*Inner voice-3*(Nityanootan broadcast service) सूर्य तो हमेशा प्रदीप्तमान है । जब भारत मे सुबह होती है तो अमेरिका में शाम । यहां, आज शाम ढले ही एक तिब्बती परिवार से शाम की सैर के दौरान मुलाकात हुई और उसके माध्यम से तीन प्रातः स्मरणीय विभूतियों दीदी निर्मला देशपाण्डे जी ,परम पावन दलाई लामा जी व परमपूजनीय प्रभु जी का न केवल स्मरण हुआ अपितु इस परिवार के माध्यम से उनका सहज आशीर्वाद भी मिला । तिब्बती मूल की अमेरिकन सुश्री यांगचें अपनी दादी व एक बालक के साथ उन्हें घुमाने लायी थी । मैं भी अपनी पत्नी श्रीमती कृष्णा कांता व नाती के साथ घूमने निकला था । अपनी आदत के अनुसार ज्योही मुझे एशियाई भावकृति के लोग दिखे तो मैने उनका अभिवादन किया व अपना परिचय देकर उनसे उनके बारे में जानकारी चाही । वे हम से मिलकर बेहद प्रसन्न हुए तथा उन्होंने बताया कि वे तिब्बत से है तथा अब अपने परिवार सहित यहीं सिएटल , वाशिंगटन में रह रहे है । तिब्बत का नाम आये व परम पावन दलाई लामा जी का स्तुतिगान न हो ,ऐसा नामुमकिन है । फेसबुक का मुझे तो बहुत फायदा मिला है । मैने तुरन्त अपना एकाउंट खोला व उन दो बहुमूल्य चित्रों को खोज निकाला जिसमे गुरु जी दलाई लामा जी , परमपूजनीय प्रभु जी व दीदी निर्मला देशपाण्डे जी अखिल भारत रचनात्मक समाज के चेन्नई व ऋषिकेश सम्मेलनों में पधारे थे । सौभाग्यवश ,मैं भी उन चित्रों में दाएं-बाएं दृष्टिगोचर था । परम पावन दलाई लामा जी के चित्र को देखते ही वह परिवार अभिभूत होकर उसने हाथ जोड़ कर प्रणाम करने लगा । यांगचें की दादी ने भावविभोर होकर उन क्षणों को याद किया जब वे तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद भारत शरणार्थी बन कर आये थे व भारत सरकार व जनता ने खुले दिल से अपनी हर प्रकार की मदद उन्हें दी थी तथा उनका स्वागत व सहयोग किया था । इस अवसर पर मैंने भी उन्हें स्व0 निर्मला दीदी के तिब्बत के मुक्ति संघर्ष में योगदान की जानकारी दी व परमपूज्य प्रभु जी की आध्यात्मिक साधना का गुणगान किया । इन क्षणों में सभी आत्मविभोर थे व एक दुसरे को कृतज्ञ भाव से देख रहे थे । अंत मे , गांधी ग्लोबल फैमिली व अन्य संगठनों द्वारा किये जा रहे *बा -बापू 150* वर्ष के कार्योकी भी जानकारी देने का भी मौका मिला । अंत मे फिर मिलने की कामना के साथ विदाई ली । यह दुनियां बहुत छोटी है यदि आपके पास विराट महापुरुषों का आशीर्वाद व सानिध्य हो ।Ram Mohan RaiSeattle, Washington (USA)15.05.2019
*Inner voice-3*
(Nityanootan broadcast service)
सूर्य तो हमेशा प्रदीप्तमान है । जब भारत मे सुबह होती है तो अमेरिका में शाम । यहां, आज शाम ढले ही एक तिब्बती परिवार से शाम की सैर के दौरान मुलाकात हुई और उसके माध्यम से तीन प्रातः स्मरणीय विभूतियों दीदी निर्मला देशपाण्डे जी ,परम पावन दलाई लामा जी व परमपूजनीय प्रभु जी का न केवल स्मरण हुआ अपितु इस परिवार के माध्यम से उनका सहज आशीर्वाद भी मिला ।
तिब्बती मूल की अमेरिकन सुश्री यांगचें अपनी दादी व एक बालक के साथ उन्हें घुमाने लायी थी । मैं भी अपनी पत्नी श्रीमती कृष्णा कांता व नाती के साथ घूमने निकला था । अपनी आदत के अनुसार ज्योही मुझे एशियाई भावकृति के लोग दिखे तो मैने उनका अभिवादन किया व अपना परिचय देकर उनसे उनके बारे में जानकारी चाही । वे हम से मिलकर बेहद प्रसन्न हुए तथा उन्होंने बताया कि वे तिब्बत से है तथा अब अपने परिवार सहित यहीं सिएटल , वाशिंगटन में रह रहे है । तिब्बत का नाम आये व परम पावन दलाई लामा जी का स्तुतिगान न हो ,ऐसा नामुमकिन है । फेसबुक का मुझे तो बहुत फायदा मिला है । मैने तुरन्त अपना एकाउंट खोला व उन दो बहुमूल्य चित्रों को खोज निकाला जिसमे गुरु जी दलाई लामा जी , परमपूजनीय प्रभु जी व दीदी निर्मला देशपाण्डे जी अखिल भारत रचनात्मक समाज के चेन्नई व ऋषिकेश सम्मेलनों में पधारे थे । सौभाग्यवश ,मैं भी उन चित्रों में दाएं-बाएं दृष्टिगोचर था । परम पावन दलाई लामा जी के चित्र को देखते ही वह परिवार अभिभूत होकर उसने हाथ जोड़ कर प्रणाम करने लगा । यांगचें की दादी ने भावविभोर होकर उन क्षणों को याद किया जब वे तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद भारत शरणार्थी बन कर आये थे व भारत सरकार व जनता ने खुले दिल से अपनी हर प्रकार की मदद उन्हें दी थी तथा उनका स्वागत व सहयोग किया था । इस अवसर पर मैंने भी उन्हें स्व0 निर्मला दीदी के तिब्बत के मुक्ति संघर्ष में योगदान की जानकारी दी व परमपूज्य प्रभु जी की आध्यात्मिक साधना का गुणगान किया । इन क्षणों में सभी आत्मविभोर थे व एक दुसरे को कृतज्ञ भाव से देख रहे थे । अंत मे , गांधी ग्लोबल फैमिली व अन्य संगठनों द्वारा किये जा रहे *बा -बापू 150* वर्ष के कार्यो
की भी जानकारी देने का भी मौका मिला । अंत मे फिर मिलने की कामना के साथ विदाई ली । यह दुनियां बहुत छोटी है यदि आपके पास विराट महापुरुषों का आशीर्वाद व सानिध्य हो ।
Ram Mohan Rai
Seattle, Washington (USA)
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