Aagaz-e-Dosti Yatra-2022

Aagaz-e-Dosti यात्रा-2022 की तैयारी की जानकारी के लिए एक webinar का आयोजन Google Meet पर किया गया जिसका संचालन यात्रा के वरिष्ठ सदस्य श्री ऐस पी  सिंह ने किया. उन्होंने अपने वक्तव्य में विषय तथा वक्ताओं का परिचय देते हुए उनका स्वागत किया. 
    वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप मे अपना वक्तव्य रखते हुए पाकिस्तान इन्टरनैशनल अकादेमी की अध्यक्ष तथा पूर्व राजनयिक डॉ. मासूमा हसन ने कहा कि पानीपत उनके पूर्वजों का शहर है जहां उनके पुरखे लगभग 750 वर्ष पहले खोरासान के हैरात से आकर बसे थे.  हज़रत बु अली शाह कलंदर तथा उनकी ही पीढ़ी के अनेक सूफ़ी संतों, दार्शनिकों तथा हाली पानीपती जैसे मशहूर शायर उनके परिवार में हुए जिन्होंने अपने जीवन,  दर्शन एवं संदेश से पूरी मानवता को आलोकित किया.  उनका जन्म बेशक पानीपत में हुआ परंतु  शिक्षा-दीक्षा दिल्ली में हुई.  बेशक आज  75 साल भारत छोड़े को हुए हैं परंतु उन्हें  अपने  बचपन की यादें भूली नहीं है. .  वे चाहती हैं कि भारत  और पाकिस्तान अच्छे पड़ोसी की ही तरह नहीं अपितु एक मजबूत भाई की तरह ही रहे.  दोनों देशों में अच्छे समबन्ध ही  न केवल  दक्षिण  एशिया में बल्कि पूरे विश्व में सुरक्षा एवं शांति की गारंटी साबित होगी. 
    भारत से आजकल पाकिस्तान गए शांति दल के सदस्य सर्व श्री योगेश माथुरीया,  नितिन एवं जालंधर भाई ने कहा कि वे पिछले आठ दिन से  पाकिस्तान में है वे जहां-जहां भी जा रहे हैं वहां सब जगह अमन और दोस्ती की ख्वाहिश  का माहौल ही प्राप्त कर रहे हैं.  दीदी निर्मला देशपांडे जी के कार्यो एवं व्यक्तिगत रूप से वहां सब तरफ सम्मान है.  और लोग मानते हैं कि सब समस्याओं का आपसी हल गोली से नहीं अपितु बोली से ही होगा.  कराची में दीदी के नाम पर बना स्मारक उनके कार्यो के प्रति समर्पण एवं श्रद्धा भाव है.  उनका निश्चय है कि वे भविष्य में अमन के काम को ही जारी रखेंगे. 
     युवा शांति कर्मी तथा मिशन भारतीयम के संयोजक रवि नीतेश ने कहा कि दोनों देशों में सद्भाव का माहौल वक्त की जरूरत है.  आज  जब भारतीय उपमहाद्वीप के देश अपनी मौलिक समस्याओं को हल करने मे भी असमर्थ हैं ऐसे समय में आपसी खींचातानी कोई शुभ लक्षण नहीं है  ,इसके विपरित यदि ये सभी देश मिलकर काम करें तो ये न केवल प्रगति करेंगे वहीं पूरी दुनियां की सेवा करेंगे. 
    बांग्लादेश से युवा प्रतिनिधि सैफुल इस्लाम  ने कहा कि श्रीलंका ने हम सभी को आईना दिखाने का काम किया है.  उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण की नीतियां हमारे देश के चंद मुनाफाखोरों को तो लाभ दे सकते हैं परंतु आम जनता को सिर्फ  भूख, बीमारी और बेकारी ही देंगे. 
    नेपाल से युवा प्रतिनिधि मनीष जोंग पुलामी   ने कहा कि युवा चाहते हैं कि भारत और नेपाल की सीमा की तरह ही सभी दक्षिण  एशिया के देशों  में वीज़ा फ्री बोर्डर हो ताकि यहां के लोग एक दूसरे के हालात को देख कर उनके निराकरण के लिए भी सामुहिक सोच बना सके. 
    गांधी ग्लोबल फॅमिली के महासचिव राम मोहन राय ने अपने वक्तव्य में कहा कि Aagaz-e-Dosti यात्रा विश्व शांति आंदोलन में मील का एक पत्थर साबित होगी. इतिहास बताएगा की दुनियां में शांति तो अवश्य होगी पर वही इतिहास उन लोगों का भी मूल्यांकन करेगा कि विपरित परिस्थितियों में भी कौन ऐसे लोग तथा शक्तियां थी जो शांति के लिए प्रयासरत थी. 
     वार्ता के वरिष्ठ सहयोगी  श्री राजेश बिंद्रा ने अपने वक्तव्य से सम्पूर्ण वक्तव्यों का  सार प्रस्तुत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया.  
    यात्रा संयोजक दीपक कथूरिया  ने सभी उपस्थित श्रोताओं  का धन्यवाद ज्ञापन किया. वार्ता में  भारत सहित अन्य देशों से लगभग  50 साथियो ने भाग लिया.

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