होप में महिला दिवस



























































 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में सेक्टर 25, निर्मला देशपांडे संस्थान में स्थित होप् में आयोजित माता सीता रानी सेवा संस्था द्वारा आयोजित  कार्यक्रम समाजसेवी श्रीमती राज माटा की अध्यक्षता में हुआ। 

उन्होंने कहा कि संपूर्ण विश्व की महिलाएं एकजुट होकर इस दिवस को मनाती हैं। मगर आज भी हमारे देश के अधिकांश महिलाओं को पता ही नहीं है कि महिला दिवस क्या होता है, यह कब आता है और कब चला जाता है ।भारत में अधिकतर महिलाएं अपने घर परिवार में इतनी उलझी होती हैं कि उन्हें बाहरी दुनिया से कोई मतलब ही नहीं होता। इस स्थिति को बदलने का दायित्व भी महिलाओं को स्वयं उठाना होगा, तभी कुछ सार्थक परिणाम सामने आएंगे।

        मेडिकल यूनिवर्सिटी रोहतक की पूर्व प्रोफेसर  एवं आयुष्मान भव अस्पताल  की निदेशिका  प्रोफेसर डॉ कृष्णा सांगवान ने कहा कि  सभी महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि महिलाओं पर ही घर- परिवार की सभी जिम्मेदारियां होती हैं और वह अपने परिवार की तो पूरी जिम्मेदारियां अच्छे से निभाती हैं, पर अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो जाती हैं। जिस करके उन्हें कई तरह की बीमारियों का शिकार होना पड़ता है और कामकाजी महिलाओं पर तो दोहरी जिम्मेदारियां होती हैं। उन्होंने महिलाओं को उनके स्वास्थ्य को ठीक रखने के कुछ उपाय भी बताए।

    पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी  श्रीमती जयवंती  श्योकंद, आई ए एस ने कहा कि केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि सामाजिक और वैचारिक उत्थान से ही महिला सशक्तिकरण संभव है। महिलाओं के लिए अच्छी खबर यह है कि इस बार महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 78 हो गई है, जो कि अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है ।कुछ दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट की महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया है ।अब सेना में भी महिलाएं पुरुषों के समान पदों पर काम कर पाएंगी। इससे महिलाओं का मनोबल बढ़ेगा । उन्होंने कहा कि पर यह भी एक सच है   स्वतंत्रता प्राप्ति के 73 वर्ष पश्चात भी महिलाओं को काम के बदले कम मजदूरी मिलती है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं  औसतन 6 घंटे काम करती हैं। खाना बनाना, सफाई करना, चूल्हा चौका, सफाई करना, बच्चों का पालन पोषण करना कुछ ऐसे काम है जिनकी कहीं गणना ही नहीं होती।  दुनिया के काम के घंटों में 60 फीसदी से अधिक का योगदान महिलाएं करती हैं जबकि संपत्ति पर उनका केवल 5 फ़ीसदी ही मालिकाना हक है।  सभी उपस्थित महिलाओं को देखकर उन्होने प्रसन्नता जाहिर की व अपने अधिकारों के प्रति सचेत होने का  संदेश दिया।

     संस्था अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा कांता एवम सचिव प्रिया लूथरा ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी। मंच संचालन श्रीमती मधु यादव ने किया। इस अवसर पर अपने -अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए डॉ स्वतंत्र जैन, निर्मला देवी, हेना चक्रवर्ती, सुषमा गुप्ता, अरुणा सैनी, मधु यादव, सिमरन गिरधर, आरती सिंगला, नीलम गकखड़ 

 डॉ0 स्वाति सिंगला, निर्मल भारती को मुख्य अतिथि के द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर हाली पानीपती ट्रस्ट के सचिव राम मोहन राय एडवोकेट ,होप की निदेशिका पूजा सैनी, स्वतंत्रता सेनानी उर्वशी शर्मा,परामर्शदात्री  सुनीता आनंद, दीनाक्षी, सोनिया, कौशल्या, गीता, पूजा, आशा, संतोष ,ललिता  वीणा, अनु बाला, महीप गहलोत , अंजू, आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

   विशेष उपलब्धि में संस्थान परिसर में ही महिला एवम बाल विकास ,हरियाणा की ओर से  एक आधुनिकतम  बालवाड़ी का शुभारंभ किया गया जिसमें 6 महीने से 6 वर्ष तक के श्रमिक माता-पिता के बच्चों कों सुबह से शाम तक संरक्षण देकर उन्हें हर सुविधा दी जाएगी । पानीपत ज़िला के एक मात्र इस क्रेच का उदघाटन यद्यपि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में ऑनलाइन किया है परन्तु विभाग की सी डी पी ओ कृष्णा धींगड़ा तथा सुपरवाइजर भावना ने अपनी विशेष उपस्थित में इस क्रेच के लाभ बताए ।

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