Leave Tension-Enjoy Pension

 


       मेरे समधी(मेरी पुत्रवधु आकांक्षा भारद्वाज के पिता) पटियाला निवासी श्री बृजभूषण भारद्वाज लगभग 36 वर्षों तक नेता जी सुभाष नेशनल स्पोर्ट्स अकादमी ,पटियाला में बतौर सिविल इंजीनियर पद पर काम कर आज सेवानिवृत्त हो गए है । आज जहाँ उनके संस्थान में उन्हें अभिनन्दन पत्र ,स्मृति चिन्ह, उपहार देकर व पुष्पमालाओं से लाद कर उन्हें विदाई की गई वहीं उनके गए पहुंचने पर उनकी सासु माँ पुष्पा जोशी ,पत्नी अरुण भारद्वाज व पुत्र कर्ण ,पुत्री आकांक्षा ,दामाद उत्कर्ष राय सहित मेरी पत्नी व मैने स्वागत किया । बहुत ही मार्मिक वातावरण रहा ।

    श्री भारद्वाज के पिता प0 मन मोहन सिंह जी व माता सत्यभामा ने उन्हें अच्छी से अच्छी शिक्षा देकर विकसित किया । उनके दादा प0 सन्तराम जी शास्त्री भी संस्कृत भाषा के मर्मज्ञ थे व राजघराने के पुरोहित थे ।अपने उन्ही संस्कारो से ओतप्रोत होकर इनका शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ । पटियाला के ही एस डी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त कर वे इंजीनियरिंग कर स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट में सिविल इंजीनियर की नौकरी पर लग गए ।  श्री भारद्वाज स्वयं भी क्रिकेट, टेबल टेनिस व बिलियर्ड के नेशनल लेवल के कुशल खिलाड़ी रहे है । 

   सन 1989 में अध्यापिका अरुण जोशी के साथ विवाह के बाद उन्होंने अपने पारिवारिक दायित्वों का पालन करते हुए अपने दोनों बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान कर योग्य बनाया ।

    श्री भारद्वाज एक बहुत ही सरल, निर्विवाद एवम मस्त तबीयत के व्यक्तित्व है । इस सीधेपन में मैं अपने भाई राणा की छवि उनमें पाता हूँ।

   रिटायरमेंट के बाद वे कुछ आराम , कुछ स्वाध्याय, कुछ शारीरिक उन्नति व ऐसा ही कुछ पर्यटन करना चाहते है । उनकी भी साहित्य व अध्यात्म में रुचि है उसी के माध्यम से वे जीवन की ऊंचाइयों को छूना चाहते है ।

    हमारी समस्त शुभकामनाएं है कि उनका जीवन सुखमय व सेवामय हो ।

 वेद का आदेश है :

"उतिष्ठित जाग्रत प्राप्य वारेन निबोधत" अर्थात उठो ,जागो और श्रेष्ठ कार्यो में लग जाओ।

राम मोहन राय

पटियाला,31.12.2021







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