मेरी आपा
Zubaida Nomani ज़ुबैदा का परिवार 1947 में विभाजन के समय पानीपत से लाहौर जाकर बस गया था । उनके पिता अब्दुल रब अब्बासी मेरे पिता मास्टर सीताराम सैनी के विद्यार्थी थे । वे मेरे पिता से जैन हाई स्कूल ,पानीपत में उर्दू, अरबी व फ़ारसी पढ़ते थे । सन 1997 में आदरणीय दीदी निर्मला देशपाण्डे जी के प्रयासों से वे 50 वर्षो बाद, परिवार सहित अपने पैतृक नगर पानीपत आये । ज़ुबैदा का विवाह हज़रत बू अली शाह क़लन्दर के वर्तमान सज्जादानशीन आबिद आरिफ नौमानी जो पेशे से इंजीनियर है ,उनसे हुआ था । उनकी पानीपत यात्रा के दौरान रिश्ते ऐसे बने की हम भाई-बहन बने ।
वर्ष 2014 में ज़ुबैदा कैंसर रोग से पीड़ित हुई । पता चलने पर मैं उनकी मिजाजपुर्सी के लिये लाहौर उनके घर गया । इतिफाक से वह महीना रमज़ान का था । मैने भी अपनी बहन की सेहत की दुआ करते उनके साथ वहीं रोज़ा रखा और फिर वहीं इफ्तारी की ।
दुआ कबूल हुई । मेरी बहन ज़ुबैदा अब पूर्ण स्वस्थ है । उन्होंने आज ही यह चित्र पुरानी यादों को संजो कर भेजा है ।
वर्ष 2014 में ज़ुबैदा कैंसर रोग से पीड़ित हुई । पता चलने पर मैं उनकी मिजाजपुर्सी के लिये लाहौर उनके घर गया । इतिफाक से वह महीना रमज़ान का था । मैने भी अपनी बहन की सेहत की दुआ करते उनके साथ वहीं रोज़ा रखा और फिर वहीं इफ्तारी की ।
दुआ कबूल हुई । मेरी बहन ज़ुबैदा अब पूर्ण स्वस्थ है । उन्होंने आज ही यह चित्र पुरानी यादों को संजो कर भेजा है ।
Jio Rai Sahib
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