मेरा दोस्त राकेश वर्मा


 श्री राकेश वर्मा मेरे पिछले 35 वर्षों से दोस्त है । चंडीगढ़ में अनेक बार आना होता है । काम कहीं भी हो पर मिलने व रुकने का मजा उनके पास ही रहता है ।

    मेरी मुलाकात उनसे तब हुई जब  वर्ष 1987 में हमारे शहर पानीपत में उनकी पोस्टिंग  एस डी ओ , पी डब्लयू डी( बी एन्ड आर) हुई । मेरे बड़े भाई मदन मोहन भी उनके मातहत कार्यरत थे । उनके हाथ मे फ्रैक्चर हुआ था तथा वे कुछ काम को बताने हमारे घर आये थे । इसी कारण हमारी मुलाकात हुई और फिर तो यह अटूट रिश्ता बन गया ।

     उनके पास एक पुरानी बुलेट मोटर साइकिल थी जिसे पर वे शान से आते । ऐसी बाइक विरले ही लोगों के पास होती थी । वे संगीत के भी शौकीन थे । अपने शौक के लिए हर चीज कुर्बान करने वाले । एक बार म्यूजिक सिस्टम लेने के लिये

       चांदनी चौक ,दिल्ली गए । उन्होंने अपना पसंदीदा सिस्टम अच्छी कीमत पर खरीदा । वे इसे लेकर बहुत ही उत्साहित व खुश थे । गाड़ी लाल किला पार्किंग में खड़ी थी । एक कुली को किया ताकि वह उसे गाड़ी तक पहुचा दे । हम उसके पीछे -२ चल रहे थे । पर यह क्या वह बीच मे गायब हो गया और फिर खूब ढूंढने पर भी नही मिला । हम निराश थे और हमारा मित्र उदास । ऐसी ही स्थिति में हम उनके मामा के घर शक्ति नगर पहुंचे । वह दिन मुझे आज तक याद है ,पर उन्होंने हौसला नही तोड़ा और अगले ही महीने उससे भी अच्छा सिस्टम लाकर अपना शौक पूरा किया ।

      राकेश तथा उनका पूरा परिवार, श्री सतपाल महाराज जी के प्रति आस्थावान था । हर साल रामलीला मैदान ,दिल्ली में उनका विशाल सत्संग होता । बेशक हम तो आर्य समाजी थे परन्तु अपने दोस्त के प्रति स्नेह होने की वजह से हम भी उनके साथ जाते । कई बार मैं महाराज जी की राजनीतिक उठापटक की आलोचना करता तो वे एक ही जवाब देते कि  वे  उनसे राजनीतिक रूप से आस्थावान न होकर धार्मिक रूप से प्रतिबद्ध है ।

        पानीपत में रहते हुए ही राकेश की शादी मेरठ निवासी लड़की मीना से हुई । इस अवसर पर एक पारिवारिक सदस्य की तरह हमने भी शिरकत की । मीना एक पढ़ीलिखे सुसंस्कृत परिवार से ताल्लुक़ रखती थी । वह न केवल शक्ल से खूबसूरत है परन्तु अपने विचारों ,आवभाव व व्यवहार से भी अत्यंत सुंदर है । पानीपत में ही रहते उनके बड़े सुपुत्र अर्जुन का भी जन्म हुआ । अर्जुन अब एयरफोर्स में ऑफिसर है । जबकि की छोटा बेटा सागर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है  और चंडीगढ़ में ही अपने माता-पिता के पास रहते हुए आजकल वर्क फ्रॉम होम है ।

     पानीपत में ही उनके पिता श्री रोशन लाल वर्मा नगरपालिका में मुएन्सिपल इंजीनियर थे बाद में उनकी सोनीपत ट्रांसफर हो गयी । राकेश की पानीपत पोस्टिंग होने की वजह से वे पानीपत से ही सोनीपत, ट्रेन से आते-जाते थे । वे एक निहायत ही अव्वल दर्जे के भले व सीधे स्वभाव के थे । परन्तु एक दिन रेल हादसे में ही वे गुजर गए । पानीपत में रहते हुए राकेश के परिवार के लिए यह एक दुखद घटना थी पर नियति को कौन टाल सकता है ।

      राकेश  की पानीपत के बाद अनेक शहरों में पोस्टिंग हुई । अब वे पदोन्नत भी हो रहे थे । पर इसके बावजूद भी उनका मेरे साथ रिश्ता कभी भी नही बदला ।  जब भी हम उस शहर में किसी भी काम को जाते पर हम रुकते अपने मित्र के घर ही । उनकी कुरुक्षेत्र पोस्टिंग के दौरान ही हम लोगों ने यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय महिला आयोग के सौजन्य सेएक विशाल कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें राकेश और मीना ने बढ़ चढ़ कर सहयोग किया ।

     दीदी निर्मला देशपांडे जी के कार्यो के प्रति वे सदा अनुरागी रहे । पानीपत में उनके प्रथम बार आने पर उनकी आवभगत में वे भी अग्रणी थे और फिर जब वे कुरुक्षेत्र सम्मेलन में पधारी तब भी वे अत्यंत उत्साही रहे ।

     पिछले अनेक वर्षों से वे चंडीगढ़ रह रहे है और यहीं अपने विभाग के चीफ इंजीनियर के पद से रिटायर हुए है । उन्होंने निर्णय लिया है कि वे चंडीगढ़ में रह कर ही अपनी जिंदगी बसर करें ।

     उनके घर आना किसी भी मंदिर में आने से कम नही है । उनकी पत्नी सम्पूर्ण वैष्णव है । इस्कॉन में उनकी आस्था है । घर मे हर जगह लगे चित्रों से इसकी प्रतीति सहज ही होती है । घर इस करीने से सजाया है कि डर लगता है कि कही साफ सुथरे हाथों से भी छूने से वह  गंदे न हो जाये । उनकी रसोई तो किसी भी औषधालय से कम नही है । हर चीज तरतीबवार जचि है । और खाना न केवल स्वादिष्ट है अपितु पुष्टिवर्धक भी ।

     उनकी मेहमाननवाजी का मैं ही नही बल्कि वह मेरा हर देशी-विदेशी मित्र है जो इससे कृतार्थ हुआ है । 

  महात्मा गांधी के शब्द कि संस्कारवान परिवार जैसे कोई पाठशाला नही और सुसंस्कृत  माता-पिता जैसे कोई शिक्षक नही इस परिवार पर पूरी तरह चरितार्थ है ।

    ऐसे ही भारतीय परिवार हमारी सम्पन्न विरासत के संवाहक है जिन पर हमें नाज़ है ।

      श्री राकेश वर्मा  व गृहशोभा मीना के प्रति असंख्य आभार व परिवार के प्रति अनन्य शुभकामनाएं ।

राम मोहन राय

चंडीगढ़, 07.11.2020

Comments

Popular posts from this blog

Gandhi Global Family program on Mahatma Gandhi martyrdom day in Panipat

Aaghaz e Dosti yatra - 2024

पानीपत की बहादुर बेटी सैयदा- जो ना थकी और ना झुकी :