Exibition of Samrup Rachana of Dr Syed Mohammad Anwer(Lahore)
An exhibition depicting Hindi and Urdu words" Samrup Rachna" was inaugurated by Mrs. Shiv Vani at Nirmala Deshpande Sansthan, Hali Apna School. Dr. Syed Mohammad Anwar, the pioneer of the exhibition, is originally from Faridabad, Haryana, but after the partition of India in 1947, his family had settled in Lahore, Pakistan, despite this, Dr. Anwar's family and social relations remained with the entire region. By cherishing this feeling, he created a similar composition exhibition in which Hindi and Urdu words have been preserved in a pictorial manner, this exhibition has already been held in Chandigarh, Delhi and other cities of India.
Presenting her views on the occasion, renowned artist Shiv Vani said that art and paintings create a feeling of mutual affection and brotherhood by crossing all the boundaries of the country and abroad. It also ends those distances which have been created geographically due to some reasons. People all over the world want peace and brotherhood, this exhibition will prove to be a milestone in this direction.
At the beginning of the program, Shiv Vani inaugurated it by lighting a lamp in front of the pictures of the exhibition. On the occasion, Priya Luthra, Headmistress of Hali Apna School, Puja Saini, General Secretary of Mata Sita Rani Seva Sanstha, Rammohan Rai, General Secretary of Hali Panipati Trust, Mrs. Roopa Ahuja and many students and youth took advantage of the exhibition by being present.
निर्मला देशपांडे संस्थान, हाली अपना स्कूल में हिंदी एवं उर्दू शब्दों को चित्रात्मक ढंग से संजोए गई एक प्रदर्शनी का उद्घाटन श्रीमती शिव वाणी द्वारा किया गया। प्रदर्शनी के प्रणेता डॉ सैय्यद मोहम्मद अनवर मूलतः फरीदाबाद हरियाणा के हैं परंतु 1947 में भारत विभाजन के बाद उनका परिवार लाहौर पाकिस्तान में बस गया था, इसके बावजूद भी डॉक्टर अनवर का इस पूरे क्षेत्र से पारिवारिक एवं सामाजिक रिश्ता बना रहा। इसी भावना को संजो कर उन्होंने एक समरूप रचना प्रदर्शनी का निर्माण किया जिसमें हिंदी एवं उर्दू के शब्दों को चित्रात्मक ढंग से संजोया गया है, यह प्रदर्शनी इससे पहले भी चंडीगढ़, दिल्ली तथा भारत के अन्य नगरों में लग चुकी है।
इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए प्रसिद्ध आर्टिस्ट शिव वाणी ने कहा कि कला एवं चित्र देश-विदेश की तमाम सीमाओं को लांघते हुए परस्पर स्नेह एवं बंधुत्व की भावना पैदा करते है। यह वह उन दूरियों को भी समाप्त करता है जो किन्हीं वजहों से भौगोलिक रूप से बन गई हैं। पूरी दुनिया के लोग शांति एवं भाईचारा चाहते हैं इस दिशा में यह प्रदर्शनी एक मील का पत्थर साबित होगी।
कार्यक्रम के शुभारंभ में शिव वाणी ने प्रदर्शनी के चित्रों के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर इसका श्रीगणेश किया इस। अवसर पर हाली अपना स्कूल की मुख्य अध्यापिका प्रिया लूथरा, माता सीता रानी सेवा संस्था की महासचिव पूजा सैनी, हाली पानीपती ट्रस्ट के महासचिव राममोहन राय ,श्रीमती रूपा आहूजा सहित अनेक विद्यार्थियों एवं युवाओं ने उपस्थित रहकर प्रदर्शनी का लाभ उठाया।
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