ग्लोबल यूथ फेस्टिवल के तीसरे दिन: विविधता में एकता का अनोखा संगम, 400 युवाओं ने प्रस्तुत की भारत की सांस्कृतिक धरोहर भारत की सांस्कृतिक विविधता और युवा ऊर्जा का अनुपम मेल देखने को मिला ग्लोबल यूथ फेस्टिवल के तीसरे दिन। देश भर से आए लगभग 400 युवाओं ने अपने-अपने प्रदेशों, भाषाओं और क्षेत्रीय परंपराओं की छटा बिखेरी, तो वहीं सबने मिलकर 'भारत की संतान' नामक एक सामूहिक प्रस्तुति तैयार की, जो 18 भाषाओं में रंगीन हुई। यह प्रस्तुति न केवल भारत की बहुलता को दर्शाती है, बल्कि एकता का संदेश भी देती है—कि बेशक भारत में अनेक भाषाएं, रंग, जातियां और क्षेत्र हैं, लेकिन हम सब मिलकर एक सुंदर चित्र बनाते हैं। इस प्रस्तुति के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि भारत माता मात्र धरती, प्रकृति, जल, नदियां और पर्वतों तक सीमित नहीं है, अपितु यहां के वे तमाम लोग हैं जो जन्म लेकर पल-बढ़कर इस देश को समृद्ध बनाने में लगे रहते हैं। स्वर्गीय श्री सुब्बाराव जी द्वारा तैयार की गई यह प्रस्तुति आज मंच पर इतने अद्भुत ढंग से मंचित हुई कि सर्वत्र इसकी प्रशंसा हो रही है। दर्शकों ने इसे एक भ...
Comments
Post a Comment