Gandhi Global Family गांधी ग्लोबल फैमिली के अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज पानीपत नागरिक मंच, गाँधी ग्लोबल फैमिली तथा गाँधी स्टडी सैंटर आर्य कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में महात्मा गाँधी के 77 वें शहीदी दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी न केवल 21वीं सदी तक अपितु आने वाली अनेक सहस्राब्दियों तक याद किए जाएंगे। वे एक ऐसे योग पुरुष थे जिन्होंने सत्य- अहिंसा और करुणा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। वे विश्व शांति , राष्ट्रीय एकता और सर्वधर्म समभाव की एक अद्भुत मिसाल हैं ।भारत में सभी धर्मो, जातियों और क्षेत्र के उत्थान के लिए उन्होंने अनेक प्रयत्न किए।यदि विश्व के स्तर पर देखें तो महात्मा गाँधी का नाम अहिंसा के एक देवता के रूप में जाना जाता है । उन्होंने कहा कि यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई कि महात्मा गाँधी स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ महीनों बाद ही दो बार पानीपत आए जबकि उन्होंने पूरे देश का भ्रमण करना था। इससे इस बात का भी पता चलता है कि महात्मा गाँधी पानीपत को किस तरह से प्यार क...
Aaghaz e Dosti yatra की एक सरसरी रिपोर्ट. आगाज ए दोस्ती यात्रा न केवल हिन्दुस्तान की आज़ादी का उत्सव मनाने का एक उपक्रम है वहीं उन लोगों को भी श्रद्धांजली अर्पित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है जिन्होंने इस उप महाद्वीप को अंग्रेजी दासता से मुक्त करवाने के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया. उनका संघर्ष किन्ही टुकड़ों को बनाने का नहीं था और न ही एक राज से दूसरे राज को सत्ता हस्तांतरण का. महात्मा गांधी कह्ते थे कि अंग्रेज़ बेशक रह जाए पर अंग्रेजियत चली जाए. उन्होंने यह भी कहा कि उनके देश को आज़ादी इस लिए चाहिए ताकि वह दुनियां के शोषित लोगों की सेवा कर सके. वास्तव में हमारा संघर्ष अंतर्राष्ट्रीय साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष का हिस्सा था. जिसके बारे में पंडित नेहरू ने कहा था कि हमारी लड़ाई स्पेन के मैदान में भी लड़ी जा रहीं है. हिन्दुस्तान सोशलिस्ट republican एसोसिएशन ने अपने घोषणा पत्र में स्पष्ट किया कि आजादी का मायना गोरे लोगों की जगह काले लोगों का राज नहीं है यह है व्यवस्था परिवर्तन. बापू ने कहा कि उनकी लाश पर बटवारा होगा और जब बटवारा तय ही हो गया तो...
पानीपत की बहादुर बेटी सैयदा- जो ना थकी और ना झुकी : ●पानीपत, एक ऐतिहासिक भूमि, न केवल अपने युद्धक्षेत्र के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि उन महान व्यक्तित्वों के लिए भी जो इसकी मिट्टी से उपजे और समाज को नई दिशा दी। ऐसी ही एक शख्सियत हैं सैयदा हमीद, जिन्होंने इंसानियत और उत्पीड़ित महिलाओं के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया। उनकी कहानी साहस, समर्पण और देशभक्ति की मिसाल है। ●एक गौरवशाली विरासत: सैयदा का परिवार लगभग 800 वर्ष पहले पानीपत में आकर बसा था। उनके परदादा, ख्वाजा अल्ताफ हुसैन हाली, न केवल पानीपत के गौरव थे, बल्कि विश्व स्तर पर अपनी शायरी और समाज सुधार के कार्यों के लिए विख्यात थे। उनकी कालजयी रचनाएँ आज भी साहित्य प्रेमियों के दिलों में बसी हैं। सैयदा के मामा, ख्वाजा अहमद अब्बास, स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे। उन्होंने न केवल आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया, बल्कि प्रगतिशील लेखक संघ और भारतीय जन नाट्य संघ (IPTA) की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया। गुलाम भारत में जन्मे इस परिवार ने आजादी के बाद भी पाकिस्तान जाने के बजाय भारत को चुना और यहाँ साहित्य, पत्रकारिता और फिल्म उ...
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