कोरोना निरोधक वैक्सीन


 कोरोना निरोधक वैक्सीन के शोधकर्ताओं को लाखो सलाम !           💐💐💐💐💐💐💐💐  जिसकी पिछले एक वर्ष से उत्सुकता से इंतज़ार थी,उस कोरोना निरोधक वैक्सीन की पहली डोज़ कल मैने व मेरी पत्नी कृष्णा कांता ने एक स्थानीय प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भव में लगवाई । इस एक वर्ष के दौरान काफी दिक्कतों एवम दुखो का सामना करना पड़ा । मेरी सासु माँ मई में उदयपुर में गुजर गई पर उनकी बेटी और मैं उनकी अंतिम दर्शन के लिये न जा सके । मेरे अत्यंत प्रिय वैचारिक मित्र व सहयोगी डॉ शंकर लाल इस काल कलवित बीमारी के शिकार हुए और हमे छोड़ कर चले गए । हमारे मार्गदर्शक स्वामी अग्निवेश जी से उनके अंतिम समय मे बिल्कुल भी मिलने न जा सका । हमारे अमन-दोस्ती यात्रा के हरदम सहयोगी नवाब शुऐब मोहम्मद खान साहब का भी इंतकाल हो गया पर अफसोस के लिये न जा सके । और आखिरी हादसा तो घर मे ही हो गया । मेरे बड़े भाई मदन मोहन राना जी को भी इसी बीमारी ने लील लिया और बहुत ही अस्पृश्य भाव से हमने उन्हें विदाई दी । पर इस दौरान भी यही इंतज़ार बनी रही कि इसकी दवा कब आएगी ?

     सोशल मीडिया की फेसबुक पर हमारे एक बुजुर्ग मित्र ने इस वैक्सीन को लगवाने की परामर्श की एक पोस्ट डाली तो उन्हें एक मित्र ने कमेंट किया कि इस वैक्सीन को लगवाने के बाद आदमी मरेगा नही वह अमर हो जाएगा । यह एक छिछोरा वक्तव्य है । जिसका जन्म हुआ है वह तो अवश्य मरेगा । कोई भी दवाई अथवा टिका उसे नही रोक सकेगा । ऐसा भी नही है कि जो इसे लगवा लेगा उसे कोरोना नही होगा । हो सकता है पर वह जानलेवा नही होगा ,ऐसा मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है । दुनियां यकीन पर कायम है । यह तो उम्मीद कर सकते है कि मरने पर हमारा मृतक शरीर उस उपेक्षा तथा अपमान से तो बचेगा । यह भी ठीक है कि शव को किसी मान-अपमान का अहसास नही होता । परन्तु उसके बचे परिवार को तो जरूर होता है और इस त्रासदी को मेरे परिवार ने तो झेला है ।

        हमारे एक अन्य मित्र ने एक अन्यत्र ढंग से टिप्पणी की कि कुछ लोग अपनी-२ कमीज उठा कर वैक्सीन लेते हुए फोटो पोस्ट कर रहे है, यह बिल्कुल गैर वाजिब है । मेरा ऐसा मानना है कि हमारे देश मे जहाँ बीमारी और उसके निवारक टिके को भी धार्मिक अंधविश्वास तथा राजनीतिक पाखंड की नज़रों से देखा जाता हो । वहाँ यह जरूरी है ।

      हरियाणा में एक अफवाह को खूब परोसा जा रहा है कि सरकार सीनियर सिटीजन को यह टिका लगा कर उन्हें मारना चाहती है ताकि उन्हें अदा की जा रही पेंशन की रकम को बचाया जा सके । इस तरह की बेहूदी अफवाहें एक भ्रामक वातावरण तो बनाती ही है । पर जब हम लोग ऐसी अफवाहों का प्रतिकार करते हुए  प्रसारित करते है तो यह बाकी लोगो को प्रेरित करते है । हमे यह भी याद रखना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब इस वैक्सीन को ऐम्स में बिना मास्क लगा कर लगवाया तो उन्हें भी आलोचना का शिकार होना पड़ा था कि उन्होंने सिर्फ फोटोशूट के लिए टिका लगवाया और वह भी पुड्डुचेरी और केरल की नर्सो से क्योकि वहाँ चुनाव होना है । दूसरी तरफ एक पूर्व मुख्यमंत्री ने टिका न लगवाने की बात इस तर्क से की थी कि वह बी जे पी की वैक्सीन को क्यो लगवाए ?

      भारत समेत पूरी दुनियां के वैज्ञानिकों ने बहुत ही मेहनत से शोध कर इस कोरोना निरोधक वैक्सीन को तैयार किया है । उन लोगो की तो किसी भी बात का जवाब नही दिया जा सकता जो इसे कोई रोग ही नही मानते । पर कोई भी भुक्तभोगी जरूर इस दवा के आने पर खुश है ।

        मैं यकीन से कह सकता हूं कि इस वैक्सीन के लिए दक्षिण एशियाये देशों के युवा वैज्ञानिकों ने दिलो जान लगा कर इसे तैयार किया है । यह भी  निरी मूर्खतापूर्ण बात है कि हमारे देश मे बनी वैक्सीन कमजोर है और दूसरी मजबूत । याद रहे दुनियाभर में भारत मे निर्मित दवाओं की धूम मची है । विज्ञान एक निरन्तर प्रक्रिया है यह न तो किसी की बपौती है और न ही विरासत । इसलिये न केवल इसका अपितु इसके शोधकर्ताओं का सम्मान भी बहुत जरूरी है । इसके सम्मान का एक ढंग यह भी हो सकता है कि हम नियमों व निर्देशो का पालन करते हुए खुले मन से वैक्सीन लगवाएं । 

    वैक्सीन लगवाने के बाद मैं व मेरी पत्नी पूरी तरह से स्वस्थ है तथा किसी भी प्रकार का कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नही है ।

हमारे वैज्ञानिक शोधकर्ताओं को लाखों सलाम ।

राम मोहन राय,

पानीपत

(Nityanootan Varta Group)

10.03.2021

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