Thronton Creek School, Seattle, Washington-USA

Thronton Creek School,Seattle, Washington-USA. 
    आज हमे इस स्कूल में जानें, उसे समझने और जानने का  अवसर मिला. 
      सरकार द्वारा  संचालित  यह एक निशुल्क  सामान्य स्कूल है परंतु हमारे यहां के किसी मोटी फीस  वसूलने  वाले कथित इंटरनेशनल स्कूल से कहीं बेहतर.  
     संयुक्त राज्य अमेरिका में एसा नियम है कि किसी भी किसी भी स्कूल में पढ़ने का पहला अधिकार उसके पड़ोस में रहने वाले बच्चे का है.  किसी भी बस्ती की  सम्पत्ति की कीमत उस जगह में चल रहे विद्यालय तथा अस्पताल के स्टैंडर्ड से है. 
   इस स्कूल में लगभग 580 विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते हैं और औसत 15 -20  बच्चों की एक कक्षा मे एक टीचर है. 
     बच्चों के खेल, शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए हर प्रकार के उपकरण हैं और उन्हें ऑडियो-वीडियो,  कथा-कहानियों,गीत -संगीत खेलकूद के माध्यम से पढ़ाया जाता है.  प्रबंधन का एसा मानना है कि अक्षर व भाषा ज्ञान के लिए व्याकरण की बहुत ज्यादा जरुरत नहीं है वह तो वातावरण एवं स्थितियाँ भी सीखा देंगी, मुख्य सवाल तो उनका सर्वागीण विकास है.  हर बच्चा विशेष है तथा उसके विकास में न केवल स्कूल अपितु उसके अभिभावक तथा संगी-साथी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.  उसे जानने के लिए बच्चे की पृष्ठभूमि तथा मनोविज्ञान जानना जरूरी है. 
      स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे की कोई यूनीफॉर्म  नहीं है. पुस्तकें, नोटबुक तथा दोपहर में खाना और नाश्ता यहीं मिलता है. हाँ भारतीय अभिभावक अपने बच्चे का खाना उसका खाना इस  डर  से  साथ भेजते हैं कि कहीं  स्कूल  में बीफ  न परोस दिया जाए.   बस्ती में रहने वाले बच्चे को लाने पहुचाने की निशुल्क ट्रांसपोर्ट सुविधा स्कूल प्रबंधन की ओर से है. 
      शिक्षक का कुशल एवं अनुभवी होना जरूरी है, हर किसी को पढ़ाने के काम में लगाने का मतलब है कि जैसे किसी भी नौसिखिए को किसी बड़े सर्जरी ऑपरेशन में लगाना.  इसीलिए  स्कूलों में एसे अध्यापक हो जो बाल मनोविज्ञान के जानकार होने के साथ-साथ अपने विषय के खूब जानकर हों, जिन्हें मात्र अपने पाठ्यक्रम की जानकारी हो वहीँ उसकी मौलिकता एवं उद्गम का भी पता हो इसलिए न केवल कुशल स्टाफ अपितु एसे अभिभावक जिन्हें विभिन्न विषयों की जानकारी हो वे भी यहां यदाकदा आकर पढ़ाने का काम करते हैं. 
   विद्यालय में साइंस लैब पुस्तकालय-वाचनालय, खेलकूद के सामान के साथ-साथ विशाल मैदान भी है.  विद्यार्थियों की उम्र के अनुसार ही कक्षा का आबंटन है.  कोई तो एसी आधुनिक सुविधा नहीं जो विद्यार्थियों को मुहैय्या न हो. 
      स्कूल के आदर्श वाक्य हैं-
Peace, Love, Togetherness, Fairness Equal Rights, Courage.

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