Suhana Safar-25 (Proud moments to meet Justice Dalveer Bhandari)

 


*न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी से यादगार मुलाकात के अद्भुत क्षण*

         विश्व भर में अपनी कानूनी योग्यता एवम न्यायिक व्याख्याओं में देदीप्यमान सूर्य की भांति भारतीय उज्ज्वल गाथा के यशस्वी स्वर जस्टिस दलवीर भंडारी एक ऐसी विभूति हैं जिन्होंने अपनी कृति एवम कृतित्व से चहुमुखी प्रतिष्ठा हासिल की है ।

    गांधी ग्लोबल फैमिली के महासचिव एवम गांधी बिरादरना समूह की  ओर  से इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (Peace House) हेग , नीदरलैंड में उनके कार्यालय में उनसे मिल कर उनका अभिनंदन कर सम्मानित करना ,मेरे जीवन के दुर्लभतम अविस्मरणीय क्षणों में से एक है । *मैं अपने संरक्षक श्री सुज्ञान मोदी जी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने परामर्श दिया कि जस्टिस भंडारी जैसी दिव्य विभूति आजकल इंटरनेशनल कोर्ट में न्यायाधीश के पद पर विराजमान है  और आजकल मैं नीदरलैंड में ही हूं ,अत: समय मिलने पर उनसे मिलने का प्रयास किया जाए* । यह मेरे लिए कोई दैवी संदेश ही था । असलियत में मैं संकोची था कि क्या यह हो पाएगा ? परंतु प्रभु कृपा से यह अवसर मिला और आज मैं और मेरी पत्नी कृष्णा कांता उनसे मिलने के लिए एमस्टरडम से हेग पहुंचे ।

    हमारे मन में अज़ीब तरह का उत्साह था परंतु भरोसा भी था कि माननीय जज साहब के साथ हमारी मुलाकात बहुत ही सहज ही होगी । इसका कारण तो कोई ईश्वरीय ही होगा जिसे मैं नहीं जान पाया ।

     हम नियत समय से एक घंटा पहले ही पीस पैलेस पहुंच गए थे । ऐसा इसलिए भी रहा कि हम किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतनी चाहते थे । पर यह बहुत ही अच्छा रहा । इस समय में हमें बिल्डिंग के बाहर ही वर्ल्ड पीस फ्लेम 🔥के दर्शन कर वैदिक शांति पाठ और सर्वधर्म समभाव प्रार्थना करते हुए उसकी परिक्रमा की । यह शांति ज्योति सन 1997 में पांच महाद्वीपों से सात ज्योतियों को लेकर 197 देशों के पत्थर के टुकड़ों से बनाई गई है । इसके साथ ही शांति के प्रतीक सफेद कबूतर की मूर्ति लगी है ,जो इस स्थान को सार्थकता प्रदान करती है ।





     अब हम मुख्य द्वार पर पहुंच गए थे । हमारी सुरक्षा जांच के बाद हमें अंदर जाने की इजाजत मिली और फिर अपने परिचय देने के पश्चात हमें आभास हुआ कि हमारे आने की जानकारी सभी को है । थोड़ी देर में माननीय जज साहब की सचिव एलिजाबेथ आई और उन्होंने अपना परिचय देते हुए कहा कि जज साहब ने कहा है कि वे पहले आप को समूचा कोर्ट कॉम्प्लेक्स दिखा दे फिर उनके चैंबर में ले जाए । इस बात की हमे बेहद खुशी हुई और फिर वे हमे ले गई कोर्ट रूम्स, चैंबर्स , लाइब्रेरी तथा तोशाखाना दिखाने । जहां विश्व के विभिन्न देशों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहार रखे ग





     हमारे लिए सबसे आनंद दायक रहा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा उनके शिष्य नेल्सन मंडेला की मूर्तियों को वहां प्रतिष्ठित देख कर । ये दोनों मूर्तियां (bust) साथ साथ ही लगी थी । कोर्ट कॉम्प्लेक्स में पूरी दुनियां के संभवत: दस - बारह महान विभूतियों की मूर्तियां लगी होंगी । उनमें ये दोनों मूर्तियां मुख्य प्रवेश द्वार पर ही शोभायमान थी ।




और फिर कोर्ट के दर्शनीय स्थानों के दर्शन करते हुए पहुंचे उस चैंबर में जहां माननीय जस्टिस दलवीर भंडारी विराजमान थे ।

      हम अपनी आंखों पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि हम उनके सामने खड़े है । वह व्यक्तित्व जिनका जन्म एक अक्तूबर ,1947 को राजस्थान के ऐतिहासिक शहर जोधपुर में हुआ । जिनके पिता श्री महावीर भंडारी न केवल राजस्थान हाई कोर्ट में वकालत करते थे अपितु दादा श्री बीo सीo भंडारी भी इसी व्यवसाय से जुड़े थे । जिन्होंने अपने कॉलेज में कानून की शिक्षा प्राप्त कर यहीं सन 1968 - 70 तक वकालत की । जिन्होंने नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी ,शिकागो से मास्टर्स करने के बाद वहीं नॉर्थ वेस्टर्न लीगल एसिस्टेंस क्लिनिक में काम करते हुए शिकागो कोर्ट में भी  वकालत की । जिन्हें थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका सहित अनेक देशों ने  कानूनी विषयों पर अपने व्याख्यान देने के लिए निमंत्रित किया । जिन्होंने अपने शोध "Delay in the administration of criminal justice in India" प्रस्तुत कर अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए ।

    एक ऐसा प्रेरणादायी व्यक्तित्व जो वर्ष 1973 में राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर में मात्र 26 वर्ष की  अवस्था में  वकालत प्रारंभ किए और फिर दिल्ली आकर वकालत जारी रखी । जिनकी कानूनी योग्यता और दक्षता को देखते हुए जिन्हें 19 मार्च 1991 को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया और फिर सन 2004 में बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रह कर वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बन कर लगातार सात वर्षो तक पब्लिक लिटिगेशन, संविधानिक कानून , दंड संहिता और प्रक्रिया , भूखे गरीब लोगों के लिए अन्न और बेसहारा लोगों के लिए नाइट शेल्टर्स संबंधित अनेक विषयों पर अपने निर्णय दिए जो भारतीय इतिहास में लैंड मार्क  निर्णयों के रूप में जाने जाते है ।

     मैं ऐसे व्यक्तित्व के सम्मुख था जिन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहते अपने एक ही निर्णय से 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के मुकदमों के निपटारे के लिए 100 स्पेशल अदालतों की नियुक्ति करवाई  और सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष रहते हजारों निर्धन लोगों, सभी वर्गो कि महिलाओं, निराश्रित बच्चो और असहाय  तथा वंचित लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करवा सुलभ न्याय दिलवाया ।               न्यायमूर्ति भंडारी  एक ऐसे व्यक्ति है जिन्हे देशभर की लगभग 12 प्रख्यात विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त की है और विभिन्न संगठनों और संस्थाओं ने सम्मानित किया है । भारत सरकार ने भी अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से आपको अलंकृत किया है ।

    वे पहले हिंदुस्तानी शख्स है जो लगातार दो बार इंटरनेशन कोर्ट ऑफ जस्टिस,हेग के सदस्य निर्वाचित हुए है । सन 2012 की 19 जून के ऐतिहासिक दिन आप इस कोर्ट के न्यायाधीश भारी बहुमत से निर्वाचित हुए । संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली में हुए मतदान में आपको 122 वोट प्राप्त हुए जब की आपके प्रतिद्वंद्वी फिलिपिंस के फ्लोरेंटिनो फेरिशियनो को कुल 58 मत ही प्राप्त हुए । यह आपकी लोकप्रियता का ही प्रमाण था की 20 नवंबर, 2017 को हुए चुनाव में ब्रिटेन से आपके मुखालिफ उम्मीदवार चुनाव से पहले ही मैदान से हट गए और आप निर्विरोध निर्वाचित हुए, और तब से लगातार इस पद पर विराजमान हैं। आपकी न्यायिक क्षमता और योग्यता का डंका पूरी दुनियां में बज रहा है जो इस बात को साबित करता है कि भारत भूमि का यह पुत्र आज संस्कृति और सभ्यता का उदात्त घोष करता हुआ जय जगत की पहचान बन चुका है जो महात्मा गांधी की इस आस्था को चरितार्थ करता है कि भारत को आज़ादी इस लिए चाहिए ताकि वह दुनियां की सेवा कर सके ।

     मेरा सौभाग्य है की ऐसे महान व्यक्तित्व से भेंट का मुझे अवसर मिला । वे एक महान विद्वान है परंतु  "विद्यां ददाति विनयं" की प्रतिमूर्ति है । वे हमारे जैसे सामान्य जन के लिए अपनी कुर्सी से उठे और एक तरफ रखे सोफे पर हमारे सामने ही बैठ गए । वास्तव में यह हमारा सम्मान नही अपितु उनका बड़पन था जो उन्होंने अपने पैतृक शहर जोधपुर की मेहमान नवाजी की शानदार परंपरा से मिला है । वास्तव में यह सम्मान था उस गांधी सेवक था, जो बापू के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत को प्रवाहित करने के प्रति संकल्प बद्ध हैं।

     इस वार्ता में उन्होंने गांधी ग्लोबल फैमिली के कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में रुचि जताई । मैने भी उन्हें जी जी एफ के विश्व शांति , राष्ट्रीय एकता, सर्वधर्म समभाव के निमित कार्यों को बताने का प्रयास किया ।   न केवल शिविरों , कार्यशालाओ तथा सम्मेलनों के जरिए बल्कि जनता के बीच कार्यों की भी जानकारी दी । मैने उन्हें विनम्र निवेदन किया कि जम्मू - कश्मीर, छत्तीसगढ़ तथा अन्य हिंसा प्रभावित जगहों पर हमारे साथी कैसे काम कर रहे हैं । अकेले जम्मू कश्मीर में हमारे उपाध्यक्ष पदमश्री श्री एस पी वर्मा उस काम को बहुत ही सिद्दत से कर रहे है जिसके समर्थन एवम एकजुटता में स्वo दीदी निर्मला देशपांडे, स्वामी अग्निवेश तथा सुब्बाराव भाई जी अनेक बार वहां गए । अपनी जान की बाजी लगा कर गांधी सेवक उस क्षेत्र में काम कर रहे है । छत्तीसगढ़ में संत विनोबा भावे की मां माता रूक्मिणी देवी संस्थान के माध्यम से पदमश्री  श्री धर्मपाल सैनी तथा दिल्ली में महिला चेतना केंद्र के द्वारा किस प्रकार महिला शिक्षण एवम प्रशिक्षण के प्रयोग चल रहे है । इस चर्चा में मैने अपनी गुरु मां तथा संत विनोबा भावे की मानस पुत्री निर्मला दीदी के भी जीवन एवम कार्यों का वृतांत रखा । उतराखंड के केदारनाथ क्षेत्र में अर्चना एवम जया बहुगुणा दोनो बहनों तथा पानीपत में निर्मला देशपांडे संस्थान द्वारा चलाए जा रहे हाली अपना स्कूल तथा गन्नौर में चल रहे उमंग वैकल्पिक विद्यालयों की भी जानकारी दी । उन्हें भारत और दक्षिण के देशों विशेषकर पाकिस्तान की जनता के बीच अमन - दोस्ती के लिए चलाए जा रहे आगाज़ ए दोस्ती यात्रा तथा संगठन के कार्यों की जानकारी दी ।  इन सभी जानकारी से माननीय न्यायमूर्ति अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने गांधी ग्लोबल फैमिली के अध्यक्ष श्री गुलाम नबी आजाद सहित सभी गांधी सेवकों को अपनी शुभ कामनाएं प्रेषित की ।

      उनके साथ बातचीत करते हुए एक घंटा कैसे व्यतीत हो गया इसका पता ही नही चला । मन इतना उत्साही था  कि चाह रहे थे कि उनके पास बैठ कर उनसे बातचीत जारी रखी जाए । परंतु उनकी व्यस्तता का हमें अहसास था  अत: हमने उनसे चलने की इजाजत मांगी । उन्होंने हमे गांधी ग्लोबल फैमिली का बैज, अंगवस्त्र , पानीपत की गंगा यमुना सांझ की एक चादर तथा मेरी पुस्तक "मेरे विद्यालय" तथा People make History   भेंट करने की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए उन्हें ग्रहण किया ।







    गांधी ग्लोबल फैमिली के इतिहास तथा मेरे व्यक्तिगत जीवन के ये अद्भुत तथा गौरवशाली क्षण रहे जिन्हे संजो कर रखना एक उपलब्धि साबित होगी ।

     जस्टिस दलवीर भंडारी का अत्यंत आभार ।

   उनका अभिनंदन ,शत शत अभिनंदन !

Ram mohan Rai,

Peace Palace,

International Court of Justice, Hague (Netherlands)

03.07.2023









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