गढ़ बॉर्डर - एक पुल दोनों देशों के बीच/11.12.2024
सचेत गढ़: एक पुल दोनों देशों के बीच
जम्मू से लगभग 35 किलोमीटर दूर आरएस पुरा कस्बे के निकट स्थित सचेत गढ़ भारत-पाकिस्तान बॉर्डर, न केवल एक भौगोलिक सीमांकन है, बल्कि यह दो देशों की जनता के बीच की भावनाओं और संबंधों का प्रतीक भी है। इस वर्ष, जब हम प्रसिद्ध अभिनेता, लेखक और निर्देशक राज कपूर की जन्म शताब्दी मना रहे हैं, यह स्थान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। राज कपूर का जन्म सियालकोट में हुआ था, जो सचेत गढ़ से मात्र 11 किलोमीटर दूर है।
एक समय था जब भारत और पाकिस्तान एक थे, और सियालकोट, जम्मू और आरएस पुरा जैसे क्षेत्र आपस में घनिष्ठता से जुड़े हुए थे। गुलाबगढ़ स्टेशन से गाड़ी सियालकोट की ओर बढ़ती थी, और लोग एक-दूसरे के साथ व्यापार, सामाजिक और पारिवारिक संबंधों में लिपटे रहते थे। लेकिन समय ने सीमाओं को खींच दिया, जिससे इन संबंधों में दरार आ गई।
हालांकि, आज भी नागरिक स्तर पर लोगों की यह इच्छा है कि वीजा फ्री बॉर्डर बने ताकि दोनों देशों के लोग एक-दूसरे से मिल सकें। अल्लामा इकबाल, जो दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीक हैं, ने अपने प्रसिद्ध गीत "सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा" के माध्यम से प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। जब उन्होंने पाकिस्तान की मांग का समर्थन किया, तो उन्होंने अपने गीत में बदलाव करते हुए लिखा "मुस्लिम हैं हम, वतन है सारा जहां हमारा।" यह पंक्तियाँ दिखाती हैं कि एक ही लेखक की कलम से निकली भावनाएँ कैसे अलग-अलग संदर्भों में रूप ले सकती हैं।
राज कपूर की फिल्मों में हमेशा मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश होता था। उनकी फिल्में भारतीय समाज के विविध पहलुओं को उजागर करती थीं और लोगों को जोड़ने का कार्य करती थीं। सचेत गढ़ की सीमाएँ भले ही भौतिक रूप से दो देशों को अलग करती हों, लेकिन दिलों में आज भी एक दूसरे के प्रति प्यार और संबंध की भावना जीवित है।
इस जन्म शताब्दी पर, हमें राज कपूर की विरासत को याद करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी मिलकर इस दोस्ती के पुल को मजबूत करें। सचेत गढ़ जैसे स्थानों पर जाकर, हम यह महसूस कर सकते हैं कि सीमाएं केवल भौगोलिक होती हैं; असली संबंध तो दिलों में होते हैं। राज कपूर की फिल्मों की तरह, हमें भी एक-दूसरे के प्रति प्रेम और समझ का संदेश फैलाना चाहिए, ताकि हम सभी एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।
आइए हम सब मिलकर इस भावना को जीवित रखें और एक दूसरे के साथ भाईचारे और दोस्ती का हाथ बढ़ाएं, क्योंकि यही राज कपूर की सच्ची विरासत है।
जम्मू से लगभग 35 किलोमीटर दूर आरएस पुरा कस्बे के निकट स्थित सचेत गढ़ भारत-पाकिस्तान बॉर्डर, न केवल एक भौगोलिक सीमांकन है, बल्कि यह दो देशों की जनता के बीच की भावनाओं और संबंधों का प्रतीक भी है। इस वर्ष, जब हम प्रसिद्ध अभिनेता, लेखक और निर्देशक राज कपूर की जन्म शताब्दी मना रहे हैं, यह स्थान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। राज कपूर का जन्म सियालकोट में हुआ था, जो सचेत गढ़ से मात्र 11 किलोमीटर दूर है।
एक समय था जब भारत और पाकिस्तान एक थे, और सियालकोट, जम्मू और आरएस पुरा जैसे क्षेत्र आपस में घनिष्ठता से जुड़े हुए थे। गुलाबगढ़ स्टेशन से गाड़ी सियालकोट की ओर बढ़ती थी, और लोग एक-दूसरे के साथ व्यापार, सामाजिक और पारिवारिक संबंधों में लिपटे रहते थे। लेकिन समय ने सीमाओं को खींच दिया, जिससे इन संबंधों में दरार आ गई।
हालांकि, आज भी नागरिक स्तर पर लोगों की यह इच्छा है कि वीजा फ्री बॉर्डर बने ताकि दोनों देशों के लोग एक-दूसरे से मिल सकें। अल्लामा इकबाल, जो दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीक हैं, ने अपने प्रसिद्ध गीत "सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा" के माध्यम से प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। जब उन्होंने पाकिस्तान की मांग का समर्थन किया, तो उन्होंने अपने गीत में बदलाव करते हुए लिखा "मुस्लिम हैं हम, वतन है सारा जहां हमारा।" यह पंक्तियाँ दिखाती हैं कि एक ही लेखक की कलम से निकली भावनाएँ कैसे अलग-अलग संदर्भों में रूप ले सकती हैं।
राज कपूर की फिल्मों में हमेशा मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश होता था। उनकी फिल्में भारतीय समाज के विविध पहलुओं को उजागर करती थीं और लोगों को जोड़ने का कार्य करती थीं। सचेत गढ़ की सीमाएँ भले ही भौतिक रूप से दो देशों को अलग करती हों, लेकिन दिलों में आज भी एक दूसरे के प्रति प्यार और संबंध की भावना जीवित है।
इस जन्म शताब्दी पर, हमें राज कपूर की विरासत को याद करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी मिलकर इस दोस्ती के पुल को मजबूत करें। सचेत गढ़ जैसे स्थानों पर जाकर, हम यह महसूस कर सकते हैं कि सीमाएं केवल भौगोलिक होती हैं; असली संबंध तो दिलों में होते हैं। राज कपूर की फिल्मों की तरह, हमें भी एक-दूसरे के प्रति प्रेम और समझ का संदेश फैलाना चाहिए, ताकि हम सभी एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।
आइए हम सब मिलकर इस भावना को जीवित रखें और एक दूसरे के साथ भाईचारे और दोस्ती का हाथ बढ़ाएं, क्योंकि यही राज कपूर की सच्ची विरासत है।
Ram Mohan Rai,
Suchet Garh, R S Pura,
Jammu. /11.12.2024.
Salute to you Sir Ram Mohan Rai ji for giving us an opportunity to spend some memorable moments with you and your family. You being an Ambassador of Global Peace and also being General Secretary of Gandhi Global Family, trying hard to establish Peace among people and Nations, one day the results will be fruitful. You hardwork will be acknowledged.
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