सर्वोदय ऋषि को अंतिम विदाई
*ऋषिकेश में सुब्बाराव जी को अंतिम विदाई* ।
भाई जी सुब्बाराव अत्यंत स्नेही व सभी के लिए पितृतुल्य थे । राष्ट्र यज्ञ मे ही अपने जीवन रूपी समिधा की आहुति दे दी व अंत में देवत्व की प्राप्ति की । उनके जन्मस्थान बेंगलुरु (कर्नाटक) से प्रारम्भ उनकी यात्रा सम्पूर्ण विश्व के स्थान-२ पर जय जगत का उद्घोष करते हुए अपनी इच्छामृत्यु को प्राप्त कर जयपुर (राजस्थान) में समापन किया । अंत में शरीर की पूर्णाहुति जौरा (मध्यप्रदेश) में हुई और अंतिम विसर्जन आज ऋषियों की धरती ऋषिकेश में उनके अत्यंत अनुरागी सन्त स्वामी चिदानंद जी मुनि महाराज के सानिध्य में उनके परमार्थ निकेतन आश्रम में इस सर्वोदय ऋषि की जीवनदायिनी गंगा में सद्गति की प्राप्ति हुई ।
आदरणीय भाई जी अपने कार्यो की वजह से जिस सम्मान व प्रतिष्ठा के सर्वत्र अधिकारी थे उस को उन्होंने अपनी मृत्यु के पश्चात भी यहाँ प्राप्त किया । श्री गंगा जी के घाट पर पूर्ण वैदिक अनुष्ठान के साथ उनकी अस्थि कलश का विसर्जन हुआ ।
ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट पर महात्मा गांधी स्मारक जहाँ सन 1948 में पूज्यपाद महात्मा जी की अंतिम भस्म को दर्शनार्थ रखा गया था वही भाई जी की भस्मी को रख कर ऋषिकेश के नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की ।भाई जी की लोकप्रिय सर्वधर्म प्रार्थना का कार्य दिव्या त्यागी ने वैदिक मंत्र ,मुबशशिर ने क़ुरान आयते, रीता धर्मरीत ने बौद्ध धमपद, जसिंता रीमा बरुआ द्वारा प्रभु यीशु प्रेयर , सपना अग्रवाल ने गुरुबानी शबद पाठ किया । भाई जी अनन्य अनुयायी व साथी सुरेश राठी ने भाई जी के जीवन वृतांत को विस्तार पूर्वक रखा । सभा संयोजक धर्मानन्द लखेरा ,नगरपालिका ऋषिकेश के पूर्व अध्यक्ष शर्मा ,कॉमरेड पांडे , प्रमिला जोशी व कुसुम जोशी की गरिमामयी उपस्थिति ने संवाद को गरिमा प्रदान की ।
शाम के समय परमार्थ निकेतन आश्रम के गंगा तट पर आरती के समय एक विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ । जहां स्व0 भाई जी के चित्र पर सर्वप्रथम पुष्पांजलि स्वामी चिदानन्द मुनि जी व साध्वी सरस्वती जी ने अर्पण की । साध्वी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भाई जी की जीवन यात्रा गंगा के प्रवाह की तरह थी ।जिस तरह गोमुख से निकल कर पूरी भारत धरा को वह शनै -२ सिंचित कर पावन करती है उसी तरह से भाई जी ने भी अपने आप को जनसेवा के निमित प्रवाहित किया । स्वामी मुनि ने जी कहा कि भाई जी जैसे लोग दुर्लभ होते है । दुनियाभर में युवाओं के शिविर आयोजित कर उन्होंने राष्ट्रीय एकता व सद्भावना का संदेश दिया । परमार्थ निकेतन उनके कार्यो व विचारों के लिए हरदम साथ है ।
पूरे दिन इन के इन कार्यक्रमों में गांधी ग्लोबल फैमिली की टीम सर्वदा अग्रसर रही ।
राम मोहन राय
ऋषिकेश(उत्तराखंड)
28.12.2021
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ऐ जीवन दायिनी गंगा मैया,
आज के इस दिन की शुभ वेला में हम आपको अपनी श्रद्धा एवम आस्था अर्पित करते हुए आपसे विनम्रता पूर्वक प्रार्थना करते है कि देश-विदेश के करोड़ो आस्तिक जन की भांति हमारा भी आपके प्रति आकर्षण बना रहे । हमारी उदात्त संस्कृति व सभ्यता की महान धरोहर को अपने आँचल में समाई हुई ऐ माँ हम सदैव तेरे प्रति आसक्त बने रहे ।
कोई भी व्यक्ति अपनी माँ को जीवनपर्यंत नही भूला पता और जब भी वह स्वयं को निराश व असहाय महसूस करता है तो वह माँ को स्मरण करता है । उसी प्रेरणा भाव से हम आज तेरे पास उपस्थित है ।
हमनें तुझे मैला कर वह अपराध किये है जो अक्षम्य है । फिर भी हम क्षमाप्रार्थी है ।
आदरणीय भाई जी सुब्बाराव जी तेरे एक ऐसे सुपुत्र थे जिन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को तेरी आस्था के प्रतीक शांति ,प्रेम व भाईचारे को समर्पित किया । माँ आज उनके अंतिम अवशेषों के कुछ कण आपके पास आये है । आप उन्हें स्वीकार करें ।
*स्व0 भाई जी परमपूज्य स्वामी चिदानंद जी महाराज मुनि जी के अत्यंत अनुरागी व आग्रही थे । उन्हीं के सानिध्य व साक्ष्य में गंगा जी में उन कणों को अर्पित कर रहे है* । माँ स्वीकार करें ।
आप से प्रार्थना है कि भविष्य में भी ऐसे विरले महापुरुषों को इस धरा पर उतारने की कृपा करें ।
राम मोहन राय,
परमार्थ निकेतन आश्रम,
ऋषिकेश
27 दिसम्बर, 2021
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