Udaipur Diary-5 Devi Lal ji and Prem Didi
Devi Lal ji and Prem Didi श्री देवी लाल जी माली मेरे बड़े साढू भाई है. उनकी सादगी, सक्रियता एवम योग्यता अनुपम है. आज लगभग डेढ़ वर्ष उपरांत , हम उनके डूंगरपुर स्थित घर उनके तथा उनकी पत्नी प्रेम दीदी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करने आये है. वें हमेशा न केवल मेरे अपितु सभी के लिए एक श्रेष्ठ मार्गदर्शक, प्रेरक एवम शुभचिंतक रहें है. जैसे ही कोई उनके घर पहुंचता है तो वें एक बच्चे की तरह भाव विभोर होकर अपने मधुर एवम काव्यात्मक निश्छल शब्दों में उनका स्वागत करते है. आज घर पहुंच कर उनके पास पहुंच कर जहाँ दीदी के हाथ का बना सुस्वाद भोजन खाया वहीं माली जी के जीवन, दर्शन एवम अनुभवों पर भी खूब चर्चा की. उनके पास हम कुल चार घंटे रहें पर इसका खूब सदुपयोग रहा. विनोबा जी कहाँ करते थे चर्चा तो केवल एक घड़ी की ही होती है यानि 24 मिनट की बाकि तो और... और कह कर बतियाते रहते है. मेरी माँ कहा करती थी कि जब वें गाय का दूध दोहती है तो गायत्री मंत्र पढ़ते हुए अपने परिवार के स्वास्थ्य तथा प्रगति के लिए अनेक प्रार्थनाएं करती है इसलिए उसके द्वारा तैयार किया गया दूध और अन्य उत्पाद किसी भी गवाले