किसान आंदोलन का आंकलन-4

 


नित्य नूतन वार्ता के 252वें सत्र में '21वीं सदी में विचारधाराएं ' विषयांतर्गत 'किसान आंदोलन का आंकलन' पर एक संवाद जूम एप पर दिनांक 29 दिसंबर 2020 को आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता सर्वश्री/ श्रीमती, प्रो. जगमोहन सिंह, अशोक चौधरी, एवं पिस्ता सीतलवाड़ रहे । वार्ता में देश के विभिन्न 27 स्थानों  से प्रबुद्ध श्रोताओं ने भाग लिया* ।

         *वार्ता का शुभारंभ करते हुए अखिल भारतीय वन श्रमजीवी यूनियन के नेता एवं वामपंथी विचारक श्री अशोक चौधरी ने अंतरराष्ट्रीय संदर्भों को रखते हुए भारत में किसान आंदोलन के इतिहास का विश्लेषण किया तथा बताया कि किसान आंदोलन साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष का एक हिस्सा रहा है । इसलिए आज कारपोरेट के खिलाफ भी वह अपनी प्रतिबद्धता से लड़ रहा है*।

       *प्रसिद्ध मानवाधिकार नेत्री एडवोकेट तथा सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस की सचिव श्रीमती पिस्त सीतलवाड़  ने संवैधानिक एवं कानूनी पक्षों को रखते हुए किसान, किसानी एवं उनके आंदोलन की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान न तो कोई कागज का टुकड़ा है अथवा न ही कोई घटित घटनाओं से गठित एक पुस्तक। वैश्विक तथा राजनीतिक स्तर पर भारतीय जनता ने जो आंदोलन एवं संघर्ष किए तथा जिससे उन्होंने अधिकार प्राप्त किए,वह वास्तव में उसी की अभिव्यक्ति है। भारत किसानों के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय चार्टर पर हस्ताक्षर करने वाला एक देश है। उन्हीं कानूनी प्रावधानों को आज आत्मसात करने की आवश्यकता है* ।

         *प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक तथा शहीद भगत सिंह क्रिएटिविटी सेंटर के निदेशक प्रो. जगमोहन सिंह का कहना था कि भारत का किसान आंदोलन हमारे साम्राज्यवाद के विरुद्ध लड़े जाने वाले संघर्ष की प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति है । इतिहास चक्र में ऐसे समय आते हैं जब नई परिस्थितियों के आलोक में न केवल परिस्थितियां समझी जानी चाहिए ,अपितु उन पर अमल भी करना जरूरी है और इस बारे में चेतनता को और ज्यादा गहरा करना आज की जरूरत है । उन्होंने कहा कि 1857 का हमारे सामने प्रत्यक्ष उदाहरण है, जब एक रोटी ने जन विद्रोह को जगाने का काम किया था*। 

        *इन वक्तयों के बाद सर्वश्री अचिशर्मान राजू (दिल्ली), श्रीमती कमलेश मोहन (चंडीगढ़), याकूब डार  (श्रीनगर), अभिमन्यु भाई (चित्रकूट), सुप्रसिद्ध पत्रकार पंकज चतुर्वेदी ने भी अपनी प्रतिभागिता की* ।    

         *डॉक्टर मनोहर लाल शर्मा (चंडीगढ़) ने संवाद के समापन पर आभार प्रस्तुत किया*।             

*शाहजहांपुर बॉर्डर से श्री एस. पी. सिंह ने अपनी रिपोर्ट से सभी को अवगत कराया*। 

      वार्ता का संचालन एडवोकेट राममोहन राय एवम स्मृति राज ने किया ।


(नित्यनूतन वार्ता)

29.12.2020

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