संकल्प के हिमालय "सुन्दरलाल बहुगुणा"
सच में हम उन सौभाग्यशाली लोगों में है जिन्होंने पर्यावरण पितामह श्री सुंदर लाल जी बहुगुणा तथा उनकी यशस्वी पत्नी श्रीमती विमला देवी जी के न केवल साक्षात दर्शन किए वहीं उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
आज पिता जी की दूसरी पुण्यतिथि है।
आदरणीय माता विमला जी तो इतनी स्नेही है कि वात्सल्य पूर्ण मां की तरह हर सप्ताह में एक बार तो फोन करके हम दोनों पति- पत्नी और बेटे उत्कर्ष का हाल चाल पूछती हैं ।
श्री सुन्दर लाल जी बहुगुणा के विराट व्यक्तित्व पर उनकी सुपुत्री श्रीमती मधु पाठक ने 459 पृष्ठों की एक पुस्तक "संकल्प के हिमालय सुंदर लाल बहुगुणा" संपादित की है ,जिसमे देश- विदेश के 85 प्रमुख व्यक्तियों के संस्मरण प्रकाशित किए है ।
कुछ दिन पहले ही बहन मधु ने इस पुस्तक की एक प्रति मुझे भी भेजी है । मुझे प्रसन्नता हुई की इसमें मेरा भी एक लेख "आखिरी मुलाकात " के शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। मधु जी का विशेष आभार ।
दुनियां भर के पर्यावरण संरक्षण के विद्यार्थियों के लिए यह पुस्तक स्वo बहुगुणा जी के जीवन ,कार्यों एवम विचार दर्शन का अद्भुत ग्रंथ है ।
राम मोहन राय,
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