सेवा पथ के अनुगामी- अनार जयेश

 




सेवापथ के अनुगामी

💐💐👑💐💐💐💐👑👑👑 पदमविभूषण स्व0 श्री ईश्वर भाई पटेल एक ऐसी दिव्य विभूति थे जिन्होंने अपने जीवन एवम् दर्शन से समूचे रचना जगत को प्रेरणा दी । गांधी _विनोबा के अनन्य भक्त व सेवक  तथा निर्मला देशपांडे जी के एक सहयोगी तथा साथी के रूप में पूरे देश भर में उनकी ख्याति रही ।  बापू के प्रिय कार्य सफाई को ही उन्होंने अंगीकृत किया तथा इसी कार्य के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया । महात्मा गांधी से एक दफा प0 सुन्दर लाल ने पूछा कि उनकी सबसे अद्भुत कृति क्या है ? बापू का जवाब था "खादी व हरिजन सेवा "। इन्हीं आदर्शो के प्रति श्री ईश्वर भाई का जीवन रहा । यदि इसी सुपथ में जीवन संगिनीभी सहयोगी हो तो जीवन आनंदमय बन जाता है । ईश्वर भाई की पत्नी "वसुधा"भी उन्हीं की तरह सामाजिक कार्यों में अग्रणी कार्यकर्ता रही । वर्ष 1986 के आस _पास इस सेवाभावी दम्पत्ति से हमारा परिचय दीदी निर्मला देशपांडे जी की मार्फत हुआ था ।हरिजन सेवक संघ की बैठकों में कई बार दिल्ली व अन्य स्थानों पर । वर्ष 1997 में द्वारिका (गुजरात) में तो   बैठक का आयोजन ही उन्होंने किया था । इस दौरान उनका व उनकी पत्नी "वसुधा बेन" का सानिध्य और स्नेह पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । मीटिंग के बाद सोमनाथ ,पोरबन्दर तथा दूसरे स्थानों पर मां वसुधा बेन ने जिस तरह वात्सल्य भाव प्रकट किया उससे सदैव मन उनके प्रति श्रद्धानवत रहा ।

      भगवान बुद्ध पुनर्जन्म की अवधारणा को उस रूप में तो स्वीकार नहीं करते जैसे सनातन धर्म मानता है परन्तु वे इतना जरूर मानते है कि जब संतान अथवा शिष्य ,माता _पिता अथवा गुरु के सदकार्यों को उनसे भी बेहतर ढंग से करने लगे तो वह भी अभिभावक जन का पुनर्जन्म ही है । वर्तमान संदर्भ में यदि देखे तो स्व0 ईश्वर भाई पटेल के कार्यों को उनके सुपुत्र "जयेश भाई "जिस श्रद्धा व कर्मठता से आगे ले जा रहे है ,वह वास्तव में अनुकरणीय तथा  प्रशंसनीय 

है । वे साबरमती हरिजन आश्रम,

 अहमदाबाद सहित अनेक संस्थाओं के प्रमुख पदो पर है व अपने कार्यों से अपने पिता के कार्यों को आगे बड़ा रहे हैं ।

  पिछले समय में अपनी पुत्री संघमित्रा तथा बहन अरुणा के अहमदाबाद रहने के कारण 

अनेक  बार यहां आने का अवसर मिला । बहन _बेटी के घर के अलावा जयेश भाई का घर भी में भी अपनापन रहा । मन में यह इच्छा भी रही कि मां जी व जयेश भाई की पत्नी अनार बेन से भी मिलने का सौभाग्य मिला पर हर बार कोई न कोई कारण बनता की मुलाकात न हो पाती । गुजरात के गांव _२ में अनार बेन का महिला सशक्तिकरण का काम तो देखते ही बनता था परन्तु मुलाकात का अवसर इस  बार ही मिला । बेशक कुछ लोगो के लिए अनार बेन का परिचय उनकी मां गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदी बेन पटेल की वजह से हो परन्तु हमारा परिचय तो आनंदी बेन से भी स्व0 निर्मला देशपांडे जी की सहेली के रूप मेें ही है और हमारे लिए तो वे निर्मला दीदी की ही बेटी है ।   ईश्वर भाई के कार्यों को आगे बढाने वाले जयेश भाई व मां वसुधा बेन की सेवा प्रतिमूर्ति अनार । उनका समूचा घर ,कार्य व जीवन गांधीवादी मूल्यों को समर्पित है ।घर में रखी एक एक  वस्तु व अंकित वाक्य उनके जीवन मूल्यों को झंकृत करते हैं । । महात्मा गांधी का यह संदेश इस समूचे परिवार पर चरितार्थ है कि

"सुसंस्कृत घर जैसी कोई पाठशाला नहीं और ईमानदार माता_पिता जैसे कोई शिक्षक नहीं ।

राम मोहन राय

(नित्य नूतन ब्रॉडकास्ट सर्विस)

11.07.2017


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