Gharana Wetland, R. S. Pura /11.12.2024

 वेटलैंड, घराना की यात्रा
आज हमारा जम्मू में तीसरा दिन था, और हम अपने मित्र रोबिन गिल एवं उनकी पत्नी रूथ के साथ वेटलैंड घराना जाने का कार्यक्रम बना रहे थे। यह जगह आरएस पुरा के नजदीक स्थित है और इस समय यहाँ हजारों पक्षियों का आगमन होता है। 
    बेशक दोपहर के एक बज चुके थे फिर भी हमने अपनी यात्रा की शुरुआत की। रोबिन और रूथ ने हमें बताया कि वेटलैंड घराना एक अद्भुत जगह है, जहाँ विविधता से भरे पक्षियों का साक्षात्कार किया जा सकता है। हमने नाश्ता किया और फिर कार में बैठकर वेटलैंड की ओर रवाना हुए। रास्ते में हमने जम्मू के खूबसूरत दृश्यों का आनंद लिया, जो पहाड़ों और हरियाली से भरे हुए थे।
  वेटलैंड पहुँचते ही हमने देखा कि यह जगह कितनी मनमोहक है। यहाँ का वातावरण शांत था, और चारों ओर पानी से भरी झीलें थीं। जैसे ही हम आगे बढ़े, हमें दूर-दूर तक फैले हुए पक्षियों के झुंड दिखाई दिए। यहाँ कई प्रकार के प्रवासी पक्षी आए हुए थे, जैसे कि बगुले, बत्तखें, और कई अन्य रंग-बिरंगे पक्षी। 
  हमने दूरबीनों ली  और पक्षियों का अवलोकन करना शुरू किया। श्रीमती ज्योत्सना (आई ऍफ़ एस) वन्य अधिकारी और उनके सहयोगी रोशन और सुनील कुमार ने हमें बताया कि इस वेटलैंड में हर साल हजारों पक्षी आते हैं, जो विभिन्न देशों से यहाँ प्रवास करते हैं। हमने देखा कि कुछ पक्षी पानी में तैर रहे थे, जबकि कुछ किनारे पर बैठकर अपने पंख सुखा रहे थे। 
   वेटलैंड के चारों ओर हरियाली थी, और वहाँ की शांति ने हमें मंत्रमुग्ध कर दिया। हमने कुछ समय यहाँ बिताया, प्रकृति की इस सुंदरता का आनंद लिया और अपने कैमरों में इन यादगार क्षणों को कैद किया। 
   दिन के अंत में, जब सूरज ढलने लगा, हमने वहाँ से लौटने का निर्णय लिया। हमारे दिल में इस यात्रा की यादें बसी हुई थीं। वेटलैंड घराना ने हमें न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कराया, बल्कि हमें पक्षियों के जीवन के बारे में भी बहुत कुछ सिखाया।
   इस यात्रा ने हमें यह समझने में मदद की कि प्रकृति कितनी अद्भुत है और हमें इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है। जम्मू में बिताए गए ये दो दिन हमारे लिए अविस्मरणीय रहे, और वेटलैंड घराना की यात्रा ने हमारी यादों में एक खास स्थान बना लिया। हम निश्चित रूप से भविष्य में फिर से यहाँ आने की योजना बनाएंगे। हम वीजा मुक्त सरहदों के हामी है और दीदी निर्मला देशपांडे जी की प्रेरणा में इसी आगाज ए दोस्ती यात्रा के माध्यम से इसी के लिए प्रयासरत है. हमारे कुछ दूरी पर सामने ही कांटों की बाड़ लगी थी जो इस जमीन को इंडिया और पाकिस्तान में बांटती थी. हमारे जहन में बार बार शायर की पँक्तियाँ आ रही थी. जिसमें आशय था कि हम से अच्छे तो ये परिंदे है जो बिना किसी वीजा के सरहद पार कर इधर उधर घूमते है.
Ram Mohan Rai, 
Gharana Wetland, 
R S Pura, Jammu and Kashmir. 
11.12.202

Comments

Popular posts from this blog

Justice Vijender Jain, as I know

Aaghaz e Dosti yatra - 2024

मुजीब, गांधी और टैगोर पर हमले किस के निशाने पर