चीन-अमेरिका शीत युद्ध व उसके वैश्विक सरोकार
♀ *चीन-अमेरिका शीत युद्ध व उसके वैश्विक सरोकार*
■दि0 11 जुलाई ,2021 को नित्यनूतन वार्ता के 362वें सत्र में चीन एवम अमेरिका के बीच शीत युद्ध तथा उनके सम्बन्धों का तीसरी दुनियां पर असर विषय पर चर्चा में मुख्यवक्ता प्रसिद्ध कवि एवम पत्रकार , नवभारत टाइम्स के सम्पादक श्री चंद्र भूषण रहे । श्रोताओं में वार्ता की दिलचस्पी व सक्रिय भागीदारी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि समय सीमा डेढ़ घण्टे निश्चित होने के बावजूद भी यह सवा दो घण्टे तक चली और इसमे प्रश्नों की झड़ी लगी रही ।
◆श्री चंद्र भूषण ,विषय के न केवल मर्मज्ञ विद्वान है वहीं उन्होंने हर दृष्टि से उसका समग्र मूल्यांकन भी किया । मुख्यवक्ता बेशक किसी खास राजनैतिक विचारधारा के पक्षधर हो परन्तु अपने व्याख्यान में अपने विषय का हर पक्ष रखा जो हर प्रकार के पूर्वाग्रहों से मुक्त था । चीन की राजनैतिक ,सामाजिक व आर्थिक स्थिति को उन्होंने विकासशील बताया परन्तु उनकी यह बात भी प्रासंगिक रही कि अमेरिका आज अनेक जातिय नस्लों ,रंग व क्षेत्रों का एक सामूहिक समूह है और यह ही उसे सँयुक्त राष्ट्र बनाता है जबकि अन्य देश अपने राष्ट्रवादी पहचान से मुक्त नही हो पाए ।
श्री चंद्र भूषण का मानना रहा कि यदि अमेरिका अपनी साम्रज्यवाद नीतियों को छोड़ कर दुनियां को जोड़ने का काम करेगा तो तभी वह चीन का मुकाबला कर सकेगा ।
★सैटरडे फ्री स्कूल ,फेलिडेल्फ़िया ,अमेरिका के प्रतिनिधि अर्चिष्मान राजू ने वार्ता में भाग लेते हुए वहां रँगभेदवाद एवम शोषण के अनेक उदाहरण दिए । इसके साथ-२ अर्थशास्त्री श्री सुरेंद्र कुमार ने भी अपने तथ्यों से अमेरिकी आर्थिक नीतियों की वजह से वहाँ हो रही प्रगति को दूर के ढोल सुहावने बताया ।
♂श्री बिमल शर्मा , आबिदा बेगम श्री राजेश बिंद्रा , नंदिता चतुर्वेदी , एम एल शर्मा , ममता कुमार , सीना शर्मा व अन्यो ने भी वार्ता में अपने प्रश्नों को रखा जिसका मुख्यवक्ता ने बहुत ही सहज ढंग से उत्तर दिया ।
वार्ता काफी रुचिकर रही तथा श्रोताओं का आग्रह रहा कि एक और दिन श्री भूषण समय दे ताकि वे और अधिक जानकारी ले सके ।
■वार्ता को कोऑर्डिनेट पत्रकार व शिक्षक श्री अरुण कहरबा ने किया ।
◆नित्यनूतन विचार व पत्रिका का परिचय राम मोहन राय ने दिया व उसका समापन श्री एस पी सिंह ने आभार के साथ किया ।
राम मोहन राय
【 *नित्यनूतन वार्ता समूह*】
13.07.2021
शुक्रिया भाई। आप जब भी कहेंगे, मैं सेवा में हाजिर रहूंगा, बस तीन चार दिन पहले बता दें।
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