अशोक चौधरी को जन्मदिन मुबारक
अशोक चौधरी दादा का आज जन्मदिन है । यह दिन हर व्यक्ति के लिए विशेष होता है इनके लिए भी । परन्तु उनके लिए तो हर दिन ही विशेष है । हर दिन खुद व दुसरो को जगाने का दिन ।
दादा का जन्म बेशक बंगाल में हुआ परन्तु उन्होंने अपना कार्यक्षेत्र सहारनपुर (उत्तरप्रदेश) को बनाया और वह भी उन वनवासियों ,दलितों एवम कमजोर लोगों के बीच जिनके लिए सूर्योदय व अस्त का अर्थ अंधेरे में ही जीना था ।
उनसे मेरा परिचय सहारनपुर में एल एल बी की पढ़ाई के दौरान हुआ था । राजनीतिक रूप से बेशक हमारी धारा नरम थी परन्तु हमारे-उनके नायक तो एक ही थे । पढ़ाई के बाद हम अपनी घर-गृहस्थी से समय निकाल कर ही वैचारिक काम करते थे । दादा ने भी गृहस्थी बनाई परन्तु एक ऐसी महिला के साथ जो उनसे भी अधिक प्रखर, ऊर्जावान व संघर्षशील थी । उनके व उनकी पत्नी भारती ने भी सद्गृहस्थ का पालन करते हुए बच्चे पैदा किये पर उनकी संख्या 2-3 न होकर हज़ारों-हज़ार वे वन्य मजदूर है जो अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत है । हर व्यक्ति की काम करने की आयु सीमा भी होती है । पर यह बात यहाँ उलट साबित हुई । ज्यों ज्यों उम्र बढ़ती गयी दादा के काम करने की ऊर्जा बढ़ती गयी ।
हम सब लोग उन्हें चौधरी साहब ही कहते है । उनका हम सब से स्नेह है । मेरे मित्र संजय गर्ग के प्रति तो उनका बहुत ही आशाजनक मोह है ।
दादा का घर मे शायद ही कोई आराम गाह होगी । पूरा घर ही किताबों, पत्र-पत्रिकाओं और कार्यकर्ताओं से लबालब भरा रहता है । उनके भी तो तीन ही शौक है चाय, सिगरेट और पुस्तके । मेरे मिलने पर उनकी दूसरी पसंदीदा चीज़ पर पाबंदी रहती है ।
अशोक चौधरी पर कुछ भी कहना व लिखना इतना सरल है कि मेरे जैसा कोई भी व्यक्ति लिख सकता है क्योंकि वे सरलता ,सादगी व स्नेह से लबरेज़ है ।
उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई ।
वेद के शब्दों में " जीवेम शरदः शतम" ।
कामरेड अशोक चौधरी को लाल सलाम ।
Happy birthday Dada.
We love you all.
सादर,
राम मोहन राय,
संजय गर्ग व आपके सभी प्रिय साथी, मित्र व भाई ।
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