Suhana Safar-5
*नहरों का शहर*
एमस्टर्डम चूंकि एमेस्टल नदी पर बसा है इसीलिए इसको इस नाम से पुकारा जाता है । डैम का अर्थ है जलाशय। वैसे तो इस देश में चार प्रमुख नदियां सेंगेल (Sengel), हेरेंग्रच (Herengracht), Kezirsgracht और Prinsengracht है । एमस्टेल नदी इस शहर के दक्षिण से उत्तर में बहती है ।
इस शहर के समुद्री तट नॉर्थ सी जिसे डच भाषा में नूर्दजी (Noordzee) कहा जाता है, से लगते हैं।
समुद्री का किनारा है और वह भी 26 प्रतिशत नीचा और 58 प्रतिशत ऐसा क्षेत्र जिसमे हर समय बाढ़ का खतरा है , हरियाली भी बहुत है और प्रकृति भी मेहरबान है तो बारिश भी बहुत होती है । बारिश कब हो जाए इसपर मौसम विभाग के पूर्वानुमान भी कई बार फेल है । इस बार जब भी निकलों बरसाती अथवा छाता लेकर ही निकलें ।
स्थानीय बुज़ुर्ग बताते है कि सन 1953 में यहां भयंकर बाढ़ आई थी । लगभग 1800 लोगों की जान गई थी और 7,00 मिलियन यूरो का नुकसान हुआ था ( एक यूरो की भारतीय क़ीमत लगभग 96 ₹ है) । देश की पूरी व्यवस्था थर्रा गई थी। इसके बाद नव निर्माण तो हुआ पर इस समझ से कि भविष्य में ऐसी स्थिति आने पर सतर्कता के साथ । बांध मजबूत किए गए , भवन निर्माण भी बाढ़ प्रतिरोधक बनाए गए आदि -२
एमस्टर्डम को यहां बनी नहरों के बिना नहीं समझा जा सकता और इसके लिए हम museum of canals गए जहां हमारे लगभग हर प्रश्न का उत्तर था । यहां अलग -२ छह कमरों में ऑडियो और विजुअल्स के द्वारा एमस्टर्डम और नहरों के जुड़ी बातों को बखूबी दर्शाया गया है । शहर के पुराना रूप कि किस तरह पूरी दुनियां के व्यापारी जल मार्ग से यहां आते थे से लेकर यहां की संस्कृति,सभ्यता और लोक व्यवहार का हर पक्ष से गुजरते हुए वर्ष 1661 में हुई उस मीटिंग का वह क्षण जब आधुनिकतम ढंग से नए एमस्टर्डम की नींव रखी गई । इसका मुख्य आधार नहरों का निर्माण भी है जो यहां बाढ़ प्रबंधन के साथ -२ यातायात परिवहन और व्यवसाय के लिए भी आवश्यक है।
इस शहर में कुल 165 नहरें है जो आपको थोड़ी थोड़ी दूर पर मिलेंगी । इसके पुल बहुत ही आकर्षक है और हां अनेक तो ऐसे है कि कोई भी मोटर वाहन, साइकिल काफिला ,ट्राम अथवा मेट्रो आने पर ही ऑटोमैटिक ढंग से हटते हैं । इन्हीं नगरों और व्यवस्थित भवन निर्माण और रख रखाव के कारण ही इसका नाम यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज रिकॉर्ड में रखा गया है ।
ये सभी नहरें साफ और शुद्ध पानी से लबालब है । इनमें तैरा जा सकता है और इसके पानी को पीने के लिए उपयुक्त माना जाता है। यहां बोतल बंद पानी को अच्छा नहीं माना जाता ।
हमारे देश में शहर में गुजरने वाले नालों को गंदा नाला कहा जाता है और बाद में यही नाले पवित्र गंगा ,यमुना और अन्य नदियों में समाहित हो जाते है और फिर हम कामना करते है स्वच्छ गंगा अभियान के जरिए अरबों रुपए खर्च कर उन्हें साफ सुथरा करने की ।
नहर के किनारे बसने के कारण हमारे पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल जी के परिवार को नेहरू के नाम से ख्याति मिली पर मैंने यहां तो हर किसी को नेहरू का वंशज पाया ।
साफ जलवायु तथा पर्यावरण संरक्षण के कारण यहां का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI)10 से नीचे है । इसका एक और कारण है जिस पर हम अगले लेख में चर्चा करेंगे ।
Ram Mohan Rai,
Amsterdam, Netherlands.
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