संविधान की पाठशाला

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माता सीता रानी सेवा संस्था द्वारा  संचालित  निर्मला देशपांडे स्थित हाली अपना स्कूल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक बृहद कार्यक्रम का आयोजन *संविधान का पाठ कार्यशाला*' *आयोजित किया गया।इस अवसर पर पर अपने विचार प्रकट करते हुए संस्थान के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध उद्योगपति श्री ओमप्रकाश माटा ने कहा कि भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों को समता, बंधुत्व एवं लोकतंत्र का संदेश देता है। यह हमें अधिकार देता है कि संविधान के सम्मुख सभी नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्र एवं लिंग के हो, इस देश में बराबर के अधिकारी हैं*। *बाबा साहब अंबेडकर के नेतृत्व में बनाया यह संविधान भारत की स्वतंत्रता जो महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों के नेतृत्व में जनता ने लड़ी, यह संविधान उसकी अभिव्यक्ति है। आज के दिन हमारे बुजुर्गों ने इस संविधान के अनुरूप इस देश को चलाने का संकल्प लिया था। संविधान की प्रस्तावना में प्रथम शब्द में ही समस्त भारत के नागरिकों को संगठित होने का आह्वान किया है। भारत के संविधान को बचाने की जिम्मेदारी हम सब नागरिकों की है, जो हमारा कर्तव्य भी है*।
 *कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार श्री रमेश चन्द्र पुहाल ने की और कहा कि हमारा संविधान विश्व का सर्वोत्तम एवम विस्तृत संविधान माना जाता है ।  26 नवम्बर 1949 को भारतीय  संविधान सभा ने इसे अपनाया और 26 जनवरी 1950 को से लागू किया गया।  संविधान का अर्थ है-नियम कानून,जिसका पालन सभी को करना चाहिए*। *संस्था अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा कांता ने सभी अतिथियों का स्वागत किया । ध्वजारोहण संस्थान अध्यक्ष श्री ओपी माटा, स्कूल के निदेशक श्री राम मोहन राय एडवोकेट और प्रसिद्ध साहित्यकार श्री रमेश चंद्र  पुहाल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए व देश भक्ति के गीत गाए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान व राष्ट्रभक्ति नारों से  हुआ। इस अवसर पर भगत सिंह से दोस्ती मंच के संयोजक दीपक कथूरिया, स्कूल की मुख्य अध्यापिका प्रिया लूथरा, माता सीता रानी सेवा संस्था की परामर्श दात्री सुनीता आनंद, रोजी चावला, प्रीति गुलिया , सोनिया, कीर्ति, पूजा  अनुपा व विद्यार्थियों के अभिभावक भी काफी संख्या में मौजूद रहे*।
 *इस अवसर पर संस्थान के निदेशक राम मोहन राय के नेतृत्व में उपस्थित सभी जन ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया* ।

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