Letter to PM Mr Narender Modi for Gandhi Ashram Trust ,Noakhali

 सेवा में

*श्री नरेंद्र मोदी जी*,

*प्रधानमंत्री, भारत सरकार* 

*नई दिल्ली* 

*विषय- बांग्लादेश की आपकी यात्रा के लिए बधाई तथा भविष्य में गांधी आश्रम ,जाएग, जिला नौआखली में पधारने के लिए प्रार्थना*

💐💐💐💐

 श्रीमान जी

 गांधी ग्लोबल फैमिली आपकी सफल बांग्लादेश यात्रा के लिए आपको बधाई प्रेषित करती है। यह जानकर अति प्रसन्नता हुई कि आप जहां बांग्लादेश के राजनेताओं से मिले, वहीं ढाका के प्रसिद्ध काली मंदिर ढाकेश्वरी तथा मतुआ समाज के मंदिर में भी दर्शनार्थ गए। भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से चल रहे अनेक विवादों को हल करने में आपकी तथा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री श्रीमती शेख हसीना वाजेद के बीच जो सहमति तथा समझौते हुए वह न केवल ऐतिहासिक हैं, अपितु दोनों देशों के बीच नए रास्ते खोजने के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।

      आदरणीय महोदय, पूरे विश्व में यदि किसी एक भारतीय की पहचान एवं छाप सभी धर्मों , समुदायो तथा व्यक्तियों के बीच में है, वह महात्मा गांधी का नाम है। आप स्वयं इस नाम को लेकर पूरे दुनिया में उनके विचारों को प्रचारित -प्रसारित करते हैं। 

गांधी 150 वर्ष, दांडी यात्रा 90 वर्ष, स्वतंत्रता आंदोलन के 75 वे जयंती वर्ष को हम सब लोग गौरवपूर्ण ढंग से मनाने की अनेक योजनाएं रखते हैं।    

         तत्कालीन अविभाजित भारत का जिला नौआखली (बांग्लादेश) वह स्थान है जहां पूज्य बापू, सन 1946 में 4 महीने और 13 दिन रहे थे । उस पूरे जिले का चप्पा- चप्पा गांधी विचार शक्ति से ओतप्रोत है।

         *मुझे मई 2018 में वहां जाने का अवसर मिला। राजबाड़ी, उप जिला रामगंज, तत्कालीन जिला नौआखली, बांग्लादेश में उस स्थान पर भी जाने का अवसर मिला ,जहां बापू 13 दिन रहे थे। वहीं 92 वर्षीय श्री अब्दुल कलाम भूरिया तथा 90 वर्षीय श्री मोहम्मद जीतू मियां के भी दर्शन करने का सौभाग्य मिला, जो बापू की यात्रा के दौरान उनके साथ रहे थे। यह वह पुण्य भूमि है जिसका चप्पा- चप्पा महात्मा गांधी की चरण रज से पवित्र हुआ है । यह बापू की ही तपस्या का फल रहा कि जब-जब बांग्लादेश में हिंसक वातावरण हुआ, तब-तब यह जिला उन तमाम बातों से अक्षुण रहा*। 

       गांव जाएग, नौआखली में गांधी विचार से अभिप्रेरित एक संग्रहालय, पुस्तकालय तथा उद्योग शाला *गांधी आश्रम ट्रस्ट, नौआखाली* के नेतृत्व में चल रही है। इसके साथ- साथ ही आसपास के लगभग 80 गांवों में गांधी विचार को लेकर युवाओं के बीच अद्भुत प्रयोग हो रहे हैं । 

         भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान सरकार की कुदृष्टि इस आश्रम की गतिविधियों के प्रति पक्षपातपूर्ण रही। उस दौरान इस आश्रम के कार्यकर्ताओं को यातनाएं  झेलनी पड़ी ,जेलों में डाला गया तथा संपत्ति को भी खुर्द बुर्द किया गया। बांग्लादेश की मुक्ति के पश्चात भारत तथा बांग्लादेश सरकारों के संयुक्त तत्वावधान में यहां निर्माण व्यवस्था एवं प्रबंधन का कार्य चल रहा है।

          संपूर्ण विश्व के गांधी सेवकों के लिए यह स्थान एक तीर्थस्थल है, जो शांति ,अहिंसा एवं रचनात्मक प्रवृत्तियों

 की उद्गम स्थली है।

            इस पत्र के माध्यम से मैं आपसे निवेदन करना चाहूंगा कि भविष्य में अपनी बांग्लादेश यात्रा में इस महान स्थल पर जाकर पूज्य बापू को श्रद्धांजलि अर्पित करने की कृपा करें।

 सादर,

 राममोहन राय

( महासचिव, गांधी ग्लोबल फैमिली)

 प्रति -

 *श्री गुलाम नबी आजाद* (पूर्व केंद्रीय मंत्री)

 अध्यक्ष, गांधी ग्लोबल फैमिली









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