Global Youth Festival, 4th day ,Panipat/05.10.2025. Sant Nirankari Mission/National Youth Project/Gandhi Global Family
ग्लोबल यूथ फेस्टिवल के तीसरे दिन: विविधता में एकता का अनोखा संगम, 400 युवाओं ने प्रस्तुत की भारत की सांस्कृतिक धरोहर
भारत की सांस्कृतिक विविधता और युवा ऊर्जा का अनुपम मेल देखने को मिला ग्लोबल यूथ फेस्टिवल के तीसरे दिन। देश भर से आए लगभग 400 युवाओं ने अपने-अपने प्रदेशों, भाषाओं और क्षेत्रीय परंपराओं की छटा बिखेरी, तो वहीं सबने मिलकर 'भारत की संतान' नामक एक सामूहिक प्रस्तुति तैयार की, जो 18 भाषाओं में रंगीन हुई। यह प्रस्तुति न केवल भारत की बहुलता को दर्शाती है, बल्कि एकता का संदेश भी देती है—कि बेशक भारत में अनेक भाषाएं, रंग, जातियां और क्षेत्र हैं, लेकिन हम सब मिलकर एक सुंदर चित्र बनाते हैं।
इस प्रस्तुति के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि भारत माता मात्र धरती, प्रकृति, जल, नदियां और पर्वतों तक सीमित नहीं है, अपितु यहां के वे तमाम लोग हैं जो जन्म लेकर पल-बढ़कर इस देश को समृद्ध बनाने में लगे रहते हैं। स्वर्गीय श्री सुब्बाराव जी द्वारा तैयार की गई यह प्रस्तुति आज मंच पर इतने अद्भुत ढंग से मंचित हुई कि सर्वत्र इसकी प्रशंसा हो रही है। दर्शकों ने इसे एक भावनात्मक और प्रेरणादायक प्रदर्शन बताया, जो युवाओं के हृदय में देशभक्ति की लौ जला देता है।
ग्लोबल यूथ फेस्टिवल की एक प्रमुख विशेषता यह भी है कि भारत के लगभग 22 प्रदेशों से आए युवक-युवतियां न केवल एक-दूसरे की भाषाओं को सीख रहे हैं, बल्कि खान-पान, परिधान और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से आपसी समझ को गहरा कर रहे हैं। यह आयोजन मात्र एक सांस्कृतिक मेला नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच है जहां युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ते हुए भविष्य की दिशा तय कर रही है। विभिन्न राज्यों के पारंपरिक नृत्य, संगीत और लोककथाओं की प्रस्तुतियां देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए, और यह एहसास हुआ कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता में निहित है।
कार्यक्रम में संत निरंकारी निरंकारी मिशन के प्रवक्ता श्री दीपक बिष्ट ने युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "महात्मा गांधी, संत विनोबा भावे, निर्मला देशपांडे, सुब्बाराव जी और भगत सिंह सभी एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने एक नदी की तरह प्रवाहपूर्ण विचार को बढ़ाया है, जो भारत की प्राचीन संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है।" उनके इस उद्बोधन ने युवाओं में स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के प्रति सम्मान को और गहरा कर दिया। श्री दीपक जी ने जोर देकर कहा कि आज के युवाओं को इन महान व्यक्तियों के आदर्शों को अपनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संत निरंकारी मिशन रूहानियत से इंसानियत के संक्रमण को जन-जन तक पहुचाने का कार्य कर रहा है. इस अवसर पर गांधी ग्लोबल फॅमिली के वैश्विक युवा समन्वयक आर्चिशमान राजू ने भी संबोधित किया.
आयोजन की तैयारी व्यवस्था ने भी सभी का दिल जीत लिया है। नेशनल यूथ प्रोजेक्ट के सचिव रणसिंह परमार, सुकुमारन, मधुसूदनदास, विनय भाई, नरेंद्र भाई, गांधी ग्लोबल फैमिली के महासचिव रामोहन राय, उनके सहयोगी कृष्णा कांता, मनन सिंगल, अनु कालरा, आद्या त्यागी, दिव्या कपूर, पूजा सैनी, निधि जैन, स्पर्श वर्मा, राजेंद्र कुमार छोकर, डॉ विजय सिंह, पवन कुमार सैनी, नरेंद्र ऋषि आदि ने सम्पूर्ण व्यवस्था को संभाला हुआ है। ये सभी प्रशिक्षणार्थियों को हर प्रकार का सहयोग प्रदान कर रहे हैं, चाहे वह आवास हो, भोजन हो या सांस्कृतिक गतिविधियां।
विशेष रूप से संत निरंकारी मिशन के लगभग 50 स्वयंसेवकों ने श्वेता डावर तथा अरविंद डावर के नेतृत्व में अद्भुत कार्य किया है। इन स्वयंसेवकों की निष्ठा और समर्पण की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। वे न केवल आयोजन स्थल की सफाई और सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि युवाओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन भी दे रहे हैं।
यह ग्लोबल यूथ फेस्टिवल अभी तीन और दिनों तक चलेगा, और इससे यह स्पष्ट है कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी कैसे संभाल रही है। शाम के सत्र में आध्यात्मिक चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें संत निरंकारी मिशन के युवा प्रचारक डॉ. हेमराज शर्मा ने 'मैं कौन हूं?' और 'एकात्म भाव' जैसे गहन विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने संतों, फकीरों और ऋषिऔ की वाणी को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया, जिसे सभी ने सराहा। डॉ. शर्मा के प्रवचन ने युवाओं को आत्मचिंतन के लिए प्रेरित किया, और सत्र का समापन तालियों की गड़गड़ाहट के साथ हुआ।
कुल मिलाकर, आज का कार्यक्रम सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना का अद्भुत संगम साबित हुआ। यह फेस्टिवल न केवल युवाओं को एकजुट कर रहा है, बल्कि भारत की एकता में विविधता के सौंदर्य को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। आने वाले दिनों में और भी रोमांचक सत्रों की उम्मीद की जा रही है, जो युवा भारत को प्रेरित करते रहेंगे।
Very nice. Congratulations and best wishes to the organisers and the participants.
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