गांधी ग्लोबल फैमिली के राष्ट्रीय सचिव मण्डल का वक्तव्य :
"देशभर में आज ट्रेड यूनियन्स की तरफ से बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी ,आर्थिक मंदी , साम्प्रदायिक हिंसा व तनाव ,नागरिकता एक्ट,एन आर सी ,निजीकरण व आर्थिक संकट तथा शिक्षा संस्थानों में बढ़ते सरकारी व पुलिस हस्तक्षेप , विद्यार्थियों को कम सुविधाओं तथा बढ़ती फीस के विरोध में हड़ताल का नागरिक समाज को समर्थन करना चाहिये ।
न केवल सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक व स्वयमसेवी संगठनों ,विद्यार्थियों तथा उनके विभिन्न समूहों ने इसे समर्थन दिया है वहीं ग्रीस स्थित 117 देशों के वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स ने भी इसे समर्थन देकर इसे अंतरराष्ट्रीय बना दिया है, जिसका स्वागत होना चाहिए ।
हमारे देश मे जिस तरह से शासकीय दमन ,भेदभावपूर्ण निर्णय तथा साम्प्रदायिक नीयत सामने आ रही है, वह निश्चित रूप से हमारे लोकतंत्र ,धर्मनिरपेक्षता व संघीय ढांचे को क्षति पहुचायेगी । बहुसंख्यक समुदायों के तुष्टीकरण की नीति हमारे सामाजिक ढांचे को भी कमजोर करेगी ।देश मे बढ़ता हिंसा ,तनाव व विद्वेष का वातावरण हर भारतीय के लिये चिंता का विषय है । आज के हालात में उपद्रवियों के निशाने पर पूज्यपाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व उनके सत्य व अहिंसा के विचार है । राष्ट्रीय आज़ादी के मूल्यों को यदि हम सुरक्षित न रख सके तो भारत सुरक्षित न रह सकेगा अतः सभी देशभक्त जागरूक नागरिकों का यह कर्तव्य बनता है कि वे आगे आकर भारतीय संविधान व उसके सिद्धान्तों की रक्षा का बीड़ा उठाए" ।
गांधी ग्लोबल फैमिली का राष्ट्रीय सचिव मण्डल
दिल्ली-08.01.2020
"देशभर में आज ट्रेड यूनियन्स की तरफ से बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी ,आर्थिक मंदी , साम्प्रदायिक हिंसा व तनाव ,नागरिकता एक्ट,एन आर सी ,निजीकरण व आर्थिक संकट तथा शिक्षा संस्थानों में बढ़ते सरकारी व पुलिस हस्तक्षेप , विद्यार्थियों को कम सुविधाओं तथा बढ़ती फीस के विरोध में हड़ताल का नागरिक समाज को समर्थन करना चाहिये ।
न केवल सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक व स्वयमसेवी संगठनों ,विद्यार्थियों तथा उनके विभिन्न समूहों ने इसे समर्थन दिया है वहीं ग्रीस स्थित 117 देशों के वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स ने भी इसे समर्थन देकर इसे अंतरराष्ट्रीय बना दिया है, जिसका स्वागत होना चाहिए ।
हमारे देश मे जिस तरह से शासकीय दमन ,भेदभावपूर्ण निर्णय तथा साम्प्रदायिक नीयत सामने आ रही है, वह निश्चित रूप से हमारे लोकतंत्र ,धर्मनिरपेक्षता व संघीय ढांचे को क्षति पहुचायेगी । बहुसंख्यक समुदायों के तुष्टीकरण की नीति हमारे सामाजिक ढांचे को भी कमजोर करेगी ।देश मे बढ़ता हिंसा ,तनाव व विद्वेष का वातावरण हर भारतीय के लिये चिंता का विषय है । आज के हालात में उपद्रवियों के निशाने पर पूज्यपाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व उनके सत्य व अहिंसा के विचार है । राष्ट्रीय आज़ादी के मूल्यों को यदि हम सुरक्षित न रख सके तो भारत सुरक्षित न रह सकेगा अतः सभी देशभक्त जागरूक नागरिकों का यह कर्तव्य बनता है कि वे आगे आकर भारतीय संविधान व उसके सिद्धान्तों की रक्षा का बीड़ा उठाए" ।
गांधी ग्लोबल फैमिली का राष्ट्रीय सचिव मण्डल
दिल्ली-08.01.2020
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