गांधी ग्लोबल फैमिली की शिक्षा दिवस पर मौलाना आज़ाद को विनम्र श्रद्धांजलि
निर्मला देशपांडे संस्थान,पानीपत में स्थित हाली अपना स्कूल में गांधी ग्लोबल फैमिली की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए गांधी ग्लोबल फैमिली के महासचिव श्री राम मोहन राय एडवोकेट ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आजाद की स्मृति में मनाया जाता है। अबुल कलाम ने 1947 से 1958 तक स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक कवि ,लेखक, पत्रकार तथा भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतों का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू -मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया। मौलाना अबुल कलाम ने भारत की शिक्षा संरचना को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने आधुनिक शिक्षा प्रणाली पर जोर दिया। उन्होंने 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों के लिए निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा ,लड़कियों की शिक्षा, व्यवसाय प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा जैसे सुधारों की सिफारिश की थी। वे कहा करते थे कि हमारे सपने विचारों में और विचारों का परिणाम कर्मों में होता है। शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान IIT, IISc, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना की गई थी। इसके साथ-साथ उन्होंने संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी, साहित्य अकादमी के साथ साथ भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद सहित प्रमुख सांस्कृतिक साहित्य अकादमियां स्थापित की। शिक्षा के क्षेत्र में उनके समर्पण को ध्यान में रखते हुए 11 नवंबर 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया और तब से लेकर आज तक 11 नवंबर को हम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाते हैं और शिक्षा दिवस के दिन सभी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का संकल्प लेना चाहिए ताकि भारत देश को भी विकास की ओर ले जाया जा सके। इस अवसर हाली अपना स्कूल की कोऑर्डिनेटर पूजा सैनी, माता सीता रानी सेवा संस्था की परामर्शदात्री सुनीता आनंद ,जनवादी महिला समिति की जिला सचिव पायल, रोजी चावला सोनिया और पूजा विशेष रुप से उपस्थित रहे।निर्मला देशपांडे संस्थान स्थित हाली अपना स्कूल में गांधी ग्लोबल फैमिली की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए गांधी ग्लोबल फैमिली के महासचिव श्री राम मोहन राय एडवोकेट ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आजाद की स्मृति में मनाया जाता है। अबुल कलाम ने 1947 से 1958 तक स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक कवि ,लेखक, पत्रकार तथा भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतों का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू -मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया। मौलाना अबुल कलाम ने भारत की शिक्षा संरचना को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने आधुनिक शिक्षा प्रणाली पर जोर दिया। उन्होंने 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों के लिए निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा ,लड़कियों की शिक्षा, व्यवसाय प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा जैसे सुधारों की सिफारिश की थी। वे कहा करते थे कि हमारे सपने विचारों में और विचारों का परिणाम कर्मों में होता है। शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान IIT, IISc, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना की गई थी। इसके साथ-साथ उन्होंने संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी, साहित्य अकादमी के साथ साथ भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद सहित प्रमुख सांस्कृतिक साहित्य अकादमियां स्थापित की। शिक्षा के क्षेत्र में उनके समर्पण को ध्यान में रखते हुए 11 नवंबर 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया और तब से लेकर आज तक 11 नवंबर को हम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाते हैं और शिक्षा दिवस के दिन सभी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का संकल्प लेना चाहिए ताकि भारत देश को भी विकास की ओर ले जाया जा सके। इस अवसर हाली अपना स्कूल की कोऑर्डिनेटर पूजा सैनी, माता सीता रानी सेवा संस्था की परामर्शदात्री सुनीता आनंद ,जनवादी महिला समिति की जिला सचिव पायल, रोजी चावला सोनिया और पूजा विशेष रुप से उपस्थित रहे।
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