कस्तूरबा गाँधी के 76वें निर्वाण दिवस पर निर्मला देशपांडे संस्थान, सेक्टर 25 स्थित हाली अपना स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा बा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सर्वधर्म प्रार्थना का पाठ किया गया व मौन रखा गया। इस अवसर पर स्कूल की मुख्य अध्यापिका श्रीमती प्रिया लूथरा ने कहा कि कस्तूरबा गांधी जी जिन्हें बा के नाम से जाना जाता है, वह नागरिक हक के लिये लड़ने वाली भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थी। उनका जन्म 11 अप्रैल 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका विवाह उस समय की परंपराओं के अनुसार 13 वर्ष की आयु में ही मोहनदास करमचंद गांधी के साथ हो गया था ।परंतु महात्मा गांधी जी की पत्नी होने के अलावा उनकी अपनी भी एक पहचान थी। वह एक दृढ़ आत्मशक्ति वाली महिला व स्वतंत्रता सेनानी थी। उनके गंभीर स्वभाव के कारण सभी उन्हें बा कहकर पुकारते थे। उन्होंने भी गांधीजी की तरह गरीब और पिछड़े वर्ग के लिए कार्य किया। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों को काम कराने के विरुद्ध आवाज उठाने वाली कस्तूरबा ही थी। इसके विरुद्ध संघर्ष करते हुए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। स्वतंत्रता की लड़ाई करते हुए जब महात्मा गांधी जेल गए, तब स्वाधीनता संग्राम में महिलाओं को शामिल करने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए बा ने आंदोलन चलाया और उसमें कामयाब भी रहीं।उन्होने जीवन भर गांधीजी के प्रत्येक कार्य में महान योगदान दिया और उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चली ।जब- जब गांधी जी जेल गए,वह स्वाधीनता संग्राम के सभी अहिंसक प्रयासों में अग्रणी रहीं। भारत के स्वाधीनता संग्राम में उन्होने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा निर्मला देशपांडे संस्थान स्थित गांधी संग्रहालय की भी विजिट की गई । इस अवसर पर रोज़ी चावला, दिनाक्षी, प्रीति, कीर्ति, शालिनी, पूजा, ईशा व अनुपा मुख्य रूप से मौजूद रहीं।
Gandhi Global Family program on Mahatma Gandhi martyrdom day in Panipat
Gandhi Global Family गांधी ग्लोबल फैमिली के अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज पानीपत नागरिक मंच, गाँधी ग्लोबल फैमिली तथा गाँधी स्टडी सैंटर आर्य कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में महात्मा गाँधी के 77 वें शहीदी दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी न केवल 21वीं सदी तक अपितु आने वाली अनेक सहस्राब्दियों तक याद किए जाएंगे। वे एक ऐसे योग पुरुष थे जिन्होंने सत्य- अहिंसा और करुणा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। वे विश्व शांति , राष्ट्रीय एकता और सर्वधर्म समभाव की एक अद्भुत मिसाल हैं ।भारत में सभी धर्मो, जातियों और क्षेत्र के उत्थान के लिए उन्होंने अनेक प्रयत्न किए।यदि विश्व के स्तर पर देखें तो महात्मा गाँधी का नाम अहिंसा के एक देवता के रूप में जाना जाता है । उन्होंने कहा कि यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई कि महात्मा गाँधी स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ महीनों बाद ही दो बार पानीपत आए जबकि उन्होंने पूरे देश का भ्रमण करना था। इससे इस बात का भी पता चलता है कि महात्मा गाँधी पानीपत को किस तरह से प्यार क...
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