हमारी मेजबान
हमारी मेजबान देववाणी
(Nityanootan Broadcast Service) 26.11.2019
हम इस बार अपने इलाहबाद प्रवास के दौरान पुनः अपने अग्रज व मित्र डॉ दिवाकर त्रिपाठी के झूंसी स्थित घर पर ही ठहरे । इससे पहले हम आदरणीय भाई जी सुब्बाराव जी के साथ गत फरवरी में कुंभ मेले के दौरान इन्हीं के यहां रुके थे । तब मेरी पत्नी अमेरिका प्रवास पर थी व मैं ही अन्य मित्रो के साथ यहां रुका था । डा0 त्रिपाठी , उनकी पत्नी श्रीमती अलका व दोनों पुत्रियां मालविका व देववाणी की आतिथ्य परायणता से हम सभी अभिभूत थे । इस बार प्रयागराज आने पर हमने फिर उन्हीं के ठहरना मुनासिब समझा । एकांत ,सुरम्य व हरा भरा उनके घर का परिसर ,अनायास ही जीवन को दीर्घायु बना देता है ,पर इस बार हम घर के सबसे छोटे सदस्य देववाणी के संरक्षण में थे । कक्षा पांच में पढ़ रही 10 वर्षीय यह बालिका बेशक उम्र में छोटी हो परन्तु ज्ञान, समझदारी व वाक चातुर्य में अपनी उम्र के हिसाब से परिपूर्ण है । त्रिवेणी संगम स्नान से आनंद भवन व शहीद चंद्र शेखर आज़ाद बलिदान स्मृति पार्क तक का पूरा सफर उन्होंने ही करवाया । बीच -२ में उनके प्रश्न भी रहे व हमारे भी ,पर इन सभी मे मैत्री भाव रहा ।
देववाणी कई वाद्ययंत्रों को बजाने में पारंगत है । तबला व सितार पर भी खूब संगत करती है । चित्रकला में वे अपनी माँ- गुरु अलका की निपुण शिष्या है ।
कला की उनकी सभी जानकारी को आप यूट्यूब पर devvani art and craft.com पर प्राप्त कर सकते हैं ।
हम देववाणी के यशस्वी ,सुखमय व सेवामय जीवन की कामना करते है । उनके माता-पिता-बहन सभी को बधाई ।
राम मोहन राय
इलाहाबाद/26.11.2019
(Nityanootan Broadcast Service) 26.11.2019
हम इस बार अपने इलाहबाद प्रवास के दौरान पुनः अपने अग्रज व मित्र डॉ दिवाकर त्रिपाठी के झूंसी स्थित घर पर ही ठहरे । इससे पहले हम आदरणीय भाई जी सुब्बाराव जी के साथ गत फरवरी में कुंभ मेले के दौरान इन्हीं के यहां रुके थे । तब मेरी पत्नी अमेरिका प्रवास पर थी व मैं ही अन्य मित्रो के साथ यहां रुका था । डा0 त्रिपाठी , उनकी पत्नी श्रीमती अलका व दोनों पुत्रियां मालविका व देववाणी की आतिथ्य परायणता से हम सभी अभिभूत थे । इस बार प्रयागराज आने पर हमने फिर उन्हीं के ठहरना मुनासिब समझा । एकांत ,सुरम्य व हरा भरा उनके घर का परिसर ,अनायास ही जीवन को दीर्घायु बना देता है ,पर इस बार हम घर के सबसे छोटे सदस्य देववाणी के संरक्षण में थे । कक्षा पांच में पढ़ रही 10 वर्षीय यह बालिका बेशक उम्र में छोटी हो परन्तु ज्ञान, समझदारी व वाक चातुर्य में अपनी उम्र के हिसाब से परिपूर्ण है । त्रिवेणी संगम स्नान से आनंद भवन व शहीद चंद्र शेखर आज़ाद बलिदान स्मृति पार्क तक का पूरा सफर उन्होंने ही करवाया । बीच -२ में उनके प्रश्न भी रहे व हमारे भी ,पर इन सभी मे मैत्री भाव रहा ।
देववाणी कई वाद्ययंत्रों को बजाने में पारंगत है । तबला व सितार पर भी खूब संगत करती है । चित्रकला में वे अपनी माँ- गुरु अलका की निपुण शिष्या है ।
कला की उनकी सभी जानकारी को आप यूट्यूब पर devvani art and craft.com पर प्राप्त कर सकते हैं ।
हम देववाणी के यशस्वी ,सुखमय व सेवामय जीवन की कामना करते है । उनके माता-पिता-बहन सभी को बधाई ।
राम मोहन राय
इलाहाबाद/26.11.2019
Great
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