Global Youth Festival, Panipat, .Some glimpses of 3rd day./04.10.2025. National Youth Project, Gandhi Global Family, Sant Nirankari Mission
नेशनल यूथ प्रोजेक्ट, गांधी ग्लोबल फैमली और संत Nirankari मिशन के तत्वावधान में आयोजित छह दिवसीय ग्लोबल यूथ फेस्टिवल के उद्घाटन अवसर पर शहीद आजम सरदार भगत सिंह के भांजे एवं प्रसिद्ध चिंतक प्रोफेसर जगमोहन सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद भगत सिंह और महात्मा गांधी एक-दूसरे के पूरक थे। उन्होंने यह भ्रामक प्रचार कि महात्मा गांधी ने भगत सिंह की फांसी रुकवाने का कोई प्रयास नहीं किया, पूरी तरह गलत बताते हुए स्पष्ट किया कि यदि भगत सिंह स्वयं चाहते तो वे फांसी से बच सकते थे। लेकिन वे अपने जीवन को भारतीय युवाओं के लिए एक महानतम आदर्श बनाना चाहते थे, ताकि अधिक से अधिक युवा राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो सकें।
प्रोफेसर जगमोहन सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी और भगत सिंह की कार्यशैली में भले ही अंतर था, लेकिन भगत सिंह भी अहिंसा के सिद्धांत को मानते थे। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि उन्होंने जेल में अपनी जायज मांगों के लिए 116 दिनों की भूख हड़ताल की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज के दौर में शहीद भगत सिंह और महात्मा गांधी के दोनों विचारों को एक साथ अपनाने की आवश्यकता है, ताकि पूरे विश्व में आतंकवाद का खात्मा हो सके और एक समता मूलक समाज की स्थापना की जा सके। प्रो. सिंह ने नेशनल यूथ प्रोजेक्ट और गांधी ग्लोबल फैमिली के इस संयुक्त प्रयास को एक अद्भुत एवं अनुकरणीय पहल बताते हुए कहा कि इसके लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।
इस अवसर पर नेशनल यूथ प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय सचिव रन सिंह परमार, ए. सुकुमारन, मधुसूदन दास तथा गांधी ग्लोबल फैमिली के महासचिव स्पर्श वर्मा, पूजा सैनी,आद्या त्यागी, दिव्या कपूर, राजेंद्र कुमार एवं नरेंद्र ने संयुक्त रूप से कहा कि गांधी ग्लोबल फैमिली में उपस्थित 400 युवाओं की मौजूदगी इस बात का जीवंत प्रमाण है कि नौजवान महात्मा गांधी और भगत सिंह के आदर्शों से प्रेरित होना चाहते हैं। उन्होंने अपील की कि हम सभी युवाओं के दोषों को ढूंढने के बजाय उन्हें दिशा देने का कार्य करें, तभी यह एक अद्भुत परिवर्तनकारी प्रयास सिद्ध होगा।
कार्यक्रम की स्वागत अध्यक्षता करते हुए निर्मल दत्त, आर्य कॉलेज पानीपत के प्राचार्य जगदीश गुप्ता, गुजरात के जूनागढ़ से आए चतुर्भुज राजपारा, धर्मा नंद लखेड़ा, हृषिकेश, महजबीन नबी (श्रीनगर), अल्का शर्मा (जम्मू), इंदिरा (इंडोनेशिया) एवं अनन्य कुमार राहा (बांग्लादेश) ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने ग्लोबल यूथ फेस्टिवल को एक प्रशंसनीय एवं प्रेरणादायी प्रयास बताया।
संयुक्त संयोजक अरविंद डावर ने कहा कि यह आयोजन बाबा हरदेव सिंह जी और महात्मा सुखदेव जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से संभव हुआ है। उन्होंने गांधी ग्लोबल फैमिली और नेशनल यूथ प्रोजेक्ट को संत निर्वार्य मिशन के साथ जोड़ने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और आश्वासन दिया कि इस प्रकार के कार्यों को लगातार बढ़ावा दिया जाएगा।
यह फेस्टिवल युवाओं को गांधीवादी सिद्धांतों और भगत सिंह के क्रांतिकारी आदर्शों के माध्यम से वैश्विक शांति एवं एकता की दिशा में प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण मंच सिद्ध हो रहा है। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रांतों से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जो उनकी विभिन्न भाषाओं, वेशभूषाओं एवं स्वरों को प्रदर्शित करते थे। इन तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विश्व शांति, राष्ट्रभक्ति और आपसी सौहार्द तथा भाईचारे का स्पष्ट चित्रण हो रहा था। उत्तराखंड, बुंदेलखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु के कलाकारों ने भी कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
फेस्टिवल के दौरान गीता विश्वविद्यालय का विशेष दौरा भी आयोजित किया गया, जहाँ विविध सांस्कृतिक गतिविधियाँ प्रस्तुत की गईं। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रतिभागियों का अभिनंदन किया गया और उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। प्रो-चांसलर डॉ. अंकुश मित्तल ने इस अवसर पर फेस्टिवल की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने युवाओं को ऐसे आयोजनों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
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