पाकिस्तान नही , जनता की दोस्ती ज़िंदाबाद ।

*भारत-पाकिस्तान जनता की दोस्ती ज़िंदाबाद* ।
💐💐💐💐💐💐💐
(Inner voice/ Nityanootan Broadcast Service)
         *पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाना न केवल नासमझी है अपितु निंदनीय भी है । इसे लगा कर इसे अंतरराष्ट्रीय वाद के चश्मे से देखना और अपनी उदार दृष्टि और व्यापकता का परिचय देना कदापि नही हो सकता । बेशक हम दोनों देशों की जनता के बीच बेहतर दोस्ताना सम्बन्धो के प्रबल समर्थक है पर इसका मायना यह बिल्कुल भी नही है कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे ।यह एक उकसावे के अतिरिक्त कुछ भी नही है । अंध राष्ट्रवाद का मुकाबला किसी भी तरह के अंध अंतरराष्ट्रीय वाद से नही हो सकता ।  किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर जाकर आप बेशक किसी की भी ज़िंदाबाद के नारे लगाओ पर किसी भी जगह अपनी उदारता को, जो बेशक सस्ती लोकप्रियता है का प्रदर्शन करने को समर्थन नही किया जाना चाहिए*।
 
*अगर कोई नागरिकता कानून का विरोध करने के लिये पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे का उपयोग करे तो यह उसकी नादानी है । ऐसा करके वह उन्हीं ताकतों का अपरोक्ष समर्थन कर रहा है जिन्होंने इस कानून को बना कर पाकिस्तान ,बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर मुस्लिमों की नागरिकता को आमंत्रित किया है । हम नागरिकता कानूनों का हरदम विरोध करेंगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा कर नही भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद के नारे तिरंगा झंडा हाथों में लेकर* ।
     
*पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे से भारतीय मुसलमानों का कोई लेना-देना नही है । भारत मे अब वे मुसलमान रह रहे है जिन्होंने या जिनके बुज़ुर्गो ने मो0 अली जिन्ना के पाकिस्तान को ठुकरा कर महात्मा गांधी ,मौलाना आजाद,डॉ ज़ाकिर हुसैन और डॉ अंसारी के भारत को चुना था । जिन्होंने पाकिस्तान जाना था ,वे वहाँ चले गए । अब वे पाकिस्तानी है और उनके लिये पाकिस्तान जिंदाबाद करना वाज़िब है । पर भारत का मुसलमान न तो पाकिस्तान जिंदाबाद करता और न ही उन्हें खुश करने के लिये इसे पसंद करेगा* ।
   
*पाकिस्तान जिंदाबाद तो हमने कश्मीर में भी कहीं नही सुना । वहाँ आज़ादी के नारे तो लगते देखे परन्तु यह नारा अदृश्य रहा* ।
      *पाकिस्तान में रह रहे हमारे हिन्दू मित्र भी भारत माता की जय के नारे न लगा कर पाकिस्तान जिंदाबाद के ही नारे लगाते है* ।
    *हमे इस हक़ीक़त को कबूल करना होगा कि अब पाकिस्तान एक अलग देश है तथा अखण्ड भारत के नाम पर इसका विलय का सपना देखना नामुमकिन है । ऐसा हम दोनों देशों के हित मे भी नही होगा* ।
  *हम कोशिश करे कि दोनों देशों की जनता के बीच दोस्ताना सम्बन्ध बने जो सरकारों को बातचीत करने के लिये विवश कर दे ।  हम कई लड़ाईया लड़ चुके पर बर्बादी के अतिरिक्त कुछ नही पाया । लड़ना ही है तो गरीबी ,निरक्षरता और बीमारी से लड़े* ।
       
*राष्ट्रपिता महात्मा गांधी  आज़ादी के नाम पर भारत विभाजन के विरोधी थे । उनका तो यह कहना था कि बटवारा उनकी लाश पर होगा । पर परिस्थितियां ऐसी बनी की वे भी इसे न रोक सके । वे पाकिस्तान जाना चाहते थे पर बिना वीज़ा के । उनकी यात्रा की तारीख भी तय हो गयी थी पर इससे पहले ही वे धर्मांध आतंकवादी गोडसे की गोली के शिकार हो गए* ।
    *खुद ज़िन्ना भी भारत -पाकिस्तान में ऐसा रिश्ता चाहते थे कि कोई भी इधर उधर बिना किसी रुकावट के आ- जा सके* ।
      *संत विनोबा भावे ने तो कहा भी था कि अब जय भारत, जय पाकिस्तान या जय फला देश आदि आदि का समय गया अब समय है जय जगत का* ।
            *मेरी गुरु दीदी निर्मला देशपांडे जी के साथ मैं पांच बार पाकिस्तान यात्रा पर गया हमारे वहां भी और यहां भी एक ही नारे होते थे* :
*गोली नही बोली चाहिए*,
*युद्ध नही बुद्ध चाहिये*,
*जंग नही अमन चाहिए* ।

*यह समय किसी को भी उकसाने का नही बल्कि समझाने का है* ।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सादर,
राम मोहन राय ,
गांधी जी का अहमदाबाद,
23.02.2020

Comments

  1. पाकिस्तान के नागरिक अपने वतन से मुहब्बत करते है इसीलिए पाकिस्तान जिंदाबाद का बुलंद करते है।
    भारत के नागरिक अपने वतन से मुहब्बत करते है इसीलिए भारत जिंदाबाद का बुलंद करते है।

    इसलिए पाकिस्तान पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत जिंदाबाद के बिना दोनों देशो की जनता की दोस्ती ज़िंदाबाद
    नामुमकिन है।

    पुनरावलोकन हो वर्ना :
    "पाकिस्तान नही , जनता की दोस्ती ज़िंदाबाद एक unethical प्रसंग है जो सीधा गांधी पर तोहमत मढ़ता है।

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Justice Vijender Jain, as I know

Aaghaz e Dosti yatra - 2024

मुजीब, गांधी और टैगोर पर हमले किस के निशाने पर