कोरोनो वायरस गो

*कोरोना वायरस गो*

(Inner Voice,Nityanootan Broadcast Service)


कोरोना वायरस का प्रकोप व उसका भय पूरे देश मे फैल रहा है ।  कई राज्यों ने इसे महामारी घोषित किया है ,पर मेरा मानना है कि इसे हल्के में नही लेना चाहिये । मै आज ही राजस्थान से लौटा हूं । वहां भी उदयपुर और जयपुर में इक्का दुक्का संदिग्ध मरीज पाए गए है । सरकार ने इसे बहुत ही गम्भीरता से लिया है  तथा न केवल राजस्थान में अपितु पूरे देश मे सरकार मुस्तैद व हरकत में है जिसकी सराहना की जानी चाहिये ।
     
राजस्थान में ही कथित उच्च वर्गों में मैने पाया कि वे सामूहिक रूप से *कोरोना भाग जा तेरो भारत में क्या काम* के गीत गा रहे है । पता करने पर पाया कि किन्हीं लोगों ने इसे गीत टोटके के रूप में तैयार किये है और उनका दावा है कि इनके सामूहिक पाठ से यह बीमारी ऐसे ही भाग जाएगी जैसे कि मान्यता है कि हनुमान चालीसा पढ़ने से भूत- प्रेत, रोग-दोष भाग जाते है । एक जगह तो मुझे किसी ने पोस्ट भेजी कि मात्र 10₹ के झाड़े से यह बीमारी ठीक हो जाएगी । केंद्र सरकार के एक मंत्री की वीडियो वायरल हो रही है जिसमे वे अपने साथ खड़े लोगों को कोरोना गो का बीजक मन्त्र दे रहे है । देश के एक बड़े राज्य के मुख्यमंत्री तो गौ गोबर से घर लीपने व गौमूत्र के प्रयोग से इसकी निवृति बता रहे है । हमारे अनेक वैदिक कर्मकांडी मित्र हवन-यज्ञ के धुएं मात्र से इसका निदान बता रहे है ।
      एक अन्य पक्ष भी अपने तर्को से इसकी व्याख्या करने में जुटा है । उनका मानना है कि चीन ने अपने शत्रुओं के संहार के लिये इस वायरस की रचना की है परन्तु यह लीक हो गया इसीलिए यह प्रकोप वहाँ हुआ ।कुछ का तर्क यह है कि चीन ने अपनी जनसंख्या नियंत्रण करने के लिये यह बीमारी अपने देश मे फैलाई है ।  एक साहब ने तो इसे ही प्रचारित किया कि चूंकि चीन में मुस्लिम महिलाओं के बुरका व हिजाब पहनने पर  शासकीय पाबंदी है इसलिये अल्लाह ने उसे सजा दी है कि न सिर्फ औरते बल्कि आदमी भी ऊपर से नीचे तक ढक कर रहो ।
    अमेरिका,इटली और दूसरे देशों पर भी इसे पनपाने की बातें है । पर जो भी हो उसका आगमन भारत मे भी हो चुका है । चीन ,अमेरिका और पश्चिमी देश तो ज्ञान,विज्ञान और चिकित्सा क्षेत्र में विकसित है ,परन्तु यदि यह हमारे देश मे नही रोका गया तो इसके परिणाम घातक होंगे जो न केवल हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान करेंगे वहीँ निर्धन जनता भी इससे उबर नही पाएगी ।
    फिलहाल इसका कोई इलाज प्रकाश में नही आया है । इस बीमारी के प्रति सचेत होकर जागरूकता पैदा करना ही इसका फिलहाल उपचार है ।  वैज्ञानिक शोध व पद्धति ही इसे शिकस्त देगी । नीम हकीम ख़तराये जान का सहारा न लेकर अनुभवी डॉक्टर से ही परामर्श लेकर डब्ल्यू  एच ओ / मान्यता प्राप्त दवाओं का ही प्रयोग करे । खूब हाथ -मुँह धोएं और सक्रमण व अफवाहों  से बचे ।
   राम मोहन राय
दिल्लीः13.03.2020

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