जयंत दीवान से दोस्ती
■मुंबई सर्वोदय मण्डल के ग्रांट रोड कार्यालय की यात्रा और जयंत दीवान से एक प्रेरक मुलाकात.
मुंबई के हृदयस्थल ग्रांट रोड पर स्थित बॉम्बे सर्वोदय मण्डल का कार्यालय गांधीवादी विचारधारा का एक जीवंत केंद्र है, जो शांति, अहिंसा और सामाजिक समरसता के सिद्धांतों को समर्पित है। हाल ही में इस कार्यालय में जाना और वहां के व्यवस्थापक श्री जयंत दीवान से मिलना मेरे लिए एक अविस्मरणीय और सौभाग्यशाली अनुभव रहा। यह स्थान न केवल गांधीवादी दर्शन का प्रतीक है, बल्कि यह उन लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी है जो सामाजिक परिवर्तन और आत्मनिर्भरता के मार्ग पर चलना चाहते हैं। इस लेख में मैं इस स्थान का संक्षिप्त परिचय, यहां उपलब्ध सेवाएं, और जयंत दीवान जी के व्यक्तित्व, उनके कार्यों, और उनकी पुस्तकों का उल्लेख करूंगा।
बॉम्बे सर्वोदय मण्डल, जिसकी स्थापना गांधीवादी सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार के लिए की गई थी, ग्रांट रोड के 299, तरदेव रोड, नाना चौक पर स्थित है। यह स्थान गांधीवादी विचारधारा के अध्ययन, प्रचार और अभ्यास का एक प्रमुख केंद्र है। इस कार्यालय को सरकार से प्राप्त करने में मेरी गुरु माँ स्वर्गीय निर्मला देशपांडे जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनके आग्रह पर तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री विलासराव देशमुख ने इस स्थान को मण्डल को आवंटित किया था, जिसके लिए गांधीवादी समुदाय उनका आभारी है। यह कार्यालय गांधी बुक सेंटर और एक छोटा संग्रहालय के रूप में भी कार्य करता है, जहां गांधीजी के जीवन और उनके दर्शन से संबंधित सामग्री उपलब्ध है। कार्यालय का समय सोमवार से शनिवार, सुबह 11 बजे से शाम 6:30 बजे तक है। यहां का वातावरण शांत और प्रेरक है, और भाजी गली का दृश्य इसे और भी जीवंत बनाता है
बॉम्बे सर्वोदय मण्डल विभिन्न गतिविधियों और सेवाओं के माध्यम से गांधीवादी विचारधारा को बढ़ावा देता है। इनमें शामिल हैं:
1. गांधी बुक सेंटर: यह केंद्र गांधीजी, विनोबा भावे, और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित पुस्तकों का एक विशाल संग्रह प्रदान करता है। गांधी जयंती (2 अक्टूबर) और गांधी निर्वाण दिवस (30 जनवरी) के अवसर पर सभी पुस्तकों पर 50% की छूट दी जाती है।
2. अंबर चरखा और पेटी चरखा प्रदर्शन: यहां आगंतुकों को अंबर चरखा और पेटी चरखा का प्रदर्शन दिखाया जाता है, जो स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के प्रतीक हैं।
3. संग्रहालय: कार्यालय के ऊपरी माले पर एक संग्रहालय है, जहां गांधीजी के जीवन से संबंधित चित्र, दस्तावेज और अन्य सामग्री प्रदर्शित की गई है। यहां का मिंटन टाइलिंग भी आकर्षण का केंद्र है।
4. पर्यावरणीय पहल: मण्डल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है, जिसमें कचरे को प्लास्टिक और कागज में अलग करने की प्रक्रिया शामिल है।
5. शैक्षिक और सामाजिक गतिविधियां: यह केंद्र गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित सेमिनार, कार्यशालाएं और चर्चाएं आयोजित करता है, जो युवाओं और समाजसेवियों को प्रेरित करती है.
श्री जयंत दीवान बॉम्बे सर्वोदय मण्डल के व्यवस्थापक और एक समर्पित गांधीवादी सेवक हैं, जिन्होंने अपना जीवन गांधी-विनोबा विचारधारा के प्रचार-प्रसार को समर्पित किया है। उनकी युवावस्था में वे जेपी (जयप्रकाश नारायण) आंदोलन से जुड़े, जिसने उन्हें सामाजिक परिवर्तन और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रेरित किया। एक लेखक के रूप में, उन्होंने गांधीवादी दर्शन, सामाजिक आंदोलनों और स्वतंत्रता संग्राम पर कई पुस्तकें लिखी हैं। उनकी पुस्तकों में निम्नलिखित शामिल हैं:
गांधी और भगत सिंह: एक तुलनात्मक अध्ययन - इस पुस्तक में उन्होंने गांधी और भगत सिंह के विचारों की समानताओं और पूरकता को रेखांकित किया है।,
विनोबा भावे के भूदान आंदोलन पर निबंध - यह पुस्तक विनोबा भावे के भूदान आंदोलन के दर्शन और प्रभाव को समझाती है। उनके द्वारा लिखित प्रमुख पुस्तकों में
●जेपी आंदोलन: एक सामाजिक क्रांति - इस कार्य में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चले आंदोलन का विश्लेषण किया गया है।
अहिंसा का मार्ग - गांधीवादी अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित यह पुस्तक आधुनिक संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता को दर्शाती है।
इस अवसर पर उन्होंने स्वयं लिखित दो पुस्तकें भी उपहार स्वरूप भेंट की.
जयंत दीवान जी का कार्यालय उनके व्यक्तित्व का प्रतिबिंब है। उनकी टेबल के पीछे गांधी, विनोबा, और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों के साथ-साथ 'शहीद भगत सिंह' का चित्र भी लगा है, जो गांधीवादियों के बीच असामान्य है। यह उनके खुले दृष्टिकोण और भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों के प्रति सम्मान को दर्शाता है। हमारी चर्चा में, उन्होंने "मेरी भगत सिंह यात्रा वृतांत" को बड़े ध्यान से सुना और इस बात पर सहमति जताई कि गांधी और भगत सिंह एक-दूसरे के पूरक हैं। वे मानते हैं कि जहां गांधीजी ने अहिंसा के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम को एक व्यापक आधार दिया, वहीं भगत सिंह ने युवाओं में देशभक्ति और बलिदान की भावना जगाई।
जयंत दीवान जी से मेरी मुलाकात लगभग तीन घंटे तक चली, लेकिन समय का पता ही नहीं चला। उनकी विनम्रता, गहन ज्ञान और गांधीवादी विचारों के प्रति समर्पण ने मुझे गहराई से प्रभावित किया। हमने गांधी-विनोबा दर्शन, जेपी आंदोलन, भगत सिंह की प्रासंगिकता और आधुनिक भारत में सामाजिक परिवर्तन की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की। उनकी बातों में एक सादगी और स्पष्टता थी, जो उनके अनुभव और चिंतन की गहराई को दर्शाती थी। इस मुलाकात को संभव बनाने के लिए मैं कुतुब किदवई जी का विशेष आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जिनके प्रयासों से यह प्रेरक साक्षात्कार संभव हो सका। मंडल में ही हमे प्रसिद्ध वयोवृद्ध गांधीवादी सोमैया जी से मुलाकात और वार्ता का अवसर मिला.
बॉम्बे सरोदय मण्डल का ग्रांट रोड कार्यालय न केवल एक भौतिक स्थान है, बल्कि यह गांधीवादी विचारधारा का एक जीवंत प्रतीक है। यह स्थान उन लोगों के लिए एक तीर्थस्थल है जो अहिंसा, स्वदेशी और सामाजिक समरसता के मार्ग पर चलना चाहते हैं। जयंत दीवान जी जैसे समर्पित व्यक्तित्व इस स्थान को और भी विशेष बनाते हैं। उनकी लेखनी, विचार और जीवनशैली गांधीवादी सिद्धांतों का जीवंत उदाहरण है। इस मुलाकात ने मुझे न केवल प्रेरित किया, बल्कि यह विश्वास भी दिलाया कि गांधी और भगत सिंह जैसे महान व्यक्तित्वों के विचार आज भी हमें एक बेहतर समाज की ओर ले जा सकते हैं। हमारी यह मुलाकात एक नई शुरुआत है, और मैं भविष्य में भी जयंत दीवान जी से मिलने और उनके अनुभवों से सीखने की आशा रखता हूं।
Ram Mohan Rai,
Nityanutan Varta,
Mumbai. 25.07.2025
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