Bio data of Ram Mohan Rai

 


जीवन परिचय   

         राम मोहन राय    

नाम -  राममोहन राय

माता- श्रीमती सीता रानी (स्वतंत्रता सेनानी तथा सामाजिक कार्यकत्री )  पिता- श्री सीताराम (शिक्षाविद् तथा पत्रकार) 

शिक्षा- एल. एल. एम. ,एम. एस. डब्ल्यू .

पारिवारिक पृष्ठभूमि

राममोहन राय का जन्म 17 अक्टूबर 1957 को पानीपत में ब्रह्म समाज के संस्थापक व समाज सुधारक राजा राम मोहन राय  के नाम पर रखा गया। परंतु सरकार द्वारा राजाओं की  पिरवी परसिज समाप्त करने पर राजा शब्द स्वत: ही हटवा दिया।

बचपन में ही, बच्चों में संगठन के लिए भारतीय बाल सभा की स्थापना की तथा सन् 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री से मुलाकात की।

1966 में हरियाणा बनने पर अपनी माता के साथ हरियाणा नशाबंदी सम्मेलन के आयोजन में भागीदारी की।

सन 1969 में तत्कालीन राष्ट्रपति श्री वी.वी. गिरी से मुलाकात की तथा उन्हें बच्चों की समस्या से अवगत कराया । 

1971-72  में स्कूली छात्र जीवन में विद्यार्थियों के लिए बुक बैंक की स्थापना तथा यूनिफार्म जुटाने का कार्य।

सन 1973 में कॉलेज में स्टूडेंट फेडरेशन में सक्रिय भागीदारी तथा प्रांतीय सचिव का कार्यभार संभाला।

कॉलेज जीवन में कुरुक्षेत्र  विश्वविद्यालय के सर्वोत्तम वक्ता रहे तथा  हर यूथ फेस्टिवल में सिंपोजियम एवं भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्कूल की पत्रिका अग्रसर के लगातार 4 वर्षों तक छात्र संपादक रहे। इसी दौरान नंदन , चंदमामा तथा अन्य  बाल पत्रिकाओं में कहानियां तथा लेख  प्रकाशित । 

1977- 80 में जे. वी. जैन कॉलेज सहारनपुर से एलएलबी की परीक्षा पास की तथा इन 3 वर्षों में वहां स्टूडेंट फेडरेशन का गठन किया ।आईटी रुड़की तथा गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार में छात्र आंदोलनों का नेतृत्व किया।

 कानून की पढ़ाई के दौरान ही भूमिहीन किसानों व खेत मजदूरों के संघर्ष में भाग लिया तथा उनके आंदोलन के हक में 42 दिन जेल में रहे।

 इसी दौरान लखनऊ, नागपुर एवं लुधियाना के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया तथा स्टूडेंट फेडरेशन की राष्ट्रीय समिति के सदस्य बने।

 सन 1981 में उच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु 1 वर्ष के लिए सोवियत संघ और वहीं से लौटते हुए अफगानिस्तान की यात्रा की।

पंजाब में आतंकवाद बढ़ने पर हरियाणा में सिक्खों के प्रति दुराग्रह के विरुद्ध भगत सिंह सभा का गठन किया तथा मंदिरों एवं गुरुद्वारों में जा- जाकर शांति के लिए बैठकें की व धार्मिक  सद्भाव  का माहौल बनाया।  सन 1983 में अरुणा आसफ अली तथा पूर्व प्रधानमंत्री श्री  गुलजारी लाल नंदा तथा श्रीमती सुभद्रा जोशी के नेतृत्व में धार्मिक उन्माद रोकने के विरोध में माहौल बनाने का तत्प्रयास।

 1984 में स्व.निर्मला    देशपांडे जी के रचनात्मक आन्दोलन मे शामिल हुए।

 सन 1986 में स्व. निर्मला देशपांडे जी के संगठन अखिल भारत रचनात्मक समाज में शामिल हुए तथा पानीपत में प्रांतीय रचनात्मक सम्मेलन का आयोजन ।

स्व.निर्मला देशपांडे जी के साथ बिहार, झारखंड , मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर तथा उत्तर पूर्वी राज्यों में शांति यात्राएं की। स्व. निर्मला देशपांडे जी के साथ मिलकर एशियाई देशों के लोगों में दोस्ती का माहौल बनाने के लिए एसोसिएशन ऑफ पीपुल ऑफ एशिया का गठन किया तथा स्वयं निर्मला देशपांडे जी के साथ पाकिस्तान ,बांग्लादेश व चीन की यात्राएं की। विश्व शांति के निमित्त उन्हीं के साथ जर्मनी,पोलैंड, चेकोस्लोवाकिया तथा ग्रीस 

की यात्राएं की । 

अपनी माता तथा समाज सेविका श्रीमती सीता रानी जी के कार्यों को उनकी मृत्यु उपरांत बढ़ाने के लिए माता सीता रानी सेवा संस्था की स्थापना की। 

दलित एवं निर्धन बस्तियों में महिलाओं में जागरूकता करने के लिए कार्यक्रम चलाए।

 सन 1997 में राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से हरियाणा की पहली महिला लोक अदालत आयोजित की ,जिसमें वर्षों तक अदालतों में लंबित मुकदमों का खात्मा हुआ। इसी तरह से सन 1998 तथा 99 में कुरुक्षेत्र  में दूसरी तथा तीसरी लोक  अदालतों का सफल आयोजन किया।

 सन 1998 में शांति मिशन पर पाकिस्तान गए तथा इसके प्रत्युत्तर में में 50 वर्षों के बाद पानीपती पाकिस्तानियों का एक दल भारत आया। भारत व पाकिस्तान के छात्रों के बीच हॉकी मैच आयोजित करवाया।

 सन 2001 में कानूनी एवं न्यायिक महिला सशक्तिकरण पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया। जिसके निष्कर्षों को महिला सशक्तिकरण नीति पर नीति सन 2001 में शामिल किया गया।

 सन् 2001 में पानीपत में परिवार परामर्श केंद्र की स्थापना की, जिसमें पारिवारिक वाद विवाद को अदालतों  से बाहर निपटाने का कार्य किया जाता है। अब तक कुल 2300 केस निपटाए गए  । 

उत्तर भारत में घटते कन्या अनुपात पर अनेक सम्मेलन आयोजित किए गए तथा गांव स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए । जिसका सार्थक परिणाम आया है।

 महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कंप्यूटर तथा सिलाई केंद्र की स्थापना। जिससे सैकड़ों महिलाओं ने लाभ उठाया।

 महिला यौन कर्मियों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए एचआईवी /एड्स पर कार्य। जिला पानीपत में कुल 1000 महिला यौन कर्मियों पर सतत कार्य । निराश्रित एवं घुमंतू (स्ट्रीट चिल्ड्रन )बच्चों के लिए अपना स्कूल की स्थापना। जिस में वर्तमान में कुल 250 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

कठिन परिस्थितियों में रहने वाली तथा निराश्रित महिलाओं के लिए स्वाधार अपने घर की स्थापना,जो सन् 2009 से कार्य कर रहा है  तथा जिसमें अब तक 206 महिलाएं लाभ प्राप्त कर चुकी हैं।

असंगठित क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए टी. बी. पर विशेष जागरुकता अभियान, जिससे अब तक सैकड़ों महिलाएं लाभ ले रही है।

कामकाजी महिलाओं के शिशुओं के लिए एक पालनाघर की स्थापना, जिसमें लगभग 36 बच्चे लाभ उठा रहे हैं।  

प्रसिद्ध महिलावादी तथा समाज सुधारक मौलाना ख्वाजा अल्ताफ हुसैन हाली पानीपती के नाम पर ट्रस्ट की स्थापना व उसके स्थापना महासचिव बने। अल्पसंख्यक महिलाओं को जागरूक करने के लिए बेजुबान की जुबान तथा युवाओं में जागरूकता के लिए हाली से दोस्ती कार्यक्रमों का आयोजन। मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा व प्रशिक्षण के लिए सिलाई केंद्र तथा उर्दू कक्षाओं को प्रारंभ किया। सांस्कृतिक व साहित्यिक जागरण के लिए हाली मेलों  का आयोजन। वर्ष 2008 के मेले में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी तथा वर्ष 2012 में राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल पधारी।

14 जनवरी 2012 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला एवं बालिका सशक्तिकरण- सेहत व शिक्षा, हाली पानीपती  के नजरिए से विषय पर संगोष्ठी का आयोजन ,जिसमें देश-विदेश से हजारों प्रतिनिधि पधारे।

 महिलाओं के हाली, बच्चों के हाली तथा युवाओं के हाली पुस्तकों का संपादन व प्रकाशन।

स्व. निर्मला  देशपांडे जी के जीवन पर 'दीदी की छांव' में पुस्तक का लेखन व प्रकाशन ।

स्व. निर्मला  देशपांडे जी के जीवनकाल में उनके द्वारा संचालित व  संपादित पत्रिका नित्य नूतन के सह संपादक के रूप में कार्य किया तथा उनकी मृत्यु उपरांत मुख्य संपादक के रूप में कार्यरत।

     साम्प्रदायिक सद्भाव एवम राष्ट्रीय एकता के लिए लंबे अरसे तक डॉ असग़र अली ,इंजीनियर, स्वामी अग्निवेश तथा श्रीमती अरुणा आसफ अली के साथ काम करने का सौभाग्य मिला ।

       गांधी -विनोबा तथा निर्मला देशपांडे जी के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए गुलाम नबी आजाद के साथ मिलकर गांधी ग्लोबल फैमिली का गठन । वर्तमान में महासचिव के पद पर कार्यरत।

 गांधी ग्लोबल फैमिली के द्वारा श्रीनगर, विजयवाड़ा एवं त्रिवेंद्रम में कार्यक्रमों का आयोजन।

 सांप्रदायिक सद्भावना के संदेश के लिए वर्ष 2010 में कन्याकुमारी से कश्मीर तथा कश्मीर से कन्याकुमारी यात्रा का आयोजन तथा भागीदारी। वर्ष 2011 में राष्ट्रीय स्तर पर बेटी बचाओ सम्मेलन का आयोजन ,जिसमें देश विदेश के सैकड़ों  प्रतिनिधियों ने भाग लिया । अनेक राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भागीदारी तथा संपूर्ण भारत सहित दक्षिण एशिया के देशों का व्यापक भ्रमण। 

  सन 2016 में गांधी ग्लोबल शांति मिशन के श्रीलंका गए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया ।

 सन 2018 में बांग्लादेश जाकर महात्मा गांधी -कस्तूरबा 150 के अंतर्गत गांधी आश्रम ट्रस्ट ,नोआखाली में पदयात्रा की ।

वर्तमान में  गांधी ग्लोबल फैमिली तथा हाली पानीपती ट्रस्ट के संस्थापक महासचिव है तथा एसोसिएशन ऑफ पीपल्स ऑफ एशिया के राष्ट्रपति संयोजक है । महात्मा गांधी द्वारा स्थापित हरिजन सेवक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष है

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