Hali Panipati -Buzurgaan e Panipat
हाली पानीपती नवजागरण के अग्रदूत मौलाना अल्ताफ हुसैन 'हाली' हरियाणा के ऐतिहासिक शहर पानीपत के रहने वाले थे। 'हाली' उर्दू के शायर व प्रथम आलोचक के तौर पर प्रख्यात है। हाली का जन्म 11 नवम्बर 1837 ई. में हुआ । इनके पिता का नाम ईजद बख्श व माता का नाम इमता-उल- रसूल था। जन्म के कुछ समय के बाद ही इनकी माता का देहान्त हो गया। हाली जब नौ वर्ष के थे तो इनके पिता का देहान्त हो गया। 1856 में हाली ने हिसार जिलाधीश के कार्यालय में नौकरी कर ली। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अन्य जगहों की तरह हिसार में भी अंग्रेजी शासन व्यवस्था समाप्त हो गई थी, इस कारण उन्हें घर आना पड़ा। दिल्ली निवास (1954-1956) के दौरान हाली के जीवन में जो महत्त्वपूर्ण घटना घटी वह थी उस समय के प्रसिद्ध शायर मिर्जा गालिब से मुलाकात व उनका साथ। हाली ने जब गालिब को अपने शेर दिखाए तो उन्होंने हाली की प्रतिभा को पहचाना व प्रोत्साहित करते हुए कहा कि 'यद्यपि मैं किसी को शायरी करने की अनुमति नहीं देता, किन्तु तुम्हारे बारे में मेरा विचार है कि यदि तुम शेर नहीं कहोगे तो अपने हृदय पर भारी अत्याचार करोगे&