कड़वा सच- पंकज चतुर्वेदी

गांधी- नेहरु के संरक्षण में पले-बढे प्रख्यात उद्योगपति एक कडवे सच को बोलने से नहीं डरे, वह भी सरकार के सबसे ताक़तवर मंत्री के सामने ही . शनिवार को मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज ने भरी महफिल में लाइव टेलीविज़न के सामने मोदी सरकार को आइना दिखा दिया। इकोनॉमिक टाइम्स अवार्ड्स कार्यक्रम में जिस समय मंच पर गृहमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री पीयूष गोयल बैठे थे, राहुल बजाज ने खुलकर कहा कि आपसे डर लगता है।

उन्होंने अपने छोटे भाषण में लड़खड़ाती आवाज में कहा कि भले ही कोई न बोले, लेकिन मैं कह सकता हूं कि आपकी आलोचना करने में हमें डर लगता है, कि पता नहीं आप इसे कैसे समझोगे। राहुल बजाज ने कहा, “हम यूपीए-2 सरकार को गाली दे सकते थे, लेकिन डरते नहीं थे, तब हमें आजादी थी. लेकिन आज सभी उद्योगपति डरते हैं कि कहीं मोदी सरकार की आलोचना महंगी न पड़ जाए।”
उन्होंने कहा, हमारे मन में है, लेकिन कोई इंडस्ट्रियालिस्ट बोलेगा नहीं, हमें एक बेहतर जवाब सरकार से चाहिए, सिर्फ इनकार नहीं चाहिए, मैं सिर्फ बोलने के लिए नहीं बोल रहा हूं, एक माहौल बनाना पड़ेगा, मैं पर्यावरण और प्रदूषण की बात नहीं कर रहा हूं, यूपीए-2 में तो हम किसी को भी गाली दे सकते थे, वह अलग बात है, आप अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन हम खुलकर आपकी आलोचना करें, तो भरोसा नहीं है कि आपको बुरा नहीं लगेगा, मैं गलत हो सकता हूं, लेकिन वह सबको लगता है कि ऐसा है, मैं सबकी तरफ से नहीं बोल रहा हूं, मुझे यह सब बोलना भी नहीं चाहिए, क्योंकि लोग हंस रहे हैं कि चढ़ बेटा सूली पर....”उन्होंने यह भी कह दियाकि भले ही आपको बुरा लगे लेकिन बताना चाहूँगा कि मेरा नाम "राहुल" पंडित जवाहरलाल नेहरु ने ही रखा था .

राहुल बजाज ने बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के गोडसे वाले बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, “सब जानते हैं कि जिसने गांधी जी की हत्या की, इसमें किसी को शक है क्या किसी को, पहले भी बोली थीं, फिर सफाई दी, आपने टिकट दिया, जीत गईं और आपकी सपोर्ट से ही जीती हैं, उन्हें कोई जानता नहीं था, फिर आपने उन्हें समिति में शामिल कर दिया, प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं उन्हें दिल से माफ नहीं कर सकता, फिर भी सलाहकार समिति में ले आए.....”

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