श्रम दान in wood ville by S Nirankari Mission(USA) and GGF.

महात्मा गांधी, विश्व इतिहास के ऐसे विराट पुरुष थे जिन्होंने सत्य और अहिंसा के माध्यम से न केवल अपने देश को आजादी दिलवाने का अद्भुत कार्य किया वही सत्याग्रह के हथियार से पूरी दुनियां को शांति मय अहिंसक क्रांति का अद्भुत मंत्र दिया.  भारत में वर्तमान मे इसके कितने प्रयोग हो रहे हैं यह तो एक  महत्वपूर्ण बात है ही परंतु सुदूर अमेरिका में इसकी ध्वनि हर दम सुनाई देती है. 
    महात्माजी ने  सभी ज़न की शारीरिक, सामाजिक एवं आत्मिक शुद्धि के लिए 11 नियम बताए.  यह वे ही सूत्र थे जो हमारे ऋषि-मुनियों ने आदिकाल में ही बताए थे और जिसका विस्तार एवं प्रयोग बापू ने किया. 
   "अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य,  असंग्रह , शरीर श्रम, अस्वाद , सर्वत्र भय वर्जन,  सर्व धर्म समानत्व, स्वदेशी स्पर्श भावना, नियम व्रत निष्ठा से ये एकादश सेवय है. "
     इनमे शरीर श्रम का एक व्रत अत्यंत ही महत्वपूर्ण है.  आज उसी व्रत का पालन करने का पुण्य अवसर प्राप्त हुआ और यह मौका प्रदान किया संत निरंकारी मिशन ,सियाटल द्वारा. 
    मिशन के अग्रणी कार्यकर्ता श्री  अमित ओबेरॉय का विशेष आग्रह था कि हम उनके युवा साथियो द्वारा फार्मर फरोग, वुडवैल   में होने वाले श्रम दान के कार्यक्रम में अवश्य भाग ले.  विगत रविवार को गांधी ग्लोबल फैमिली के प्रतिनिधि के नाते मिशन द्वारा रेडमड में भाग लेने का अवसर मिला था.  संगत, सिमरन और सेवा का अद्भुत मिश्रण हमे देखने को मिला था और हम उससे अत्यंत प्रभावित थे.  श्रम दान के कार्यक्रम में भाग लेने के निमन्त्रण को हम नहीं टाल सके और एक दिन पहले से ही वहां जाने की तैयारी करने लगे. 
    नियत समय पर श्री कमल तथा उनके पुत्र ख़ुशहाल के साथ हम वुडवेल्स  पहुंचे तो पाया कि लगभग 40-50 लोग  जिनमे अधिकांश विद्यार्थी एवं युवा थे वे अपने हाथों में कस्सी, फावङे,  खुरपी और अन्य बागबानी के उपकरण लेकर वहां मौजूद हैं. 
      वुड वेल्स  एक निजि फ़ार्म हाउस है परंतु वहां ऑर्गेनिक खेती, पोल्ट्री फार्म,  पशुशाला है जो अपने उत्पाद  को बिना लाभ- हानि के बेचती है.  वीकेंड पर व्यक्तिगत तथा स्वयं सेवी संगठनों से जुड़े लोग वहां जाकर स्वैच्छिक श्रम दान के द्वारा स्वच्छता, वृक्षारोपण तथा अन्य कार्य करते हैं वहीं  खेतीबाड़ी,जीव विज्ञान तथा आत्म शुद्धि के अनेक कार्यो से जुड़ते है. ऐसा ही कुछ करने और सीखने का शुभ अवसर आज हमे मिला था. 
      मिशन के स्वयंसेवक बहुत ही निष्ठा से इस काम में जुटे थे.  यह उनके हाथों की ताकत के साथ-साथ उनके समर्पण का ही प्रभाव था कि आबंटित पूरे भू भाग की सफाई तथा वृक्षारोपण का काम जो उन्हें तीन घण्टों में करने को मिला था वह आधे समय मे ही पूरा कर लिया. 
    इस काम में  विद्यार्थी तो लगे ही थे परन्तु अनेक ऐसे युवा भी थे जो स्थानीय अनेक नामी गिरामी कम्पनियों में उच्चस्थ पदों पर कार्यरत हैं.  डॉ अंजना और उनके इंजीनियर पति रजनीश, प्रीत, रेश्मा,रूचि,राहुल जैसे अनेक सम्पन्न लोग थे जो अपनी हैसियत को दर किनार कर श्रम दान कर रहे थे. सचमुच एक अविस्मरणीय अवसर था. 
    मैं नहीं समझ पा रहा था कि क्या कारण रहा कि स0 सोहन सिंह ऊबी तथा उनकी पत्नि जगदीश ऊबी सहित मुझे तथा मेरी पत्नि कृष्णा कांता का उत्साह भी कम न था और यही  थी सामुहिक श्रम प्रार्थना जो समर्पित थी उस परम पिता निरंकार परमात्मा के प्रति.  जिसके बारे मे संतों ने कहा है कि तेरे नाम अनेक तू एक ही है. 
   आज के इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद  देने के  लिए कैलिफोर्निया से विशेष रूप से  स0 अजीत सूच जी पधारे थे जिनकी विनम्रता एवं सहजता अंत तक सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहीं. 
   सचमुच आज इतनी मेहनत करने के बाद भी कहीं भी थकावट का बोध नहीं था इसका मुख्य कारण वह श्रम शक्ति की यज्ञ  आहुति  थी जो ईदन मम भाव से समर्पित की गयी थी. 
   सचमुच एक विलक्षण अनुभव आज प्राप्त हुआ. 
आभार 🙏
Ram Mohan Rai, 
Gen., secy,  Gandhi Global Family, 
Seattle, Washington-USA. 
16.07.2022
(Nityanootan broadcast service)

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