Tribute to Vimla Bahuguna
विमला माता जी का अवसान. मेरी जन्मदात्री माँ तो सीता रानी ही थी जिसने हमेशा हमे अच्छी परवरिश देकर लोकतांत्रिक और सर्व धर्म समभाव के मूल्यों में जीना सिखाया. इसके साथ साथ गुरु माता कमला निर्मोही ने भी व्यवहारिक शिक्षा दी. दूसरी माँ निर्मला देशपांडे जी ने उन्हीं मूल्यों को संपुष्ट किया और एक शांति सैनिक के रूप में तैयार किया. तीसरी माँ वैदेही पंड्या ने राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति के व्यवहारिक विचार दिए और चौथी माँ विमला बहुगुणा जिन्होंने अपने स्नेह और वात्सल्य से कभी भी स्वयम को मातृ विहीन होने का अह्सास नहीं होने दिया. प्रकृत्ति के शास्वत नियम के अनुसार सभी एक के बाद एक चली गई और आज माँ विमला भी महाप्रयाण कर गई. वे मात्र राजीव, मधु और प्रदीप की ही माँ नहीं थी बल्कि उन सब की भी माँ थी जो सामाजिक क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की चाहत रखते थे. महात्मा गांधी और उनके विचारों के प्रति वे हमेशा आसक्त रहीं. इस विचार ने तो उनके पति सुन्दर लाल बहुगुणा को उनकी युवावस्था में मे विवश कर दिया था कि वे राजनीति त्याग कर बापू के सर्वोदय विचार को अपनाए. यह सुनना भी रोमांच भ...