इन दरिंदो से तो जानवर भी अच्छे

सच मे कुत्ते या कोई भी जानवर
अप्राकृतिक नही होते है।
उनमे हिंसा अहिंसा का विवेक  तो नही
पर वह प्रकृति न्याय को मानते है !!
सबसे खतरनाक  है तो वह आदमी जो
नशे और अमानवीय तरीके से
शांति की खोज मे है --
तब विचारणीय है कि --समाज मे बच्चो की
शिक्षाए और समाज़ की
शिक्षाए कैसी है।

सामाजिक काम करने वालो को
पहचान प्रसिद्ध छपास संस्कृति
से हट कर सोचना होगा ---

समाज मे ऐसे प्रेरक लोगो को
टिकाने की जिम्मेदारी समाज को
लेनी होगी जो आचरण वान है।
जिनकी करनी कथनी मे भेद नही है
और वह सभी जाति धर्म ऊच नीच लिंग भाषा आदिके भेद से ऊपर हो और मानवता का प्रेमी हो
इसके साथ
प्रकृति आधारित जीवन जीने मे अभ्यस्त है
जिनको देख लोग प्रेरित होने लगे।
ऐसे लोगो को सब पहचाने और उनकी शिक्षाओ
को समाज मे परिवारों मे पहुचाने की
के लिए मदद करे।
साभार ;अभिमन्यु भाई

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