प्रातः स्मरामि - गुरु ग्रन्थ साहब जी

प्रातः स्मरामि !
श्री गुरु ग्रन्थ साहब एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमे सर्वधर्म समभाव स्वत: ही समाया है । इसमें सिख परम्परा के 6 गुरुओं ,11 भक्तो व 15 भट्ट कवियों की वाणी निरूपित है । गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के आदेशानुसार *सब सिखों को हुक्म है गुरु मान्यो ग्रन्थ* की भावना के अनुसार इसे जीवित गुरु गद्दी का स्थान है इसलिए इसकी मान- मर्यादा का ख्याल रखना पड़ता है परन्तु आम जिज्ञासु पाठक के लिये शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ,अमृतसर ने इसका भावानुवाद *शब्दार्थ* रूप में प्रकाशित किया है जो हिंदी सहित अनेक भाषाओं में उपलब्ध है ।

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