Dr K C Sen (Buzurgaan-e Panipat)

डॉo के सी सेन
    डॉo केशव चंद्र सेन पानीपत के न केवल पहले ग्रेजुएट अपितु पोस्ट ग्रेजुएट तथा पी एच डी भी थे  । उनका जन्म वर्ष 1895 के आसपास पानीपत के ही पास के एक गांव कैमला में एक साधारण और मेहनतकश परिवार में हुआ था। उन्हें अपनी विपरीत परिस्थितियों में भी पढ़ लिख कर कुछ कर गुजरने की जिद थी । प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय हाली मुस्लिम हाई स्कूल तथा जैन हाई स्कूल में प्राप्त कर वे ग्रेजुएशन तथा पोस्ट ग्रेजुएशन करने लाहौर यूनिवर्सिटी ,पंजाब गए जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और दोनों बार  उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त किए। अपनी शिक्षा के सभी सत्रों में मनोविज्ञान उनका प्रिय विषय रहा
 और इसी विषय में महारत हासिल करते हुए उन्होंने वर्ष 1924 में काशी हिंदू विश्व विद्यालय, वाराणसी से हस्तरेखा एवम मनोविज्ञान विषय पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया जिस पर उन्हें स्वर्ण पदक के साथ डॉक्टरेट इन साइक्लोजी प्रदान की गई ।
डॉo के सी सेन इसी दौरान पानीपत के जैन हाई स्कूल के हेड मास्टर नियुक्त हुए जहां उन्होंने अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए इस स्कूल को नए आयाम प्रदान किए । 
   उनकी पुस्तक हस्तमुद्रिका शास्त्र ज्योतिष विज्ञान में
 एक दुर्लभ ग्रंथ है जिसकी प्रस्तावना उनके घनिष्ठ मित्र तथा आज़ाद भारत के पहले शिक्षा सचिव जनाब सैय्यदैन ने लिखी है ।
     आर्य समाज, पानीपत के प्रयासों से पानीपत के पहले कॉलेज की स्थापना की गई जिस कॉलेज में प्रिंसिपल सुंदर लाल के साथ आप वाइस प्रिंसिपल के तौर पर काम करते रहे । आपके प्रयासों से ही पानीपत में पहले गर्ल्स कॉलेज की स्थापना हुई जिसके आप पहले प्रिंसिपल नियुक्त हुए । उस समय लड़कियों की शिक्षा का काम बहुत ही मुश्किल था परंतु आपके प्रयासों से कॉलेज में संख्या में वृद्धि हुई और सैंकड़ो कन्याएं ग्रेजुएट बन कर निकली और उनमें से अनेक पोस्ट ग्रेजुएट और पी एच डी भी ।
    डॉo के सी सेन ने अपना संपूर्ण जीवन अपने कायस्थान मोहल्ले ,पानीपत में बिताया । उनका एक मात्र पुत्र रमेश चंद्र सेन ने भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रेलवे विभाग में एक उच्च अधिकारी के रूप में ख्याति प्राप्त की ।
    लेखक के पिता मास्टर सीता राम उनके प्रिय शिष्यों में रहे और लेखक ने भी न केवल उनके दर्शन किए अपितु सानिध्य भी प्राप्त किया।  
    वर्ष 1970 के आसपास पानीपत में ही उनकी मृत्यु हो गई । वे पानीपत के एक आदरणीय बुज़ुर्ग थे जिन्होंने अपने कार्यों से इस शहर का नाम रोशन किया ।
राम मोहन राय

Comments

Popular posts from this blog

Gandhi Global Family program on Mahatma Gandhi martyrdom day in Panipat

Aaghaz e Dosti yatra - 2024

पानीपत की बहादुर बेटी सैयदा- जो ना थकी और ना झुकी :